प.उप्र के 16 खाप चौधरी मिले योगी आदित्यनाथ से

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न खाप नेताओं से भेंट करते योगी आदित्यनाथ
खाप चौधरियों ने CM योगी से की मुलाकात:किसानों के मुद्दे पर हुई चर्चा, किसान नेताओं ने कहा- किसान पंचायतों को सभी खापों का समर्थन नही
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विधायक पंकज मलिक के नेतृत्व में यह प्रतिनिधिमंडल सीएम से मिला

लखनऊ 06 मार्च। दिल्ली में गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन के बीच शनिवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के खाप पंचायत के किसान प्रतिनिधियों ने लखनऊ आवास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। भाजपा के विधायक पंकज मलिक के नेतृत्व में 16 सदस्यों के खाप चौधरियों के प्रतिनिधियों ने मुलाकात की है। इस दौरान किसान नेताओं ने कहा कि ऐसी सूचनाएं गलत हैं जिसमें कहा जा रहा है कि किसान पंचायतों में सभी खापें शामिल हैं।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के खाप चौधरियों ने आज लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी से भाजपा विधायक उमेश मालिक की अगुवाई में मुलाकात करके राजनीतिक पारा चढ़ा दिया हैं। इस दौरान खास तौर पर बिजली,गन्ना मूल्य बढ़ोत्तरी और आवारा पशुओं का मामला भी उठाया गया, लेकिन केंद्र में किसान आंदोलन ही रहा। मुख्यमंत्री ने आश्वासन देते हुए कहा कि हम आपके द्वारा बताए गए सभी विषयों पर विचार करेंगे।

किसानों की समस्याओं और किसी बिल पर हुई चर्चा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास पर 15 सदस्य खाप चौधरियों के बीच मुलाकात हुई। मिली जानकारी के अनुसार अब खाप चौधरियों ने किसान बिल में संशोधन को लेकर मुख्यमंत्री से अपना पक्ष रखा हैं। खास तौर पर बिजली,गन्ना मूल्य बढ़ोत्तरी और आवारा पशुओं का मसला भी उठाया गया, लेकिन केंद्र में किसान आंदोलन ही रहा।

किसान नेताओं ने आश्वासन देते हुए कहा कि हम आपके द्वारा बताए गए सभी विषयों पर विचार करेंगे। खाप चौधरियों ने आश्वस्त किया कि, कुछ लोग ये कह रहे थे कि किसान पंचायत में सभी खापों ने समर्थन दे दिया, ऐसा नहीं है। खापों से प्रतिनिधियों ने कहा कि पश्चिमी यूपी में बिजली की बढ़ी दरें, गन्ना मूल्य भुगतान में देरी और गन्ना मूल्य में वृद्धि नहीं होने से आम किसानों में नाराजगी है।

फुगाना थांबा के हरवीर सिंह ने कहा कि जब राजकीय नलकूपों और नहरों से सिंचाई मुफ्त हो सकती है तो किसानों के निजी ट्यूबवैल को बिजली मुफ्त या कम दर पर क्यों नहीं दी जा सकती? खाप प्रतिनिधियों ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ना मुख्य फसल है। सरकार को गन्ना किसानों की बेहतरी की तरफ ध्यान देना चाहिए। लंबे समय तक किसानों को बकाया भुगतान नहीं मिलता जबकि वे जो खाज, बीज लेते हैं, बैंक से कर्ज लेते हैं, उस पर ब्याज बढ़ता जाता है। बिजली दरें बढ़ने से विद्युत बिलों के भुगतान का संकट खड़ा हो रहा है।

CM योगी से मिला किसानों का प्रतिनिधि मंडल,कहा-कृष‍ि कानूनों पर भड़का रहे लोग, आंदोलन से आवागमन बाधित होने की शिकायत


CM योगी से मिला किसानों का प्रतिनिधिमंडल

उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने किसानों के हितों की रक्षा का भरोसा दिलाते हुए शनिवार (मार्च 6, 2021) को दावा किया कि नए कृषि कानून उनकी आय दोगुनी करने के उद्देश्य से लागू किए गए हैं और इससे कृषकों की आय में निरंतर वृद्धि होगी। मुख्यमंत्री ने यहाँ पाँच कालिदास मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा किसानों को ध्यान में रखकर नीतियाँ बनाई हैं।

शनिवार को जारी एक सरकारी बयान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसान राज्य सरकार की प्राथमिकता हैं और प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में किसानों की खुशहाली के लिए गंभीरता से प्रयास कर रही है। उन्‍होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों के हितों से जुड़े कार्यक्रमों और योजनाओं को पूरी गंभीरता से लागू कर रही है और इसी का नतीजा है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत देश में सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उत्तर प्रदेश को प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया है।

प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा लागू किए गए कृषि कानून किसान हितैषी हैं। यह कानून किसानों को सशक्त करने का प्रयास हैं। इन कानूनों का सबसे ज्यादा लाभ छोटे और सीमांत किसानों को मिलेगा। इसलिए वे इन कानूनों का समर्थन करते हैं। प्रधानमंत्री तथा मुख्यमंत्री द्वारा कृषि एवं किसान कल्याण के लिए गंभीरता से प्रयास किए जा रहे हैं।

किसानों के प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कहा कि कुछ लोग किसान आन्दोलन के माध्यम से किसानों को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं। इससे आवागमन बाधित होता है और लोगों को असुविधा होती है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि किसी भी समस्या का समाधान मिल बैठकर संवाद के जरिए किया जा सकता है।

वहीं शनिवार को एक समारोह में बोलते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, “किसानों का अहित कर अपने राजनीतिक मंसूबे को पूरा करना ठीक नहीं है। देश में लंबे समय से कृषि क्षेत्र में सुधार की जरूरत महसूस की जा रही थी, जिसे कानून बनाकर पूरा किया गया।” इसके साथ ही विपक्षी दलों पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में असहमति और विरोध का अपना स्थान है। लेकिन मतभेद और विरोध देश को क्षति पहुँचाने की कीमत पर नहीं होना चाहिए।

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