आईआईटी रुड़की और एम्स दिल्ली ने विकसित किया ‘स्वस्थ गर्भ ‘ मोबाइल एप

प्रधानमंत्री स्वस्थ भारत मिशन: गर्भवती महिलाओं के लिए आईआईटी रुड़की और एम्स दिल्ली ने मिल कर तैयार किया स्वस्थगर्भ मोबाइल ऐप
 सभी गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व स्वास्थ्य सेवा और रियल टाइम चिकित्सा सुनिश्चित करेगा यह ऐप (ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष लाभदायक)
 गूगल प्लेस्टोर पर यह लाभदायक ऐप मरीज और डॉक्टर दोनों के लिए निःशुल्क
 गर्भावस्था की स्वास्थ्य समस्याएं कम करेगा और बेहतर अनुभव देगा
रुड़की, 27 दिसंबर 2022: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की (आईआईटी रुड़की) के शोधकर्ताओं ने एक ‘स्वस्थगर्भ’ स्मार्टफोन ऐप बनाया है जो गर्भवती महिलाओं को प्रसव से पूर्व और रियल टाइम चिकित्सा सहायता सुनिश्चित करेगा।
यह ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं और उन लोगों के लिए बहुत उपयोगी ऐप है जिन्हें आसानी से डॉक्टर उपलब्ध नहीं होते। गर्भावस्था के लिए यह पहला ऐप है जो रियल टाइम (तुरंत) डॉक्टर की सलाह सुनिश्चित करता है। यह क्लिनिकली प्रमाणित होने के साथ-साथ विश्वसनीय भी है।
यह ऐप अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एआईआईएमएस), नई दिल्ली की मदद से तैयार किया गया है। यह गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है और इसका लाभ मरीज और डॉक्टर दोनों निःशुल्क प्राप्त कर सकते हैं।
आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर के.के. पंत ने शोधकर्ताओं को बधाई देते हुए कहा, “कोविड-19 महामारी आने के बाद स्वास्थ्य सेवा में टेलीमेडिसिन का महत्व बढ़ गया है। आज पूरी दुनिया में एक अरब से अधिक लोग स्मार्टफोन इस्तेमाल करते हैं। इसमें चिकित्सा जगत को बदलने और बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने की असीम संभावना है।’’
गर्भावस्था में ऐप्स का उपयोग अन्य किसी चिकित्सा से अधिक होता है। लेकिन ये ऐप केवल गर्भावस्था से संबंधित जानकारी देते हैं। इनमें चिकित्सकों की भागीदारी की कमी होती है। इसलिए आईआईटी रुड़की में बायोसाइंसेस और बायोइंजीनियरिंग विभाग के श्री साहिल शर्मा और प्रो. दीपक शर्मा ने एम्स, दिल्ली की प्रो. वत्सला डधवाल और प्रो. अपर्णा शर्मा के सहयोग से ‘स्वस्थगर्भ’ ऐप तैयार किया है। यह प्रसवपूर्व देखभाल सुनिश्चित करने वाला इंटरैक्टिव प्लैटफॉर्म है जिसमें सभी पहलुओं को शामिल किया गया है और मरीज को केंद्र में रखा गया है।
यह ऐप गर्भवती महिलाओं के लिए जरूरी सभी सहायता सुनिश्चित करता है जैसे कि नियमित रूप से समय पर प्रसव पूर्व देखभाल, हर एक क्लिनिकल टेस्ट का रिकॉर्ड रखना और समय पर दवा लेना। स्वस्थगर्भ ऐप के लाभों को सामने रखता एक शोध पत्र प्रतिष्ठित पीयर-रिव्यू आईईईई जर्नल ऑफ बायोमेडिकल एंड हेल्थ इंफॉर्मेटिक्स (DOI: 10.1109/JBHI.2022.3211426). में प्रकाशित किया गया है।
शोध के बारे में विस्तार से बताते हुए आईआईटी रुड़की में बायोसाइंसेस और बायोइंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर दीपक शर्मा ने कहा, “ नवजात मृत्यु दर का अधिक होना गंभीर चिंता की बात है। इसके मद्देनजर विकसित स्वस्थगर्भ मोबाइल ऐप सभी गर्भवती महिलाओं को रियल टाइम चिकित्सा सहायता देगा और गर्भावस्था में मां-शिशु स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार करेगा। यह भारत/पूरी दुनिया की सभी महिलाओं के लिए आईआईटी रुड़की का उपहार है और यह प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत मिशन को आगे ले जाने में हमारी मदद करेगा।’’
ऐप को लाभदायक बताते हुए एम्स नई दिल्ली में डीन (रिसर्च) प्रो. रमा चौधरी ने कहा, ‘‘स्वस्थगर्भ ऐप गर्भावस्था की आम समस्याओं के संभावित समाधान देने में काफी उपयोगी होगा। हम घर-घर स्वस्थगर्भ ऐप पहुंचाना चाहते हैं। इसकी मदद से गर्भावस्था में मां-शिशु का जीवन बचाना चाहते हैं क्योंकि जीवन अनमोल है।’’
प्रसूति और स्त्री रोग विभाग, एम्स नई दिल्ली की प्रो. वत्सला डधवाल ने कहा, “स्वस्थगर्भ ऐप से मरीजों और डॉक्टरों के आपस में संवाद होने से गर्भावस्था के बेहतर परिणाम मिलेंगे। हमारे पायलट स्टडी से पता चला है कि यह ऐप गर्भवती महिलाओं के साथ-साथ डॉक्टर भी इस्तेमाल कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि अधिक से अधिक मरीज और डॉक्टर ऐप का उपयोग करें ताकि उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बढ़े।’’
ऐप की उपयोगिता को लेकर 150 रोगियों के क्लिनिकल आकलन से यह स्पष्ट है कि इससे प्रसव पूर्व देखभाल की गुणवत्ता बढ़ी है और इस दौरान समस्याएं कम हुई हैं। ऐप पर रजिस्टर्ड महिलाओं के प्रसव पूर्व सलाह के लिए अस्पताल आने की माध्यमिक संख्या में वृद्धि देखी गई और उनमें डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देशों का बेहतर अनुपालन भी दिखा है। इससे जन्म की योजना बनाने और गर्भावस्था की शारीरिक समस्याओं से बचने का बेहतर परामर्श देने में भी मदद मिली है। यह पहला गर्भावस्था ऐप है जो इमरजेंसी में रियल टाइम चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराता है।
ऐप तैयार करने के लक्ष्य:
 गर्भवती महिलाओं को अस्पताल आने संबंधी सहायता देना ताकि उन्हें पता हो कि कब आना है और क्या जांच करानी है
 क्लिनिकल जांच और लक्षणों का रिकॉर्ड रखना
 किसी मानक के सामान्य सीमा पार करने या खतरे का संकेत होने पर डॉक्टर और मरीज को अपने-आप एलर्ट भेजना
 किसी व्यक्ति, समूह या सभी मरीजों को खास कर उनके लिए तैयार सूचनाएं भेजने के लिए
 महामारी के मद्देनजर सुरक्षा सलाह के वीडियो के माध्यम से महिलाओं जानकारी देना जो समझने में आसान हो
 कई अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं को सपोर्ट करना ताकि अधिक से अधिक मरीजों को लाभ मिले
 सबसे महत्वपूर्ण मरीज और डॉक्टर के आपस में संवाद होने से रियल टाइम चिकित्सा सुनिश्चित होना है
महामारी के दौरान ऐप की अहमियत बढ़ जाती है क्योंकि मरीज कोरोनोवायरस के संक्रमण के डर से अस्पताल जाने से बचते हैं या फिर देशव्यापी लॉकडाउन या यातायात पर रोक के चलते अस्पताल पहंुचना संभव नहीं होता है। आगे चल कर हम मशीन लर्निंग की मदद से किसी असामान्य स्थिति/बीमारी की संभावना जान कर यह सुनिश्चित करेंगे कि समय पर उचित कदम उठाया जाए।

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