अमरावती बवाल पर गृह मंत्रालय: त्रिपुरा में किसी मस्जिद को क्षति नहीं, न किसी को चोट,न रेप,न मौत

अमरावती में जारी बवाल पर गृह मंत्रालय का बयान, त्रिपुरा में नहीं टूटी कोई मस्जिद, अफवाह से बचने की सलाह

गृह मंत्रालय ने त्रिपुरा में हो रही हिंसा को लेकर एक बयान जारी किया है. मंत्रालय ने कहा कि त्रिपुरा के गोमती जिले में एक मस्जिद को क्षति पहुंचाने और तोड़फोड़ के बारे में सोशल मीडिया पर फर्जी जानकारी फैलाई जा रही है. सच ये है कि त्रिपुरा में कोई मस्जिद नहीं टूटी है.

गृह मंत्रालय ने जारी किया बयान
त्रिपुरा में नहीं टूटी कोई मस्जिद
सोशल मीडिया पर फैल रही तस्वीरें फेक

नई दिल्ली 13 नवंबर: गृह मंत्रालय ने त्रिपुरा में हो रही हिंसा को लेकर एक बयान जारी किया है. मंत्रालय ने कहा कि त्रिपुरा के गोमती जिले में एक मस्जिद को क्षति पहुंचाने और तोड़फोड़ के बारे में सोशल मीडिया पर फर्जी जानकारी फैलाई जा रही है. तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है. लोगों को शांत रहना चाहिए और ऐसी खबरों से गुमराह नहीं होना चाहिए.

मंत्रालय ने जारी किया बयान

गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि हाल के दिनों में त्रिपुरा में किसी मस्जिद के ढांचे में तोड़फोड़ का कोई मामला सामने नहीं आया है. ऐसी किसी भी घटना में किसी व्यक्ति को चोट लगने/ बलात्कार/ मौत की कोई रिपोर्ट नहीं है.

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अमरावती में जारी है कर्फ्यू

गौरतलब है कि अमरावती शहर में शनिवार को इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई और कर्फ्यू लगा दिया गया. त्रिपुरा में हालिया हिंसा के विरोध में शुक्रवार को मुस्लिम संगठनों द्वारा आयोजित रैलियों के विरोध में दूसरे पक्ष के लोगों ने शनिवार को आयोजित बंद का आयोजन किया था. इसी दौरान भीड़ ने कुछ दुकानों पर पथराव किया, जिससे हालात बिगड़ गए.

त्रिपुरा मामले को लेकर बवाल

आपको बता दें कि पिछले महीने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हिंसा के विरोध में पानीसागर में प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई थी. इस दौरान मकान और दुकानों को नुकसान पहुंचा था. हालांकि, अराजक तत्‍वों ने सोशल मीडिया पर घटना को लेकर फर्जी तस्वीरें भी फैलाई थीं. इसके बाद पुलिस ने स्‍पष्‍ट किया था कि त्रिपुरा में किसी भी मस्जिद में आग नहीं लगाई गई और सोशल मीडिया में शेयर की जा रहीं तस्वीरें फेक हैं. यही बयान गृह मंत्रालय की ओर से भी आया है

अमरावती में कर्फ्यू:शहर में लगातार दूसरे दिन हिंसा, सुबह पथराव-लाठीचार्ज के बाद 20 गिरफ्तार; इंटरनेट बंद
अमरावती


आज हुई हिंसा को कंट्रोल करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा है।

महाराष्ट्र के अमरावती में लगातार दूसरे दिन हिंसा के बाद शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है। इससे पहले, शनिवार सुबह अमरावती के राजकमल चौक और गांधी चौक पर हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए थे। इसमें से कुछ लोगों ने पुलिसकर्मियों पर पथराव कर दिया था। जवाब में पुलिस ने भी लाठीचार्ज किया। इसमें कई लोग घायल हो गए। हालात को देखते हुए पहले 4 दिनों के लिए धारा 144 लगा दी गई है और उसके बाद कर्फ्यू लगा दिया गया। किसी भी अफवाह को रोकने के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।

लोगों से शांति बनाए रखने की अपील

अमरावती में शुक्रवार और शनिवार को हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने 20 FIR दर्ज की हैं, वहीं 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने कहा कि अमरावती को छोड़कर पूरे राज्य में शांति है। हम स्थानीय लोगों से अपील करते हैं कि लोग शांति बनाए रखें। समाज में दरार पैदा करने वालों पर कार्रवाई होगी। अगर कोई भड़काएगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

महाराष्ट्र के DGP संजय पांडे ने कहा कि स्थिति हमारे नियंत्रण में है। कानून-व्यवस्था बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है। हमें उम्मीद है कि ऐसी कोई स्थिति नहीं आएगी, जिसमें हमें बल प्रयोग करना पड़े। लोगों से कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने वाली गतिविधियों में शामिल न होने की अपील की गई है।

त्रिपुरा के CM के OSD का दावा- राज्य में शांति

महाराष्ट्र में हिंसा के बाद त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देव के OSD संजय मिश्रा ने एक तस्वीर पोस्ट कर दावा किया कि राज्य में शांति बनी हुई है। कुछ लोग बेवजह अफवाहें फैला रहे हैं।


अमरावती में कल से आज तक क्या हुआ

त्रिपुरा में कथित साम्प्रदायिक दंगों के विरोध में महाराष्ट्र के कई शहरों में शुक्रवार को मुस्लिम संगठनों ने बंद का ऐलान किया था। इस दौरान नांदेड, मालेगांव और अमरावती में हिंसा देखने को मिली थी। शुक्रवार को हुई हिंसा और पथराव के विरोध में दूसरे पक्ष ने शनिवार को शहर में बंद बुलाया था।

अमरावती में शनिवार को हुई हिंसा के बाद अफरातफरी मच गई, कई लोग घायल भी हुए।

कई प्रसिद्ध लोगों की दुकानों को टारगेट किया गया

 

अमरावती में शुक्रवार को पुराने कॉटन मार्केट चौक में कुछ दुकानों को बंद करने की कोशिश के दौरान पूर्व मंत्री जगदीश गुप्ता के किराना प्रतिष्ठान पर पथराव किया गया। उधर, पुराने वसंत टॉकीज इलाके में मेडिकल पॉइंट, फूड जोन, लाढा इंटीरियर, जयभोले दाभेली सेंटर, एंबेसडर डेयरी, शुभम इलेक्ट्रिक में तोड़फोड़ की गई है।

घटना में शिवा गुप्ता और विशाल तिवारी नाम के शख्स भी घायल हो गए हैं। इरविन चौक स्थित आइकॉन मॉल और पूर्व संरक्षक मंत्री व विधायक प्रवीण पोटे के कैंप कार्यालय पर भी पथराव किया गया है।

भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने पुलिसकर्मियों संग भी बदसलूकी का प्रयास किया।

हिंसा पर नवाब मलिक का रिएक्शन

हिंसा को लेकर NCP प्रवक्ता और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि महाराष्ट्र में त्रिपुरा की घटना और शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी की पुस्तक को लेकर प्रोटेस्ट के दौरान महाराष्ट्र में तीन जगहों पर तोड़फोड़ और पथराव हुआ था। जो लोग इस तरह बंद का आह्वान करते हैं, उनको कंट्रोल रखना चाहिए। मैं लोगों से शांति की अपील करता हूं, जो लोग भी दोषी हैं उन पर पुलिस कार्रवाई करेगी।

मलिक ने आगे कहा कि जो लोग आंदोलन कर रहे हैं वो अनगाइडेड मिसाइल की तरह काम न करें। कोई भी किसी घटना के पीछे है पुलिस जांच करेगी। वसीम रिजवी पर कार्रवाई होनी चाहिए। आंदोलन आपका अधिकार है, लेकिन लोगों को शांति से आंदोलन करना चाहिए।

शुक्रवार की हिंसा के बाद कई इलाकों में बैरिकेडिंग करके वहां पुलिस तैनात कर दी गई थी।

कल अमरावती के इन इलाकों में हुई हिंसा

शुक्रवार को एक समुदाय की तरफ से घोषित बंद के दौरान अमरावती के जयस्तंभ चौक, मालवीय चौक, ओल्ड कॉटन मार्केट रोड, इरविन चौक, चित्रा चौक, प्रभात चौक और चौधरी चौक से मार्च कर करते हुए भीड़ जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंची। भीड़ ने रास्ते में खुली दुकानों पर कई जगहों पर पथराव किया था। दुकानों में तोड़फोड़ और लूटपाट की शिकायत भी दर्ज हुई है।

इसके बाद कुछ व्यापारियों को साथ लेकर भाजपा और बजरंग दल के पदाधिकारी व कार्यकर्ता कोतवाली थाने पहुंचे और सैकड़ों अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया। भाजपा ने तोड़फोड़ के विरोध में शनिवार (13 दिसंबर) को अमरावती बंद का आह्वान किया था। आज इसी प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई है।

 

 

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