‘द केरल स्टोरी’ फिल्म से कांग्रेस-वामपंथी परेशान,बैन करने की मांग

The Kerala Story: कांग्रेस ने लगाई ‘द केरल स्टोरी’ पर रोक की गुहार, कहा- राज्य की छवि खराब करने की कोशिश है यह

The Kerala Story: Congress urges state government not to give permission to screen Sudipto Sen and Adah film1 of 5
द केरल स्टोरी – फोटो : सोशल मीडिया

कांग्रेस ने फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ की स्क्रीनिंग पर रोक की गुहार लगाई है। कांग्रेस का कहना है कि फिल्म में गलत दावे किए गए हैं और इसके चलते समाज में सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है। कांग्रेस ने शुक्रवार को सरकार से इस फिल्म की स्क्रीनिंग की इजाजत नहीं देने का अनुरोध किया है।

फिल्म मेकर्स के अनुसार सुदीप्तो सेन द्वारा निर्देशित ‘द केरल स्टोरी’, दक्षिणी राज्य में कथित रूप से लापता हुईं 32 हजार महिलाओं के पीछे की घटनाओं का खुलासा करती है। कथित तौर पर इन लापता महिलाओं को कट्टरपंथी बनाकर भारत और दुनिया के तमाम आतंकी मिशनों में तैनात किया गया।

वहीं, केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने फिल्म निर्माताओं के इन सभी दावों को खारिज करते हुए कहा कि इस आगामी फिल्म का इरादा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राज्य की छवि खराब करना है। वी डी सतीशन ने कहा, ‘ऐसी फिल्म के प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए, जो झूठा दावा करती है कि केरल में 32,000 महिलाओं ने धर्म परिवर्तन कर इस्लाम अपनाया और फिर आईएसआईएस की सदस्य बन गईं।’

सतीशन ने एक बयान में कहा कि ‘फिल्म का ट्रेलर ही बताता है कि फिल्म क्या कहना चाह रही है। यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मुद्दा नहीं है, बल्कि अल्पसंख्यक समूहों पर आक्षेप लगाकर समाज में विभाजन पैदा करने के संघ के एजेंडे को लागू करने के प्रयास का हिस्सा है।’ उन्होंने कहा कि किसी को भी यह नहीं सोचना चाहिए कि सांप्रदायिकता का जहर उगलकर केरल को विभाजित किया जा सकता है। इसके खिलाफ राज्य एकजुट होकर खड़ा होगा।

आपको बता दें कि ‘द केरल स्टोरी’ स्टोरी पांच मई 2023 को रिलीज होगी। इस फिल्म को विपुल अमृतलाल शाह ने प्रोड्यूस किया है और एक्ट्रेस अदा शर्मा इसमें लीड किरदार निभाती हुई नजर आएंगी।

 

The Kerala Story Controversy Amid Ban Demand Vipul Shah Says Our Story Is About Victimised Girls And Not Love Jihad
The Kerala Story पर बढ़ा विवाद! बैन की मांग के बीच बोले विपुल शाह- फिल्‍म लव जिहाद पर नहीं, पीड़‍ितों की है

 

‘द केरल स्‍टोरी’ जहां एक ओर 5 मई को रिलीज की तैयारी कर रही है, वहीं कांग्रेस से लेकर वाम दल इस पर बैन लगाने की मांग कर रहे हैं। आरोप है कि फिल्‍म से केरल की खराब इमेज दिखाने की कोश‍िश की जा रही है और यह सांप्रदाय‍िक सद्भाव के ख‍िलाफ है। इस पर अब फिल्‍म के प्रोड्यूसर विपुल शाह ने चुप्‍पी तोड़ी है।

हाइलाइट्स
1-‘द केरल स्‍टोरी’ की रिलीज पर बैन लगाने की मांग, फिल्‍ममेकर विपुल शाह ने दी सफाई
2-विपुल शाह बोले- हम पीड़‍ित लड़कियों की कहानी के जरिए सिर्फ सच दिखा रहे हैं और कुछ नहीं
3-विपुल शाह बोले- राजनीतिक दल अगर अपनी विचारधारा के हिसाब से बोल रहे हैं तो क्‍या करें!

सुदीप्‍तो सेन के डायरेक्‍शन में बनी फिल्‍म ‘द केरल स्‍टोरी’ रिलीज से पहले ही विवादों का सामना कर रही है। फिल्‍म के ट्रेलर की रिलीज के साथ ही अब इसकी आलोचना हो रही है। कांग्रेस समेत मार्क्‍सवादी कम्‍यूनिस्‍ट पार्टी की यूथ विंग डीवाईएफआई और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) की यूथ लीग ने इस फिल्‍म की रिलीज पर बैन लगाने की मांग की है। फिल्‍म की कहानी चार महिलाओं की है, जो धर्म परिवर्तन कर हिंदू से मुसलमान बन जाती हैं और आतंकी संगठन ISIS में भर्ती हो जाती हैं। फिल्‍म के टीजर में यह दिखाया गया कि केरल में 32,000 महिलाओं ने कथित तौर पर इस्लाम कबूल किया और उन्हें आतंकी संगठन द्वारा भर्ती किया गया। राजनीतिक महकमों में जहां फिल्‍म को लेकर विरोध के सुर तेज हो रहे हैं, वहीं ‘द केरल स्‍टोरी’ अगले महीने 5 मई को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। इसके निर्माता विपुल अमृतलाल शाह ने अब ताजा व‍िवाद पर साफ शब्‍दों में कहा है कि उनकी फिल्‍म ‘लव जिहाद’ के बारे में नहीं है। वह कहते हैं कि यह फिल्‍म पीड़‍ित महिलाओं और लड़कियों की कहानी है।

राजनीतिक दलों ने फिल्‍म की रिलीज का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि यह केरल राज्य की नकारात्मक छवि को दिखाने की कोश‍िश है। सीपीआई-एम और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने फिल्म को केरल में रिलीज होने से प्रतिबंधित करने की मांग की है। उनका आरोप है कि यह फिल्‍म संघ परिवार के एजेंडे को पूरा करने के लिए बनाई गई है। इस पूरे विवाद पर फिल्‍ममेकर Vipul Shah ने बातचीत की है।

‘हमारी फिल्‍म पीड़‍ित लड़कियों की सच्‍ची कहानी है’

वह कहते हैं, ‘The Kerala Story एक लड़की की सच्ची कहानी पर आधारित है, जो धर्म परिवर्तन कर सीरिया जा रही थी। रास्ते में, उसे एहसास हुआ कि यह एक गलती थी और वह भाग निकली। आज, वह अफगानिस्तान की जेल में है। अफगानिस्तान की जेलों में कई लड़कियां हैं। कम से कम चार रिकॉर्ड में हैं। तो, इस तरह हमें इस कहानी के बारे में पता चला और फिर हमने अपनी र‍िसर्च शुरू की। अंत में हमने फिल्‍म में तीन ऐसी लड़कियों की कहानी ली है, जो चालाकी से धर्मांतरण की शिकार हो गईं और उनका जीवन व्यावहारिक रूप से बर्बाद हो गया। यह एक ऐसी कहानी है, जो आपको सुनाने पर करती है। क्योंकि जब हम रिसर्च कर रहे थे तब हमने महसूस किया कि यह संख्या असल में बहुत बड़ी है। हम कम से कम 100 से ज्यादा लड़कियों से मिले। यह एक बड़ा मुद्दा है। हमने पूरी ईमानदारी और पूरी सच्चाई से कहानी कहने की कोश‍िश की है।’

 

‘लव जिहाद राजनीतिक शब्‍द है, हम बस सच दिखा रहे’
विपुल शाह से पूछा गया कि लोग यह आरोप लगा रहे हैं कि यह फिल्म लव जिहाद को बढ़ावा देती है? इस पर उन्‍होंने कहा, ‘ये लोगों द्वारा गढ़े गए राजनीतिक शब्द हैं। हमारी फिल्म इन पीड़ित लड़कियों के जीवन के बारे में है। हम सच दिखा रहे हैं। अब आप इसके लिए कौन सा शब्द चुनना चाहते हैं, यह आपकी मर्जी है। हम फिल्‍म के जरिए यही कहना चाह रहे हैं कि हमें इस सच के बारे में, इन पीड़‍ितों के लिए कुछ करना चाहिए।’

‘जब अपराधी सांप्रदायिक सद्भाव की बात नहीं करते, तो हम क्‍यों’

क्या पर्दे पर ऐसी कहानी दिखाना मुश्किल है, जिसका कोई राजनीतिक हित हो और जो सांप्रदायिक सद्भाव को चोट पहुंचाता हो? इस सवाल के जवाब में विपुल शाह कहते हैं, ‘हमें यह कहकर छिपना बंद करना होगा कि यह बहुत संवेदनशील है और इसलिए हमें ऐसा नहीं करना चाहिए। या यह कि इससे सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ेगा। जब अपराधी ऐसा करते हैं तो क्या वे सांप्रदायिक सद्भाव के बारे में सोचते हैं? वे जाते हैं और वही करते हैं जो उनका एजेंडा है। तो, हमें इसके बारे में चिंता क्यों रहना चाहिए? संवेदनशीलता एक तरफा सड़क नहीं हो सकती। इसे दो-तरफा होना होगा। अगर वे ऐसा करने जा रहे हैं, तो कोई न कोई सामने आएगा और इसका भी पर्दाफाश करेगा।’

‘उम्‍मीद है मुसलमान बिरादरी आगे आएगी’

विपुल शाह आगे कहते हैं, ‘उदाहरण के लिए, हिंदू धर्म में सती प्रथा एक बुरी प्रथा थी, इसलिए हमने इसे मिटा दिया, है ना? हिंदुओं ने ही इसे मिटाने का काम किया था, है ना? आज मैं मुस्लिम बिरादरी के आगे आने की उम्मीद कर रहा हूं, क्योंकि मैं जानता हूं कि इस देश और दुनिया में करोड़ों मुसलमान हैं। आगे आइए, इन लोगों को सलाखों के पीछे डालिए और इसे रोकिए। सही काम करने के लिए एक फिल्म बनाने की नौबत क्यों आनी चाहिए? यह संभव नहीं है कि उन्हें जानकारी न हो। मुझे लगता है कि एक देश के तौर पर हम काफी मैच्‍योर हैं और हमें पता है कि इस तरह की फिल्म से कैसे निपटना है। मुझे इसकी चिंता नहीं है। मुझे लगता है कि यह बताया जाने वाला एक बहुत ही जरूरी विषय था और हम यही करने जा रहे हैं।’

फिल्‍म के राजनीतिकरण से कोई समस्‍या नहीं

फिल्‍मों पर राजनीति का होना कोई नई बात नहीं है। ऐसे में क्‍या मेकर्स इस बात से कैसे बचते हैं कि उनकी फिल्‍म का राजनीतिकरण हो? इस सवाल के जवाब में विपुल शाह कहते हैं, ‘हर राजनीतिक दल की एक विचारधारा होती है। जिस भी विषय को वे अपनी विचारधारा में फिट देखते हैं, उस पर बात करते हैं। मुझे नहीं लगता कि राजनीतिकरण हमेशा एक बुरी चीज है। जब तर्क मुद्दे से हट जाता है तो वह बुरा हो जाता है। अभी तक मैंने ऐसा कुछ नहीं देखा है, जो मुख्य मुद्दे से भटक रहा हो। इसलिए, राजनीतिक दलों द्वारा इस पर एक नजरिया अपनाने से मुझे कोई समस्या नहीं है। उनकी विचारधारा कुछ भी हो। बस पीड़ितों को नहीं भूलना चाहिए।’

‘अब तक नहीं मिली है कोई FIR की कॉपी’

सोशल मीडिया पर लगातार यह बात हो रही है कि फिल्‍म के ख‍िलाफ कुछ लोग कानूनी कार्रवाई करना चाहते हैं। विपुल शाह कहते हैं, ‘मैंने भी यह सुना है कि केरल में हमारे खिलाफ एक FIR के बारे में किसी ने ट्वीट किया है। लेकिन अभी तक हमारे पास इसकी कोई कॉपी नहीं आई है। यदि वाकई ऐसा हुआ है, तो हम कानूनी आधार पर इससे निपटेंगे।’

The Kerala Story: खुद प्रोड्यूसर Vipul Amrutlal Shah ने बताई 32 हजार लड़कियों के लव जिहाद की सच्चाई, सुनकर उड़ जाएंगे होश!

The Kerala Story: प्रोड्यूसर विपुल अमृतलाल शाह ने अपनी फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ को लेकर खुलकर बात की. उनका कहना है कि फिल्म में बयां की जाने वाली कहानी झूठ नहीं बल्कि सच है.

विपुल शाह ने बताई 32 हजार लड़कियों के लव जिहाद की सच्चाई. ( Image Source : #Vipul Amrutlal Shah soniabalani9 Instagram )

The Kerala Story: प्रोड्यूसर विपुल अमृतलाल शाह (Vipul Amrutlal Shah) की फिल्म द केरल स्टोरी (The Kerala Story) चर्चा में छाई हुई है. इस फिल्म में 32 हजार पीड़ित लड़कियों की दर्दनाक कहानी को बयां किया गया है, जिन्हें लव जिहाद के जरिए पहले मुस्लिम बनाया गया और फिर उन्हें आईएसआईएस जॉइन करने के लिए मजबूर किया गया था. इस फिल्म को लेकर एक तबका विरोध भी कर रहा है. कुछ लोगों का कहना है कि ये फिल्म सिर्फ एक एजेंडा है. जैसा कि इसके ट्रेलर में दिखाया गया है, ऐसा कभी केरल में हुआ ही नहीं है. अब इस पर विपुल शाह ने खुलकर बात की है.

क्या एजेंडा है द केरल स्टोरी?

 

इंटरव्यू के दौरान विपुल शाह से पूछा गया कि एक तबका है जिनका कहना है कि ये फिल्म एजेंडा के तहत बनाई गई है. इस विवाद पर आपका क्या रिएक्शन है? इसके जवाब में फिल्ममेकर ने कहा, ‘ये फिल्म तीन लड़कियों की सच्ची कहानी पर आधारित है. अगर तीन लड़कियों की ये एक कहानी है, तो कैसे ये एक फेक एजेंडा हो सकता है. इसका कोई जवाब नहीं दे पा रहा है.

सैकड़ों लड़कियां हुई इसका शिकार

विपुल शाह ने आगे कहा, ‘मैं इसे कॉन्ट्रोवर्सी नहीं मानता हूं. मैं ये मानता हूं कि ये उनका एजेंडा है कि इस बात को कैसे दबाया जाए. इतनी बड़ी साजिश जो चल रही है, उस पर लोगों का ध्यान ही नहीं जाए. हम जब इस फिल्म के लिए रिसर्च कर रहे थे, तो हम सैकड़ों लड़कियों से मिले, जो मैनिपुलेटिव कन्वर्जन का शिकार हुई हैं, तो कैसे ये एक फेक फिल्म है? हर किसी का अपना-अपना नजरिया है देखने का लेकिन हम सच के साथ खड़े हैं.

ऐसे आया फिल्म बनाने का आइ़डिया

विपुल शाह से पूछा गया कि उन्हें ये फिल्म बनाने का आइडिया कहां से आया तो उन्होंने जवाब में कहा, ‘मेरे एक डायरेक्टर हैं वो मेरे पास तीन साल पहले एक स्क्रिप्ट लेकर आए. तब स्क्रिप्ट पूरी नहीं थी सिर्फ कहानी थी. उन्होंने कहा कि इस पर काफी रिसर्च करके वह इस पर डॉक्यूमेंट्री फिल्म बना चुके हैं. उसके बाद हमने रिसर्च शुरू की. एक साल तक रिसर्च करते रहे ताकि हमारी स्क्रिप्ट में कोई भी झूठ ना हो. मुद्दा हमारी देश की बेटियों का है तो हम लोग ऐसा कोई काम नहीं करना चाह रहे थे कि लोग कहे कि ऐसा तो कभी हुआ ही नहीं है.

फिल्म का एक-एक सीन सच है

डायरेक्टर ने आगे कहा, ‘इस फिल्म में जो एक-एक सीन एक-एक लाइन वो सब सच है. जब हमारी स्क्रिप्ट तैयार हो गई तब हमने इस फिल्म को बनाने का फैसला किया. तीन साल लगे इस फिल्म को बनाने में’. मालूम हो कि विपुल शाह की ये फिल्म 5 मई, 2023 को सिनेमाघरों में दस्तक देगी. इस मूवी में अदा शर्मा, योगिता बिहानी, सोनिया बलानी और सिद्धि इदनानी ने लीड रोल निभाए हैं.

 

 

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