हिजाब विवाद: तीन शहरों में फोर्स का फ्लैग मार्च,सुको का सुनवाई से फिर इंकार

कर्नाटक हिजाब विवाद:राज्य में बुधवार तक बंद रहेंगे 11वीं और 12वीं के स्कूल-कॉलेज; 3 शहरों में पुलिस का फ्लैग मार्च, सुप्रीम कोर्ट का अभी सुनवाई से इनकार

नई दिल्ली 11 फरवरी।कर्नाटक में हिजाब विवाद के कारण राज्य के 11वीं और 12वीं के स्कूल-कॉलेज बुधवार तक बंद रहेंगे। कर्नाटक सरकार ने शुक्रवार को घोषणा की कि कक्षाएं बंद रहेंगी क्योंकि हाईकोर्ट सोमवार को हिजाब प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई जारी रखेगा।

इधर, मामले को लेकर बढ़ते तनाव के बीच 3 शहरों में पुलिस के जवान फील्ड में उतार दिए गए हैं। शुक्रवार शाम को पुलिस के दंगा नियंत्रण बलों के जवानों ने तीन शहरों उडुपी, चित्रदुर्गा और डोडाबल्लापुरा में फ्लैग मार्च किया। इससे पहले शुक्रवार सुबह इस विवाद में दखल देने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया। शीर्ष कोर्ट ने कहा है कि सही वक्त आने पर वो इस मामले को देखेगी।

कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश के एक दिन बाद निकला फ्लैग मार्च

हिजाब विवाद के कारण सबसे ज्यादा तनाव में चल रहे तीन शहरों में फ्लैग मार्च कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के एक दिन बाद निकाला गया। गुरुवार को हाईकोर्ट ने स्कूल-कॉलेजों में फिलहाल धार्मिक पहचान वाले कपड़े, चाहे वह भगवा शॉल हों या हिजाब, नहीं पहनने का अंतिरम आदेश जारी किया था।

तीन जजों वाली हाईकोर्ट बेंच ने कहा- हम जल्द से जल्द फैसला सुनाएंगे, लेकिन शांति कायम करना जरूरी है। कोर्ट इस मामले में सोमवार को अगली सुनवाई करेगा। मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पहले कहा कि हम देखेंगे कि हिजाब पहनना मौलिक अधिकार है या नहीं।

उडुपी में सड़क पर फ्लैग मार्च करते पुलिस के जवान।

सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा- अर्जेंट सुनवाई की जरूरत नहीं
कर्नाटक हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के खिलाफ मस्जिद मदारिस और वक्फ इंस्टीट्यूशंस के डॉ जे हल्ली फेडरेशन ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से अपील की। अपील में कहा गया कि इससे मुस्लिम छात्राओं के अधिकार कम हुए हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस अपील पर सुनवाई से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा- इस मामले में अर्जेंट सुनवाई करने की जरूरत नहीं है।

पहले भी कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से की थी सुनवाई की मांग

इससे पहले भी यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। कांग्रेस नेता और वकील कपिल सिब्बल ने गुरुवार को यह केस कर्नाटक हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करते हुए 9 जजों की कॉन्स्टिट्यूशन बेंच से सुनवाई कराने की मांग की थी। तब CJI ने कहा था कि पहले कर्नाटक हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई का फैसला आने दें। इसके बाद हम इस मामले को देखेंगे।

नई दिल्ली में गुरुवार को हिजाब पर बैन के विरोध में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के एक्टीविस्ट्स ने प्रोटेस्ट किया है।

उडुपी से ही शुरू हुआ था विवाद

कर्नाटक में हिजाब विवाद उडुपी के ही एक सरकारी कॉलेज से शुरू हुआ था, जहां मुस्लिम लड़कियों को हिजाब पहनकर आने से रोका गया था। स्कूल मैनेजमेंट ने इसे यूनिफॉर्म कोड के खिलाफ बताया था। इसके बाद अन्य शहरों में भी यह विवाद फैल गया। मुस्लिम लड़कियां इसका विरोध कर रही हैं, जिसके खिलाफ हिंदू संगठनों से जुड़े युवकों ने भी भगवा शॉल पहनकर जवाबी विरोध शुरू कर दिया था। एक कॉलेज में यह विरोध हिंसक झड़प में बदल गया था, जहां पुलिस को सिचुएशन कंट्रोल करने के लिए टियर गैस छोड़नी पड़ी थी।

हिजाब प्रतिबंध – “हम भी जानते हैं कि राज्य में क्या हो रहा है, हम उचित समय पर सुनवाई करेंगे” : सीजेआई

भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कर्नाटक के कॉलेजों में हिजाब प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिकाओं को तत्काल सूचीबद्ध करने के अनुरोध के जवाब में शुक्रवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे को “उचित समय” पर देखेगा क्योंकि कर्नाटक हाईकोर्ट ने मामला सुनवाई के लिए ले लिया है। वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत ने एक अंतरिम आदेश पारित करने के कर्नाटक हाईकोर्ट के कदम के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिका का उल्लेख किया कि छात्रों को कॉलेजों में धार्मिक कपड़े पहनने पर जोर नहीं देना चाहिए, जबकि मामला न्यायालय के समक्ष लंबित है। औपचारिक आदेश अभी तक हाईकोर्ट द्वारा अपलोड नहीं किया गया है और सुनवाई 14 फरवरी तक स्थगित करते हुए पीठ द्वारा की गई मौखिक टिप्पणियों के आधार पर विशेष अनुमति याचिका दायर की गई है।

कामत ने प्रस्तुत किया, “हाईकोर्ट का कहना है कि किसी भी स्टूडेंट को स्कूल और कॉलेजों में जाते समय अपनी धार्मिक पहचान स्पष्ट नहीं करनी चाहिए। इसके न केवल मुसलमानों के लिए बल्कि अन्य धर्मों के लिए भी दूरगामी परिणाम हैं।” सीजेआई रमना ने जवाब दिया, “अदालत पहले से ही इस पर सुनवाई कर रही है। हमें नहीं पता कि आदेश क्या है।” भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि अभी आदेश नहीं आया है। सीजेआई ने कहा, “मैं कुछ भी व्यक्त नहीं करना चाहता। इसे बड़े स्तर पर न लें। हम यह भी जानते हैं कि राज्य में क्या हो रहा है और आपको यह भी सोचना होगा कि क्या इसे दिल्ली लाना उचित है? निश्चित रूप से हम जांच करेंगे और हमें संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करनी होगी। मिस्टर कामत आप योग्यता में न जाएं। उचित समय पर देखें, हम सुनवाई करेंगे।”

कर्नाटक हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ ने गुरुवार को सुनवाई को 14 फरवरी तक के लिए स्थगित करते हुए निम्नलिखित टिप्पणियां कीं। “हम निर्देश देंगे कि संस्थान शुरू हो जाएं, लेकिन जब तक मामला अदालत के समक्ष विचाराधीन नहीं है, तब तक ये छात्र और सभी हितधारक, वे धार्मिक परिधान, हेडड्रेस या भगवा शॉल पहनने पर जोर नहीं देंगे। हम सभी को रोकेंगे, क्योंकि हम राज्य में अमन चैन चाहते हैं। हम मामले को समझ चुके हैं। हम दिन-ब-दिन मामले को जारी रख सकते हैं।” TAGSHIJAB BAN SURPEME COURT CJI

 

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