उत्तराखंड कोरोनारोधी टीके में एक करोड़ का आंकड़ा पार, सक्रीय केस 249

Uttarakhand Corona Virus: उत्तराखंड में कोरोना के 12 नए मामले, दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय में एक मरीज की मौत
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार निजी व सरकारी लैब से 17 हजार 289 सैंपल की जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई इनमें 17 हजार 277 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। देहरादून में सबसे अधिक चार लोग संक्रमित मिले हैं।ऊधमसिंह नगर में तीन हरिद्वार मदो अल्मोड़ा बागेश्वर व नैनीताल में एक-एक व्यक्ति संक्रमित मिला।
उत्तराखंड में मंगलवार को कोरोना के 12 नए मामले मिले हैं।

देहरादून 21 सितंबर। उत्तराखंड में मंगलवार को कोरोना के 12 नए मामले मिले हैं। जबकि दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय में एक मरीज की मौत भी हुई है। कोरोना संक्रमित 28 मरीज स्वस्थ्य हुए हैं। प्रदेश में अब तक कोरोना के 343405 मामले आए हैं। जिनमें 96 फीसद यानी 329679 लोग कोरोना को मात दे चुके हैं। अभी राज्य में कोरोना के 249 सक्रिय मामले हैं। वहीं राज्य में कोरोना संक्रमित 7391 मरीजों की मौत हो चुकी है।

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, निजी व सरकारी लैब से 17 हजार 289 सैंपल की जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई, इनमें 17 हजार 277 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। देहरादून में सबसे अधिक चार लोग संक्रमित मिले हैं। इसके अलावा ऊधमसिंह नगर में तीन, हरिद्वार में दो, अल्मोड़ा, बागेश्वर व नैनीताल में एक-एक व्यक्ति संक्रमित मिला है। जबकि चमोली, चंपावत, पौड़ी, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, टिहरी व उत्तरकाशी में कोरोना संक्रमण का कोई नया मामला नहीं मिला है।
उत्तराखंड में बीते 24 घंटे में 12 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं। वहीं, एक मरीज की मौत हुई है। जबकि 28 मरीजों को ठीक होने के बाद घर भेजा गया। सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 249 पहुंच गई है। जबकि सोमवार को प्रदेश में 267 सक्रिय मरीज थे।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, मंगलवार को 17277 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। सात जिलों चमोली, चंपावत, पौड़ी, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, टिहरी और उत्तरकाशी में एक भी संक्रमित मरीज नहीं मिला है। वहीं, अल्मोड़ा, बागेश्वर और नैनीताल में एक-एक, देहरादून में चार, हरिद्वार में दो और ऊधमसिंह नगर में तीन संक्रमित मरीज मिले हैं।

प्रदेश में अब तक कोरोना के कुल संक्रमितों की संख्या 343405 हो गई है। इनमें से 329679 लोग ठीक हो चुके हैं। प्रदेश में कोरोना के चलते अब तक कुल 7391 लोगों की जान जा चुकी है। प्रदेश की रिकवरी दर 96 प्रतिशत और संक्रमण दर 0.07 प्रतिशत दर्ज की गई है।

वैक्सिनेशन में एक करोड़ का आंकड़ा पार

Corona Vaccination in Uttarakhand:  प्रदेश में अब तक 94 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन की पहली डोज और 35 प्रतिशत को दोनों डोज लगाई जा चुकी है। सरकार ने 31 दिसंबर 2021 तक शत प्रतिशत कोविड टीकाकरण का लक्ष्य रखा है।

कोविड टीकाकरण में उत्तराखंड ने एक करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है। प्रदेश में अब तक 94 प्रतिशत लोगों ने वैक्सीन की पहली डोज और 35 प्रतिशत को दोनों डोज लगाई जा चुकी है। टीकाकरण में बागेश्वर, रुद्रप्रयाग और चमोली जिले सबसे आगे हैं। इन जिलों में 100 प्रतिशत वैक्सीनेशन हो चुका है। 

प्रदेश में 31 दिसंबर 2021 तक शत प्रतिशत कोविड टीकाकरण का सरकार ने लक्ष्य रखा है। सोमवार को प्रदेश भर में 1077 केंद्रों पर 74 हजार से अधिक लोगों को वैक्सीन की पहली या दूसरी डोज लगाई गई। इन्हें मिलाकर टीके लगवाने वालों का आंकड़ा एक करोड़ पार कर गया है। जिसमें 94 प्रतिशत को पहली और 35 प्रतिशत को दोनों डोज लग चुकी है। 

राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. कुलदीप सिंह मर्तोलिया ने बताया कि प्रदेश की कुल आबादी में से 18 से अधिक आयु वर्ग के 77.29 लाख लोगों को कोविड वैक्सीन लगाई जानी है। 16 जनवरी 2021 से प्रदेश में कोविड टीकाकरण अभियान शुरू हुआ है। अब तक एक करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। डॉ. मर्तोलिया ने बताया कि बागेश्वर, रुद्रप्रयाग और चमोली जिले में 100 प्रतिशत टीकाकरण हो चुका है। 

कोविड वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज का ब्योरा

जिला            पहली डोज       दूसरी डोज
अल्मोड़ा         368323             166437
बागेश्वर           181019              93853
चमोली         266776              139529
चंपावत          177210               84735
देहरादून         1417090            613439
हरिद्वार          1412414            411784
नैनीताल         696295              291929
पौड़ी            417459             181777
पिथौरागढ़        304916             127625
रुद्रप्रयाग         167555              77727
टिहरी           366297            151998
ऊधमसिंह नगर 1238744           334477
उत्तरकाशी         228776           110809
कुल –     7242874         2786119

प्रसूूता की मौत, डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप

ऋषिकेश के एक अस्पताल में लापरवाही के चलते एक प्रसूता की मौत का मामला सामने आया है। परिजनों का आरोप है कि ऑपरेशन में लापरवाही के चलते प्रसूता की मौत हुई है। महिला के पति ने एक नामी महिला डॉक्टर के खिलाफ नगर कोतवाली में शिकायत दी है। कोतवाली पुलिस मामले की जांच कर रही है।

नगर कोतवाल महेश जोशी ने बताया कि राजकिशोर पांडे निवासी आदर्श ग्राम, कुम्हार बाड़ा, ऋषिकेश ने पुलिस का शिकायत दी। शिकायतकर्ता ने बताया कि अवधूत आश्रम मार्ग स्थित एक निजी अस्पताल में उसकी गर्भवती पत्नी संजू पांडे का इलाज चल रहा था। अस्पताल की नामी महिला डॉक्टर की ओर से तीन सितंबर को कराई गई पैथोलॉजी और अल्ट्रासाउंड जांच में जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ पाए गए थे। 15 सितंबर को प्रसव के लिए उसने पत्नी को अस्पताल में भर्ती कराया। महिला डॉक्टर ने सामान्य प्रसव के लिए उससे दवाएं मंगाई।

आरोप है कि सामान्य प्रसव की पूरी संभावना के बावजूद महिला डॉक्टर ने ऑपरेशन कर डिलीवरी पर जोर दिया। ऑपरेशन के तुरंत बाद उसकी पत्नी को खांसी होने लगी। महिला डॉक्टर ने दवा दी। लेकिन इसके बाद उसकी पत्नी की हालत और खराब हो गई। रात को एक बजे खांसी के साथ पत्नी की सांस भी फूलने लगी। ऑक्सीजन लेवल 85 तक पहुंच गया। इसके बाद महिला डॉक्टर ने महिला को हायर सेंटर रेफर कर दिया।

16 सितंबर सुबह पांच बजे वह पत्नी को लेकर देहरादून स्थित एक बड़े अस्पताल में पहुंचा। यहां उसकी पत्नी की कोरोना और अन्य पैथोलॉजी जांच की गई। जांच रिपोर्ट में दिल की बीमारी या उससे संबंधित दुष्परिणाम की बात सामने आई। 17 सिंतबर दोपहर को प्रसूता की इलाज के दौरान मौत हो गई। शिकायकर्ता का आरोप है कि ज्यादा फीस वसूलने के चक्कर में महिला डॉक्टर ने उसकी पत्नी का आपरेशन किया। ऑपरेशन में लापरवाही के चलते ही उसकी पत्नी की मौत हुई। वहीं नगर कोतवाल महेश जोशी ने बताया कि मामले की जांच की की जा रही है।

फंगस से राहत

पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में फंगस (म्यूकर माइकोसिस) से राहत है। क्योंकि इस बीमारी के ना ही नए मामले मिल रहे हैं और न ही कोई मौत हुई है। वहीं मंगलवार को फंगस से पीडि़त दस मरीज ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हुए हैैं। प्रदेश में अब तक फंगस के 581 नए मामले मिल चुके हैं। इनमें से 132 मरीजों की मौत हो चुकी है। 363 ठीक हुए हैं।

ऋषिकेश में नर्सिंग एसोसिएशन ने की एम्स निदेशक से मुलाकात

नर्सिंग प्रोफेशनल डेवलपमेंट एसोसिएशन (एनपीडीए) के पदाधिकारियों ने एम्स निदेशक प्रोफेसर अरविंद राजवंशी से मुलाकात कर उन्हें रचनात्मक कार्यों में पूर्ण सहयोग का भरोसा दिया।

मंगलवार को एनपीडीए के अध्यक्ष प्रकाश चंद्र मीणा ने बताया कि एनपीडीए एक ऐसा संगठन ने जो नर्सिंग के विकास के मूल उद्देश्यों के साथ गठित किया गया था। रोगियों की सर्वोत्तम देखभाल और सेवाएं देने, देखभाल के सभी मानकों को बढ़ावा देना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि नर्सिंग सुपरिटेंडेंट घेवर चंद के साथ हुई हमले की घटना से नर्सिंग वर्ग दुखी है। एम्स परिसर के भीतर इस तरह की घटनाओं का होना दुर्भाग्यपूर्ण है। अध्यक्ष ने बताया कि विभिन्न मांगे जैसे परीक्षा घोषणा और कैडर की पदोन्नति सहित आवास की कमी आदि के बारे में निदेशक को अवगत कराया।

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