साऊथ की फ़िल्मों के बॉलीवुड रिमेक के दिन गये

साउथ की फ़िल्मों के बॉलीवुड रीमेक का फ़ॉर्मूला क्यों फ़ेल हो रहा है?

पराग छापेकर
शाहिद कपूर और मृणाल ठाकुर के अभिनय वाली हिंदी फ़िल्म जर्सी पिछले महीने रिलीज़ हुई थी.

हाल ही में शाहिद कपूर की फ़िल्म आई ‘जर्सी’. कब आई और कब गई पता ही नहीं चला. या सच कहें तो ज़्यादातर दर्शकों को इससे कोई फ़र्क़ भी नहीं पड़ा क्योंकि वो तो इन दिनों अल्लू अर्जुन, यश और रश्मिका मंदाना के जादू से सम्मोहित हैं. जब ओरिजनल इडली-सांबर मिलता हो तो पिंडी छोले के साथ डोसा कौन खाये.

कहने का मतलब ये कि साउथ की फ़िल्मों के राइट्स ले बॉलीवुड रीमेक बनाने के दिन लद गए हैं. या यूं कहें कि फ़िलहाल तो ऐसा ही नज़र आता है.

तो सवाल वाजिब है कि जब साउथ के सितारों की ख़ुमारी देशभर में सिर चढ़कर बोल रही है तो तमिल-तेलुगू-मलयालम-कन्नड़ की ओरिजनल सुपरहिट फ़िल्में हिंदी स्टाइल में देखने से क्या अनोखा मिल जायेगा.

साउथ के स्टार देश में किसी के लिये अनजान नहीं हैं. उनकी फ़ैन फ़ॉलोइंग हिंदी बेल्ट में भी बढ़ती जा रही है. स्टाइल कॉपी होने लगी है. गानों और डायलॉग्स पर मीम्स और रील्स बनने लगे हैं. तो ऐसे में सिर्फ़ बॉलीवुड सितारों के साथ कॉपी-पेस्ट कहानियां देखने का क्या मज़ा है.

हिंदी फ़िल्म ‘जर्सी’ तेलुगू स्टार नानी की इसी नाम से बनी फ़िल्म की ​रीमेक थी.

रीमेक बन रहा घाटे का सौदा

उदाहरण सामने ही है शाहिद कपूर की ‘जर्सी’ जो तीन साल पहले आई तेलुगू की नानी स्टारर जर्सी का हिंदी रीमेक है. ओपनिंग में तीन करोड़ रुपये की भी बोहनी नहीं हुई और पूरी कमाई 20 करोड़ से कम में सिमट गई.

परसेप्ट पिक्चर्स के बिज़नेस हेड यूसुफ़ शेख़ की राय है कि रीमेक के राइट्स अब यूज़लेस हैं.

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वो कहते हैं, ”अब साउथ की सुपरहिट फ़िल्मों का रीमेक कौन देखना चाहता है. दोबारा बनाकर क्या फ़ायदा होगा. अब जब वो फ़िल्में साउथ से ही हिंदी में डब होकर आ रही हैं तो हिंदी में बनाने की ज़रूरत क्या है? ये लोग अपना बॉक्स ऑफ़िस और अपनी बैलेंस शीट देखते हैं. इनको दर्शकों से क्या मतलब. अब कौन समझाए और किसको. 15 करोड़ वाले कॉन्टेंट और कॉमन मैन की कहानी ने करोड़ों कमाकर दिए हैं, लेकिन मल्टीप्लेक्स वाली 150 करोड़ की थिअरी पलट गई है. उनके दर्शकों को नया चाहिए और बॉलीवुड वाले तो ‘बाहुबली’ और ‘आरआरआर’ की स्केल तो दे ही नहीं सकते.”

यूसुफ़ को लगता है कि ‘बॉलीवुड में तो प्रपोज़ल ही बन रहे हैं. अपनी ख़ुद की फ़िल्में कहां बन रही हैं. ऑडियंस को टेकेन-फ़ॉर ग्रांटेड लिया जा रहा है, लेकिन अब दर्शकों को ये कुबूल नहीं है. सारा खेल टारगेट ऑडियंस को समझने का है और बॉलीवुड में इस पर कोई दिमाग़ ही नहीं लगा रहा है जबकि साउथ वाले सोच-समझ कर ऐसी फ़िल्में बनाते जा रहे हैं. इतना बड़ा ऑडियंस है लेकिन टारगेट ही सेट नहीं है.’

साउथ की सुपरहिट फ़िल्मों का हिंदी रीमेक इससे पहले कोई बुरा सौदा नहीं था. बॉलीवुड के निर्माताओं ने इस फ़ॉर्मूले से भर-भर कर कमाई की है. कारण साफ़ था कि सोशल मीडिया के तूफ़ान से पहले हिंदी बेल्ट के दर्शकों को रजनीकांत और कमल हासन को छोड़कर बहुत ज़्यादा कुछ पता नहीं था. साउथ की फ़िल्में और वहां के बाकी के स्टार बहुत लोकप्रिय नहीं थे इसलिए जब फ़िल्म का मीडिया प्रचार होता था तो पता चलता था कि ये फलां साउथ की फ़िल्म का रीमेक है.

हिंदी फ़िल्म ‘सत्या’ 1998 में रिलीज़ हुई थी, जिससे मनोज वाजपेयी रातों-रात स्टार बन गए थे.

प्री-सोशल मीडिया दौर में साउथ की फ़िल्मों के हिंदी रीमेक का इतिहास गोल्डन रहा है. फिर वो चाहे एक करोड़ लगाकर दस करोड़ कमाने वाली ‘एक दूजे के लिये’ (तेलुगू की ‘मारो चरित्र’) हो, रामगोपाल वर्मा की ‘शिवा’ और ‘सत्या’ जैसी कई फ़िल्में, अनिल कपूर की विरासत (तमिल की ‘थेवर मगन’), कमल हासन की चाची 420 (तमिल की ‘अव्वै शण्मुगी’), सैफ़ अली ख़ान की ‘रहना है तेरे दिल में’ ( तमिल की ‘मिन्नाले’), रानी मुखर्जी की ‘साथिया’ (तमिल की ‘अलैपयुते’) – यानी लिस्ट काफ़ी लंबी है और उनकी सफलता की कहानी भी.

एक समय था जब बॉलीवुड के निर्माता तथाकथित प्रेरणा के नाम पर फ़्रेम टू फ़्रेम क़ॉपी करके साउथ की फ़िल्मों का हिंदीकरण कर देते थे, बाद में क़ानूनी डर से पैसे देकर राइट्स लेना शुरू हुआ. सलमान ख़ान के करियर का गोल्डन पीरियड भी इन्हीं साउथ की फ़िल्मों की रीमेक की वजह से आया था.

सलमान ख़ान को नंबर वन स्टार बनाने में भूमिका दक्षिण की फ़िल्मों की भी है.

तेरे नाम (तमिल की सेतु) से लेकर वॉन्डेट (तेलुगू की पोक्करी), जुड़वा ( तेलुगू की हैलो ब्रदर), नो एंट्री (तमिल की चार्ली चैप्लीन), क्यूंकि (मलयालम की थलावट्ट्म), रेडी (तेलुगू की रेडी), बॉडीगार्ड (मलयालम की बॉडीगार्ड), किक (तेलुगू की किक) सहित कई फ़िल्में सलमान साउथ से लेकर आये. अक्षय कुमार की राउडी राठौर (तेलुगू की विक्रमारकुडु) और अजय देवगन की सन ऑफ़ सरदार (मर्यादा रमन्ना) का ज़िक्र भी यहां ज़रूरी हो जाता है.

केजीएफ फ़िल्म से कन्नड़ फ़िल्म स्टार यश पूरे देश में मशहूर हो गए.

इन फ़िल्मों की लिस्ट बड़ी है पर ख़त्म होने वाली नहीं. भले ही साउथ के ओरिजनल स्टार अब हिंदी भाषा में ताज़ा फिल्में देने को तैयार हैं, लेकिन भविष्य में भी ऑफ़िशियल रीमेक का सिलसिला थम नहीं रहा है.

बॉलीवुड के गॉसिप सर्किट के दावों की मानें तो आने वाले समय में अक्षय कुमार तमिल की ‘रत्नासन’ में, सलमान ख़ान ‘मास्टर’ में, रितिक रोशन और सैफ़ अली ख़ान ‘विक्रम वेधा’ में, अजय देवगन ‘कैथी’ में, अभिषेक बच्चन ‘अय्पनु कोशियुमट’ में, रणवीर सिंह ‘अन्नियन’ में और आदित्य राय कपूर ‘थडियन’ में नज़र आ सकते हैं.

ट्रेड एक्सपर्ट अतुल मोहन तो हमेशा से कहते रहे हैं कि ‘अब गिमिक का टाइम चला गया है. बॉलीवुड में फ़िल्में महंगी हो रही हैं, लेकिन कोई प्रोडक्शन वैल्यू ही नहीं है. साउथ की एक फ़िल्म में 300 करोड़ तक की वैल्यू दिखती है. कैटगरी चेंज हो गई है. लॉकडाउन के बाद पैटर्न चेंज हो गया है. साउथ के रीमेक राइट्स हमारे लिए ज़ीरो हो गए. हम चिकनी राह पर चल रहे हैं जिस पर फिसलन बहुत है।

इन 11 साउथ फिल्मों के हिंदी रीमेक पर ही टिका है बॉलीवुड का फ्यूचर, देखें लिस्ट

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो क्या वाकई में इन 11 साउथ फिल्मों के हिंदी रीमेक पर बॉलीवुड का फ्यूचर टिका हुआ है। आप भी देखें ये पूरी लिस्ट…

बॉलीवुड में अब तक कई सुपरहिट साउथ फिल्मों के रीमेक बन चुके हैं। इतना ही आने वाले दिनों मेकर्स कई फिल्मों के हिंदी रीमेक को लेकर चर्चा में बने हुए हैं। आज हम अपनी इस खास रिपोर्ट में आपको साउथ फिल्मों के बने रहे हिंदी रीमेक के बारे में बताने जा रहे हैं। इस लिस्ट डालें एक नजर…

थाड़म (Thadam)

तमिल की सुपरहिट फिल्म थाड़म का हिंदी रीमेक में आदित्य रॉय कपूर और मृणाल ठाकुर लीड रोल में नजर आएंगे। दर्शक भी इस फ्रेश जोड़ी को ऑनस्क्रीन देखने के लिए बेताब हैं।

 

विक्रम वेधा (Vikram Vedha)

लंबे समय से बॉलीवुड में चर्चा में है कि ‘विक्रम वेधा’ के रीमेक में सैफ अली खान और ऋतिक रोशन ऑनस्क्रीन पर दो-दो हाथ करते नजर आएंग। रिपोर्ट्स की मानें, तो फिल्म की शूटिंग को लेकर सभी तैयारियां भी कर ली गई हैं। साउथ की फिल्म में आर माधवन और विजय सेतुपति ने मुख्य भूमिकाएं निभाई थीं।

हिट (HIT)

यह फिल्म 2020 में रिलीज हुई थी और एक बड़ी ब्लॉकबस्टर थी। इस फिल्म जल्द ही हिंदी रीमेक बनाया जाएगा, जिसमें राजकुमार राव मुख्य भूमिका निभाएंगे।

धुरुवंगल पथिनारु (Dhuruvangal Pathinaaru)

इस फिल्म का नाम बदलकर ‘सनकी’ कर दिया गया और जाहिर तौर पर इस फिल्म में वरुण धवन और परिणीति चोपड़ा जैसे बेहद लोकप्रिय और चहेते चेहरे दिखाई देंगे। कहानी एक पुलिस वाले के इर्द-गिर्द घूमती है जो रहस्यमय और अज्ञात परिस्थितियों में मारे गए एक जोड़े के मामले की जांच करता है।

जर्सी (Jersey)

तेलुगू फिल्म के बॉलीवुड रीमेक में शाहिद कपूर लीड रोल में दिखाई देंगे। फिल्म में उनके साथ मृणाल ठाकुर भी नजर आएंगी। शाहिद कपूर ने एक क्रिकेटर की मुख्य भूमिका निभाई जो फ्लाप साबित हुुई।

मास्टर (Master)

लोकेश कनगराज द्वारा निर्देशित थलपति विजय और विजय सेतुपति स्टारर इस फिल्म के हिंदी रीमेक की बात चल रही हैं। अफवाहें है कि इसके हिंदी रीमेक में बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान नजर आ सकते हैं।

कैथी (Kaithi)

अजय देवगन लंबे समय बाद बड़े पर्दे पर नजर आएंगे। इस फिल्म के हिंदी रीमेक में अजय देवगन को देखने के लिए फैंस भी उत्साहित हैं।

 

अला वैकुंठपुरमलो (Ala Vaikunthapurramuloo)

अल्लू अर्जुन स्टारर इस फिल्म के हिंदी रीमेक में कार्तिक आर्यन लीड रोल में दिखाई दे सकते हैं। मेकर्स फिल्म की स्टोरी और स्क्रीनप्ले पर काम कर रहे हैं।

रत्सासन (Ratsasan)

रिपोर्ट्स की मानें, तो इस फिल्म के हिंदी रीमेक के लिए मेकर्स ने अक्षय कुमार और रकुलप्रीत सिंह की जोड़ी को चुना है।

अन्नियां (Anniyan)

साल 2005 की सुपरहिट तमिल फिल्म ‘अन्नियां’ के हिंदी रीमेक में बॉलीवुड अभिनेता लीड रोल में दिखाई देंगे। शंकर और जयंतीलाल गडा ने अप्रैल 2021 में इसके रीमेक की घोषणा की थी।

सोरारई पोट्रु (Soorarai Potru)

‘सोरारई पोट्रु’ एक रियल लाइफ पर आधारित फिल्म है, जिसे ऑस्कर 2020 की लिस्ट में अपनी जगह बनाई। रिपोर्ट्स आई थी कि फिल्म के हिंदी रीमेक में जॉन अब्राहम और ऋतिक रोशन जैसे अभिनेताओं को मुख्य भूमिका देखा जाएगा। हालांकि फिल्म में जॉन और ऋतिक नहीं बल्कि अक्षय कुमार लीड रोल में नजर आएंगे।

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