धामी उत्तराखंड के 12वें मुख्यमंत्री, छह माह के प्रशासनिक प्रदर्शन से कायल हुआ हाईकमान

एक बार फिर धामी को कमान: उत्तराखंड के 12वें मुख्यमंत्री के नाम पर लगी मुहर, विधायक दल के नेता चुने गए

देहरादून/नई दिल्ली 21 मार्च। भाजपा में कई दिनों से मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रहा सस्पेंस आज खत्म हो गया। चुनाव हारने के बावजूद पार्टी ने पुष्कर सिंह धामी पर एक बार फिर भरोसा दिखाया है और उन्हें उत्तराखंड की कमान सौंपे जाने का फैसला लिया है।

भाजपा विधायक मंडल दल की बैठक में सीएम पुष्कर सिंह धामी का नाम सबसे आगे रहा। उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया। इसी के साथ उत्तराखंड को 12 वें मुख्यमंत्री के रूप में सीएम पुष्कर सिंह धामी का चेहरा मिल गया है।दस मार्च को आए चुनाव परिणामों के बाद उत्तराखंड में भाजपा बहुमत का जादुई आंकड़ा छूने में कामयाब रही, लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी सीट नहीं बचा पाए थे।

उत्तराखंड में मुख्यमंत्री को लेकर चल रहा सस्पेंस आखिरकार खत्म हुआ। चुनाव हारने के बावजूद पार्टी ने पुष्कर सिंह धामी पर एक बार फिर भरोसा दिखाया है। और उन्हें कमान सौंपे जाने का फैसला लिया है। धामी के हाथ विधानसभा चुनाव में निराशा लगी थी। खटीमा विधानसभा सीट से धामी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। उन्हें कांग्रेस के भुवन कापड़ी ने छह हजार से ज्यादा वोटों से हराया।

उत्तराखंड में बीजेपी की बहुमत के साथ जीत हुई। प्रदेश के इतिहास में पहली बार ऐसा होने जा रहा है कि कोई पार्टी लगातार दूसरी बार सरकार बनाएगी। लेकिन मौजूदा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हाथ निराशा लगी है। खटीमा विधानसभा सीट से धामी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। उन्हें कांग्रेस के भुवन कापड़ी ने छह हजार से ज्यादा वोटों से हराया।

उत्तराखंड के 20 साल के इस सफर में प्रदेश को 11 मुख्यमंत्री मिले हैं। भाजपा ने सात मुख्यमंत्री दिए हैं, तो कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश को तीन मुख्यमंत्री दिए हैं। हालांकि, भाजपा शासन के पांच साल के कार्यकाल में पहली बार उत्तराखंड में तीन-तीन मुख्यमंत्री मिले हैं। सबसे खास बात यह है कि सभी मुख्यमंत्रियों में से सिर्फ कांग्रेस के पूर्व सीएम नारायण दत्त तिवारी ही अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा कर पाए थे।

उत्तराखंड के राजभवन में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) ने नामित प्रोटेम स्पीकर बंशीधर भगत को शपथ दिलाई. कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इस मौके पर मौजूद रहे. इसके बाद प्रोटेम स्पीकर बंशीधर भगत आज ही पांचवीं निर्वाचित विधानसभा के सदस्यों को शपथ दिलाएंगें।

 

जानिए कौन होता है प्रोटेम स्पीकर

आमतौर पर प्रोटेम स्पीकर का काम नए सदस्यों को शपथ दिलाना और स्पीकर (विधानसभा अध्यक्ष) का चुनाव कराना होता है. आमतौर पर सबसे सीनियर मोस्ट विधायक को प्रोटेम स्पीकर बनाया जाता है. विधानसभा सचिवालय की तरफ से राज्यपाल को सीनियर मोस्ट विधायकों के नाम भेजे जाते हैं और राज्यपाल उनसे से एक विधायक को चुनता है. ये राज्यपाल का विशेषाधिकार है कि वो किसे चुने.

कौन हैं बंशीधर भगत

बंशीधर भगत अब तक सात बार विधायक बन चुके हैं. वर्ष 1991 में वह पहली बार उत्तर प्रदेश विधानसभा में नैनीताल से विधायक चुने गए. फिर 1993 दूसरी व 1996 में तीसरी बार नैनीताल के विधायक बने.

उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री की घोषणा आज ही राज्य के नवनिर्वाचित भाजपा विधायकों के  विधायक दल नेता चुनने के बाद की जाएगी. उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में सरकार गठन की चल रही प्रक्रिया में रविवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत पार्टी के शीर्ष नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास पर हुई बैठक में भाजपा महासचिव (संगठन) बी एल संतोष भी शामिल थे।

उत्तराखंड में मुख्यमंत्री को लेकर और अधिक अनिश्चितता दिखाई दी, यह देखते हुए कि  मुख्यमंत्री रहते पुष्कर सिंह धामी खटीमा से हार गए, हालांकि पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ विजयी हुई. रविवार को भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और शीर्ष पद के दावेदारों ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर बैठक की जिसमें जेपी नड्डा के अलावा पुष्कर सिंह धामी और राज्य के वरिष्ठ नेता त्रिवेंद्र सिंह रावत, रमेश पोखरियाल निशंक और सतपाल महाराज शामिल हुए. अमित शाह ने सभी को लॉबिंग से बचने की सलाह दी है। इसके तत्काल बाद दिल्ली में ही राज्य के नेताओं की सर्वसम्मति बनाने को बैैैैठक हुई।

बाद में उत्तराखंड भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक और कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मीडिया को बताया कि सोमवार को उत्तराखंड में भाजपा विधायक दल की बैठक होगी. इसके पहले राज्य के सभी नवनिर्वाचित विधायक, विधानसभा सदस्य के तौर पर शपथ लेंगे।

एक-दो नहीं सात लोग हैं रेस में

भाजपा प्रदेश कार्यालय में शाम साढ़े चार बजे विधायक मंडल दल की बैठक होगी जिसमें पार्टी हाईकमान के फैसले के अनुसार मुख्यमंत्री के नाम पर एलान कर दिया जाएगा। हालांकि ताज किसके सिर सजेगा, सस्पेंस बरकरार है।

बैठक में भाग लेने के लिए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी, प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम सोमवार दोपहर को देहरादून पहुंच गए हैं। इसके अलावा चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी समेत प्रदेश के सभी राज्यसभा व लोकसभा सांसद और नवनिर्वाचित विधायक बैठक में भाग लेंगे।

मुख्यमंत्री पद के लिए कई नामों की चर्चा

नए मुख्यमंत्री के लिए कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, सतपाल महाराज,सांसद अनिल बलूनी, डॉक्टर धन सिंह रावत, ऋतु खंडूड़ी, पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट के नाम चर्चाओं में हैं।

23 मार्च को हो सकता है शपथ ग्रहण

विधायक मंडल दल की बैठक में मुख्यमंत्री का नाम तय हो जाएगा। 23 मार्च को मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री शपथ ले सकते हैं। सूत्रों के अनुसार 22 मार्च को देहरादून में झंडा जी का मेला है, इस कारण कानून व्यवस्था और यातायात व्यवस्था को देखते हुए 23 मार्च को शपथ ग्रहण समारोह करने की तैयारी चल रही है

दिल्ली में मुख्यमंत्री के नाम और कैबिनेट में मंत्रियों को लेकर बात हुई। सूत्रों का कहना है कि नए और पुराने चेहरों के मिश्रण से कैबिनेट बनेगी।

अकेले शाह से मिले सतपाल महाराज

दिल्ली  बैठक से पहले कार्यवाहक कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने गृह मंत्री अमित शाह से उनके आवास पर शिष्टाचार भेंट की। हालांकि महाराज बैठक में शामिल नहीं हुए। बता दें कि महाराज का नाम भी मुख्यमंत्री पद के लिए चर्चाओं में हैै।

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