छापों में सपा के फंड मैनेजरों से पकड़े रिकार्ड डेढ़ अरब

सीबीआईसी के इतिहास में कानपुर में सबसे बड़ी बरामदगी, बक्सों में भरकर रिजर्व बैंक भेजे जा रहे नोट

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के इतिहास में कानपुर में इत्र कारोबारी पीयूष जैन के यहां से अब तक 150 करोड़ रुपये की नकदी की बरामदगी कीर्तिमान बन गई है। इससे पहले कभी इतनी नकदी किसी छापे में नहीं मिली।

सीबीआईसी के इतिहास में कानपुर में सबसे बड़ी बरामदगी, बक्सों में भरकर रिजर्व बैंक भेजे जा रहे नोटसीबीआईसी के इतिहास में कानपुर में इत्र कारोबारी पीयूष जैन के यहां से नकदी की बरामदगी कीर्तिमान बन गई है।

कानपुर 24 दिसंबर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में बड़े इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर पर छापेमारी की कार्रवाई जारी है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के इतिहास में कानपुर में इत्र कारोबारी पीयूष जैन के यहां से अब तक 150 करोड़ रुपये की नकदी की बरामदगी कीर्तिमान बन गई है। इससे पहले कभी इतनी नकदी किसी छापे में नहीं मिली। अभी नोटों की गिनती चल रही है। इससे बरामदगी करीब 170 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है।

नकदी का स्रोत नहीं बता पाने पर जीएसटी इंटेलीजेंस महानिदेशालय अहमदाबाद की टीम ने आनंदपुरी निवासी इत्र कारोबारी के बेटे प्रियांश जैन को हिरासत में लिया और कार से लेकर चले गए। अधिकारियों के मुताबिक, छापे के समय से ही पीयूष जैन वहां नहीं आए। उनके घर में मिले नोटों की गिनती के लिए अधिकारियों को शुक्रवार को नोट गिनने की दो और मशीनें स्टेट बैंक ट्रांसपोर्ट नगर शाखा से मंगवानी पड़ीं। दूसरी ओर गणपति रोड कैरियर के मालिक प्रवीण जैन के घर व आफिस से विभाग को 1.01 करोड़ रुपये की नकदी मिली। उनसे 3.09 करोड़ टैक्स और जुर्माना जमा कराया गया है।

जीएसटी इंटेलीजेंस की टीम ने हाल ही में गुजरात में पान मसाला लदे चार ट्रक पकड़े थे। ये ट्रक शहर के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित गणपति रोड कैरियर ट्रांसपोर्ट कंपनी के हैं। ट्रक में माल की इनवाइस फर्जी थी। इसके साथ ही ई-वे बिल भी जारी नहीं किया गया था। जांच में सामने आया कि ट्रक में लदा शिखर पान मसाला कानपुर में ट्रांसपोर्ट नगर स्थित त्रिमूर्ति फ्रेगरेंस प्राइवेट लिमिटेड का है।

पता चला कि गणपति रोड कैरियर के मालिक प्रवीण आनंदपुरी में रहते हैं। इसके बाद टीम ने आनंदपुरी स्थित उनके आवास पर छापा मारा। ट्रांसपोर्टर प्रवीण जैन के घर से 45 लाख और आफिस से 56 लाख रुपये की नकदी मिली। यहां पता चला कि मूलरूप से कन्नौज और वर्तमान में आनंदपुरी निवासी इत्र कारोबारी पीयूष जैन शिखर पान मसाला के लिए अपना एसेंस देते हैं। इस पर पीयूष के यहां छापा मारा गया। वहां नोटों की गड्डियां निकलने लगीं तो आयकर विभाग को जानकारी देने संग स्टेट बैंक से नोट गिनने की मशीनें, बैंक अधिकारियों व कर्मचारियों को बुलाया गया।

गुरुवार को चार व शुक्रवार को दो और मशीनों के साथ कुल छह मशीनें नोट गिनने को लगाई गईं। शाम करीब पांच बजे गिने जा चुके 150 करोड़ रुपये 25 बक्सों में भरकर कंटेनर से रिजर्व बैंक भेजे गए। सीबीआइसी के अध्यक्ष विवेक जौहरी का कहना है कि छापे में लगभग 150 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं। यह सीबीआइसी के इतिहास की सबसे बड़ी वसूली है। उनके मुताबिक, अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।

कन्नौज में इत्र कारोबारी के पैतृक घर का ताला खोला

इत्र कारोबारी पीयूष के बड़े बेटे प्रत्यूष जैन व छोटे बेटे मोलू जैन को लेकर जीएसटी इंटेलीजेंस टीम शुक्रवार दोपहर बाद साढ़े तीन बजे उनके पैतृक आवास कन्नौज के मोहल्ला छिपट्टी पहुंची। यहां सदर कोतवाली पुलिस, स्थानीय पूर्व जिला पंचायत सदस्य नेम सिंह यादव व अमित दुबे को बुलाया गया। इसके साथ ताला-चाबी वाले को बुलाकर टीम ने मुख्य दरवाजे पर लगी सील हटाई। फिर कारोबारी के बड़े बेटे प्रत्यूष से ताला खुलवाया। घर में घुसने से पहले अफसरों ने कारोबारी के बेटों को अपने बैग चेक कराए। आवास में सबसे पहले कारोबारी के दोनों बेटे, फिर स्थानीय गवाह, उसके बाद अधिकारी गए और जांच शुरू की।

सपा के फंड मैनेजर्स पर छापे की पूरी कहानी:पार्टी से जुड़े कारोबारियों पर नजर रखी गई, सामान और होलसेल जैसे कोडवर्ड से पकड़े 150 करोड़

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आयकर छापों से समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा।  आयकर विभाग सपा से जुड़े लोगों और कारोबारियों पर काफी समय से नजरें बनाए  था। तभी टीम को सामान, होल सेल और डिलीवरी जैसे कोडवर्ड की जानकारी मिली। इसके बाद आईटी टीम ने छापेमारी की। पूरे ऑपरेशन को ‘बिग बाजार’ नाम दिया गया।

आयकर विभाग ने गुरुवार को कानपुर में इत्र बनाने वाले जैन परिवार के ठिकानों पर छापेमारी की। अब तक उनसे 150 करोड़ रुपए बरामद हुए हैं। नोटों के बंडल इतने ज्यादा हैं कि उन्हें गिनने को मशीनें और रखने को कंटेनर लाना पड़ा। गिनती को SBI के अधिकारियों को भी बुलाया गया है। जानकार बता रहे हैं कि छापे से सपा के इलेक्शन फंड मैनेजमेंट को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचा।इससे पहले सपा के फाइनेंसर जैनेंद्र यादव, पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजीव राय, मनोज यादव और राहुल भसीन के यहां छापा पड़ा था। इसमें करीब 800 करोड़ रुपए की कर चोरी का पता चला है।

समाजवादी पार्टी के चुनावी फंड्स पर IT की नजर?

जैन परिवार पर आयकर की छापेमारी फोन पर बातचीत को ट्रेस करने के बाद हुई ।  जानकारी मिली थी कि कानपुर में इत्र कारोबारी पीयूष जैन के पास चुनाव में खर्च को बड़ा फंड रखा हुआ है। इसी सूचना के बाद IT ने रेड कर करीब 150 करोड़ कैश बरामद किया ।

इतनी बड़ी रकम गिनने में 13 मशीनें लगाई गईं। रेड की जो तस्वीरें सामने आई हैं,उनमें दिखाई दे रहा है कि कैश के बंडल अलमारियों में रखे गए हैं। अगर इन पैसों का इस्तेमाल चुनाव में होना था, तो फिर कह सकते है कि आयकर विभाग ने छापा मारकर पार्टी के इलेक्शन कैम्पेन पर बड़ी चोट पहुंचाई है।

सपा के फाइनेंसर्स पर आयकर विभाग के छापे ?

उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले आयकर विभाग के ये सारे छापे समाजवादी पार्टी से जुड़े लोगों के यहां ही पड़े। इसमें वे भी शामिल हैं, जिन्हें पार्टी का फंड मैनेजर कहा जाता है। 18 दिसंबर को लखनऊ में जैनेंद्र यादव उर्फ नीटू को यहां छापा भी कैश सीज करने की नियत से ही हुआ था।

जैनेंद्र सपा सरकार में मुख्यमंत्री अखिलेश के OSD थे। इन्हें भी समाजवादी पार्टी का फाइनेंसर बताया जाता है। राहुल भसीन जैनेंद्र के करीबी बताए जाते हैं। चुनाव के लिए फंड इकट्ठा करने की जिम्मेदारी भी इन्हें ही दी गई थी। हालांकि, अभी इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है।

छापों से सपा पर कितना असर?

विधानसभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव अपनी विजय रथ यात्रा निकाल रहें है। समाजवादी पार्टी को बड़ी चुनावी रैलियां करनी है। पार्टी को अपने उम्मीदवारों को भी चुनाव लड़ने के लिए फंड देना है। वरिष्ठ पत्रकार वीरेंद्र भट्ट कहते है कि पीयूष जैन के पास इतनी रकम कहां से आई? इनका व्यापार क्या इतना बड़ा है? पीयूष जैन को यह साबित करने में मुश्किल हो सकती है।

ये मनी लॉन्ड्रिंग का केस बनेगा और इसकी आंच अखिलेश यादव तक पहुंच सकती है। राहुल भसीन के यहां के जो पैसा मिला है उसमें भी मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बन सकता है। कई सारे सपा नेता इसकी जद में होंगे। यह आर्थिक रूप से चुनाव में सपा को कमजोर करेगी और अगर मनी लॉन्ड्रिंग का केस बन गया तो भविष्य में भी अखिलेश को नुकसान होगा।

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