यति नरसिंहानंद की हत्या को आया जान मौहम्मद डार धरा गया होटल में

जैश की साजिश, टारगेट महंत नरसिंहानंद: भगवा कपड़ा और पूजा सामग्री के साथ जहाँगीर गिरफ्तार, साधु बन मंदिर में घुसता
महंत यति नरसिंहानंद पिछले काफी समय से कट्टरवादियों के निशाने पर हैं (फाइल फोटो)

नई दिल्ली 18 मई। दिल्ली पुलिस ने महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती की हत्या की साजिश का पर्दाफाश करते हुए एक आतंकी को गिरफ्तार किया है। यति नरसिंहानंद दिल्ली से सटे गाजियाबाद के डासना स्थित शिव-शक्ति पीठ के महंत हैं। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने सोमवार (मई 17, 2021) को जान मोहम्मद डार उर्फ़ जहाँगीर को पहाड़गंज के एक होटल से दबोचा। उसके पास से भगवा कपड़ा भी बरामद हुआ है।

रिपोर्टों के अनुसार वह महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती की हत्या की सुपारी लेकर आया था। वह जम्मू-कश्मीर का रहने वाला है और पाकिस्तान स्थित अपने आकाओं से निर्देश ले रहा था। पड़ोसी मुल्क में बैठे आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के एक सरगना ने उसे इस हत्याकांड के लिए भेजा था। उसे साधु के वेश में मंदिर में घुस महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती की हत्या करनी थी। दिल्ली पुलिस ने उसके पास से एक पिस्टल और 2 मैगजीन के अलावा 15 कारतूस भी बरामद की है।

उसने पूछताछ में आबिद नाम के अपने एक आका के बारे में बताया है, जो उसे पाकिस्तान से निर्देशित कर रहा था। व्हाट्सएप्प के जरिए वह उसके संपर्क में रहता था। आबिद ने उसे महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती का एक वीडियो दिखाया था और फिर उनकी हत्या के लिए भड़काया था। इसके लिए जहाँगीर को हथियार चलाने की ट्रेनिंग भी दिलवाई गई थी। आबिद ने काम हो जाने पर रुपए देने की बात भी कही थी।

जहाँगीर अप्रैल 23, 2021 को ही कश्मीर से दिल्ली के लिए निकला था। दिल्ली में उमर नाम का एक शख्स उसका इंतजार कर रहा था, जिससे उसकी मुलाकात होनी थी। उमर और जहाँगीर टेलीग्राम के जरिए एक-दूसरे के संपर्क में थे। उमर ने ही दिल्ली में उसके लिए ठहरने की व्यवस्था करने का जिम्मा उठाया था। जहाँगीर जब दिल्ली के लिए निकला, उसी दिन उसके बैंक खाते में 35,000 रुपए भी डाले गए थे।

‘दैनिक जागरण’ की खबर के अनुसार, दिल्ली पुलिस जहाँगीर से अब भी पूछताछ कर रही है जिसमें कई नए राज खुल कर बाहर आने की संभावना है। गाजियाबाद पुलिस के कान भी इस सूचना के बाद खड़े हो गए हैं। आरोपित के पास से जिस तरह पूजा सामग्री, कलावा और कुमकुम मिला है, उससे साफ़ है कि वह साधु के वेश में मंदिर में घुसने में कामयाब हो सकता था। लखनऊ में हिन्दू नेता कमलेश तिवारी की हत्या भी भगवा कपड़ा पहने आरोपितों ने की थी।

जान मोहम्मद डार उर्फ़ जहाँगीर पुराना दहशतगर्द है और 2016 में पत्थरबाजी के मामले में वो अनंतनाग में गिरफ्तार भी किया गया था। आतंकी बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद उसने भारतीय सेना पर पत्थरबाजी की थी। अक्टूबर 2019 में युसूफ खान और हाशिम अली ने जिस तरह कमलेश तिवारी की हत्या की थी, उसी तर्ज पर जहाँगीर की भी तैयारी थी। फ़िलहाल ये दोनों भी जेल में बंद हैं। दोनों भगवा कपड़ा पहन बातचीत के बहाने तिवारी के दफ्तर में घुसे थे।

हाल के दिनों में महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती के एक बयान को ‘रसूल अल्लाह की शान में गुस्ताखी’ बता कर भारत के कई शहरों में कट्टर मुस्लिमों ने विरोध-प्रदर्शन किया था। बांग्लादेश और पाकिस्तान तक में उनके खिलाफ भड़काऊ बातें की गईं। बांग्लादेश के कट्टर मौलानाओं ने कहा था कि नरसिंहानंद ने ‘रसूलल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम’ की शान में गुस्ताखी की है और इसी की ‘सज़ा’ कोरोना की मौतों के रूप में मिल रही है।

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