जेडीयू के पटना कार्यालय से क्यों आननफानन हटा I.N.D.I.A. का पोस्टर?

JDU Poster Controversy: जीतेगा इंडिया-चक दे इंडिया! फिर क्यों भड़क गए ललन बाबू? आखिर उन्होंने पोस्टर में ऐसा क्या देखा, जानें
पटना के पार्टी ऑफिस में I.N.D.I.A का पोस्‍टर देखते ही JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भड़क गए। मिनटों में नए-नवेले पोस्टर को हटाया गया। जदयू कार्यालय के सभागार में लगे विपक्षी गठबंधन इंडिया के पोस्‍टर पर विवाद शुरू हो गया। कई लोगों को लगा कि इसमें ललन सिंह की तस्वीर नहीं थी, इसलिए उन्होंने इसे हटवा दिया। मगर इसके पीछे सत्ता की कुर्सी छिपी है
मुख्य बिंदु
I.N.D.I.A का पोस्‍टर देखते ही JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भड़के
पटना के जेडीयू ऑफिस के सभागार में लगाया गया था नया-नया पोस्टर
ललन सिंह के आदेश पर मिनटों में नए-नवेले पोस्टर को हटाया गया
पोस्टर के सेंटर में थे नीतीश, ललन और तेजस्वी की नहीं थी तस्वीर
पटना 07 सितंबर: भारतीय जनता पार्टी को केंद्र की सत्ता से हटाने की मुहिम में आनन-फानन में गठबंधन तो बन गया, मगर मजबूत आधार के बिना ये अक्सर लहराकर गिरने लगता है। विपक्षी एकता की मुहिम के केंद्र बने पटना में ऐसी ही एक छोटी-सी घटना से महागठबंधन में भूचाल आ गया। घटना की वजह एक पोस्टर बना। जिसे देखते ही जनता दल (यूनाइडेट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह भड़क गए और क्षण भर में जेडीयू ऑफिस में लगा पोस्टर हटा दिया गया।

आखिर पोस्टर में था क्या ?

दरअसल, जनता दल (यू) कार्यालय में जो पोस्टर लगा था, उसमें नीतीश कुमार को केंद्र में दिखाया गया था। महागठबंधन के अन्य नेताओं की तस्वीर उनके अगल-बगल लगी थी। एक खास बात और थी कि इस पोस्टर से जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह और राज्य के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की तस्वीर गायब थी। इस पर नारा भी था जीतेगा इंडिया, चक दे इंडिया। मगर जैसे ही जदयू अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह को जानकारी मिली। उन्होंने पोस्टर का स्क्रीन शॉट मंगवाया और जब पोस्टर उनकी नजर से गुजरी तो वे भड़क गए और तुरंत पोस्टर हटाया गया।

पोस्टर हटाने को लेकर हड़बड़ी क्यों?

दरअसल, पोस्टर हटाने के कई कारण थे। इनके एक-एक कारण महागठबंधन के बिखरने के लिए काफी थे। अभी गठबंधन की तीन बैठकों के बाद भी कई ऐसे मसले हैं, जिसके हल निकाले जाने बाकी हैं।

इस पोस्टर में नीतीश कुमार को केंद्र में रखा गया था। राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस के नेता राहुल गांधी की तस्वीर को साइड में रखा गया था। इससे एक बड़ा संदेश जाता कि नीतीश कुमार इस गठबंधन की केंद्रीय भूमिका में हैं। प्रधानमंत्री पद के सबसे बड़े दावेदार हैं। जबकि इंडिया गठबंधन अभी फ्ल्यूड फॉर्म में है। अभी तो को-ऑर्डिनेशन कमेटी बनी है। संयोजक और प्रधानमंत्री के पद को लेकर कोई निर्णय नहीं हुआ है। इस वजह से इस पोस्टर से इंडिया गठबंधन में भ्रम की स्थिति पैदा होती। ये इंडिया गठबंधन की सेहत के लिए ठीक नहीं होता। इसलिए जनता दल (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह फौरन उस पोस्टर को हटाया। वो जानते हैं कि अभी कांग्रेस के भीतर कोई भ्रम पैदा कर इंडिया गठबंधन के वर्तमान स्वरूप को नहीं बचाया जा सकता।

जदयू कार्यालय पर लगे पोस्टर में राज्य के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की तस्वीर नहीं थी। इस पोस्टर से जदयू और राजद में दरार पड़ सकती थी। जदयू की राजनीतिक ताकत वो नहीं है, जो राजद से किसी तरह का पंगा ले। जाहिर है इस पोस्टर के बाद राजद में जबर्दस्त प्रतिक्रिया होती। बयानों के अंबार लगाए जाते। इससे राजद और जदयू के बीच दूरियां बढ़ती। सो, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने तत्काल पोस्टर हटवाया।

पोस्टर हटाने की एक और वजह खुद जनता दल (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह हैं। इस पोस्टर में उनकी भी तस्वीर नहीं थी। अब जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह की ही तस्वीर जदयू कार्यालय के पोस्टर पर न हो तो ये एक तरह से राष्ट्रीय अध्यक्ष के सम्मान के खिलाफ है। ये जानबूझ कर किया गया हो या नहीं, मगर ये डेकोरम के खिलाफ तो जरूर था। इस पोस्टर के लगे रहने पर जदयू के भीतर भी कई धाराएं फूट पड़ती। इससे बचाने के लिए जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन ने पोस्टर को तुरंत हटवा दिया।

क्या ये स्वाभाविक गठबंधन नहीं?

राजनीतिक विश्लेषक राकेश प्रवीर ने इस पोस्टर विवाद पर कहा कि दरअसल ये गठबंधन ही स्वाभाविक नहीं है। इस गठबंधन का आधार ही कमजोर है। ये हड़बड़ी में विपक्षी एकता के नाम पर इंडिया गठबंधन बनाया गया है। इसमें महत्वाकांक्षी लोगों की कमी नहीं है। कब किसको किसी की हरकत, किसी का बयान, परेशान कर जाएगा, कहा नहीं जा सकता। इसलिए ललन सिंह ने दिखाते हुए पोस्टर को हटवाया। इस पोस्टर से राहुल गांधी के साथ साथ कांग्रेस में भी कन्फ्यूजन हो सकता था। इसका पॉजिटिव असर गठबंधन की राजनीति पर नहीं पड़ता। तेजस्वी यादव को भी पोस्टर में नहीं जगह देकर गठबंधन की राजनीति को आगे नहीं बढ़ा सकते। कारण स्पष्ट है कि बिहार में राजद के सबसे ज्यादा विधायक हैं। ऐसे में उचित सम्मान के हकदार भी है। तेजस्वी यादव के समर्थकों ने फिलहाल कोई नाराजगी प्रकट नहीं की है।
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