बहुमुखी प्रतिभा के धनी प्रदीप राय भी तप कर बने आईपीएस

#सफ़रनामा…#UPS_से_IPS_तक

.चूंकि शीर्षक में ‘पोस्ट’ बड़ी है इसलिए फेसबुक की यह ‘पोस्ट’ थोड़ी बड़ी हो गयी है..

….जिस पृष्ठभूमि से था वहां डॉक्टर और इंजीनियर बनना ही सबसे बड़ा लक्ष्य होता था.. गोरखपुर विश्वविद्यालय से बीएससी करने के बाद अपने बड़े पिताजी स्वर्गीय श्री केशव राय जी और मेरी माता जी स्वर्गीय प्रतिमा राय की प्रेरणा और विश्वास से विभिन्न आशंकाओं के साथ प्रयागराज को चला…बायोलॉजी का विद्यार्थी था इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र वैसे ही घोंटता था जैसे बच्चा डिस्प्रिन घोंटने का प्रयास कर रहा हो और टेबलेट तालू से चिपक कर मुँह कसैला कर दे रही हो…

‘प्रयाग’ का प्रत्येक व्यक्ति आपको प्रतियोगिता में सफल होने के लिए मार्गदर्शन देता है…यहां तक कि गुड्डू नाई,पटेल अखबार वाले,कटरा के गुड्डू मैगजीन वाले,पप्पू चाय वाला,ललित सोनकर जैसे मोहल्ले के बाहुबली भी..

..बॉटनी, जूलॉजी विषय से संघर्ष करते हुए..LL.B.में एडमिशन ले लिया.शौकिया क्लास करने भी चला गया..पहला क्लास Dr LR Singh का LAW की उत्पत्ति और महत्व..उस पहले लेक्चर ने इस विषय के प्रति गहन उत्सुकता पैदा कर दी..अगली क्लास Dr LM singh की IPC का गजब का जादू जैसे कोई जासूसी फ़िल्म देख रहे हों..फिर AK sinha  द्वारा Law ऑफ cotract और श्री कैलाश राय द्वारा Constittution of India लगता था सीधे अम्बेडकर ही पढ़ा रहे हों…फिर तो नशा हो गया..’बॉटनी’ की जगह विषय हो गया ‘LAW’ और फर्स्ट ईयर में ही प्रीलिम्स भी निकल गया..फिर तो प्रीलिम्स कभी भी फैल नहीं हुआ और लगातार इंटरव्यू देने का मौका मिला.

.वक्त को तो और माँजना था लिहाजा कठिनाइयों का दौर भी चालू हो गया ..वह भी ऐसे, जैसे, गहन आपदा ही आ रखी हो..किसी न किसी बहाने घर मे 5 लोगों की मृत्यु हुई..बाबा,चाचा ,चाची ,बाबूजी और बाद में अम्मा…बाबूजी और अम्मा कैंसर से गुजरे..लगता था कुछ नहीं बचा ..जो बाकी है वो भी नहीं बचेगा.. मानसिक आघात से बचने में पुस्तकों और मेडिटेशन का बहुत सहयोग मिला..अब हारने के लिए कुछ तो था नहीं .. पहले लगता था कि LL.B. पूरी करने के पहले ही सेलेक्शन हो जाएगा ..परंतु सामण्ड, विन्फील्ड,रोस्को पाउंड की आत्मा मेरे ऊपर मेहरबान थी और LL. M. की डिग्री भी हासिल हो गयी…वर्ष 2004 के अंत मे SEBI में लॉ ऑफिसर बना …वह परिणाम बहुत बड़ा सहारा था..1 जनवरी 2005 को दिल्ली में जॉइन किया और इंडक्शन के लिए मुम्बई गया तो सावित्री नाम की एक लड़की की पारिवारिक परेशानी को देखते हुए म्यूच्यूअल ट्रांसफर ले लिया ..सावित्री इस समय दिल्ली में ADJ हैं..मुम्बई में प्रवीण त्रिवेदी सर ने प्रत्येक इंटरव्यू में शामिल होने के लिए मुझे खूब मौका दिया..वहीं से UP PCS J 2003 ,UP PCS 2002 तथा UKPCS 2002 का इंटरव्यू दिया..PCS J में इलाहाबाद के कई साथियों का चयन हुआ साथ ही SEBI के साथी रविन्द्र सिंह भी चयनित हुए जो इस समय UP में ADJ हैं..उस इंटरव्यू में मैं आखरी दिन ,आखरी अभ्यर्थी था..पता नहीं क्या जल्दी थी बोर्ड को कि मेरा इंटरव्यू खड़े खड़े ही लेकर चलता कर दिया गया..ईश्वर की मर्जी कौन समझ सकता है वहीं से मैं हरिद्वार आया और संभवतः 21 मई 2005 को मेरा इंटरव्यू हुआ..9 जून 2005 को ज्ञात हुआ कि PPS में 9 वीं पोजीशन थी..

…..कुल 15 साक्षात्कार के बाद मुझे देवभूमि का आशीर्वाद मिला…जॉइनिंग लेटर जारी करने और पुराने सर्विस से रिलीव होने में देरी हुई.. अंततः ऐतिहासिक दिवस 23 जुलाई 2005 को बारिश के बीच मैं पूरे उत्साह के साथ मुम्बई से रवाना हुआ..रोमांचित भी था क्योंकि वह मेरी पहली हवाई यात्रा थी और इसके लिए मैंने शाही भाई साहब से पैसे भी उधार लिए थे..(डेढ़ साल बाद चुकाया था)..वह दिन ऐतिहासिक इसलिए भी था क्योंकि उस दिन मुम्बई की वो ऐतिहासिक बारिश शुरू हो गयी थी जिसमे पहली बार सारा मुम्बई जलमग्न हो गया था तथा प्राकृतिक आपदा घोषित हुआ था…

..PHQ देहरादून में एक और सज्जन मिले जो लेट लतीफ थे डॉ जगदीश चंद्रा…हम दोनों असीम श्रीवास्तव सर के कमरे में मिले थे..काफी जद्दोजहद के बाद भी ATI में प्रवेश नहीं मिला और आदेश हुआ कि इन दोनों को IG कुमायूं श्री अनिल रतूड़ी सर के कार्यालय में अटैच किया जाय और 27 जुलाई 2005 को हम दोनों ने एक ईमानदार, विद्वान,कड़क अफसर के सानिध्य में प्रशिक्षण लेना प्रारम्भ किया…हां बीच बीच मे ATI जरूर जाते थे..

. पहला बैच था वरिष्ठ अधिकारी गण भी हमलोगों को खूब माँजना चाहते थे विशेषकर मातृस्वरूपिणी DGP कंचन चौधरी मैडम, सुभाष जोशी सर और देव तुल्य ए के जोशी सर…खूब ट्रेनिंग हुई पंजाब पुलिस अकेडमी, ग्रे हाउंड,NPA, SSB, ITBP..इतना एक्सपोज़र तो किसी भी राज्य पुलिस के बैच को यहाँ तक कि उत्तराखण्ड के बाद के बैच को शायद ही मिला हो…

..फिर वरिष्ठ अधिकारी गण उधमसिंह नगर में तत्कालीन एसएसपी अमित सिन्हा  के सानिध्य में,उत्तरकाशी में अनन्त चौहान,हरिद्वार में मुरुगेशन,संजय गुंज्याल ,केवल खुराना ऊधमसिंह नगर में अजय रौतेला,मर्तोलिया ,अभिनव कुमार,पुष्पक ज्योति,नीलेश भरने के साथ काम करने का मौका मिला…2012 में PHQ में परम श्रद्धेय जीवन चंद्र पांडे ,बँगयाल के मार्गदर्शन में कार्य किया..वहीं से अपर पुलिस अधीक्षक का प्रोमोशन मिला और SP ट्रैफिक देहरादून के पद पर केवल खुराना ,अजय रौतेला,पुष्पक ज्योति के साथ कार्य करने का मौका मिला।पुनः PHQ में वापसी हुई और मैंने विभिन्न संस्थानों में कई कोर्स किये..विशेषकर NLU दिल्ली,SEOUL और PBI कोर्स USA का कोर्स मेरे जीवन के महत्वपूर्ण कोर्स रहे..2017 से 2019 तक एस पी सिटी देहरादून की जिम्मेदारी निभाई बेहतरीन एसएसपी निवेदिता कुकरेती के निर्देशन में..उसके बाद कोटद्वार गया.. तत्कालीन एसएसपी और विशिष्ट व्यक्तित्व युक्त दलीप सिंह कुँवर के सानिध्य में बाद में रेणुका मैडम के सानिध्य में भी कार्य किया..कोटद्वार की पोस्टिंग ने जीने की कला सिखाई..27 जनवरी से कुम्भ और हरिद्वार के ट्रैफिक का चार्ज लिया..सम्प्रति हरिद्वार के SP ट्रैफिक और क्राइम का कार्य एसएसपी सेंथिल के पर्यवेक्षण में कर रहा हूँ..

उच्चाधिकारियों जिलाधिकारी उत्तरकाशी मीनाक्षी सुंदरम,हरिद्वार में आनंद वर्धन ,उधमसिंह नगर में पुरुषोत्तम ,जंगपांगी ,देहरादून में रविनाथ रमन,मुरुगेशन.पौड़ी के जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल  ,हरिद्वार के रविशंकर  और सम्प्रति विनय शंकर पांडे ..इन अधिकारियों के साथ काम करना सौभाग्य रहा है…

डीजीपी मातृवत्सला कंचन चौधरी मैडम (प्रसिद्ध धारावाहिक ‘उड़ान’ वाली ),सुभाष जोशी, मानवीय मूल्यों से भरपूर व स्वनामधन्य ज्योति स्वरूप पांडे,विजय राघव पंत ,सिद्धू , स्पष्टवादी और मूर्धन्य गणपति,मेरे ट्रेनर विद्वान अनिल रतूड़ी और वर्तमान में साहित्य, खेल,पुलिसिंग आदि में महारत बहुमुखी प्रतिभा के धनी श्री अशोक कुमार के निकट पर्यवेक्षण में बड़ी बड़ी चुनौतियों में कार्य करने का सौभाग्य प्राप्त होता रहा है..

उत्तराखंड के प्रत्येक अधिकारी बेमिसाल हैं..अन्य राज्य के समकक्ष अधिकारियों से बात करने पर ज्ञात होता है कि हमारे उत्तराखंड के अधिकारी मातहतों से किस अंतरंगता से जुड़े हैं व किस प्रकार सुख-दुख में खड़े होते हैं यह एक मिसाल है और देवभूमि के प्रशासन की खूबसूरती भी..

.सोलह साल की राज्य पुलिस सेवा के उपरांत भारतीय पुलिस सेवा में पदोन्नति हुई है…प्रत्येक राज्य सेवा कर्मी के लिए यह स्वप्न होता है..सौभाग्य होता है…पूर्वी उत्तरप्रदेश में लोग सामान्य बोलचाल या व्यंग या अतिश्योक्ति में बोलते हैं कि…”लागत बा आईएएस आईपीएस बनिहैं ..इनकर नखरा देखा..” आज वह दिन भी आ गया….

….आभारी हूँ

…माता-पिता ,और पूर्वजों का….

….मेरी जन्मभूमि बहादुरगंज,गाजीपुर के श्री सुखदेव प्रसाद स्मारक विद्या मंदिर, गांधी मेमोरियल इंटर कॉलेज, SSB इंटर कॉलेज अमिला,गोरखपुर विश्वविद्यालय व इलाहाबाद विश्वविद्यालय के समस्त गुरुजनों,मित्रों एवम सहयोगियों का..

…सुख-दुख और संघर्ष में साये की तरह खड़े रहने वाले अपने परिवार का..

पुलिस प्रशासन के अपने वरिष्ठ अधिकारी गणों का जिनके मार्गदर्शन से समय समय पर चुनौतियों का सामना करने की शक्ति मिलती है…

..मेरे वरिष्ठ आईएएस अधिकारी गण और साथी PCS,न्यायाधीश और अन्य विभाग के अधिकारियों का..

…अधीनस्थों का जो मेरे साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहते हैं और नेतृत्व शैली पर विश्वास करते हैं..

.विशेषकर ‘कॉन्स्टेबलरी’ का..जो इस विभाग और अधिकारियों की जान है….

…उन ‘फॉलोवरों’ का जो हमारा परिवार से भी ज्यादा खाने -पहनने का ख्याल रखते हैं..

…  जनप्रतिनिधियों का जिनका सहयोग मुझे सदैव प्राप्त होता रहा है..मैं दावे से कह सकता हूँ कि उत्तराखंड जैसे सरल और समझदार जनप्रतिनिधि विरले ही किसी प्रदेश के होंगे…

…मीडिया के साथियों का जिन्होंने हमेशा सच्चाई को सामने रखा,आवश्यकता पड़ने पर कई बार इस प्रकार का सहयोग किया जिसका वर्णन इस प्लेटफॉर्म पर नही किया जा सकता..परन्तु जिसकी वजह से बड़ी बड़ी घटनाएं टली…

….सबसे ऊपर इस ‘देवभूमि’ को बारम्बार नमन कि आपने मुझे यहां की सेवा के लिए चुना…पालन -पोषण,मान-सम्मान, यश-कीर्ति सब कुछ प्रदान किया…आपने 2005 में वह ‘नींव’ दी जिस पर आज यह इमारत खड़ी हुई है…

..जिस धरती की ‘पंडो की बहियों’ पर पूर्वजों के नाम लिखवाना ही श्रद्धा का प्रतीक माना जाता हो वहां स्थान-स्थान पर नाम पट्टिका लिखी गयी यह कितने परम सौभाग्य का विषय है….

यात्रा जारी है..जिम्मेदारी और चुनौतियां और भी बड़ी मिलेंगी…आपके सहयोग,मार्गदर्शन और प्रेरणा की अब गुरुतर आवश्यकता पड़ेगी…मुझे पूरा विश्वास है कि वह सदैव प्राप्त होती रहेगी

@प्रदीप राय,आईपीएस, उत्तराखंड की संपादित फेसबुक पोस्ट

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