बैंकिंग सेक्टर डूबने के डर से अमरीकी शेयर बाजार गिरा, क्रेडिट सुईस बैंक में 24% गिरावट

बैंकिंग सैक्टर डूबने के डर से गिरा अमेरिकी शेयर मार्केट:डाउ जोंस 461 पॉइंट नीचे आया, क्रेडिट सुइस बैंक के शेयर में 24% की गिरावट

अमेरिकी शेयर बाजारों में बुधवार को गिरावट देखी जा रही है। बैंकिंग इंडस्ट्री की हेल्थ को लेकर चिंता दुनिया भर के निवेशकों में फैल गई है जिस कारण ये गिरावट आई है।

वॉल स्ट्रीट पर, S&P 500 कारोबार की शुरुआत में 1.6% गिर गया। डाउ जोन्स में भी करीब 461 अंक की गिरावट है। सिलिकॉन वैली बैंक और सिग्नेचर बैंक के कोलेप्स के बाद आज दुनिया के सबसे बड़े बैंकों में से एक क्रेडिट सुइस के दिवालिया होने की आशंका जताई गई है।

रॉबर्ट कियोसाकी भविष्यवाणी के बाद गिरा अमेरिकी शेयर मार्केट

अमेरिकी शेयर बाजार एक्सपर्ट रॉबर्ट कियोसाकी ने कहा कि सिलिकॉन वैली और सिग्नेचर बैंक के बाद अब अगला नंबर क्रेडिट सुइस का है। इस समस्या की जड़ बॉन्ड मार्केट है। साल 2008 में भी उन्होंने लेहमन ब्रदर्स के डूबने की भविष्यवाणी की थी जो सही साबित हुई थी।

इसके बाद दुनियाभर के मार्केट में भारी गिरावट देखी गई थी। इस खबर के बाद क्रेडिट सुइस के यूएस-लिस्टेड शेयर आज 24% गिर गए। क्रेडिट सुइस का हेडक्वार्टर स्विट्जरलैंड में है।

भारतीय बाजार पर भी दिख सकता है असर

अमेरिकी बाजारों के साथ यूरोपीय बाजारों में भी भारी गिरावट देखी गई। सबसे ज्यादा गिरावट बैंकिंग स्टॉक्स में हैं। इस गिरावट का असर गुरुवार को भारतीय बाजारों पर भी देखने को मिल सकता है। आज भारतीय बाजार का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स 344 अंक गिरकर 57,556 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं 50 शेयरों वाला निफ्टी 123 अंक गिरा। यह 16,972 के स्तर पर बंद हुआ।

2008 में अमेरिका में आई थी सबसे बड़ी मंदी

29 सितंबर 2008 को जब अमेरिकी बाजार खुले, तो गिरावट के रिकॉर्ड टूट गए। करीब 1.2 लाख करोड़ डॉलर सिर्फ एक दिन में साफ हो गया था। जोकि उस समय भारत की कुल GDP के बराबर की रकम थी। US मार्केट में इससे पहले 1987 में इतनी बढ़ी गिरावट देखने को मिली थी। बाजार के दिग्गज जैसे- एप्पल 18%, सीटीग्रुप 12%, जेपी मॉर्गन 15% तक टूट गए थे। आर्थिक मंदी के पीछे लीमैन ब्रदर्स सबसे बड़ी वजह रहे।

दरअसल, अमेरिका में 2002-04 में होम लोन सस्ता और आसान होने से प्रॉपर्टी की डिमांड बढ़ रही थी। इस तेजी में लीमैन ने लोन देने वाली 5 कंपनियां खरीद लीं। लेकिन ऊंची कीमतों के चलते डिमांड घटने लगी और लोन डिफॉल्ट होने लगे। इसका नतीजा ये हुआ कि मार्च 2008 में अमेरिका की दूसरी सबसे बड़ी होम लोन कंपनी बियर स्टर्न्स डूब गई। 17 मार्च को लीमैन के शेयर 48 फीसदी तक गिरे। इसके बाद 15 सिंतबर को लीमैन ने दीवालिया होने का आवेदन किया और 29 सितंबर को अमेरिकी बाजार में कोहराम मच गया।

अमेरिका में बैंकिंग सेक्टर क्राइसिस थमने का नाम नहीं ले रहा है। सिलिकॉन वैली बैंक और सिग्नेचर बैंक के बाद अब फर्स्ट रिपब्लिक बैंक पर भी बंद होने का खतरा मंडराने लगा है। बीते 5 दिनों में फर्स्ट रिपब्लिक बैंक के शेयर में 65.61% की गिरावट दर्ज की गई है।

 

अब अमेरिका का तीसरा बैंक संकट में:फर्स्ट रिपब्लिक बैंक का शेयर 70% टूटा, बैंक ने कहा- हमारे पास पर्याप्त नकदी

बीते कारोबारी दिन बैंक के शेयर का भाव 19 डॉलर के निचले स्तर तक पहुंच गया था। ऐसे में निवेशकों में इस बैंक को लेकर चिंता बढ़ गई।
अमेरिका में बैंकिंग सेक्टर क्राइसिस थमने का नाम नहीं ले रहा है। सिलिकॉन वैली बैंक और सिग्नेचर बैंक के बाद अब फर्स्ट रिपब्लिक बैंक पर भी बंद होने का खतरा मंडराने लगा है। बीते 5 दिनों में फर्स्ट रिपब्लिक बैंक के शेयर में 65.61% की गिरावट दर्ज की गई है।

वहीं एक महीने की बात करें तो स्टॉक की कीमत में 70.30% की गिरावट आ चुकी है। ऐसे में निवेशकों में इस बैंक को लेकर चिंता बढ़ गई।

मूडीज ने फर्स्ट रिपब्लिक बैंक को अंडर रिव्यू में रखा
रेटिंग एजेंसी मूडीज (Moody’s) ने भी जिन छह अमेरिकी बैंकों को अंडर रिव्यू रखा है, उसमें फर्स्ट रिपब्लिक बैंक का नाम भी शामिल है। इसके अलावा रेटिंग एजेंसी ने जिओन्स बैनकॉपोरेशन, वेस्टर्न एलिएंस बैनकॉर्प, कॉमेरिका इंक, यूएमबी फाइनेंशियल कॉर्प और इंट्रस्ट फाइनेंशियल कॉर्पोरेशन की रेटिंग भी डाउनग्रेड करते हुए अंडर रिव्यू में रखा है। इससे पहले सोमवार को मू​डीज ने सिग्नेचर बैंक की डेट रेटिंग को डाउनग्रेड कर जंक टेरिटरी में डाल दिया था।

बैंक ने कहा ‘हमारे पास बैंक चलाने के लिए पर्याप्त नगदी’
फर्स्ट रिपब्लिक बैंक ने अपने बचाव में कहा है कि उसके पास बैंक को चलाने के लिए पर्याप्त नगदी है। इसने अतिरिक्त नगदी के लिए फेड और जेपी मॉर्गन से हाथ मिलाया है। इससे पहले सोमवार को वेस्टर्न एलायंस ने बताया था कि बैंक के पास 25 बिलियन डॉलर से ज्यादा की नकदी उपलब्ध है।

सिलिकॉन वैली बैंक के सवाल पर उठकर चले गए थे बाइडेन

सिलिकॉन वैली बैंक क्राइसिस अमेरिकी सरकार के लिए परेशानी बनती दिख रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से सोमवार को इस क्राइसिस पर सवाल किया गया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। इतना ही नहीं वे इवेंट से उठकर चले गए।

राष्ट्रपति जो बाइडेन व्हाइट हाउस में “लचीली बैंकिंग व्यवस्था को बनाए रखने और ऐतिहासिक आर्थिक सुधार की रक्षा” विषय पर बोल रहे थे। स्पीच खत्म होने के बाद रिपोर्टर ने राष्ट्रपति बाइडेन पूछा था कि आप इस बारे (सिलिकॉन वैली बैंक क्राइसिस) में अभी क्या जानते हैं कि ऐसा क्यों हुआ? और क्या आप अमेरिकियों को आश्वस्त कर सकते हैं कि ऐसा नहीं आगे होगा?, लेकिन जो बाइडेन इस सवाल का जवाब दिए बिना ही वहां से चले गए।

भारतीय बैंकों पर अमेरिकी बैंकिंग संकट का असर नहीं
अमेरिका के दो बड़े बैंकों के दिवालिया होने का असर भारतीय बैंकों पर नहीं होगा। अमेरिकी इन्वेस्टमेंट कंपनी जेफरीज और फाइनेंशियल सर्विसेस फर्म मैक्वेरी ने ऐसा भरोसा जताया है। इनका कहना है कि स्थानीय डिपॉजिट पर निर्भरता, सरकारी बॉन्ड में निवेश और पर्याप्त नकदी के चलते भारतीय बैंक मजबूत स्थिति में हैं।

कुछ महीनों से भारतीय बैंक विदेशी बैंकों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। जेफरीज के मुताबिक, अधिकांश भारतीय बैंकों ने 22-28% ही सिक्योरिटीज में निवेश किया है। बैंकों के सिक्योरिटीज निवेश में 80% हिस्सेदारी सरकारी बॉन्ड की है। अधिकांश बैंक इनमें से 72-78% मैच्योरिटी तक रखते हैं। इसका मतलब है कि इनकी कीमतों में गिरावट का असर इस निवेश पर नहीं होगा।

 

 

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