कोरोना कालीन बंदिशों में ढील आते ही फिर भूले कोविड सावधानियां, पर्यटन स्थलों पर भीड़ की रेलमपेल

कोरोना कालीन बंदिशों में ढील के बाद लग रहा है कि लोग बेफिक्र हो गए हैं। हिल स्‍टेशनों और बाजारों में जमकर भीड़ हो रही है। कोरोना प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ गई हैं। जबकि कोरोना की दूसरी लहर अब भी खत्‍म नहीं हुई है और तीसरी लहर आने की आशंका सिर पर है
कोरोना की तीसरी लहर को क्‍या दावत दे रहे हम? डराने वाली हैं ये तस्‍वीरें
नई दिल्ली 06जुलाई।हिमाचल प्रदेश के मनाली और उत्तराखंड के मसूरी से आई इन तस्‍वीरों में साफ देखा जा सकता है कि लोग किस कदम लापरवाही पर आमादा हैं। न तो उनके मुंह मास्‍क से ढंके हैं, न वो सोशल डिस्‍टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। इसे देखते हुए सरकार की भी चिंता बढ़ गई है। उसने चेतावनी दी है। सरकार ने कहा है कि अभी लोगों को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते रहना है। अगर कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर नहीं रखा गया तो कोरोना फिर पैर पसारेगा। इसके चलते प्रतिबंधों में ढील को रद्द किया जा सकता है।

मनाली में मौज-मस्‍ती, लोग भूले कोरोना

मनाली की यह तस्‍वीर लोगों की लापरवाही बताने के लिए काफी है। लोग बेफिक्र होकर घूम रहे हैं मानों कोरोना खत्‍म हो गया है। वहीं, हकीकत यह है कि कोरोना की दूसरी लहर भी खत्‍म नहीं हुई है और तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है। एक रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि तीसरी लहर के अगस्‍त के मध्‍य तक आने की आशंका है। लोगों का रवैया जिस तरह का है, उससे खतरा और बढ़ता दिख रहा है। मैदानी इलाकों में क्‍या, पहाड़ों पर भी जबर्दस्‍त भीड़ जुट रही है। अलग-अलग जगहों से आई तस्‍वीरें बानगी हैं कि लोग घोर लापरवाही कर रहे हैं। पाबंदियों में ढील के बाद बाजारों और हिल स्‍टेशनों में खूब भीड़ हो रही है। कोरोना प्रोटोकॉल को लोग भुला बैठे हैं। न मुंह पर मास्‍क है और न सोशल डिस्‍टेंसिंग। जिन्‍होंने मास्‍क लगाया भी हुआ है, वह भी नाम के लिए है। सरकार ने इसे देखते हुए चेतावनी दे दी है। उसने कहा है कि कोरोना खत्‍म नहीं हुआ है। कोरोना के प्रोटोकॉल का सख्‍ती से पालन नहीं हुआ तो प्रतिबंधों में ढील को दोबारा रद्द किया जा सकता है।

मसूरी में मस्‍ती, प्रोटोकॉल ताक पर

यह तस्‍वीर है उत्‍तराखंड के मसूरी की। इन दिनों पहाड़ों की रानी मसूरी सैलानियों से गुलजार है। बस, दिक्‍कत यह है कि मौज-मस्‍ती में लोग सतर्कता नहीं बरत रहे हैं। लोगों की इसी लापरवाही पर सरकार ने चिंता जताई है। उसने कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर बेशक नरम पड़ी है, लेकिन अभी लोगों को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते रहना है। हिल स्‍टेशनों की यात्रा करने वाले लोग लापरवाही कर रहे हैं। वो कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर (कोरोना उपयुक्‍त व्‍यवहार ) का पालन नहीं कर रहे हैं। यह सही नहीं है। अगर कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर नहीं रखा गया तो कोरोना फिर पैर पसारेगा। कोरोना को काबू में करने के लिए अब तक की गई मेहनत पर पानी फिर जाएगा। दोबारा लोगों को बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।

बंदिशों में ढील के बाद मनाली में लोगों का जमघट

कोरोना लॉकडाउन में बंदिशों में ढील क्‍या दी गई कि मनाली के मॉल रोड पर लोगों का जमघट लगने लगा। सरकार ने मंगलवार को आगाह किया है कि कोरोना से बचाव के नियमों का पालन किए बगैर हिल स्टेशनों और बाजारों में लोगों का घूमना महामारी से निपटने में अब तक मिली कामयाबी पर पानी फेर देगा। कोविड-19 की दूसरी लहर ज्यादातर राज्यों में मंद पड़ गई है। हालांकि, कुछ राज्य अब भी दूसरी लहर के बीच में है। जिन इलाकों में कोरोना की जांच में 10 फीसदी नमूनों में संक्रमण की पुष्टि हो रही है, वहां पाबंदियां लगानी होंगी। देश में कोरोना के 80 फीसदी मामले 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 90 जिलों में सामने आए हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि इन इलाकों में कहीं अधिक ध्यान देने की जरूरत है।

मास्‍क लगाने का सही तरीका नहीं जानते 45% लोग

सरकार ने एक ऑनलाइन सर्वे किया है। इसमें पाया गया है कि 24 फीसदी लोग मास्क का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। 45 फीसदी लोग मास्‍क लगा तो रहे हैं, लेकिन वो इन्‍हें सही से नहीं लगा रहे हैं। केवल 29 फीसदी लोग ही मास्क सही से लगा रहे हैं। सर्वे से यह भी पता चलता है कि 63 फीसदी लोग सोशल डिस्टेंसिंग का बिल्कुल पालन नहीं कर रहे हैं। वहीं, 45 फीसदी लोग कुछ हद तक पालन कर रहे हैं। सिर्फ 11 फीसदी लोग ही सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन कर रहे हैं। वैक्सीनेशन सेंटर में कोविड से बचने के लिए सही बर्ताव का 44 फीसदी लोग सही से पालन कर रहे हैं। जबकि 48 फीसदी थोड़ा पालन कर रहे हैं। 6 फीसदी बिल्कुल पालन नहीं कर रहे हैं। ट्रैवलिंग के दौरान कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन सिर्फ 15 फीसदी लोग कर रहे हैं। वहीं, 58 फीसदी कुछ हद तक इसका पालन कर रहे हैं। 25 फीसदी लोग इसका बिल्कुल पालन नहीं कर रहे हैं।

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