देश का सबसे बड़ा भारी वाहन झूला पुल लोकार्पित

उत्तराखंड: बहुप्रतिक्षित डोबरा-चांठी पुल जनता को समर्पित, मुख्य मंत्री त्रिवेंद्र ने किया लोकार्पण
डोबरा चांठी पुल
देश का पहला सबसे लंबा भारी वाहन झूला पुल डोबरा-चांठी रविवार को जनता को समर्पित हो गया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पुल का लोकार्पण किया। सीएम ने कहा कि आईटीबीपी जल्द ही झील में वाटर स्पोर्ट्स की गतिविधियां शुरू करेगी।
जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए सरकार जल्द ही 700 डॉक्टरों और एक हजार नर्सों की नियुक्ति करने जा रही है। सीएम ने जनता इंटर कॉलेज मांजफ के राजकीयकरण करने की घोषणा की।
टिहरी झील के ऊपर करीब तीन सौ करोड़ की लागत से बने 725 मीटर लंबे डोबरा-चांठी पुल का लोकार्पण करते हुए मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि राज्य स्थापना दिवस और दीपावली का प्रतापनगर की जनता को यह सबसे बड़ा तोहफा है। पुल से टिहरी और उत्तराखंड के लिए विकास का बड़ा द्वार खुल गया है।
टिहरी बांध से उत्पन्न बिजली और पानी से उत्तर प्रदेश, दिल्ली सहित देश के अन्य कई राज्यों को लाभ मिल रहा है, लेकिन यह बांध प्रतापनगर के लिए अभिशाप माना जा रहा था। भाजपा सरकार ने बांध प्रभावितों के दुखों को समझते हुए पुल निर्माण पूरा करवाया।

इसके लिए राज्य के बजट से कटौती कर करीब 88 करोड़ एकमुश्त अवमुक्त कराए। टिहरी सांसद मालाराज्य लक्ष्मी शाह, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा प्रतापनगर अब विकास की मुख्य धारा से जुड़ गया है। प्रतापनगर विधायक विजय सिंह पंवार ने पुल के लिए क्षेत्रीय जनता के संघर्ष को याद किया।

इस मौके पर टिहरी विधायक डॉक्टर धन सिंह नेगी,घनसाली शक्ति लाल शाह,जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण, भाजपा जिलाध्यक्ष विनोद रतूड़ी,रोशनलाल सेमवाल,अब्बल सिंह बिष्ट,अतर सिंह तोमर,ब्लॉक प्रमुख प्रदीप चंद रमोला, सुनीता देवी,बसुमति घणाता,प्रभा बिष्ट,गोविंद रावत,हर्षमणी सेमवाल,खेम सिंह चौहान,जयेंद्र सेमवाल,त्रिलोक रावत, परमवीर पंवार,भान सिंह नेगी,बेबी असवाल,विक्रम कैठत आदि उपस्थित रहे। इससे पहले मुख्यमंत्री ने जिले की चार अरब 73 करोड़ आठ हजार की योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण भी किया।

कम समय देते हैं, फिर कहते हैं सांसद बोलतीं नहीं

डोबरा-चांठी पुल लोकार्पण पर टिहरी सांसद मालाराज्य लक्ष्मी शाह ने कहा कि जब से सांसद बनीं तब से पुल का निर्माण पूरा करना मेरे लिए सबसे बड़ी चुनौती थी। सरकार ने पुल का तोहफा दे दिया मुझे बड़ी खुशी है। बोलना बहुत कुछ था, लेकिन मुझे बोलने के लिए बहुत कम समय देते हैं। फिर बाद में कहते भी हैं कि सांसद बोलती नहीं।

टिहरी का डूबना था बड़ा भावुक क्षण : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने कहा कि टिहरी झील बनते समय मैने गांवों को डूबते हुए भी देखा,जिस दिन कंडल गांव डूब रहा था उस दिन मैं स्वयं वही था। बड़ा भावुक क्षण था। पुरखों से विरासत में मिली परिसंपत्तियां,मकान और खेतों को डूबता देख हर किसी के आंखों में आंसू थे। सरकार बांध प्रभावितों के आंसू पौछने का काम कर रही है।
टिहरी को 13 डिस्ट्रिक्ट-13 डेस्टिनेशन में शामिल किया है। भविष्य में डोबरा पुल और टिहरी झील पर्यटन का बड़ा केंद्र बनने जा रही है। भविष्य में झील लाखों लोगों को रोजगार देगी। कहा कि सरकार जीरो टॉलरेंस पर कार्य कर रही है। भ्रष्टाचार के खिलाफ धर्मयुद्ध शुरू किया है। किसानों के कल्याण को सरकार बिना ब्याज तीन लाख और महिला समूहों को पांच लाख तक ऋण दे रही है।
इस ब्रिज से टिहरी जिले के प्रतापनगर क्षेत्र की करीब ढ़ाई लाख की आबादी को लाभ मिलेगा। इस ब्रिज के निर्माण का कार्य 2006 में शुरू हुआ था। डिजाइन फेल होने समेत तमाम कारणों के चलते लंबे समय तक निर्माण कार्य रुका रहा। ब्रिज की कुल लंबाई 725 मीटर है। इसमें सस्पेंशन ब्रिज 440 मीटर लंबा है, जबकि 260 मीटर आरसीसी डोबरा क्षेत्र की ओर और 25 मीटर स्टील गार्डर चांठी की ओर है। इस पर 15 टन तक भारी वाहन गुजर सकते हैं।
टिहरी झील पर बने देश के सबसे लंबे सस्पेंशन पुल डोबरा चांठी के लोकर्पण अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि डोबरा पुल सिर्फ प्रतापनगर ओर टिहरी ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में पर्यटन की नई परिभाषा है। इससे दुनिया भर के पर्यटक यहां आएंगे और डोबरा नया पर्यटक स्थल बनेगा।

जानें- इसकी विशेषता

डोबरा-चांठी सस्पेंशन ब्रिज (झूला पुल) बनकर तैयार है। पुल के बनने से करीब ढाई लाख की आबादी की मुश्किलें कम हो जाएंगी। पहले जहां प्रतापनगर के लोगों को नई टिहरी बाजार पहुंचने में करीब चार से पांच घंटे लगते थे, लेकिन अब पुल के बनने के बाद ये दूरी घटकर सिर्फ डेढ़ से दो घंटे रह जाएगी। इसके साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा के हालातों में भी सुधार होगा। डोबरा-चांठी सस्पेंशन ब्रिज झूला पुल का निर्माण कार्य वर्ष 2006 में शुरू हुआ था, लेकिन लापरवाही और तकनीकी कमी के चलते पुल का डिजायन फेल हो गया। इस कारण वर्ष 2010 में पुल का काम बंद करना पड़ा। तब तक पुल निर्माण पर 1.35 अरब की रकम खर्च हो चुकी थी। इसके बाद वर्ष उत्तराखंड सरकार ने पुल का नया डिजायन बनाने के लिए अंतराष्ट्रीय टेंडर किए। जिसके बाद दक्षिण कोरिया की कंपनी योसीन ने पुल का नया डिजायन बनाया और लोनिवि निर्माण खंड ने 1.35 अरब की लागत से 2016 में दोबारा निर्माण कार्य शुरू किय गया और अब पुल बन गया है।

एक बड़ी आबादी को जोड़ेगा पुल

टिहरी बांध प्रभावित टिहरी जिले के प्रतापनगर और उत्तरकाशी जिले के गाजणा क्षेत्र की एक बड़ी आबादी को जोड़ने वाले डोबरा-चांठी पुल की कुल लंबाई 725 मीटर है। इसमें सस्पेंशन ब्रिज 440 मीटर लंबा है। इसमें 260 मीटर आरसीसी डोबरा साइड और 25 मीटर स्टील गार्डर चांठी साइड है। इस पुल की कुल चौड़ाई सात मीटर है, जिसमें मोटर मार्ग की चौड़ाई साढ़े पांच मीटर है, जबकि फुटपाथ की चौड़ाई 0.75 मीटर है।
फायर बिग्रेड का वाटर टैंकर दुर्घटनाग्रस्त,चार जवान घायल

नरेंद्रनगर से डोबरा-चांठी पुल के लोकार्पण कार्यक्रम में जा रहा फायर बिग्रेड का वाटर टैंकर गाजणा के पास अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिससे वाहन में सवार अग्निशमन विभाग के चार जवान घायल हो गए। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घायलों को जिला अस्पताल बौराड़ी में भर्ती कराया है। एक जवान को ज्यादा चोट आने पर उसे हायर सेंटर रेफर किया गया। थाना पुलिस ने बताया कि अग्निशमन विभाग का वाटर टैंकर रविवार सुबह डोबरा-चांठी मुख्यमंत्री की सुरक्षा में जा रहा था।

कोटीकालोनी रोड पर गाजणा गांव के पास वाहन अनियंत्रित होकर 100 मीटर गहरी खाई में गिर गया। दुर्घटना का पता चलते ही मौके पर पहुंची पुलिस फोर्स ने घायल चालक प्रवीण राणा, फायरमैन नरेंद्र तोमर, अभिषेक शर्मा और विक्रम तोमर को खाई से निकालकर जिला चिकित्सालय बौराड़ी में भर्ती कराया। थाना पुलिस ने बताया कि फायरमैन नरेंद्र तोमर को ज्यादा चोट आने पर जौलीग्रांट रेफर किया गया है, जबकि तीन अन्य जवानों को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। वाहन चालक ने दुर्घटना का कारण ब्रेक फेल होना बताया है।

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