वैक्सिनेशन: किसी राज्य में निरंतरता तो किसी में उतार- चढाव, क्या कहते हैं केंद्र के आंकड़े?

दिल्ली, राजस्थान, बंगाल और महाराष्ट्र ने की कोरोना वैक्सीन की कमी की शिकायत, जानें क्या कहते हैं केंद्र सरकार के आंकड़े?

Corona Vaccination: पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार में टीकाकरण केन्द्रों पर स्वास्थ्य अधिकारी टीका लिए खाली बैठे हैं. यहां हालात उससे अलग हैं.
दिल्ली, राजस्थान, बंगाल और महाराष्ट्र ने कोरोना वैक्सीन की कमी की शिकायत की है. बंगाल स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने सोमवार को कहा कि केन्द्र की ओर से कोविड-19 टीके की अनियमित आपूर्ति के कारण राज्य में टीकाकरण अभियान कछुए की गति से चल रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को सभी 23 जिलों में टीकों के समान वितरण में दिक्कत आ रही है.

उन्होंने कहा कि बंगाल को अभी तक टीके की 2.30 करोड़ खुराक मिली हैं और 1.77 करोड़ से ज्यादा लोगों ने पहली खुराक और 62 लाख से ज्यादा लोगों दोनों खुराक ली है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने अपने कोष से 59 करोड़ रुपये खर्च करके टीके की 18 लाख खुराक खरीदी है. उन्होंने कहा कि राज्य के पास प्रतिदिन कम से कम पांच लाख लोगों को टीका लगाने की क्षमता और बुनियादी ढांचा है

उन्होंने कहा कि, ‘‘उत्तर प्रदेश और बिहार में टीकाकरण केन्द्रों पर स्वास्थ्य अधिकारी टीका लिए खाली बैठे हैं. यहां हालात उससे अलग हैं. हमें पर्याप्त खुराक नहीं मिल रही है. अगर आपूर्ति सामान्य होती तो हमने लाखों लोगों को टीके लगाए होते.’’

दिल्ली

दिल्ली में कोविशील्ड टीके का भंडार खत्म हो गया है, जिससे कुछ कोविड टीकाकरण केंद्र मंगलवार को बंद होने वाली है. अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. एक बुलेटिन के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार सुबह कोविशील्ड की 19,000 खुराक और कोवैक्सिन की 2,39,000 खुराकें थीं.

शहर में कोविड के टीकों की कमी का मुद्दा उठाते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया, ‘‘दिल्ली में वैक्सीन फिर ख़त्म हो गई है… केंद्र सरकार एक दो दिन की वैक्सीन देती है, फिर हमें कई दिन वैक्सीन केंद्र बंद रखने पड़ते हैं. केंद्र सरकार की क्या मजबूरी है…इतने दिन बाद भी हमारे देश का वैक्सीन प्रोग्राम लड़खड़ा कर क्यूँ चल रहा है?’’

बुलेटिन में कहा गया है कि सोमवार को कुल 36,238 टीके की खुराक दी गई, जिससे दिल्ली में अब तक दी गई खुराकों की कुल संख्या 89,37,904 हो गई है. शहर में सरकारी टीकाकरण केंद्र रविवार को बंद रहे.

राजस्थान

राजस्थान के स्वास्थ्य सचिव सिद्धार्थ महाजन ने सोमवार को कहा कि टीके की कमी के चलते 33 जिलों में से 25 जिलों में कोविड-19 टीकाकरण का सत्र आयोजित नहीं हुआ. उन्होंने बताया कि राज्य को टीके की आठ लाख खुराक सोमवार रात को मिलेगी, जिसका उपयोग राज्य में आगामी दो दिनों में किया जायेगा.

महाजन ने बताया कि राज्य ने जुलाई के लिये 1.5 करोड़ खुराक की मांग की थी लेकिन केन्द्र ने 65 लाख खुराक का आवंटन किया है. अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार ने केन्द्र को निजी अस्पतालों को आवंटित टीके को राज्य सरकार को आवंटन करने के लिये एक पत्र लिखा है.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नौ जुलाई को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को एक पत्र लिखकर राज्य को ना केवल टीके के आवंटन में वृद्धि करने के लिये बल्कि पूरा कोटा (100 प्रतिशत) आवंटन करने का आग्रह किया था.

महाराष्ट्र

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने सोमवार को कहा कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए राज्य की पूरी पात्र आबादी का जल्द से जल्द टीकाकरण करने के लिए प्रति माह कोविड रोधी टीके की कम से कम तीन करोड़ खुराक की जरूरत होगी.

राजेश टोपे ने कहा कि राज्य की प्रतिदिन 15 लाख लोगों के टीकाकरण की क्षमता है लेकिन ‘टीकों की कमी के कारण’ अभी एक दिन में केवल दो या तीन लाख लोगों को ही टीका लग पा रहा है.

मंत्री ने कहा, ‘‘तीन दिन पहले, हमें टीके की सात लाख खुराक मिलीं. आज दिन खत्म होने के साथ ही यह खेप भी खत्म हो जाएगी. अब तक हमें टीके की 3.60 करोड़ से अधिक खुराक मिली हैं जिनमें से करीब 25 लाख खुराक की राज्य सरकार ने सीधी खरीद की है.’’

राज्य में टीकों के अभाव के बारे में एक सवाल के जवाब में टोपे ने कहा, ‘‘हम अपनी क्षमता से कम काम कर पा रहे हैं.’’ उन्होंने कहा कि टीकों की ठीक तरह से आपूर्ति होती है तो पूरी पात्र आबादी के टीकाकरण का लक्ष्य जल्द से जल्द प्राप्त किया जा सकेगा.

गुजरात में नहीं है वैक्सीन की कमी

गुजरात सरकार के अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि राज्य की जनता के कोरोना वायरस से बचाव के लिए केंद्र से अब तक कोविड रोधी टीके की ‘पर्याप्त’ खुराक मिली हैं और राज्य के पास अभी टीके की करीब सात लाख खुराक और है. अधिकारियों ने विश्वास जताया कि राज्य के सभी पात्र लोगों को इस साल के अंत तक टीका लगा दिया जाएगा.

राज्य के टीकाकरण अधिकारी डॉक्टर. नयन जानी ने बताया कि राज्य की मांग और आवश्यकता के अनुरूप गुजरात सरकार को कोविड-19 रोधी टीके ‘कोवैक्सीन’ और ‘कोविशील्ड’ की अब तक करीब 2.8 करोड़ खुराक मिली हैं.

कोविड रोधी टीकाकरण के दैनिक औसत में आई गिरावट
कोरोना वायरस रोधी टीकाकरण के दैनिक औसत में 21 जून से कमी देखी जा रही है, जब देश में कोविड-19 टीकाकरण का नया चरण आरंभ हुआ था. सरकारी आंकड़ों से यह पता चला है.

कोविन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक 21-27 जून वाले हफ्ते में प्रत्येक दिन कोविड रोधी टीके की औसतन 61.14 लाख खुराक दी गईं. इसके बाद के हफ्ते में 28 जून से 4 जुलाई के बीच यह आंकड़ा कम होकर प्रतिदिन 41.92 लाख खुराक रह गया. 5 से 11 जुलाई वाले हफ्ते में प्रतिदिन लगाई गई टीके की खुराकों की औसत संख्या और कम होकर 34.32 लाख रह गई.

राज्यों में टीकाकरण को लेकर मिलीजुली प्रवृत्ति देखने को मिली है, जिसमें कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में टीकाकरण की दर में निरंतरता है जबकि कहीं इसमें गिरावट आई है.

कोविन के आंकड़ों के मुताबिक हरियाणा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात और छत्तीसगढ़ में 21-27 जून वाले हफ्ते से औसत दैनिक टीकाकरण में गिरावट देखी गई जबकि केरल, अंडमान निकोबार द्वीपसमूह, दादरा नागर हवेली और जम्मू-कश्मीर में दैनिक कोविड-19 टीकाकरण में निरंतरता देखी गई है.

असम और त्रिपुरा जैसे राज्यों में, जहां कोरोना वायरस के नए मामलों में वृद्धि देखी जा रही है वहां दैनिक औसत टीकाकरण में गिरावट देखी जा सकती है. इस गिरावट के बावजूद, कोविड रोधी टीकाकरण के इससे पहले के चरण के मुकाबले यहां दैनिक औसत टीकाकरण अधिक है. आंकड़ों के मुताबिक 14-20 जून वाले हफ्ते में दैनिक औसत टीकाकरण 33.97 लाख था.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और निजी अस्पतालों के पास कोविड-19 रोधी टीके की 1.54 करोड़ से अधिक अप्रयुक्त खुराकें मौजूद हैं. इसमें बताया गया कि टीके की कुल खुराकों में से 37,31,88,834 खुराकों (बेकार गई खुराकों समेत) का इस्तेमाल हुआ है.

खतरे के संकेत! तीसरी लहर की आहट के बीच फिर घटने लगा कोरोना वैक्सीनेशन – रिपोर्ट

कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए एकमात्र उपाय टीकाकरण ही है, लेकिन इसकी गति काफी धीमी हो गई है।

नई दिल्ली। महामारी कोरोना वायरस से बचने के लिए देशभर में टीकाकरण का अभियान चलाया जा रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार रोजाना टीकाकरण मामले में गिरावट दर्ज की है। पिछले कुछ दिनों से रोजाना 32.2 लाख वैक्सीन डोज तक कमी आई है। रिपोर्ट के अनुसार, यह आंकड़ा 5 जुलाई से लेकर 10 जुलाई के बीच का बताया जा रहा है। कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए एकमात्र उपाय टीकाकरण ही है, लेकिन इसकी गति काफी धीमी हो गई है। प्रतिदिन टीकाकरण मामले में गिरावट आना गहरी चिंता का विषय है। क्योंकि कोरोना की तीसरी लहर की आहट के बीच वैक्सीन में कमी खतरे के संकेत माना जा रहा है।

 

रोजाना 19 लाख वैक्सीन डोज की कमी

21 जून के शुरुआती हफ्ते में रोजाना करीब 61.1 लाख टीके लगाए जा रहे थे। इसके बाद 28 जून से 4 जुलाई तक यह आंकड़ा 42 लाख पर आ गया। रिपोर्ट के मुताबिक टीकाकरण में कम से चिंता बढ़ गई है। सरकार जुलाई में प्रतिदिन टीकाकरण का लक्ष्‍य 40 से 45 लाख वैक्‍सीन की डोज का रखा है। इस प्रकार से इस महीने करीब 12 करोड़ वैक्‍सीन डोज सप्‍लाई करने का लक्ष्‍य है। वहीं आज भी कई लोगों के मन में वैक्सीन को लेकर हिचक बनी हुई है। यह भी एक कारण माना जा रहा है।

इसलिए धीमी पड़ी वैक्सीनेशन की रफ्तार

मीडिया में चल रही रिपोर्ट्स के अनुसार, बेंगलुरु में स्थित भारत बायोटेक के प्‍लांट में कुछ खामियां के कारण वैक्‍सीनेशन की रफ्तार धीमी हुई है। इसका असर ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरों में साफ नजर आ रहा है। ग्रामीण इलाकों की बात करें तो 25 से 30 जून के बीच रोजाना वैक्‍सीन की 9.9 लाख डोज लग रही थीं। अब 1 से 9 जुलाई के बीच इसकी संख्या 8 लाख डोज के करीब पहुंच गई है। वहीं शहरों में 25 से 30 जून के बीच कोरोना वैक्‍सीन की रोजाना डोज 8 से 31.8 लाख के बीच थी। अब यह घटकर 1 जुलाई से 9 जुलाई के बीच सिर्फ 7.6 लाख डोज पर आ गई है।

आर वैल्यू में भी गिरावट

एक रिपोर्ट के अनुसार, 20 जून से लेकर 7 जुलाई तक पूरे देश की आर वैल्‍यू 0.88 थी। यह आर वैल्‍यू 15 मई से 26 जून के बीच 0.78 थी। यानी हर 100 संक्रमित लोगों का समूह अब औसतन 88 लोगों को संक्रमित कर रहा है। हालांकि पिछले कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण मामले में लगातार गिरावट देखी जा रही है। लेकिन कोविड की तीसरी लहर ने सभी की चिंता बढ़ा दी है।

आने वाले दिनों तेज होगी वैक्सीनेशन की रफ्तार
केंद्र सरकार दावा कर रही है कि कोरोना के खिलाफ देशभर में जंग जारी है। केंद्र राज्यें सरकारों के सहयोग से वैक्सीनेशन अभियान चल रही है। आने वाले दिनों में वैक्सीन की डोज की रफ्तार को तेज करने की योजना बना ली है। सरकार का तीसरी लहर आने से सभी के लिए वैक्सीन की डोज उपलब्धत का लक्ष्य है।

 

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