एटीएम कार्ड से भी रहता है आपका एक्सीडेंटल बीमा, जानकारी न होने से नहीं उठा पाते लोग फायदा

ATM कार्ड पर मिलता है 10 लाख रुपये तक का इंश्योरेंस, जानिए इससे जुड़ी बड़ी बातें

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। जब भी आप किसी बैंक में सेविंग अकाउंट खुलवाते हैं तो बैंक की तरफ से आपको एक एटीएम कार्ड दिया जाता है। इस एटीएम की मदद से आप एटीएम मशीन से जब चाहे अपने खाते में पड़ा पैसा निकाल सकते हैं। एटीएम हमारे काफी सारे काम को आसान कर देता है। आप इससे ऑनलाइन शॉपिंग कर सकते हैं, होटल में बिल पेमेंट कर सकते हैं और किराने की दुकान में बिलिंग भी करवा सकते हैं। लेकिन आप यह बात शायद ही जानते होंगे कि एटीएम कार्ड धारकों को इंश्योरेंस कवर भी मिलता है। अगर आप यह बात नहीं जानते हैं तो यह खबर आपके काम की है। हम अपनी इस खबर के माध्यम से आपको इसकी विस्तार से जानकारी दे रहे हैं।
इंश्योरेंस कवर का दायरा: लगभग सभी बैंक फिर वो चाहे सार्वजनिक क्षेत्र (सरकारी) के हों या फिर निजी क्षेत्र (प्राइवेट) के चालू बैंक खाते पर ग्राहक को एक्सीडेंटल हॉस्पिटलाइजेशन कवर या एक्सीडेंटल डेथ कवर देते हैं। इस क्राइटेरिया के तहत दिए जाने वाले कवर की रेंज 50,000 से दस लाख रुपए तक होती है। हालांकि कुछ बैंक क्रेडिट कार्ड पर भी कवर की सुविधा देते हैं। हालांकि इसके लिए आपको अपना बैंक खाता चालू रखना होगा।

इंश्योरेंस के लिए कैसे करें क्लेम?

अगर किसी एटीएम होल्डर की मौत हो जाती है तो उसके परिजनों को दो से पांच महीनों के भीतर बैंक की उस ब्रांच को जानकारी देनी होगी जहां उसका अकाउंट है। उसी ब्रांच में मुआवजे का एप्लीकेशन देना होगा। मुआवजा देने के पहले बैंक यह चेक करेगा कि संबंधित व्यक्ति ने 60 दिनों के अंदर वित्तीय लेनदेन किया है या नहीं। इस इन्श्योरेंस में विकलांगता से लेकर मौत होने तक पर अलग-अलग तरह के मुआवजे का प्रावधान है। साधारण एटीएम, मास्टरकार्ड, क्लासिक एटीएम पर अलग-अलग तरह की मुआवजा राशि मिलती है। इतना ही नहीं आप बैंक में जाकर यह पता कर सकते हैं कि आपके कार्ड पर कितने का बीमा कवर मिला हुआ है।

क्लेम के लिए देने होते हैं कौन से दस्तावेज?

इस तरह के इंश्योरेंस को क्लेम करने के लिए जिस व्यक्ति का एक्सीडेंट हुआ है या मृतक से जुड़े सभी डॉक्युमेंट्स का होना जरूरी होता है। संबंधित व्यक्ति अगर अस्पताल में है तो उसके सभी मेडिकल डॉक्युमेंट भी पेश करने होते हैं। इसके अलावा अगर उसकी मृत्यु हो गई है तो उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट, पुलिस रिपोर्ट, डेथ सर्टिफिकेट और ड्राइविंग लाइसेंस भी उपलब्ध करवाने होते हैं।

क्लेम से बचने को एटीएम कार्ड पर 10 लाख तक के बीमे का प्रचार नहीं करते बैंक
एटीएम कार्ड का इस्तेमाल करने वाले अधिकतर लोगों को जानकारी नहीं है कि उनके डेबिट कार्ड पर मुफ्त दुर्घटना बीमा की सुविधा बैंक की तरफ से दी जाती है। बीमा की राशि 50 हजार से 10 लाख रुपये तक होती है। बैंक इसे प्रचारित नहीं करते, नतीजा यह कि कोई पीड़ित बीमे का लाभ नहीं ले पाता। बैंक खाता खोलने पर बैंक से मिलने वाली किट पर छोटे शब्दों में इसका उल्लेख होता है जिसपर ग्राहक की नजर नहीं जाती।
एटीएम डेबिट कार्ड पर ग्राहकों को मिलने वाले दुर्घटना बीमा की लिमिट हर बैंक में अलग-अलग होती है। इसके लिए बैंकों की ओर से शर्त है कि एटीएम कार्ड एक्टिव हो और 90 दिनों में कम से कम एक बार उससे ट्रांजेक्शन जरूर हुआ हो। बीमा योजना के प्रचार-प्रसार न करने के बारे में बैंक अधिकारियों का तर्क होता है कि जिस वक्त ग्राहक का बैंक में खाता खुलता है उस वक्त यह जानकारी दी जाती है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय प्रमुख गुना नंद गामी ने बताया कि यूनियन बैंक ग्राहकों को एटीएम कार्ड पर दो लाख तक का बीमा देता है। एचडीएफसी बैंक के क्लस्टर हेड अजय गुप्ता ने बताया कि एचडीएफसी बैंक में अलग-अलग कार्ड पर अलग-अलग लिमिट है। प्लैटिनम कार्ड धारक का 10 लाख तक का बीमा होता है।
पंजाब नेशनल बैंक मंडलीय कार्यालय के मुख्य प्रबंधक यशोदा नंद पांडेय ने बताया कि उनके बैंक में 50 हजार से पांच लाख तक का बीमा ग्राहकों को दिया जाता है। क्लेम के लिए खाताधारक का जहां खाता है वहां जाकर आवेदन करना होता है और बैंक इंश्योरेंस कंपनी को आगे की कार्यवाही के लिए प्रेषित करता है। एक महीने के अंदर बीमा की रकम परिवार को मिल जाती है।

जानकारी के अभाव में दावे नहीं

एटीएम कार्डधारकों को बीमा की जानकारी नहीं होने के कारण बैंकों में मृत्युपरांत दावे नहीं के बराबर आते हैं। एक साल में किस बैंक में कितने ऐसे दावे भुगतान के लिए आते हैं? पूछने पर बैंक अधिकारियों ने माना कि क्लेम से बचने के लिए इसे प्रचारित नहीं किया जाता.

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