भयावह वीडियो-फोटो:रानीपोखरी पुल टूटा बीचों-बीच, वाहन नदी में

Video: जौलीग्रांट एयरपोर्ट और ऋषिकेश के बीच रानीपोखरी का पुल ध्वस्त, नदी में गिरे कई वाहन; जांच के आदेश
ऋषिकेश-जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर रानीपोखरी के ऊपर बना पुल टूट गया। उस वक्त पुल के ऊपर से कई वाहन गुजर रहे थे। वाहनों के बहने की जानकारी सामने आई है। पुल का जो हिस्सा टूटा है वहां कुछ वाहन फस गए हैं और कुछ पलट गए हैं।

जौलीग्रांट एयरपोर्ट और ऋषिकेश के बीच रानीपोखरी का पुल ध्वस्त।

ऋषिकेश। ऋषिकेश-देहरादून के बीच रानीपोखरी के समीप जाखन नदी पर बने मोटर पुल के दो पैनल टूट गए। लगातार हो रही बारिश के चलते नदी में आए पानी के भारी बहाव से पुल के सपोर्टिंग पिलर के नीचे भू-कटाव हो गया था, जिससे पिलर ढह गया। दुर्घटना के समय पुल पर वाहनों की खासी आवाजाही थी। पुल के धंसे हिस्से से गुजर रहे तीन चौपहिया व एक दुपहिया वाहन पुल के साथ ही दुर्घटनाग्रस्त हो गए, जिसमें एक वाहन में सवार दो युवकों को चोटें आई है। गनीमत रही कि कोई बड़ी जनहानि नहीं हुई। मुख्यमंत्री ने पुल दुर्घटना के जांच के आदेश दिए हैं।

ऋषिकेश से करीब पंद्रह किलोमीटर आगे रानीपोखरी के समीप जाखन नदी पर करीब 57 साल पुराना 431.60 मीटर लंबा डबल लेन मोटर पुल है। जाखन नदी में अधिकांशतया बरसात के दिनों में ही पानी आता है। इस बार लगातार हो रही बारिश के चलते पिछले कुछ दिनों से जाखन नदी में पानी का बहाव बेहद तेज है। शुक्रवार को दोपहर करीब बारह बजे जाखन नदी पुल पर रानीपोखरी की ओर एक पिलर के नीचे हुए भू-कटाव से पुल का पिलर बह गया, जिससे पुल का एक पैनल भरभराकर नदी में बैठ गया।

इस वक्त पुल पर वाहनों की खासी आवाजाही थी, इस पैनल के ऊपर पुल पार कर रहे दो छोटा हाथी वाहन, एक ओमिनी और एक मोटरसाइकिल पुल के साथ ही नीचे जा गिरे। इनमें ओमिनी वाहन मुंह के बल टूटे हिस्से में गिरा, जबकि मोटरसाइकिल और दो छोटा हाथी वाहन आगे से पीछे की ओर खिसकते हुए आए, जिनमें से एक छोटा हाथी पूरी तरह से पलट गया। गनीमत रही कि कोई वाहन टूटे हिस्से के नीचे नहीं आया और इसके बीच नहीं फंसा। दुर्घटना के बाद पुल के ऊपर अन्य सभी वाहन एकाएक रुक गए।

 

मौके पर पहुंची रानीपोखरी थाने की पुलिस ने भीड़ को हटाकर यहां पुल के ऊपर फंसे वाहनों को हटाया। करीब दो घंटे के अंतराल में पुल का दूसरा पैनल भी टूटकर नदी में गिर गया। जाखन नदी पुल टूटने से ऋषिकेश-देहरादून के बीच सीधा संपर्क टूट गया है। ऋषिकेश से देहरादून, भानियावाला, हिमालयन हास्पिटल और जौलीग्रांट एयरपोर्ट जाने वालों को अब करीब दस किलोमीटर अधिक दूरी तय कर वाया नेपालीफार्म-भानियावाला होते हुए जाना पड़ रहा है।

पुलिस ने ऋषिकेश में स्वर्गीय इंद्रमणी बडोनी चौक व भानियावाला तिराहे से वाहनों को डायवर्ट किया है। उधर, थानो-रायपुर मार्ग पर भी बिदालना नदी में भारी उफान के कारण इस मार्ग से भी फिलहाल आवाजाही बंद है। जाखन पुल दुर्घटना की सूचना पाकर जिलाधिकारी देहरादून पी राजेश कुमार भी टीम के साथ मौके पर पहुंचे।

उन्होंने पुल का निरीक्षण कर अधीनस्थों को व्यवस्थाएं बनाने के निर्देश दिए। लोक निर्माण विभाग के अध्यक्ष हरिओम शर्मा ने भी मौके पर पहुंचकर जानकारी ली। उन्होंने बताया कि जाखन नदी पर इस पुल का निर्माण वर्ष 1964 में किया गया था। उन्होंने बताया कि बरसात में नदी में आए पानी से पुल के पिलर के नीचे भू-कटाव से पिलर ढह गया। उन्होंने बताया कि जल्द ही आवागमन को वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। उधर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी पुल दुर्घटना में जांच के आदेश दिए हैं।

तस्‍वीरों में देखें देहरादून और ऋषिकेश हाईवे पर बीच से टूटा रानीपोखरी पुल

देहरादून और ऋषिकेश को जोड़ने वाला रानीपोखरी पुल आज शुक्रवार सुबह बीच से टूट गया। जब यह हादसा हुआ उस दौरान पुल के ऊपर से वाहन गुजर रहे। जो पुल टूटने से वहां फंस गए। पुलिस और लोगों ने किसी तरह वहां फंसे लोगों को बाहर निकाला। शुक्रवार सुबह देहरादून और ऋषिकेश हाईवे पर रानीपोखरी के पास बना पुल नदी के तेज बहाव के कारण बीच से टूट गया। इस दौरान पुल के ऊपर से कई वाहन गुजर रहे थे, जो पु‍ल के टूटे हुए हिस्‍से में फंस गए। इस हादसे में दो लोग घायल भी हुए। वहीं, सूचना पर तुरंत पुलिस प्रशासन ने हाईवे पर दोनों ओर ट्रैफिक को रुकवा दिया। साथ ही रेस्‍क्‍यू आपरेशन शुरू किया। आइये देखें तस्‍वीरों में।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रानीपोखरी के निकट पुल टूटने की घटना के जांच के दिए आदेश। उन्होंने कहा कि यह देखा जाएगा, किसने पुल बनाया, कब बनाया और कार्यदायी संस्था कौन थी। वहीं, पुल के टूटने से दून का ऋषिकेश से संपर्क कट गया है। अब अगर किसी को ऋषिकेश से देहरादून आना है तो उन्हें नेपाली फार्म होते हुए आना होगा।

 


1 कुछ दिनों से उत्‍तराखंड के पहाड़ों पर हो रही भारी बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं। नदी के तेज बहाव के कारण देहरादून एयरपोर्ट और ऋषिकेश हाईवे पर रानीपोखरी पुल टूट गय। दुुुर्घटना आज सुबह करीब 10:30 बजे हुआ।

2 रानीपोखरी पु‍ल बीच से टूट जाने के कारण कुछ वाहन वहीं पर फंस गए। जिन्‍हें किसी तरह वहां से निकाला गया।

3 रानीपोखरी पु‍ल के टूटे हुए हिस्‍से पर फंसे दो लोडर वाहन।

4 रानीपोखरी पुल दुर्घटना के दौरान एक वाहन नीचे फंस गया, जबकि ऊपर के हिस्‍से में एक लोडर वाहन उलटा हो गया।

5 दुर्घटना के तुरंत बाद एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और रेस्‍क्‍यू आपरेशन शुरू किया।

6 दुर्घटना की सूचना के बाद देहरादून जनपद के जिलाधिकारी आर राजेश कुमार मौके पर पहुंचे।

7 पूर्व मंत्री हीरा सिंह बिष्ट और उप जिलाधिकारी डोईवाला लक्ष्मी राज चौहान मौके पर पहुंचे।

8 लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता दिनेश सिधवाल ने बताया कि देहरादून राजधानी के निकट रानीपोखरी पुल 1964 में बना था। पुल के दो पैनल टूटे हैं।

 

एक नजर पुल पर

-रानी पोखरी पुल कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग का अस्थाई खंड ऋषिकेश है।

-पुल का निर्माण वर्ष 1964 -65।

-पुल की लंबाई 431.60 मीटर।

-पुल की लंबाई 07 मीटर।

-इस पुल के बगल में केंद्रीय सड़क निधि से नेशनल हाईवे डोईवाला डिवीजन के लिए दूसरा पुल स्वीकृत है।

दुर्घटना के दौरान वहां से गुजर रहे कुछ वाहन नीचे गिर गए। कुछ बाइक सवार भी बाल-बाल बचे। कोई बड़ी जनहानि की सूचना अभी तक नहीं मिली है।

ऋषिकेश में भारी बारिश होने से जाखन नदी उफान पर आ गई। नदी के पानी के वेग के कारण कटाव होने से रानीपोखरी में जाखन नदी में बना 57 साल पुराना मोटरपुल का कुछ हिस्सा दो स्थानों पर बह गया। देहरादून की ओर से आ रही एक कार, दो लोडर और एक बाइक पुल के टूटे हिस्से के साथ सीधे नदी में पहुंच गए। मोटरपुल का हिस्सा ढहने से गढ़वाल का राजधानी देेहरादून से संपर्क कट गया। वहीं प्रशासन ने वाहनों को नेपाली फार्म होकर देहरादून भेजा।

बृहस्पतिवार की रात को भारी बारिश होने के कारण जाखन नदी उफान पर आ गई थी। नदी में पानी का वेग तेज होने के कारण सुबह 11 बजे रानीपोखरी में मोटरपुल का पिलर ढह गया। देखते ही देखते मोटर पुल का 20 मीटर का एक हिस्सा नदी में बह गया। देहरादून की ओर से आ रही एक कार, दो लोडर और एक बाइक पुल के टूटे हिस्से के साथ सीधे नदी में पहुंच गए। कार और लोडर चालक सहित चार लोग घायल हो गए। वाहन और बाइक सवार को आसपास लोगों ने बाहर निकाला।

घायलों को स्थानीय लोगों ने एसपीएस राजकीय चिकित्सालय पहुंचाया। वहीं दोपहर करीब एक बजे पुल का दूसरा हिस्सा भी ढहकर नदी में समा गया। हालांकि इस दौरान कोई जनहानि नहीं हुई। घटना की सूचना के बाद जिला देहरादून डॉक्टर.आर राजेश कुमार, प्रशासन की टीम और लोनिवि के अधिकारी मौके पर पहुंचे। मौके पर प्रशासन की ओर से पुल के दोनों ओर ईंट की दीवार लगाकर लोगों की आवाजाही बंद करा दी गई। वहीं बिदालना नदी के उफान पर आने से रानीपोखरी के लोगों को डोईवाला जाने के लिए नेपाली फार्म होकर जाना पड़ रहा है। खबर लिखे जाने तक मोटरपुल के दोनों पानी के वेग के कारण भू-कटाव हो रहा था। मौके पर प्रशासन, पुलिस, अग्निशमन की टीम और एसडीआरएफ मौके पर डेरा डाले हुए थे।

भारी बारिश के कारण नदी का जलस्तर बढ़ने से जाखन नदी पर बने पुल का एक बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ है। लोक निर्माण विभाग समेत संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
-डॉ. आर राजेश कुमार, जिलाधिकारी, देहरादून

 

मंत्री ने दिए जांच के आदेश

देहरादून-ऋषिकेश हाईवे पर रानीपोखरी में जाखन नदी पर बने वर्षों पुराने पुल का एक हिस्सा टूटकर नदी में गिरने के मामले में लोनिवि मंत्री सतपाल महाराज ने जांच के आदेश दे दिए हैं। प्रमुख सचिव ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी बना दी। कमेटी सात दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी।

लोनिवि मंत्री महाराज ने प्रमुख अभियंता लोनिवि हरिओम शर्मा को बरसात के चलते क्षतिग्रस्त हुए जाखन पुल की जांच के आदेश देने के साथ-साथ प्रदेश में स्थित सभी पुलों की मॉनिटरिंग के लिए कहा है। उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसे स्थानों पर वैकल्पिक व्यवस्था के लिए भी तैयारी सुनिश्चित की जाए।

लोनिवि मंत्री ने पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार से फोन पर बात कर उनसे पुलों के ऊपर ट्रैफिक कम करने के साथ-साथ डायर्वट करने के भी निर्देश दिए। महाराज ने सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियंता मुकेश मोहन से कहा है कि भारी बारिश को देखते हुए प्रदेश की सभी जलविद्युत परियोजनाओं की स्थिति पर भी नजर रखी जाए।

इधर, प्रमुख सचिव लोनिवि आरके सुधांशु ने बताया कि जांच कमेटी में मुख्य अभियंता स्तर-एक क्षेत्रीय कार्यालय पौड़ी, अधीक्षण अभियंता, विद्युत, यांत्रिक वृत्त, देहरादून और अधीक्षण अभियंता लोनिवि वृत्त गोपेश्वर को रखा गया है।

चंद्रभागा नदी ने बदला रुख,  लोगों में भय

पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार जारी बारिश के बाद उफान पर आई चंद्रभागा नदी ने रुख बदल लिया है। मायाकुंड की बजाय अब नदी न्यू त्रिवेणी कॉलोनी और चंद्रेश्वर नगर की ओर बह रही है। इससे नदी के आसापस के लोगों में दहशत का माहौल है। प्रशासन स्थानीय लोगों को रैन बसरे और चिन्हित धर्मशालाओं में शिफ्ट होने के लिए अर्लट कर रहा है। लेकिन लोग अपने घर छोड़ने के लिए तैयार नहीं है।

शुक्रवार अलसुबह चंद्रभागा नदी का जलस्तर बढ़ने लगा। देखते ही देखते सुबह पांच बजे नदी उफान पर आ गई। इन बार नदी के प्रवाह का रास्ता भी बदल गया। नदी का विकाराल का रूप देखकर आसपास रहने वालों के होश उड़ गए। पहले नदी मायाकुंड की ओर बह रही थी। लेकिन सुबह नदी का रुख न्यू त्रिवेणी कॉलोनी और चंद्रेश्वर नगर की ओर हो गया। नदी के आसपास मलिन बस्ती के भी नदी के बहाव की चपेट में आने का खतरा बना हुआ है।

अब लोगों भू कटाव के चलते नदी का पानी आबादी क्षेत्र घुसने का डर सता रहा है। सूचना पर तहसील प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। टीम ने लोगों को खतरे की संभावना के चलते आईएसबीटी में बने रैन बसेरे और चिह्नित धर्मशालाओं में शिफ्ट होने के निर्देश दिए। लेकिन लोगों ने शिफ्ट होने से साफ इंकार कर दिया। संभावित खतरे के बावजूद लोग किसी भी कीमत पर अपने घरों को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। बृहस्पितवार को जिलाधिकारी ने चंद्रभागा के आसपास के क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया था। जिलाधिकारी ने तहसील प्रशासन और नगर निगम को नदी के आसपास रहने वाले 90 परिवारों को अन्यत्र शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे।

चंद्रभागा नदी के आसपास रहने वाले लोगों को लगातार अलर्ट किया जा रहा है। नदी के रुख में परिवर्तन हुआ। हालांकि अभी भू-कटाव शुरू नहीं हुआ है। जलस्तर थोड़ा कम होने पर धारा परिवर्तन और कटाव को रोकने संबंधी कार्य किए जाएंगे।
– डॉ. अपूर्वा सिंह, एसडीएम, ऋषिकेश

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