उत्तराखंड आर्थिक सर्वेक्षण: जीएसटी गिरी 19%

कोरोना इफेक्ट:उत्तराखंड के राजस्व में आई कमी, जानें कितने करोड़ का हुआ नुकसान
देहरादून/भराड़ीसैंण 04 मार्च। उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था पर कोरोना संक्रमण का व्यापक असर दिखाई दिया।
कोरोनाकाल में थमी प्रदेश की विकास दर, जीएसटी संग्रह में दिसंबर 2020 तक दर्ज की गई 19 फीसद गिरावट। गुरुवार को विधानसभा में आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई।
कोरोना काल के दौरान लागू किए गए लाकडाउन के कारण तमाम व्यापारिक और औद्योगिक गतिविधियों की रफ्तार लंबे समय के लिए थम गई थी। इसका सीधा असर प्रदेश की विकास दर पर पड़ा है। कोरोना से देश की अर्थव्यवस्था भी प्रभावित हुई है विकास दर 7.7 फीसद नीचे सरक गई।

कोरोना काल के दौरान लागू किए गए लाकडाउन के कारण तमाम व्यापारिक और औद्योगिक गतिविधियों की रफ्तार लंबे समय के लिए थम गई थी। इसका सीधा असर प्रदेश की विकास दर पर पड़ा है। कोरोना से देश की अर्थव्यवस्था भी प्रभावित हुई है और विकास दर 7.7 फीसद नीचे सरक गई। कोरोना काल (वित्तीय वर्ष 2020-21) में विकास दर पर जो प्रभाव पड़ा, उसके आंकड़े भारत सरकार को भेज दिए गए हैं। हालांकि, इतना स्पष्ट जरूर किया गया है कि देश के अनुरूप ही हमारी विकास दर भी नीचे सरकी है।

गुरुवार को विधानसभा में आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना के कारण पूरे विश्व का जनजीवन प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुआ है। राष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक गतिविधियों में कमी देखने को मिली है, जिसका प्रभाव राज्य की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है। राज्य की आर्थिक में सेवा क्षेत्र का अहम योगदान है, जिससे पर्यटन, मनोरंजन तथा होटल व्यवसाय के साथ-साथ शिक्षा, खेलकूद एवं सामाजिक सेवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। इस साल प्रदेश में सीमित तरीके से आॢथक गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है।

आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2018-19 में विकास दर का संशोधित अनुमान 5.77 फीसद था, जबकि वर्ष 2019-20 में यह 4.30 फीसद रही। यह संभवत: इसलिए हुआ, क्योंकि वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक कोरोना का प्रभाव आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित करने लगा था।लॉकडाउन के बाद इसका प्रभाव तेज होने लगा। इसी के चलते दिसंबर 2020 तक राजस्व वसूली में 19 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली। केंद्र से मिलने वाली जीएसटी क्षतिपूर्ति भी 58 फीसद कम रही। प्रदेश को वर्ष 2020-21 में जीएसटी रिफंड के उपरांत कुल राजस्व के रूप में दिसंबर तक 2981.90 करोड़ रुपये मिले हैं, जबकि केंद्र से 7164.18 करोड़ रुपये मिलने थे। बीते वर्ष राज्य सरकार को इसी अवधि में केंद्र से 6284.43 करोड़ के सापेक्ष 3749.34 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे।

पेट्रोल व डीजल में 6.65 प्रतिशत का नुकसान

प्रदेश सरकार को डीजल और पेट्रोल से मिलने वाले कर पर भी 6.65 प्रतिशत का नुकसान हुआ है। दिसंबर 2020-21 में प्रदेश सरकार को 1030.28 करोड़ रुपये कर के रूप में मिले हैं। वहीं, बीते वर्ष दिसंबर तक प्रदेश सरकार को 1103.68 करोड़ रुपये कर के रूप में मिले थे।

राष्ट्रीय औसत से कम है प्रदेश में किसानों की आय

प्रदेश में किसानों की आय राष्ट्रीय औसत से कम है। किसानों की राष्ट्रीय औसत आय 8059 रुपये है, जबकि उत्तराखंड में यह 5153 रुपये प्रतिमाह आंकी गई है। इसमें भी 70 प्रतिशत आय अकृषि गतिविधियों से है। इसे देखते हुए प्रदेश में कृषकों की आय को बढ़ाने के लिए तमाम प्रविधान किए जा रहे हैं। इनमें उत्पादकता में वृद्धि, पशुधन, बकरी, कुक्कुट व मत्स्य पालन, एकीकृत कृषि प्रणाली व खेती की लागत में कमी लाना शामिल है। वर्ष 2022 तक कृषकों की आय दोगुना करने का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए एक जिला-एक उत्पाद जैसी योजनाएं शुरू की गई हैं। प्रधानमंत्री ग्राम कृषि योजना के तहत सात लाख 19 हजार 644 कृषकों को 485.74 करोड़ रुपये की धनराशि वितरित की गई है।

उद्योगों में रोजगार सृजन में कमी, निर्यात भी कम

प्रदेश में उद्योगों में रोजगार सृजन में भी कमी देखने को मिली है। वर्ष 2020-21 में 3131 उद्योगों में 635.47 करोड़ रुपये का निवेश हुआ और 15846 रोजगार सृजित हुए हैं। वर्ष 2019-20 में 4131 उद्योगों में 1731.15 करोड़ रुपये का निवेश हुआ और 28700 रोजगार सृजित किए गए। उद्योगों से निर्यात में भी कमी देखने को मिली है। अप्रैल 2020 से अगस्त 2020 तक 8628 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ। वहीं, वर्ष 2019-20 में 16285 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ था।

आबकारी में राजस्व का नुकसान,वैट में वृद्धि

आबकारी विभाग में भी राजस्व वसूली में गिरावट देखने को मिली है। आबकारी में वित्तीय वर्ष 2020-21 में दिसंबर तक 2073.78 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। वहीं, 2019-20 में दिसंबर तक 2729.15 करोड़ रुपये वसूले गए थे। हालांकि, आबकारी में वैट में 3.07 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। वर्ष 2020-21 दिसंबर माह तक वैट से 174.82 करोड़ रुपये मिले हैं। बीते वर्ष दिसंबर तक 169.62 करोड़ रुपये ही वसूले जा सके थे।

वन विभाग ने 40.44 लाख मानव दिवस किए सृजित

वन विभाग ने विभिन्न योजनाओं में 12 लाख से अधिक मानव दिवस सृजित किए हैं। विभाग ने राज्य सेक्टर के अंतर्गत 3011.64 लाख रुपये व्यय करते हुए 9.26 लाख मानव दिवस का सृजन किया। वहीं, केंद्रीय सेक्टर में 3011.64 लाख रुपये व्यय करते हुए 9.26 लाख मानव दिवस का रोजगार सृजन किया गया। जायका के अंतर्गत 3967 लाख रुपये व्यय करते हुए 5.10 लाख मानव दिवस, कैंपा के अंतर्गत 8020 लाख रुपये का व्यय करते हुए 19.46 लाख मानव दिवस और नमामि गंगे के अंतर्गत 488.90 लाख रुपये का व्यय करते हुए 1.18 लाख मानव दिवस सृजित किए गए हैं।

मौजूदा वित्तीय वर्ष में राज्य का निर्यात घटकर आधा रह गया है। जमीनों की बिक्री व रजिस्ट्री में 13 प्रतिशत की कमी आई है। जबकि वैट से मिलने वाले राजस्व में भी खासी गिरावट दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरुवार को विधानसभा के पटल पर 2019- 20 का आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया। इस सर्वेक्षण में विभिन्न सेक्टरों में राज्य की प्रगति और कमियों को इंगित किया गया है।

रिपोर्ट के अनुसार कोविड काल के दौरान अप्रैल 2020 से अगस्त 2020 तक राज्य से कुल 8624 करोड़ का निर्यात हुआ। जो इससे पिछले वर्ष में हुए 16971 करोड़ के निर्यात का तकरीबन आधा है। हालांकि मौजूदा वर्ष में हुए निर्यात का अभी कुल आंकड़ा सामने नहीं आया है। विदित है कि 2019-20 में निर्यात के मामले में उत्तराखंड देश भर में 19 वें स्थान पर था। राज्य से होने वाला निर्यात पूरे देश से होने वाले निर्यात का 0.48 प्रतिशत है।

जमीनों की बिक्री घटने से 13 प्रतिशत कम रजिस्ट्री

कोरोना संक्रमण और लॉक डाउन का राज्य में जमीनों और परिसंपत्तियों की खरीद फरोख्त में भी खासी कमी आई। आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार एक अप्रैल 2020 से 31 दिसम्बर 2020 तक स्टाम्प एवं निबंधन विभाग को कुल 710 करोड़ रही। जो गत वर्ष इसी अवधि में मिली आय 822 करोड़ की तुलना में 13.65 प्रतिशत कम रही है। 2019- 20 में राज्य को स्टाम्प एवं निबंधन विभाग से कुल 1071 करोड़ की आय हुई थी। लेकिन 2020-21 में यह आय कम रहने की आशंका है।

राज्य के वैट राजस्व में आई गिरावट

कोरोना का असर राज्य के अपने राजस्व पर भी पड़ा है। पेट्रोल, डीजल और शराब से मिलने वाले राजस्व में पिछले वर्ष के मुकाबले छह प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार 2019-20 में दिसम्बर 2019 तक जीएसटी की परिधि से बाहर रखे गई वस्तुओं से कुल 1297 करोड़ का राजस्व प्राप्त किया गया था। जबकी इसकी तुलना में वर्ष 2020 -21 में दिसम्बर 2020 तक 1216 करोड़ का राजस्व मिला जो पिछले वर्ष के मुकाबले छह प्रतिशत कम है।

जीएसटी से हुई भरपाई

मौजूदा वर्ष में जीएसटी के तहत राज्य को कुल 6272 करोड़ का राजस्व मिला। जो पिछले वर्ष 5913 करोड़ था। मौजूदा वर्ष में जीएसटी से मिला कुल राजस्व पिछले वर्ष से तकरीबन छह प्रतिशत अधिक है। राज्य के कर यानी वैट में आई छह प्रतिशत की गिरावट को जीएसटी में हुए इजाफे ने एक तरह से कवर कर लिया।

आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट हुई पेश

विधानसभा के बजट सत्र-2021 के दौरान उत्तराखंड सरकार ने आज गुरुवार को आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट सदन के पटल में रखी। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना की वजह से प्रदेश में विकास दर घटी है जबकि प्रतिव्यक्ति आय में वृद्धि पाई गई है।2019- 20 में विकास दर घटकर 4.30 प्रतिशत रह गई है। जबकि, प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय 2 लाख 2895 हो गई है। उत्तराखंड में 1 लाख 81 हजार पंजीकृत व्यापारियों की संख्या हो गई है। बताया गया है कि इनवेस्टर समिट में आये 25 हजार करोड़ के निवेश पर प्रदेशभर में काम शुरू हो गया है।

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