उत्तराखंड कोरोना नये रिकार्ड: 7 मई नये केसों 9642, कई जाने-माने लोगों समेत 137 दिवंगत

उत्तराखंड में कोरोना के रिकॉर्ड 9642 मामले, 137 की मौत; 67 हजार के पार एक्टिव केस
उत्तराखंड में गुरुवार को एक दिन में सर्वाधिक 151 की मौत।उत्तराखंड में कोरोना वायरस संक्रमण का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। शुक्रवार को रिकॉर्ड 9642 मामले सामने आए हैं जबकि 137 की मौत हुई है। वहीं 4643 ठीक हुए हैं। प्रदेश में अब संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 229993 हो गई है।
देहरादून 07 मई। उत्तराखंड में कोरोना वायरस संक्रमण का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। शुक्रवार को रिकॉर्ड 9642 मामले सामने आए हैं, जबकि 137 की मौत हुई है। वहीं, 4643 ठीक हुए हैं। प्रदेश में अब संक्रमित रोगियों की संख्या बढ़कर 229993 हो गई है। हालांकि, इनमें से 154132 संक्रमित पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं। वर्तमान में 67691 केस एक्टिव है, जबकि 3430 की अब तक मौत हो चुकी है। इसके अलावा 4740 मरीज राज्य से बाहर जा चुके है।

उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय सचिव धर्मेंद्र कठैत का भी कोरोना से निधन हो गया। वह दून अस्पताल में भर्ती थे। आज देहरादून के प्रसिद्ध चिकित्सक और दो बार के भाजपा से नगर पालिका पार्षद डाक्टर भारत सभरवाल का कोरोना से निधन हो गया। वह मैक्स अस्पताल में भर्ती थे। उनके पिता जनसंघ से चार बार देहरादून नगर पालिका पार्षद रहे।

नहीं रहे वरिष्ठ रंगकर्मी व राज्य आंदोलनकारी सुरेंद्र भंडारी, कोरोना से थे संक्रमित

वरिष्ठ रंगकर्मी निर्देशक अभिनेता और राज्य आंदोलनकारी सुरेंद्र भंडारी का निधन हो गया। कोरोना संक्रमित पाए जाने पर बीते 28 अप्रैल को उन्हें टर्नर रोड स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया था जहां शुक्रवार सुबह दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्होंने अंतिम सांस ली।
वरिष्ठ रंगकर्मी, निर्देशक, अभिनेता और राज्य आंदोलनकारी सुरेंद्र भंडारी का निधन हो गया। कोरोना संक्रमित पाए जाने पर बीते 28 अप्रैल को उन्हें टर्नर रोड स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां शुक्रवार सुबह दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से आंदोलनकारी संगठन और फिल्म से जुड़े लोग ने गहरा शोक जताते हुए श्रद्धांजलि दी।

मूल रूप से पौड़ी के खिर्सू ब्लॉक के ग्रामसभा कठुड निवासी सुरेंद्र भंडारी परिवार के साथ वर्तमान में डिफेंस कॉलोनी स्थित गोरखपुर में रहते थे। दून अस्पताल में टैक्नीशियन के पद कई वर्ष रहते हुए सेवा दी और 2018 में सेवानिवृत्त हुए। इसके अलावा उनका उत्तराखंड के रंगमंच में अतुलनीय योगदान रहा। नाटकों का मंचन, अभिनय, निर्देशन इन सब विधाओं में निपुण होने के चलते रंगकर्मी उन्हें देहरादून रंगमंच के सूत्रधार मानते थे। इसके अलावा गढ़वाली फ़िल्म ‘कभी सुख कभी दुख’ में अभिनय व ‘मेरी प्यारी बोई’ में निर्देशन किया।
बेगम का तकिया, अंधा युग, डेथ इन इंस्टॉलमेंट, पहला विद्रोही, दुलारी बाई, कागज की कतरनें, जात न पूछो साधू की सहित कई नाटकों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। संभव रंगमंच परिवार के निर्देशक अभिषेक मैंदोला बताते हैं कि सुरेंद्र भंडारी का हर समय योगदान मिलता था। वह एक अच्छे मेकअप आर्टिस्ट भी थे और रंगमंच के कार्यक्रमों में सहयोग करने के साथ ही युवा रंगकर्मियों को भी प्रोत्साहित करते थे। एकलव्य थिएटर देहरादून के निर्देशक अखिलेश नारायण बताते हैं कि वह हर एक कार्यक्रम में आकर पीछे वाली सीट पर बैठकर देखते थे और कार्यक्रम संपन्न होने के बाद कलाकारों का हौसला अफजाई कर मार्गदर्शन देते थे। उनके निधन से अपूरणीय क्षति हुई है।
उत्तराखंड फिल्म टेलीविजन एंड रेडियो एसोसिएशन ‘उफतारा’ के अध्यक्ष प्रदीप भंडारी ने कहा कि सुरेन्द्र भंडारी के इस दुनिया से जाने से रंगमंच और फिल्म इंडस्ट्री को अपूरणीय क्षति हुई है। वहीं, उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी व जिलाअध्यक्ष प्रदीप कुकरती ने कहा कि दर्शकों को नाटक के माध्यम से जीवन का सत्य बताने वाले आज खुद अपने जीवन के किरदार से हार गए।
राज्य आंदोलन में भूमिका निभाने के साथ ही उन्होंने राज्य आंदोलनकारियों के हित में अपने ओर से हरसंभव प्रयास किए। श्रद्धांजलि देने वालों में ओमी उनियाल, रामलाल खंडूड़ी, रविंद्र जुगरान, पूरण सिंह लिंग्वाल, चन्द्र किरण राणा, राकेश नौटियाल, शिवानंद चमोली, मनमोहन नेगी, सतीश धोलाखंडी, पुष्पलता सिल्माणा, के अलावा फिल्म अभिनेता कांता प्रसाद, एसपी ममगाईं, मीना राणा, राजेंद्र चौहान, संगीता ढौंडियाल आदि ने श्रद्धांजलि दी।
पत्रकार और सूचना विभाग में विज्ञापन अनुश्रवण समिति अध्यक्ष राजेंद्र जोशी का भी आज एक निजी अस्पताल में कोरोना संक्रमण से देहावसान हो गया। वे भाजपा नेता मनोहर कांत ध्यानी के संबंधी और पत्रकार बनने के पहले भाजयुमो में सक्रिय थे।

जिलाधिकारी ने मांगा सभी लैब का पांच दिन का डाटा

तमाम लैब कोरोना जांच की रिपोर्ट 48 घंटे के भीतर संबंधित पोर्टल पर अपलोड नहीं कर रहे हैं। इससे नागरिकों को समय पर पता नहीं चल पा रहा कि वह पॉजिटिव हैं या निगेटिव। बार-बार की चेतावनी के बाद भी लैब प्रबंधकों की हीलाहवाली पर जिलाधिकारी डॉक्टर आशीष श्रीवास्तव ने नाराजगी जताई है। उन्होंने सभी लैब का डाटा तलब किया है।

गुरुवार को जिलाधिकारी डॉक्टर आशीष श्रीवास्तव ने जिला प्रतिरक्षण अधिकारी को निर्देश दिए कि वह सभी लैब का पांच दिन का डाटा मुहैया कराएं। ताकि स्पष्ट किया जा सके कि कितनी जांच में रिपोर्ट 48 घंटे के भीतर अपलोड की गई है। उन्होंने सभी अस्पताल प्रबंधकों को निर्देश दिए कि वह रोज सुबह 10 बजे डिस्चार्ज होने वाले व्यक्तियों की जानकारी दें। ताकि होम आइसोलेशन में रह रहे जिन व्यक्तियों के ऑक्सीजन स्तर 90 से कम आ रहा है, उन्हें बेड मुहैया कराए जा सकें। कम्युनिटी सर्विलांस में कोरोना के लक्षण वाले व्यक्तियों की जांच रिपोर्ट भी जिलाधिकारी ने तलब की। उन्होंने निर्देश दिए इस तरह के मामले में जो व्यक्ति संक्रमित पाए जा रहे हैं, उनका ब्लॉकवार डाटा एकत्रित किया जाए।

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