बीएचयू यौन उत्पीडन:भागते अभियुक्त युक्ति से पकड़े, मजबूत पैरवी ना होती तो अन्याय हो जाता हर्ष से

IIT BHU Case: हर बार ठिकाना बदल देते थे गैंगरेप के आरोपी, पुलिस ने अपनाई ये ट्रिक… फिर कर लिया गिरफ्तार
आईआईटी बीएचयू की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म में पुलिस लगभग दो महीने बाद तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर सकी। वाराणसी के कुणाल पांडेय सक्षम सिंह और आनंद उर्फ अभिषेक चौहान को शनिवार रात को उनके घर से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल की गई बुलेट मोटरसाइकिल भी बरामद की है। आरोपी लगातार अपना ठिकाना बदल रहे थे।
IIT BHU Case: हर बार ठिकाना बदल देते थे गैंगरेप के आरोपी, पुलिस ने अपनाई ये ट्रिक… फिर कर लिया गिरफ्तार
दुष्कर्म मामले के आरोपी कुणाल पांडेय, सक्षम पटेल व आनंद उर्फ अभिषेक चौहान।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। आईआईटी बीएचयू की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म में पुलिस लगभग दो महीने बाद तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर सकी। वाराणसी के कुणाल पांडेय, सक्षम सिंह और आनंद उर्फ अभिषेक चौहान को शनिवार रात को उनके घर से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल की गई बुलेट मोटरसाइकिल भी बरामद की है।

लगातार ठिकाना बदल रहे थे आरोपी
आरोपियों के फोन नंबर को सर्विलांस पर लगाया तो उनकी लोकेशन पहले मध्य प्रदेश और फिर लखनऊ में मिली। आरोपी लगातार अपना ठिकाना बदल रहे थे। वारदात की रात बुलेट पर नंबर प्लेट नहीं थी मगर बाद में जांच को भटकाने के लिए आरोपियों ने नंबर प्लेट लगा ली थी।

पुलिस ने ट्रिक अपनाकर किया गिरफ्तार
पुलिस ने रणनीति के तहत उदासीनता दिखाई तो मामला शांत पड़ता देख तीनों घर लौट आए। इसके बाद पुलिस की टीम ने शनिवार रात तीनों को उनके घर से गिरफ्तार कर लिया।

डीसीपी काशी जोन आरएस गौतम ने बताया कि पर्याप्त सुबूतों के साथ तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। मोटरसाइकिल किसी संतोष नाम के व्यक्ति की है, लेकिन कुणाल उसका इस्तेमाल करता था।

बड़े नेताओं के साथ आरोपियों की फोटो वायरल
आरोपी कुणाल भाजपा आईटी सेल का महानगर संयोजक और सक्षम सह संयोजक है। तीसरा आरोपी आनंद भाजपा महानगर कार्यसमिति का सदस्य है। फेसबुक पर तीनों आरोपियों ने कई बड़े नेताओं के साथ अपनी फोटो लगा रखी है, जो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रही है। पुलिस ने देर शाम तीनों आरोपियों को रिमांड मजिस्ट्रेट शिखा यादव की अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

एक नवंबर की रात घटी थी घटना
आईआईटी बीएचयू की छात्रा बीती एक नवंबर की रात करीब डेढ़ बजे अपने हॉस्टल से टहलने निकली थी। रास्ते में उसे एक मित्र मिला। दोनों कुछ दूर आगे बढ़े थे कि कर्मन वीर बीर बाबा मंदिर के पास बुलेट सवार तीनों आरोपी कुणाल, सक्षम और आनंद ने उन्हें रोक लिया।
उसके दोस्त से मारपीट की और छात्रा का यौन उत्पीड़न किया। उसे निर्वस्त्र कर वीडियो बनाया। उन्होंने 15 मिनट छात्रा को बंधक बनाए रखा और उसका मोबाइल फोन लेकर भाग गए। घटना के अगले दिन आईआईटी बीएचयू के छात्रों ने आरोपितों की गिरफ्तारी और परिसर सुरक्षा को लेकर 10 दिन प्रदर्शन किया ।

इस बीच पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और सर्विलांस से जांच शुरू की। बीएचयू परिसर और गेट पर लगे 100 से अधिक सीसीटीवी फुटेज देखे, जिससे तीनों आरोपितों की पहचान हुई। घटना के समय इनके फोन नंबर भी वहां सक्रिय पाए गए थे।

अखिलेश यादव और अजय राय ने दी प्रतिक्रिया

मामले को लेकर अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट किया कि ये भाजपा के दिग्गज नेताओं की छत्रछाया में सरेआम पनपते और घूमते भाजपाइयों की वो नई फसल है,जिनकी ‘तथाकथित जीरो टॉलरेंस सरकार’ में दिखावटी तलाश जारी थी, लेकिन विश्वसनीय प्रमाणों और जन दबाव में भाजपा सरकार को इन्हें गिरफ्तार करना ही पड़ा। ये वही भाजपाई हैं जिन्होंने बीएचयू की एक छात्रा से अभद्रता की सारी सीमाएं तोड़ दी थीं।
वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने भी कहा कि भाजपा के लिए बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ बस एक नारा है। मैंने उसी समय कहा था कि इसमें भाजपा के लोग शामिल हैं। वहीं, प्रदेश के स्टांप एवं पंजीयन राज्यमंत्री रवींद्र जायसवाल ने कहा कि अपराधी कोई भी हो, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

Varanasi Bhu Iit Gangrape Case Many Questions Arise On Varanasi Police
BHU गैंगरेप केस: कमजोर होती पैरवी तो हर्ष सिंह से अन्याय हो जाता,वाराणसी पुलिस पर उठ रहे कई सवाल
बीएचयू आईआईटी परिसर में छात्रा से दुष्‍कर्म का मामला सामने आने के बाद छात्रों ने जोरदार प्रदर्शन शुरू कर दिया था। दबाव में आकर पुलिस ने हर्ष सिंह समेत तीन आरोपियों को हिरासत में लेकर लंबी पूछताछ की थी।
मुख्य बिंदु
बीएचयू आईआईटी में इस साल 1 नवंबर को छात्रा से सामूहिक दुष्‍कर्म हुआ था
गैंगरेप में पकड़े गए तीनों आरोपित भाजपा आईटी सेल में काम करते थे
वाराणसी पुलिस ने दबाव में ट्रांसपोर्टर हर्ष सिंह को 50 घंटे हिरासत में रखा था

अभिषेक कुमार झा, वाराणसी: बीएचयू आईआईटी छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म मामले में सभी आरोपित गिरफ्तार करके जेल भेज दिए गए हैं। 1 नवंबर को घटना के बाद पुलिस ने डिजिटल सर्विलांस और सीसीटीवी फुटेज आधार पर कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया था,जिसमें से एक हर्ष सिंह था। सही आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद अब हर्ष सिंह के वकील सामने आए हैं। उनका कहना है कि अगर हर्ष सिंह की पैरवी भी कमजोर होती और मजबूत बैकग्राउंड ना होता तो संभवतः दबाव में एक सही व्यक्ति से अन्याय हो जाता। इस मामले में पकड़े गए तीनों आरोपित भाजपा आईटी सेल में काम करते हैं। ये मामला सामने आने के बाद भाजपा ने तीनों को पार्टी से बाहर का रास्‍ता दिखा दिया है।
डीसीपी काशी जोन आरएस गौतम के अनुसार, CCTV फुटेज से चिह्नित हुए आरोपित गिरफ्तार कर लिये गये है। उनके मुताबिक तीनों आरोपितों कुणाल पांडेय,आनंद उर्फ अभिषेक चौहान और सक्षम पटेल ने अपराध स्वीकार किया है। छात्रा के बनाए गए वीडियो का पता लगाया जा रहा है।

ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय करता है हर्ष सिंह

आपको बता दें कि गैंगेरप के कुछ दिनों बाद ही पुलिस ने डिजिटल सर्विलांस और मोबाइल सर्विलांस के आधार पर कुछ लोगों को हिरासत में लिया था। इसके बाद आंदोलनरत छात्रों से बात करने पुलिस के अधिकारी पहुंचे थे और पुलिसिया कार्रवाई के बारे में जानकारी दी थी। उस मीटिंग के बाद करौंदी निवासी हर्ष सिंह का नाम सामने आया। करौंदी निवासी हर्ष सिंह ट्रांसपोर्ट व्यवसायी है। घटना वाले दिन रात करीब 12 बजे उसकी लोकेशन सीसीटीवी में देखी गई थी जिसके आधार पर पुलिस ने उसे करीब 50 घंटे हिरासत में रखा था।

50 घंटे तक हर्ष सिंह को हिरासत में रखा गया

हर्ष सिंह को हिरासत में लिए जाने के बाद वकील दीपक सिंह राजवीर पुलिस के सभी अधिकारियों के पास बचाव में गए। दीपक सिंह राजवीर ने बताया कि घटनाक्रम वाले दिन रात 12 बजे हर्ष सिंह यूनिवर्सिटी के सिंह द्वार पर कैंपस से बाहर निकलता दिखा। इसके बाद वह रात एक बजे अपने घर पहुंच गया था। इसका सीसीटीवी फुटेज उनके पास है। इसके अलावा समिति के सिक्योरिटी गार्ड ने लिखित एफिडेविट में बताया कि अगले दिन सुबह 11 बजे हर्ष अपने घर से बाहर निकला। इसको लेकर पुलिस इतना ज्यादा दबाव में थी कि उसने आसपास के सीसीटीवी खंगाल कर जल्दबाजी में हर्ष सिंह को हिरासत में ले लिया था। मामले को लेकर पुलिस कमिश्नर समेत सभी बड़े अधिकारियों को तथ्यों से अवगत कराया गया जिसके बाद 50 घंटे हिरासत में रखने के बाद हर्ष सिंह को छोड़ा गया। हर्ष सिंह की पैरवी अगर मजबूत न होती तो उसके साथ अन्‍याय हो जाता।

पुलिस पहुंच चुकी थी मध्‍य प्रदेश, लेकिन आ गई बैरंग

मीडिया रिपोर्ट्स और पुलिसिया सूत्रों की माने तो गैंगरेप की घटना के तीन-चार दिनों में ही असली आरोपितों की पहचान हो गई थी। आरोपितों की पहचान के बाद सर्विलांस आधार पर पुलिस टीम मध्य प्रदेश के जबलपुर और सतना दबिश देने भी गई थी,लेकिन वाराणसी के एक बड़े पुलिस अधिकारी का फोन गिरफ्तारी के ठीक पहले टीम सदस्यों तक पहुंचा। इसके बाद पुलिस मध्‍य प्रदेश से बैरंग लौट आई। अब सवाल उठ रहे हैं कि अगर असली आरोपितों की पहचान इस समय हो गई थी तो क्या पुलिस ने बरगलाने को हर्ष सिंह समेत तीन आरोपितों को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी?

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