छेड़-छाड़ के आरोपित गिरफ्तार करने एम्स की 4थीं मंजिल पहुंची पुलिस जीप

AIIMS जीप ऑपरेशन: पुलिस ने बताया क्यों तीसरी मंजिल पर पहुंची गाड़ी, छेड़छाड़ के आरोपित की जमानत पर भड़के डॉक्टर्स – AIIMS Rishikesh Doctors Protest
AIIMS Rishikesh Female Doctor Molestation Case अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश (AIIMS Rishikesh) इन दिनों महिला डॉक्टर से छेड़छाड़, आरोपित की जमानत और पुलिस के एक्शन के कारण चर्चा में हैं. अब आरोपित की जमानत को लेकर एम्स के डॉक्टर भड़के हुए हैं. आज गुरुवार 22 मई को डॉक्टरों ने जुलूस निकाल आरोपित की दोबारा गिरफ्तारी की मांग की. वहीं, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि क्यों पुलिस को गाड़ी लेकर चौथी मंजिल पर जाना पड़ा?

एम्स ऋषिकेश के डॉक्टरों ने निकाला जुलूस

एम्स के डॉक्टरों का प्रदर्शन
ऋषिकेश 22 मई 2024.: एम्स ऋषिकेश में महिला डॉक्टर के साथ छेड़छाड़ करने वाले आरोपित को जमानत की सूचना से डॉक्टर भड़क गए हैं.डॉक्टरों ने जुलूस निकालकर आरोपित को एम्स से बर्खास्त करने के साथ दोबारा गिरफ्तार कर जेल भेजने की मांग रखी है.मांग पूरी न होने तक डॉक्टरों ने हड़ताल कर अपना आंदोलन जारी रखने की घोषणा की तो वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने लिखित आश्वासन देकर डॉक्टरों को मनाया.

दरअसल, महिला डॉक्टर से छेड़छाड़ में नामांकित नर्सिंग अफसर सतीश कुमार के जेल जाने की बजाय जमानत पर रिहा होने की सूचना ने डॉक्टरों को फिर भड़का दिया है. डॉक्टरों ने एम्स परिसर पर आसपास के क्षेत्र में जुलूस निकालते हुए जमकर नारेबाजी की. छेड़छाड़ की पीड़ित डॉक्टर को न्याय दिलाने की मांग को दोहराया.

जानकारी देतीं एम्स ऋषिकेश की डायरेक्टर प्रोफेसर मीनू सिंह
एम्स की महिला डॉक्टर्स बोलीं- आरोपित के आजाद घूमने से महसूस कर रही हैं असुरक्षित: डॉक्टर पारुल ने कहा कि आरोपित सतीश कुमार के आजाद घूमने से वो खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं. आरोपित को बेल नहीं बल्कि, जेल होनी चाहिए. उसकी एम्स से भी नौकरी की सेवाएं समाप्त कर उसे बर्खास्त करना चाहिए. प्रशासन ने यदि उनकी मांग नहीं मानी तो वो उग्र आंदोलन को भी मजबूर होंगे.

डॉक्टरों को मनाने एम्स पहुंचे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह: जुलूस और नारेबाजी की सूचना मिलने पर देहरादून वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह भी एम्स पहुंचे.उन्होंने विरोध प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों से मुलाकात की.साथ ही उन्हें मुकदमें और आरोपित पर लगी धाराओं के बारे में जानकारी देकर शांत करने का प्रयास किया,लेकिन डॉक्टर अपनी मांग पर अड़े रहे.हालांकि देर शाम को लिखित आश्वसन के बाद डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल खत्म कर दी।

क्या बोले वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ?  वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि लिखित शिकायत के आधार पर ही पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है.संबंधित धाराएं लगाई गई हैं.उन्हीं के अनुसार आरोपित पर कार्रवाई की जा रही है. विवेचना में यदि कुछ और तथ्य सामने आते हैं तो उसके आधार पर अन्य धारायें भी घटाई बढ़ाई जाएगी.

फिलहाल डॉक्टरों को शांत कर हड़ताल खत्म कर ड्यूटी पर आने को समझाया गया है. उम्मीद है कि डॉक्टर उनकी बात जरूर मानेंगे.वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि एम्स की इमरजेंसी में पुलिस के वाहन घूमने के वायरल वीडियो का भी संज्ञान लिया गया है. उन्होंने एम्स में जाकर खुद निरीक्षण किया है.

एम्स ऋषिकेश पहुंचे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह
 ने बताया क्यों तीसरी मंजिल पर पहुंची गाड़ी: वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने पूरी घटना को लेकर बताया कि 19 मई को महिला डॉक्टर के साथ हुई घटना के बाद 20 मई को आरोपित अस्पताल के साइकेट्रिक वार्ड में भर्ती हो गया था. वहां पर लगातार भीड़ बढ़ गई थी. भीड़ देख पुलिस बुलाई गई.पुलिस ने पाया कि आरोपित वार्ड में था और बाहर 250 – 300 डॉक्टर इकट्ठा थे.

उनकी यही डिमांड थी कि आरोपित को सजा दी जाए. काफी देर तक उनको समझाया गया लेकिन इसके बाद भी वो आक्रोशित रहे और भीड़ ज्यादा एकत्रित होने लगी. स्थिति को देखते हुए और मॉब लिंचिग की घटना रोकने को सिक्योरिटी अफसर ने पुलिस को इमरजेंसी एक्जिट के बारे में बताया.


इसके बाद भीड़ से बचाते हुए पुलिस की गाड़ी को तीसरी मंजिल तक ले जाया गया और आरोपित को बाहर लाया गया. हालांकि, जब भीड़ ने देखा कि इस तरह आरोपित को लाया गया है तो लोगों ने पहली मंजिल के पास गाड़ी को रोकने की कोशिश की.

इस स्थिति को देखते हुए सिक्योरिटी अफसर ने 50 मीटर का रास्ता (जो एक और एक्जिट तक जाता है) जो एक वेटिंग रूम का एरिया है, वहां से सुरक्षित निकाला गया. इस दौरान इस बात का पूरा ध्यान रखा गया कि पेशेंट और वहां मौजूद किसी भी व्यक्ति को परेशानी न हो.

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि वहां पर उस वक्त नर्सिंग स्टॉफ भी बड़ी संख्या में मौजूद था तो कहीं डॉक्टर और नर्सिंग स्टॉफ के बीच कोई क्लैश न हो, पुलिस और एम्स प्रशासन के बीच क्लैश न हो, और वहां पर जो मरीज हैं उनको कोई दिक्कत न हो, ये सभी कुछ देखते हुए पुलिस को उस वक्त जो उचित लगा वो किया गया.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस मामले में आरोपित के खिलाफ 354, 506 में मुकदमा दर्ज हो चुका है. उसमें विधिक कार्रवाई चल रही है. इसके साथ ही एम्स में पुलिस ने एक अलग से कमेटी बना दी गई है, जो छात्रों की शिकायतों को सुनेगी. इस कमेटी ने एम्स प्रशासन से मीटिंग भी की है.

तीसरी मंजिल तक क्यों पहुंची पुलिस की गाड़ी?
एम्स ऋषिकेश की डायरेक्टर प्रोफेसर मीनू सिंह से भी बातचीत की गई है. जांच में पता चला है कि वारदात के बाद आरोपित मनोरोग वार्ड में भर्ती हो गया था, जिसे मारने-पीटने को डॉक्टरों की  आक्रोशित टीम थी. इसलिए एम्स के सुरक्षा गार्ड के दिखाए रास्ते के अनुसार पुलिस अपना वाहन लेकर चौथी मंजिल पर पहुंची.

जहां से पुलिस अभिरक्षा में आरोपित सतीश कुमार को हिरासत में लेकर कोतवाली लाया गया. इसमें किसी भी मरीज को कोई भी नुकसान नहीं हुआ. सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा गया और जिस हिस्से को इमरजेंसी हिस्सा बताया जा रहा है, वो इमरजेंसी से पहले मरीज के वेटिंग रूम का हिस्सा है.

उत्तराखंड महिला आयोग अध्यक्ष कुसुम कंडवाल एम्स प्रशासन से प्रकरण पर वार्ता करते हुए।

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