राज्य स्थापना दिवस:महिला,युवा-बाल कल्याण योजनाएं और चार उत्तरांखड गौरव सम्मान

*मा. राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु की उपस्थिति में पुलिस लाईन देहरादून में राज्य स्थापना दिवस का भव्य कार्यक्रम सम्पन्न*

*राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की महत्वपूर्ण घोषणाएं*

*राज्य में महिला नीति को शीघ्र लागू किया जाएगा*

*जरूरतमंद परिवारों हेतु ’’मुख्यमंत्री कन्या सामूहिक विवाह’’ योजना शुरू की जाएगी*

*ड्रग फ्री उत्तराखंड का स्वप्न साकार करने को ’’नशा मुक्त ग्राम’’ और ’’नशा मुक्त शहर’’ की योजना*

’’ *बाल श्रम उन्मूलन’’ को विशिष्ट कार्ययोजना बनाई जाएगी*

देहरादून 09 नवंबर। उत्तराखण्ड के राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर पुलिस लाईन, देहरादून में आयोजित कार्यक्रम के अवसर पर राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने समस्त उत्तराखंडवासियों को बधाई एवं शुभकामनाए दी। अपने सम्बोधन में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि राज्य गठन के बाद नई पहचान के साथ उत्तराखंड के परिश्रमी लोगों ने राज्य के लिए विकास और प्रगति के नित-नूतन शिखरों पर अपने कदम जमाए हैं। भगवान शिव और भगवान विष्णु के आशीर्वाद-स्वरूप देवालयों से पवित्र उत्तराखंड को ‘देव-भूमि’ कहने की परंपरा वंदनीय है। पर्वतराज हिमालय की पुत्री देवी पार्वती एवं शक्ति के अन्य पूजनीय स्वरूपों से ऊर्जा प्राप्त करने वाली तथा गंगा-यमुना जैसी नदी-माताओं के स्नेह से सिंचित यह पावन धरती ‘देवी-भूमि’ है भी । यह क्षेत्र ‘जय महा-काली’ और ‘जय बदरी-विशाल’ के पवित्र उद्घोष से गुंजायमान रहता है। हेमकुन्ट साहिब और नानक-मत्ता से निकले गुरबानी के स्वर यहां के वातावरण को पावन बनाते हैं। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू ने कहा कि पिछले वर्ष दिसंबर में मुझे उत्तराखंड यात्रा का सु-अवसर मिला था। उत्तराखंड में आने का प्रत्येक अवसर तीर्थ-यात्रा के पुण्य की तरह होता है। उत्तराखंड की इस देव-भूमि से मैं सभी देशवासियों को दीपावली की अग्रिम शुभकामनाएं व्यक्त करते हुए महा-लक्ष्मी से यह प्रार्थना करती हूं कि उत्तराखंड सहित समस्त भारत को वे धन-धान्य तथा सुख और आरोग्य से परिपूर्ण करें।

राष्ट्रपति ने स्मरण किया उत्तरांखड का महिला गौरव 

राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू ने कहा कि उत्तराखंड की अलग पहचान और स्थापना को संघर्ष करने वाली स्वर्गीय श्रीमती सुशीला बलूनी को इस राज्य के सभी निवासी तो याद रखेंगे ही, नारी में संघर्ष की शक्ति के उदाहरण के रूप में उन्हें सभी देशवासी भी सदैव स्मरण करेंगें। श्रीमती सुशीला बलूनी का अदम्य साहस यहां की महिलाओं की गौरवशाली परंपरा के अनुरूप था। श्रीमती बिशनी देवी शाह ने स्वाधीनता संग्राम में असाधारण साहस दिखाया था। माउण्ट एवरेस्ट पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने वाली प्रथम महिला बछेन्द्री पाल और पेड़ों की रक्षा को विकट संघर्ष करने वाली गौरा देवी जैसी उत्तराखंड की महिलाएं देश के लिए आदर्श  हैं। हाल ही में उत्तराखंड की बेटी वंदना कटारिया ने एशियन गेम्स में शानदार प्रदर्शन किया है। ऐसी महिलाओं ने उत्तराखंड की संस्कृति मजबूत बनाई है। नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 का अनुमोदन करते मुझे विशेष प्रसन्नता हुई थी क्योंकि यह अधिनियम उत्तराखंड सहित देश की बहनों और बेटियों के लिए राष्ट्र-निर्माण में योगदान हेतु मार्ग प्रशस्त करता है।

वीर प्रसवा भूमि 

उत्तराखंड की भूमि वीर-प्रसवा रही है। स्वाधीनता के बाद के सभी युद्धों में उत्तराखंड के वीरों ने सर्वोच्च बलिदान दिया है। मैं उन सभी वीरों और वीर-भूमि उत्तराखंड को नमन करती हूं। भारतीय सेना में भारत-माता की रक्षा में यहां के युवा गर्व की अनुभूति करते हैं। राष्ट्र की रक्षा के प्रति उत्साह का यह भाव सभी देशवासियों के लिए अनुकरणीय है। हमारी थल सेना की कुमाऊं रेजीमेण्ट एवं गढ़वाल रेजीमेण्ट का नाम उत्तराखंड के क्षेत्रीय आधार पर है। यह उत्तराखंड की शौर्य परंपरा  रेखांकित करता है। भारत के प्रथम चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ बिपिन रावत इसी धरती के सपूत थे। हमारे वर्तमान चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ जनरल अनिल चौहान भी उत्तराखंड निवासी ही हैं।

राज्य प्रगति के पथ पर 

राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू ने कहा कि उत्तराखंड की फिजिकल एवं डिजिटल कनेक्टिविटी निरंतर बढ़ रही है। भारत की अध्यक्षता में जी 20 गतिविधियों के क्रम में जी 20 के इन्फ्रस्ट्राक्चर की एक बैठक ऋषिकेश में सम्पन्न हुई थी जिसमें विश्व-स्तरीय इन्फ्रस्ट्राक्चर निर्माण को सार्थक चर्चाएं हुईं। उत्तराखंड में इन्फ्रस्ट्राक्चर डेवपलपमेंट तेज गति से हो रहा है। आपदा प्रबंधन पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उत्तराखंड में बहु-आयामी प्रगति से निवेशकों में उत्साह बढ़ रहा है। मुझे बताया गया है कि दिसंबर में देहरादून में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट होगा। इस जानकारी से मुझे प्रसन्नता हुई है कि पिछले सप्ताह तक ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तैयारी को आयोजित रोड शो में 81,500 करोड़ रुपए से अधिक के समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए और इस राशि में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है। निवेशकों में उत्तराखंड के प्रति बढ़ते उत्साह को कार्यरूप देने को प्रयास हो रहे हैं। इन प्रयासों से उत्तराखंड के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगें।

राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू ने कहा कि मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि उत्तराखंड के विकास में ईकॉलॉजी एवं ईकॉनॉमी दोनों पर ज़ोर  है। राज्य सरकार की ग्रॉस इन्वायरमेंट प्रॉडक्ट यानी जीईपी के आकलन की पहल सराहनीय है। प्राकृतिक संपदा परिपूर्ण इस राज्य में स्टेट जीडीपी के साथ-साथ साथ स्टेट जीईपी से सतत विकास को बल मिलेगा। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू ने कहा कि मैं उत्तराखंड के निरंतर विकास को राज्यवासियों को शुभकामनाएं देती हूं। राज्य के विकास को राज्यपाल के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री के सक्रिय नेतृत्व से दिशा और शक्ति प्राप्त हो रही है। इसके लिए उन्होंने राज्य सरकार की पूरी टीम की सराहना की। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू ने कहा कि मेरा विश्वास है कि देवी-देवताओं के विशेष आशीर्वाद से समृद्ध इस पावन भूमि के निवासी सुख, समृद्धि और विकास की नई ऊंचाइयों तक अवश्य पहुंचेंगे।

राज्यपाल का डिजिटल क्रांति और साइबर सिक्योरिटी पर जोर 

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) ने राज्य स्थापना दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए अमर शहीदों और वीर आंदोलनकारियों को नमन किया। उन्होंने राष्ट्रपति का हार्दिक आभार और अभिनंदन करते हुए कहा कि उनकी गरिमामयी उपस्थिति से पूरा उत्तराखंड उल्लसित है। उन्होंने राज्य गौरव सम्मान से सम्मानित हुए महानुभावों को भी बधाई दी।

राज्यपाल जनरल गुरमीत सिंह ने कहा कि हम डिजिटल क्रांति में आगे बढ़ रहें हैं। साइबर सिक्योरिटी हमारी सबसे बड़ी चुनौती है। इसमें नवीनतम टेक्नोलॉजी सुरक्षा उपायों में शामिल करने को आगे बढ़ रहे है। सरकार पारदर्शी और प्रोएक्टिव पुलिसिंग को बढ़ावा दे रही है। महिला सुरक्षा, बालिका सुरक्षा को सुनिश्चित कर अपराध नियंत्रण राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि आज उत्तराखण्ड विकास के कई पैमानों पर देश के अग्रणी राज्यों में  है।

राज्यपाल जनरल गुरमीत सिंह ने कहा कि उत्तराखण्ड की इस पवित्र धरती पर विश्वभर  से लोग यात्रा करने आते हैं। आदि कैलाश और जागेश्वर धाम में प्रधानमंत्री मोदी के भ्रमण से मानसखण्ड क्षेत्र को देश और दुनिया में नई पहचान मिली है। उन्होंने कहा कि सीमांत गांव हमारे देश के पहले गांव बने हैं इनका इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

राज्यपाल जनरल गुरमीत सिंह ने कहा कि उत्तराखण्ड की  परिश्रमी एवं सशक्त महिलाएं सामाजिक-आर्थिक व्यवस्था की रीढ़ हैं। प्रदेश में महिला स्वयं सहायता समूह उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं। उत्तराखण्ड आर्थिक प्रगति को तेज गति से आगे बढ़ रहा है। उत्तराखण्ड राज्य की विकास दर और प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि हो रही है। हमारी जिम्मेदारी है कि विकास का समान लाभ गरीबों, वंचितों, किसानों और उत्तराखण्ड के दूर-दराज में रहती माताओं, बहनों, युवाओं, किसानों और व्यापारियों तक पहुंचे।

मुख्यमंत्री ने गिनाई सरकार की पहल, महिला, युवा तथा बाल कल्याण योजनाओं की घोषणा 

प्रदेशवासियों को राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएँ एवं बधाई देते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड राज्य निर्माण में योगदान देने वाले सभी अमर शहीदों एवं राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धापूर्वक नमन किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने भारत माता की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले उत्तराखंड के वीर जवानों को भी उत्तराखंड की समस्त जनता की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने पुलिस के उन शहीद जवानों व अधिकारियों का भी स्मरण किया जिन्होंने प्रदेश एवं समाज में शांति स्थापित करने को अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में कहा कि इस पावन अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न परम श्रद्धेय स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी का भी स्मरण करना आवश्यक है जिनके प्रधानमंत्रित्व काल में उत्तराखंड राज्य का स्वप्न साकार हुआ था। यह हमारा कर्तव्य है कि स्वर्गीय अटल द्वारा पुष्पित-पल्लवित इस युवा उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने को पूरी निष्ठा से निरंतर प्रयासरत रहें।
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राष्ट्रपति जी का अत्यंत कठिन जीवन संघर्ष, अदम्य साहस और प्रेरणास्पद राजनीतिक यात्रा प्रत्येक भारतीय को प्रेरित करती है। राष्ट्रपति जी की जीवन यात्रा हम सबके लिए इसलिए भी प्रेरणादायी है, क्योंकि उन्होंने अपने जीवन में आई समस्त कठिनाइयों को अपनी शक्ति बनाकर जीवन समर में विजय प्राप्त की। राष्ट्रपति जी भारतवर्ष के समस्त नागरिकों विशेष रूप से गरीबों, शोषितों और वंचितों के लिए आशा की किरण हैं, वे सच्चे अर्थों में महिला सशक्तिकरण का जीता जागता प्रतीक हैं। राष्ट्रपति जी सदैव ’’सादा जीवन-उच्च विचार’’ के मूल मंत्र पर चलती रहीं और यही कारण है कि आज जन-जन के भीतर यही भाव है कि उनके बीच से निकली एक आम महिला देश की प्रथम नागरिक है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से हमारी सरकार उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने को दिन रात कार्य कर रही हैं। हमारी सरकार विकास को प्रतिबद्ध, जनता के प्रति जवाबदेह, भरोसेमंद तथा अपने कार्य में दक्ष है। 23 वर्ष में बहुत से काम पहली बार हुए हैं। 23 वर्ष में पहली बार भर्ती घोटाला करने वालों पर कड़ी क़ानूनी कार्रवाई को हमने नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण रोकने को कानून लागू किया, सामान नागरिक आचार संहिता कानून लागू करने को तैयारी, महिलाओं के लिये 30 प्रतिशत के क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था, भ्रष्टाचारियों पर सख्त कार्यवाही, राजस्व पुलिस की जगह रेगुलर पुलिस की तैनाती हुई है। आपदा प्रबंधन पर विश्व स्तरीय कार्यक्रम उत्तराखंड में हो रहा है। 23 वर्ष में पहली बार उत्तराखंड, डेस्टिनेशन उत्तराखंड के रूप में निवेश का हब बन रहा है। हमारी मेहनत आपके सामने है और हमारा संकल्प है कि हम इसी तरह कार्य करते रहेंगे। सरकार का एकमात्र लक्ष्य है-उत्तराखण्ड का विकास। हमारा एकमात्र ध्येय है-उत्तराखण्ड की प्रगति, इस ध्येय प्राप्ति को हम पूरी निष्ठा और समर्पण से सेवा में जुटे हुए हैं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की कि प्रदेश की मातृशक्ति के समग्र विकास एवं सशक्तिकरण को हमने ’’महिला नीति’’ बनाई है, जिसको शीघ्र ही लागू किया जाएगा। देवभूमि का भविष्य सुरक्षित रखने हेतु ’’बाल श्रम उन्मूलन’’ को समस्त विभागों के समन्वय के साथ एक विशिष्ट कार्ययोजना बनेगी। ड्रग फ्री उत्तराखंड का स्वप्न साकार करने को हम ’’नशा मुक्त ग्राम’’ और ’’नशा मुक्त शहर’’ की योजना लाएं हैं, ऐसे क्षेत्रों को विशेष प्रोत्साहन देंगें। राज्य निर्माण में मातृशक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका रही है और महिलाएं राज्य की रीढ़ हैं। जरूरतमंद परिवारों को आवश्यक सहायता को ’’मुख्यमंत्री कन्या सामूहिक विवाह’’ योजना शुरू की जाएगी। राज्य सरकार इस तरह के आयोजनों की जिला स्तरीय  व्यवस्था करेगी।

चार राज्य विभूतियों को उत्तराखंड गौरव सम्मान 

राज्य स्थापना दिवस पर राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने राज्य की चार विभूतियों श्रीमती माधुरी बड़थ्वाल, श्रीमती बसंती बिष्ट, श्री सच्चिदानंद भारतीय तथा श्री राजेन्द्र सिंह बिष्ट को विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट सेवा हेतु उत्तराखण्ड गौरव सम्मान से सम्मानित किया ।

पुलिस लाईन देहरादून में आयोजित राज्य स्थापना दिवस के भव्य कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने परेड का निरीक्षण एवं मार्च पास्ट किया। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रपति को स्मृति चिह्न भेंट किया। इस अवसर पर उत्तराखण्ड की उपलब्धियों पर एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। उत्तराखण्ड के विभिन्न विभागों ने झांकियों एवं उत्तराखण्ड पुलिस ने साहसिक प्रदर्शन किया।

राज्य स्थापना दिवस कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु खंडूड़ी, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, डॉक्टर धन सिंह रावत, प्रेमचंद अग्रवाल, विधायक खजान दास, मुख्य सचिव डॉक्टर सुरजीत सिंह संधू, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं गणमान्य उपस्थित रहे।

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