एक और रोमांचक सफलता: चंद्रयान 3 का नया ऐपोजी हुआ 42,00 किमी

शुक्रवार को चंद्रयान-3 मिशन की लॉन्चिंग के बाद से इसरो की इस पर नजर गड़ी हुई है। वह हरेक पल चंद्रयान-3 पर नजर बनाए हुए है। शनिवार को उसने चंद्रयान-3 की कक्षा में बदलाव किया है। यह बदलाव सफल रहा है। इस बदलाव के साथ चंद्रयान-3 की दूरी को बढ़ाया गया है।

Chandrayaan 3 की सफल लॉन्चिंग से गदगद पूरा देश, अब 23 अगस्त का इंतजार

मुख्य बिंदु

इसरो ने चंद्रयान-3 की कक्षा में किया है बदलाव
दोपहर 12 बजकर 5 मिनट पर की गई ऑर्बिट मैन्‍यूवरिंग
अब तक उम्‍मीद के मुताबिक चल रहा है चंद्रयान-3 मिशन

नई दिल्‍ली  15 जुलाई: भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने दुनियाभर में देश का मान बढ़ा दिया है। आज हर जगह चंद्रयान-3 की बात हो रही है। शुक्रवार को एलवीएम-3 एम4 रॉकेट से सफलतापूवर्क अलग होकर चंद्रयान-3 ने पहली परीक्षा पास कर ली थी। इसरो ने इस मेगामिशन के बारे में दोबारा गुड न्‍यूज दी है। उसने बताया है कि चंद्रयान की पहली ऑर्बिट मैन्‍यूवरिंग को सफलता से पूरा कर लिया गया है। दूसरे शब्‍दों में कहें तो इसरो ने चंद्रयान-3 की पहली कक्षा को कामयाबी के साथ बदल दिया है। दोपहर 12 बजकर 5 मिनट पर यह बदलाव किया गया। इस बदलाव के साथ चंद्रयान-3 की दूरी बढ़ाई गई है। उसकी लंबी दूरी बढ़ाकर 42,000 किलोमीटर की गई है। चंद्रयान-3 मिशन अब तक बिलकुल परफेक्‍ट चल रहा है। इस पर इसरो के वैज्ञानिकों की नजर बनी हुई है।
कक्षा में बदलाव के बाद चंद्रयान-3 अब 42,000 किमी के ऑर्बिट में धरती के चारों ओर चक्‍कर काट रहा है। चंद्रयान-3 को लॉन्चिंग के बाद एलवीएम-3 एम4 रॉकेट के जरिये अंडाकार कक्षा में डाला गया था। इसमें धरती से कम दूरी वाले पेरीजी की दूरी 179 किलोमीटर थी। वहीं, लंबी दूरी के एपोजी की दूरी 36,500 किलोमीटर। कक्षा में पहले बदलाव में एपोजी को बढ़ाकर 42,000 किलोमीटर किया गया है।

शुक्रवार को चंद्रयान-3 म‍िशन हुआ था लॉन्‍च

इसरो ने शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा एलवीएम3-एम4 रॉकेट के जरिये अपने तीसरे मून मिशन- ‘चंद्रयान-3’ का सफल प्रक्षेपण किया था। इस मिशन में चांद की सतह पर एक बार फिर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का प्रयास किया जाएगा। इसमें सफलता मिलते ही भारत ऐसी उपलब्धि हासिल कर चुके अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा। भारत इस तरह का कीर्तिमान स्थापित करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा

23 अगस्‍त को सॉफ्ट लैंड‍िंग कराने की तैयारी

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मुताबिक, चंद्रयान-3 की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ 23 अगस्त को शाम पांच बजकर 47 मिनट पर किए जाने की योजना है। पंद्रह साल में इसरो का यह तीसरा चंद्र मिशन है। शुक्रवार को उड़ान भरने के लगभग 16 मिनट बाद चंद्रयान-3 एलवीएम-3 एम4 रॉकेट से सफलतापूर्वक अलग हो गया था। यह चांद की कक्षा की ओर बढ़ते हुए धरती से 170 किलोमीटर नजदीक और 48000 किलोमीटर दूर घूम रहा है।

शुक्रवार को चंद्रयान-3 मिशन की लॉन्चिंग के बाद से इसरो की इस पर नजर गड़ी हुई है। वह हरेक पल चंद्रयान-3 पर नजर बनाए हुए है। शनिवार को उसने चंद्रयान-3 की कक्षा में बदलाव किया है। यह बदलाव सफल रहा है। इस बदलाव के साथ चंद्रयान-3 की दूरी को बढ़ाया गया है।
सरल शब्‍दों में कहें तो इसरो ने चंद्रयान-3 की पहली कक्षा को कामयाबी के साथ बदल दिया है। दोपहर 12 बजकर 5 मिनट पर यह बदलाव किया गया। इस बदलाव के साथ चंद्रयान-3 की दूरी बढ़ाई गई है। उसकी लंबी दूरी बढ़ाकर 42,000 किमी की गई है। चंद्रयान-3 मिशन अब तक बिलकुल परफेक्‍ट चल रहा है। इस पर इसरो के वैज्ञानिकों की नजर बनी हुई है।

कक्षा में बदलाव के बाद चंद्रयान-3 अब 42,000 किमी के ऑर्बिट में धरती के चारों ओर चक्‍कर काट रहा है। चंद्रयान-3 को लॉन्चिंग के बाद एलवीएम-3 एम4 रॉकेट के जरिये अंडाकार कक्षा में डाला गया था। इसमें धरती से कम दूरी वाले पेरीजी की दूरी 179 किमी थी। वहीं, लंबी दूरी के एपोजी की दूरी 36,500 किमी। कक्षा में पहले बदलाव में एपोजी को बढ़ाकर 42,000 किमी किया गया है।

शुक्रवार को चंद्रयान-3 म‍िशन हुआ था लॉन्‍च


इसरो ने शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा एलवीएम3-एम4 रॉकेट के जरिये अपने तीसरे मून मिशन- ‘चंद्रयान-3’ का सफल प्रक्षेपण किया था। इस मिशन के तहत चांद की सतह पर एक बार फिर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का प्रयास किया जाएगा। इसमें सफलता मिलते ही भारत ऐसी उपलब्धि हासिल कर चुके अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा। भारत इस तरह का कीर्तिमान स्थापित करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा।

23 अगस्‍त को सॉफ्ट लैंड‍िंग कराने की तैयारी

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मुताबिक, चंद्रयान-3 की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ 23 अगस्त को शाम पांच बजकर 47 मिनट पर किए जाने की योजना है। पंद्रह साल में इसरो का यह तीसरा चंद्र मिशन है। शुक्रवार को उड़ान भरने के लगभग 16 मिनट बाद चंद्रयान-3 एलवीएम-3 एम4 रॉकेट से सफलतापूर्वक अलग हो गया था। यह चांद की कक्षा की ओर बढ़ते हुए धरती से 170 किलोमीटर निकटतम (पेरीजी) और 36,500 किलोमीटर सुदूरतम बिंदु (एपोजी) पर अंडाकार चक्र में लगभग पांच-छह बार धरती की परिक्रमा करेगा।

 

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