उत्तराखंड विधानसभा में रोजगार पर कांग्रेस का बहिर्गमन,1354 करोड़ का दूसरा अनुपूरक बजट

विधानसभा के शीतकालीन सत्र में बेरोजगारी और कानून व्यवस्था पर कांग्रेस का हंगामा
Uttarakhand Assembly Winter Session 2021 शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन शुक्रवार हंगामेदार रहना तय है। कानून व्यवस्था महंगाई बेरोजगारी और दैवीय आपदा समेत विभिन्न मुद्दों पर सदन के भीतर कांग्रेस आक्रामक रुख के साथ सरकार की घेराबंदी करेगी।

विधानसभा के शीतकालीन सत्र में बेरोजगारी और कानून व्यवस्था पर कांग्रेस का हंगामा
देहरादून10 दिसंबर। चुनावी मौसम में विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सदन के भीतर राजनीति गर्मा गई। सत्र के दूसरे दिन शुक्रवार को कांग्रेस का रुख आक्रामक रहा। प्रमुख प्रतिपक्षी दल कांग्रेस के विधायकों ने प्रश्नकाल में बेरोजगारी के मुद्दे और शून्यकाल में कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सदन में हंगामा किया। राज्य में बेरोजगारी दर देश में सर्वोच्च होने के विपक्ष के आरोप को कौशल विकास एवं सेवायोजन मंत्री डाक्टर हरक सिंह रावत ने नकार दिया तो विपक्ष ने सदन में रखे गए रोजगार के आंकड़ों पर सवाल उठा दिए। सात लाख व्यक्तियों को रोजगार देने के मंत्री के जवाब पर कांग्रेस विधायकों ने उन्हें घेरा। इससे पहले सदन में ही 10 लाख को रोजगार देने के सरकार के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से बहिर्गमन किया।

सदन में शुक्रवार सुबह 11 बजे प्रश्नकाल शुरू होते ही कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन के अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में कौशल विकास एवं सेवायोजन मंत्री डा हरक सिंह ने बताया कि राज्य में बेरोजगारी की दर सर्वोच्च स्तर पर नहीं है। सीएमआइआइ के प्रतिवर्ष जारी किए जाने वाले आंकड़ों के मुताबिक उत्तराखंड में बेरोजगारी की दर लगातार कम दर्ज की गई है। राज्य में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या 8.50 लाख है। सरकार ने करीब सात लाख व्यक्तियों को रोजगार मुहैया कराया है।
सरकार के जवाब पर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, काजी निजामुद्दीन व हरीश धामी ने आपत्ति की। प्रीतम सिंह उन्होंने कहा कि सरकार सदन में सात लाख को रोजगार देने की बात कह रही है, जबकि इससे पहले सदन में ही सरकार 10 लाख व्यक्तियों को रोजगार देने का वक्तव्य दे चुकी है। कैबिनेट मंत्री डाक्टर हरक सिंह रावत और संसदीय कार्यमंत्री बंशीधर भगत के जवाब से विपक्षी विधायक नाराज हो गए। तकरीबन पौने घंटे तक नोक-झोंक के बाद विपक्ष ने सदन से बहिर्गमन कर दिया। शून्यकाल में विशेषाधिकार हनन के तहत कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने इस विषय को फिर उठाया। पीठ ने उनके मौखिक रूप से विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव पर नोटिस नहीं लिया। पीठ ने लिखित में प्रस्ताव मिलने पर इस विषय पर विचार करने की बात कही।

शून्यकाल में भोजनावकाश के बाद सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार पर हमला बोला। कार्य स्थगन प्रस्ताव में नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने बाजपुर की घटना के आलोक में कहा कि पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक ही सुरक्षित नहीं हैं तो आमजन की स्थिति का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने केदारनाथ के विधायक मनोज रावत के साथ अभद्रता का विषय भी रखा। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने आंकड़े रखते हुए कहा कि पिछली सरकार की तुलना में पिछले पौने पांच साल में अपराधों में कमी आई है। उन्होंने कहा कि बाजपुर की घटना हमला चिंता का विषय है, लेकिन इसके पीछे कुछ और कारण भी हैं।

1354 करोड़ रूपए का द्वितीय अनुपूरक बजट

उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को वित्तीय वर्ष 2021-22 का दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया। सत्र के दौरान प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 1353 करोड़ 79 लाख आठ हजार रुपये का दूसरा अनुपूरक बजट सदन में पेश किया। वित्त मंत्री होने के नाते मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अनुपूरक बजट पेश करना था। लेकिन उनके सीडीएस जनरल बिपिन रावत की अंतिम यात्रा में शामिल होने की व्यस्तता के चलते शुक्रवार को संसदीय कार्यमंत्री बंशीधर भगत ने सदन पटल पर अनुदान मांगें रखी। शनिवार को अनुपूरक बजट पास होगा।

एनसीसी कैडेट्स ने देखी सदन की कार्यवाही

शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन 32 एनसीसी कैडेट्स ने दर्शक दीर्घा में बैठकर सदन की कार्यवाही देखी। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन में पीठ से सदस्यों को एनसीसी कैडेट्स का परिचय कराकर कैडेट्स का उत्साहवर्धन किया।

अनुपूरक मांगों में राजस्व लेखा में 1168 करोड़ 90 लाख 82 हजार रुपये और पूंजी लेखा में 184 करोड़ 88 लाख 26 हजार रुपये का प्रावधान किया गया है। कुल 11 अनुदान मांगों में सबसे अधिक 668 करोड़ 36 लाख रुपये का प्रावधान राजस्व एवं सामान्य प्रशासन की मद में किया गया है। इससे एसडीआरएफ, आपदा राहत निधि के खर्च की प्रतिपूर्ति होगी।

210 करोड़ 28 लाख की व्यवस्था वित्त, कर, नियोजन, सचिवालय व अन्य सेवाओं के लिए की गई है।  यह धनराशि राज्य विकास ऋणों को अंतरित करने, रेजीडेंट कमीश्नर नई दिल्ली अधिष्ठान और  पर्यावरण निदेशालय के लिए व्यय होगी। ग्राम्य विकास विभाग के लिए 104.67 करोड़ की व्यवस्था की गई है, जिसमें पीएमजीएसवाई की सड़कों की मरम्मत और विधायक निधि के लिए धनराशि की प्रतिपूर्ति होगी। सूचना के लिए 104 करोड़ का प्रावधान किया गया ।
 
लोक निर्माण विभाग के लिए 150 करोड़ की व्यवस्था की गई है। इससे प्रदेश के मार्गों व पुलियों की मरम्मत, व राज्य सेक्टर की चालू निर्माण योजनाओं के काम होंगे। परिवहन के लिए 13 करोड़ 88 लाख 26 हजार रुपये का प्रावधान है, जिससे उत्तराखंड परिवहन के ऋण की प्रतिपूर्ति होगी।

पांच विभागों में पूंजीगत व्यय प्रावधान

ग्राम्य विकास में 54.67 करोड़, लोनिवि में 100 करोड़, परिवहन में 13 करोड़ 88 लाख 26 हजार, अनुसूचित जतियों का कल्याण में 13.49 र्को, और अनुसूचि जनजाति कल्याण के लिए 2.84 करोड़ का प्रावधान पूंजीगत मद में किया गया है।  

किस मद कितनी धनराशि

विभाग          –  बजट राशि(हजार में)
न्याय प्रशासन        –    17165
राजस्व एवं सामान्य प्रशासन- 6683600
वित्त, कर, नियोजन सचिवालय व अन्य सेवाएं  -2102800
शिक्षा, खेल व युवा कल्याण व संस्कृति -2500
सूचना एवं लोक संपर्क     –   1040000
कल्याण योजनाएं        –    838000
ग्राम्य विकास          –  1046700
लोक निर्माण           –   1500000
परिवहन             –    138826
अनुसूचित जाति कल्याण  –   138587
अनुसूचित जनजातियों का कल्याण-29730
योग   – 13537908

 

अनुपूरक बजट के मुख्य प्रावधान

-668.36 करोड़ का प्रावधान आपदा राहत निधि के तहत एसडीआएफ के लिए
-10 करोड़ का पर्यावरण निदेशालय के अंतर विभागीय व्यय एवं सब्सिडी
-80 करोड़ नंदा गौरा योजना के लिए
-50 करोड़ प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़कों की मरम्मत के लिए
-100 करोड़ लोनिवि की राज्य सेक्टर की चालू सड़कों के निर्माण के लिए

सदन के पटल पर पेश हुए 8 बिल

– उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन निरसन विधेयक 2021
– उत्तराखंड पंचायती राज द्वितीय संशोधन विधेयक 2021
– आम्रपाली विश्वविद्यालय के विधेयक 2021
– उत्तराखंड नजूल भूमि प्रबंधन व्यवस्थापन एवं निस्तारण विधेयक 2021
– सोसाइटी रजिस्टरीकरण उत्तराखंड संशोधन विधेयक 2021
– उत्तराखंड (उत्तरप्रदेश) लोक सेवा (अधिकरण) (संशोधन) विधेयक 2021
– उत्तराखंड सिविल विधि संशोधन विधेयक 2021
– उत्तराखंड कृषि उत्पाद मंडी, (विकास एवं विनियमन) पुनर्जीवित विधेयक 2021

विधेयक जो बने अधिनियम

उत्तराखंड विनियोग (2021-22 का अनुपूरक) विधेयक 2021, आईएमएस यूनिसन विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2021,  डीआईटी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2021, हिमालयन गढ़वाल विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2021, उत्तराखंड माल एवं सेवाकर (संशोधन) विधेयक 2021, उत्तराखंड फल पौधशाला (विनियमन) (संशोधन) विधेयक 2021, उत्तराखंड नगर निकायों एवं प्राधिकरणों के लिए विशेष प्रावधान (संशोधन) विधेयक 2021 और उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश राज्य उच्च शिक्षा परिषद अधिनियम 1995) (संशोधन) विधेयक 2021 अधिनियम बनें। 

तय समय में सभी प्रश्नों का उत्तर मिलने का बना रिकॉर्ड 
विधानसभा शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन एक बार फिर प्रश्नकाल के दौरान सदन में सदस्यों की ओर से पूछे गए सभी तारांकित प्रश्नों को निश्चित समय अवधि में उत्तरित किया गया। सदन में 27 वीं बार ऐसा हुआ है कि सदन में सभी तारांकित प्रश्नों को उत्तर मिला है। जो सदन की कार्रवाई में रिकॉर्ड है। विधानसभा अध्यक्ष ने सदन में पीठ से सभी सदस्यों का सहयोग के लिए धन्यवाद भी व्यक्त किया। 
 

 

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