उत्तराखंड विस शीत सत्र: कमजोर होमवर्क, भ्रष्टाचार मुद्दा फुस्स, कांग्रेस का वाक आउट

भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सदन में हुआ जमकर हंगामा, पारित हुए छह विधेयक

विपक्ष का वॉक आउट : सदन में 25 मिनट तक हुई तीखी नोकझोंक
आज महंगाई पर सदन में सरकार घेरने की तैयारी में विपक्ष
कर्मकार बोर्ड के मामले में घिरे हरक, प्रश्नकाल, शून्यकाल में उठा मामला

उत्तराखंड सदन में बुधवार को विपक्ष ने सरकार को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जमकर घेरा। दिनभर हंगामा चला, दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित हुई। बाद में सरकार के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने वॉक आउट कर दिया। अब बृहस्पतिवार को विपक्ष ने महंगाई के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी की है।

बुधवार को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सदन का माहौल कार्यवाही शुरू होते ही गरमा गया। विपक्ष ने काम रोको प्रस्ताव के तहत सीएम के ओएसडी केएस पंवार, कर्मकार बोर्ड, सीएम के स्टिंग, छात्रवृत्ति घोटाले आदि मामलों को उठाया। सरकार की ओर से कहा गया कि अधिकतर मामलों में या तो जांच हो रही है या फिर मामले कोर्ट में हैं।
इस पर पक्ष-विपक्ष के बीच करीब 25 मिनट तक तीखी बहस हुई। बाद में केएस पंवार के मामले को नियम 58 के तहत सुनने के लिए स्वीकार किया गया। विपक्ष ने केएस पंवार के मामले को मनी लांड्रिंग से जोड़ा। संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने कहा कि 2019 में इस मामले की जांच एसआईटी से कराई जा चुकी है और इसमें भ्रष्टाचार जैसा कोई मामला नहीं है।
आरबीआई से भी इस मामले में बात की जा चुकी है। इस पर पीठ ने इस मामले में चर्चा कराना अस्वीकार किया। इससे नाराज विपक्ष ने नारेबाजी करते हुए सदन से वॉक आउट कर दिया।
संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने कहा कि विपक्ष का होमवर्क बेहद खराब है और सुनी सुनाई बातों पर बिना तथ्यों के आरोप लगा रहा है। सरकार ने जवाब से संतुष्ट न होने पर विपक्ष ने भोजनावकाश के बाद सदन का वाक आउट कर दिया।
बुधवार को प्रश्न काल शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश, उप नेता करन माहरा, कांग्रेस प्रांतीय अध्यक्ष प्रीतम सिंह आदि ने सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। उन्होंने कर्मकार कल्याण बोर्ड, एनएच 74 जांच, छात्रवृत्ति घोटाला, स्टिंग, लोकायुक्त के मुद्दे पर हंगामा करते हुए नियम 310 में इस पर चर्चा कराने की मांग की। विपक्ष ने मुख्यमंत्री के औद्योगिक सलाहकार केएस पंवार की कंपनी सोशल ग्रुप पर भी कथित अनियमितताओं के आरोप लगाए।
हंगामे के बीच स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल ने साफ किया कि जिन मामलों में कोर्ट में सुनवाई चल रही है, उस पर सदन में चर्चा नहीं हो सकती। हालांकि, सीएम के सलाहकार की कंपनी पर लगे आरोपों की नियम 58 में चर्चा कराई गई। भोजनावकाश के बाद भी विपक्ष ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर हंगामा जारी रखा। बाद संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक के जवाब से असंतुष्ट होकर सदन वॉकआउट कर दिया।

सरकार क्यों गई सुप्रीम कोर्ट

विपक्ष ने सवाल उठाया किया कि सरकार का एक स्टिंग सामने आया। सत्ता में बैठे लोगों के रिश्तेदारों पर खनन के मामलों में पैसे के लेनदेन के आरोप लगे। हाईकोर्ट ने हाल ही में एक प्रकरण में सीबीआई को एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए। इस पर सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई। इससे साफ है कि सरकार भ्रष्टाचार को दबाने पर तुली है। यदि सभी पाक साफ हैं,तो क्यों इस मामले में जांच से बचा जा रहा है।

छात्रवृति घोटाले की कब होगी सीबीआई जांच

विपक्ष ने छात्रवृति घोटाले में अभी तक कोई बड़ी कार्रवाई न होने पर भी सवाल उठाए। कहा कि करोड़ों रुपये का गबन करने वाले अधिकारियों और स्कूल संचालकों के खिलाफ भी कोई कारवाई अभी तक नहीं हुई। आरोप लगाया कि इसमें सत्तापक्ष के कई लोगों पर भी आंच आना तय है। बड़ी मछलियों को बचाने को छोटी मछलियों पर कार्रवाई का दिखावा किया गया।

एनएच 74 में पहले कार्रवाई,बाद में क्लीन चिट

विपक्ष ने एनएच 74 घोटाले में सरकार पर लीपापोती का आरोप लगाया। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश, कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि पूरी जांच अधर में है। पहले दिखावे को आईएएस अफसरों को निलंबित किया गया, बाद में उन्हें ही क्लीन चिट देकर बहाल कर दिया गया।

मंत्री हरक सिंह रहे निशाने पर

इससे पहले प्रश्नकाल और शून्यकाल में भी ट्रेजरी बैंच को विपक्ष के तल्ख रुख का सामना करना पड़ा। श्रम मंत्री हरक सिंह को कर्मकार बोर्ड के मामले में विपक्ष के सवालों का जवाब देना पड़ा। यह मामला विपक्ष ने भ्रष्टाचार पर चर्चा के प्रस्ताव में भी उठाया था। हरक सदन में सफाई देते हुए भावुक भी हुए।

छह विधेयक पारित

सरकार ने राजभवन से लौटे दो विधेयकों सहित छह विधेयक पारित कराए। अंब्रेला विश्वविद्यालय विधेयक में एक संसोधन किया गया, जबकि उच्च शिक्षा से संबंधित दूसरे विधेयक को मूल रूप से पारित किया गया।

कर्मचारी और आपदा मामले में फैसला

कांग्रेस विधायक करन माहरा की ओर से उठाए गए पुरानी पेंशन बहाली मामले में सरकार ने केंद्र को दोबारा प्रस्ताव भेजना स्वीकार किया। इसी तरह हरीश धामी की ओर से उठाए गए धारचूला आपदा से प्रभावित लोगों के मालिकाना हक के मामले में सरकार ने परीक्षण कराने की हामी भरी।

बृहस्पतिवार का बिजनेस तय

सरकार ने सत्र के आखिरी दिन बृहस्पतिवार के लिए भी बिजनेस तय किया। कार्यमंत्रणा की बैठक में तय हुआ कि बृहस्पतिवार को असरकारी कार्य होगा और प्रस्तावों पर चर्चा होगी। प्रश्नकाल नहीं होगा।

सत्ता पक्ष के विधायक फिर नाराज

टनकपुर जौलजीवी रोड में भ्रष्टचार के मामले को उठा रहे सत्ता पक्ष के लोहाघाट विधायक पूरन फर्त्याल ने कहा कि सरकार जांच कराए। जांच में भ्रष्टाचार का मामला सामने नहीं आया तो वे राजनीति से संन्यास ले लेंगे। सत्ता पक्ष के विधायक राजकुमार ठुकराल ने सदन में नियम 300 के तहत सिडकुल में सड़क घोटाले का मसला उठाया।

विपक्ष का होमवर्क मंगलवार को कमजोर था और बुधवार को तो और भी कमजोर था। विपक्ष ने भ्रष्टाचार के दो मामले उठाए, दोनों ही मामलों में विपक्ष का होमवर्क कमजोर साबित हुआ। जब कुछ नहीं बचा तो फिर सदन से बाहर चले गए। अब सदन से कोई बाहर जाता है तो उसे रोक तो नहीं सकते। बृहस्पतिवार को भी सदन है और हमने कहा है कि विपक्ष चर्चा करे, जितनी करनी है।
– मदन कौशिक, संसदीय कार्यमंत्री

विपक्ष ने जो भी मुद्दे उठाए, उस पर सरकार की ओर से सही जवाब नहीं आया। संसदीय कार्यमंत्री ने आरबीआई से लेकर बाकी सबसे बात की। कई मामलों में सरकार को विपक्ष की बात माननी पड़ी। यही वजह रही कि विपक्ष सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सदन से वॉक आउट कर गया। बृहस्पतिवार को विपक्ष मुख्य रूप से महंगाई का मुद्दा उठाएगा। सरकार को जवाब देना होगा।
– इंदिरा हृदयेश, नेता प्रतिपक्ष

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