चेतावनी सरकारी नहीं, सेना की, उपद्रवियों को अग्निपथ में चांस नहीं, भर्ती अगले हफ़्ते से

चार साल के लिए कोई युवा अग्निवीर क्यों बने? आर्मी चीफ ने बताई चार फायदे वाली बात

अग्निपथ स्कीम का विरोध अभी शांत नहीं हुआ है। 14 जून को योजना की लॉन्चिंग के बाद अब भर्ती प्रक्रिया की जानकारी भी सामने आ गई है लेकिन युवाओं की नाराजगी दूर नहीं हो पाई। कल तीनों सेनाओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई बातें स्पष्ट की गई थीं। आज आर्मी चीफ ने स्कीम के फायदे गिनाए और कई गलत धारणाएं दूर कीं।

हाइलाइट्स
सेना प्रमुख ने प्रदर्शन कर रहे युवाओं से की अपील
इनसब चीजों को छोड़कर भर्ती पर ध्यान फोकस करें
चार फायदे गिनाकर बोले, अग्निवीर सबके हित में हैं

यह सरकार नहीं सेना है… उपद्रव से अग्निपथ वापस तो नहीं होगी आपका भविष्य गारंटी खराब होगा

जिन युवाओं ने अग्निपथ स्कीम के खिलाफ प्रदर्शन में तोड़फोड़ और आगजनी की थी, उनका पसीना अब जरूर छूट रहा होगा। सेना ने साफ कह दिया है कि जो कोई भी प्रदर्शन में शामिल था, उसे अग्निवीर बनने का मौका कभी नहीं दिया जाएगा। उपद्रवियों की पहचान के लिए भी पूरी व्यवस्था की जा रही है।

हाइलाइट्स
अग्निपथ योजना के खिलाफ उपद्रव में शामिल नहीं हों युवा, वरना चुकानी होगी बड़ी कीमत
सेना ने कहा है कि उपद्रवियों को किसी सूरत में अग्निवीर बनने का मौका नहीं दिया जाएगा
अग्निपथ स्कीम को वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता है क्योंकि इसकी जरूरत है: सेना
अनुशासन भारतीय सेना की नींव में है, इसलिए भर्तियों में इसे पूरा तवज्जो दिया जाएगा

नई दिल्ली20जून: कोचिंग संस्थानों, राजनीतिक दलों, किसी अन्य के बहकावे में आकर या फिर खुद से ही मन बनाकर अग्निपथ योजना के विरोध में उत्पात मचाने वालों को सेना की चेतावनी सुन लेनी चाहिए। चूंकि यह चेतावनी सरकार या किसी राजनीतिक दल की तरफ से नहीं बल्कि सेना से है तो युवाओं को सिर्फ सुननी नहीं बल्कि गांठ भी बांध लेनी चाहिए क्योंकि वहां हीलाहवाली की गुंजाइश के बारे में सोच भी नहीं सकते। सेना ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि जिन युवाओं की पहचान उपद्रवियों को रूप में हो गई, उन्हें आजीवन सेना की नौकरी से बैन कर दिया जाएगा। यानी, उपद्रव करते हुए किसी भी तरह के सबूत मिल गए तो किसी भी सूरत में कभी सैन्य सेवा का सपना तो पूरा नहीं कर पाएंगे। तोड़फोड़ और हिंसा के जरिए अग्निपथ स्कीम को वापस करवा देने का मुगालता पालने वालों को भी समझ जाना चाहिए कि उपद्रव करके सेना को झुकाया नहीं जा सकता है। यही वजह है कि सेना ने रविवार को दोटूक कह दिया कि अग्निपथ योजना वापस नहीं ली जाएगी।

नवंबर-दिसंबर से शुरू हो जाएगी अग्निवीरों की ट्रेनिंग

सेना ने रविवार को बताया कि अगले हफ्ते अग्निवीरों की भर्ति प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और पहली खेप के अग्निवीरों का प्रशिक्षण कार्यक्रम नवंबर-दिसंबर से शुरू हो जाएगा। रक्षा मंत्रालय में सैन्य मामलों के विभाग के एडिशनल सेक्रेटरी लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि सरकार और समाज विरोधी तत्व एवं सेना में भर्ती के लिए युवाओं को तैयार करने वाले कोचिंग सेंटर अग्निपथय स्कीम के खिलाफ युवाओं को भड़का रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर बैच के 75 प्रतिशत अग्निवीरों के लिए तरह-तरह की घोषणाएं की जा रही हैं जो चार वर्ष बाद नौकरी से निकल जाएंगे। केंद्रीय पुलिस बलों (CAPFs), असम राइफल्स, कोस्ट गार्ड और रक्षा क्षेत्र की 16 सरकारी कंपनियों में 10 प्रतिशत आरक्षण भी इनमें शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘इन सबकी योजना अग्निपथ स्कीम तैयार करने के साथ ही बना ली गई थी।’

उपद्रवी युवाओं की सेना में कोई जगह नहीं

लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने कहा, ‘भारतीय सेना की नींव अनुशासन पर टिकी है। आगजनी और तोड़फोड़ की कोई जगह ही नहीं है। एक-एक युवा को शपथ पत्र देना होगा कि वह अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रदर्शन या तोड़फोड़ में शामिल नहीं था। आर्मी में अनुशासनहीनता की कोई जगह नहीं है।’ उन्होंने आगे कहा कि पुलिस एफआईआर में जिन युवाओं के नाम शामिल हैं, जिनके वीडियो और फोटो हैं, उनका प्रॉपर आधार वेरिफिकेशन करवाकर सेना की जॉब से बैन किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘किसी की भर्ती बिना पुलिस वेरिफिकेशन के नहीं होगा।’

आगजनी और तोड़फोड़ के खिलाफ सेना सख्त

अग्निपथ योजना की घोषणा बीते मंगलवार को हुई थी और अगले ही दिन बुधवार से कई राज्यों में तोड़फोड़ और आगजनी शुरू हो गई। कम से कम सात राज्यों में युवा प्रदर्शन के लिए निकले। बिहार में सबसे ज्यादा उत्पात मचाया गया और कई ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया गया। सेना का कहना है कि इस वर्ष 46 हजार अग्निवीरों की भर्तियां की जाएंगी। इनमें 40 हजार आर्मी जबकि 3-3 हजार एयरफोर्स और नेवी में जाएंगे। साथ ही कहा गया है कि अगले 7-8 वर्षों तक भर्तियों में सवा लाख का इजाफा हो जाएगा।

तीनों सेनाओं के लिए जान लें भर्ती और ट्रेनिंग की तारीखें

अग्निवीरों की सबसे पहली भर्ती नौसेना में होगी जिनमें कुछ महिलाओं को भी शामिल किया जाएगा। पहली खेप के अग्निवीर 21 नवंबर को ओडिशा में तैनात आईएनएस चिल्का में पहुंच जाएंगे जहां उनकी ट्रेनिंग होगी। वाइस एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने कहा, ‘हम 25 जून तक भर्ती का विज्ञापन जारी कर दिया जाएगा। नेवी में महिला-पुरुष दोनों की भर्तियां होंगी।’ वहीं, आर्मी 1 जुलाई को सभी रिक्रूटमेंट ऑफिसों को अपना फॉर्मल नोटिफिकेशन भेजेगा। अग्निवीरों को दो बैचों में भर्ती किया जाएगा। करीब 25 हजार का पहला बैच दिसंबर में जबकि करीब 15 हजार का दूसरा बैच फरवरी में ट्रेंड किया जाएगा। लेफ्टिनेंट जनरल सीबी पोन्नप्पा ने कहा, ‘अगस्त के पहले सप्ताह में रिक्रूमेंट रैलियां निकलेंगी जो नवंबर तक चलेंगी। सभी राज्यों में 83 रैलियां आयोजित करने का प्लान है।’

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उधर, वायुसेना के लिए नोटिफिकेशन और रजिस्ट्रेशन प्रोसेस 24 जून को शुरू हो जाएगा। एयर मार्शल एस. के. झा ने बताया कि पहले बैच की ट्रेनिंग दिसंबर के आखिर से शुरू हो जाएगी। लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने बताया कि अग्निपथ स्कीम 14 लाख की स्ट्रेंग्थ वाली भारतीय सेना को युवा और भविष्य को युद्धों के मद्देनजर ज्यादा टेक्नॉलॉजी ऑरियेंटेड बनाने को लाई गई है। सेना में सुधार वर्ष 1989 से ही लंबित था। करगिल रिव्यू कमिटी और अरुण सिंह कमिटी रिपोर्ट आदि ने इसका सुझाव दिया था।

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सेना में अग्निवीरों की भर्ती की प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू होगी। बंद और ट्रेनों में आगजनी, तोड़फोड़ के बीच आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे ने कहा है कि युवा गुमराह न हों। अग्निपथ स्कीम वापस नहीं होगी और वे अपनी भर्ती पर ध्यान दें। जनरल पांडे से सीधे सवाल था कि चार साल को कोई अग्निवीर क्यों बने? और क्या यह राष्ट्रहित में है। इंटरव्यू में सेना प्रमुख ने कहा कि यह ऐसी परिवर्तनकारी योजना है जो सेना, देश और युवाओं के फायदे की है। इसके ऑब्जेक्टिव को समझें तो पता चले कि यह सभी के हित में है। जनरल पांडे ने चार बड़े फायदे गिनाए। उन्होंने कहा:

1. इस स्कीम के लागू होने के बाद हमारी सेना के यूथफुल प्रोफाइल में तेजी से सुधार होगा।
2. हमारे जवान तकनीकी रूप से काफी दक्ष होंगे। वे भविष्य में हथियार प्रणाली और उपकरणों को बेहतर तरीके से यूज कर सकेंगे।
3. हमारा सेना में यूथ और अनुभव के बैलेंस को बढ़ाना चाहते हैं।

4. अग्निवीरों के यूनिट और सेना में इंटिग्रेशन से फायदा होगा।

 

सेना पर थोपी गई योजना?

क्या यह सोच समझकर लाई गई योजना है, या सेना पर थोपी गई है? जनरल पांडे ने कहा कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं समझें कि यह स्कीम सेना पर थोपी हुई। यह गलत है। करीब 2 साल से योजना विचार में थी। इस पर लगातार चर्चा, परिचर्चा सभी हितधारकों के साथ चल रही थी। 14 जून को योजना की घोषणा की गई थी उसके बाद के दिनों में उसके प्रावधान स्पष्ट किये गये। यह कहना गलत धारणा है कि 4-5 दिन में ही योजना में बदलाव करना पड़ा।

इन सब चीजों (विरोध प्रदर्शन, हिंसा आदि) को छोड़ें, भर्ती-रैली के घोषित शेड्यूल की वेबसाइट पर पूरी जानकारी है। खुद को शारीरिक और अन्य परीक्षाओं को तैयार करें। सेना में अनुशासन का बहुत महत्व हैं। हम चाहते हैं कि युवा किसी बहकावे में न आए और भर्ती पर फोकस करें।

विरोध देख क्या फिर से विचार होगा?

क्या विरोध को देखने के बाद ऐसा नहीं लगता इस स्कीम पर फिर से विचार किया जाना चाहिए और जो चिंताएं उठाई जा रही हैं, उसे दूर करने का प्रयास किया जाए? सेना प्रमुख ने कहा कि नहीं, मेरी राय में विरोध का मुख्य कारण लोगों के पास जानकारी न होना है। जैसे-जैसे लोग खासकर युवा स्कीम को समझ रहे हैं, आशंकाओं या गलत धारणा का समाधान हो गया। लोगों को फायदा समझ आ रहा है।

केवल पेंशन बिल घटाने के लिए अग्निवीर?

कहा जा रहा है कि पेंशन बिल को घटाने के लिए यह स्कीम लाई गई कि चार साल की सेवा ले लो और पेंशन भी न देनी पड़े, ग्रैचुटी भी न देना पड़े। केवल 25 प्रतिशत को सेना में लिया जाएगा। इस पर सेना प्रमुख ने कहा कि नहीं ऐसा नहीं है। जब 4 साल बाद युवा समाज में जाएगा तो उसके पास विशेष योग्यता होगी, फौज के वैल्यू, अनुशासन के अलावा, वह समाज में अपनी जगह बनायेगा। इससे आगे बढ़ने में उसे मदद मिलेगी।

आरक्षण तो पहले से है, कितना फायदा होगा?

चार साल के बाद सरकारी नौकरियों में आरक्षण की बात कही जा रही है। आरक्षण तो पहले से है क्या यह सफल रहा। जनरल पांडे ने कहा कि यह अहम मुद्दा रहेगा कि चार साल के बाद जो युवा समाज में जाएंगे उन्हें कैसे वैल्यू एडीशन कर पाएं। सबको बताया गया है कि नैशनल एजुकेशन पॉलिसी में अलग-अलग क्रेडिट दिए जाएंगे जिससे सेना से बाहर निकलने के बाद वे पर्याप्त रूप से दक्ष हों। केंद्र और राज्य सरकारों और एजेंसियों, कॉर्पोरेट हाउसेज ने आरक्षण को लेकर घोषणाएं की हैं। आर्मी चीफ ने कहा कि मैं युवाओं को आश्वस्त करना चाहता हूं कि जब आप चार साल सेना में देने के बाद बाहर निकलोगे तो आपके पास पर्याप्त मात्रा में गुण, योग्यता और हुनर होंगे जिससे बेहतर अवसर हासिल होंगें।

जरूरत पड़ी तो युवाओं के हित में बदलाव होते रहेंगे? आर्मी चीफ ने कहा कि स्कीम लागू होने के बाद जैसे ही हम आगे बढ़ेंगे तो सकारात्मक बदलाव जरूर ला सकते हैं। यह खुला मसला है-

Agnipath Protest Bihar : 40 उपद्रवियों की पहचान ,पुलिस ने जारी की तस्वीरें, अपील- बताएं इनकी पहचान और ठिकाना…करेंगे कार्रवाई

पालीगंज में उत्‍पात मचाने वाले 40 चेहरों की पहचान पुलिस ने कर ली है। चेहरों की पहचान कर पुलिस ने 40 फोटोज जारी कर स्‍थानीय लोगों से अपील की है वो इन चेहरों को पहचान उनका ठिकाना बताएं। पुलिस  पहचान उजागर करने वालों की जानकारी गुप्‍त रखेंगी।
अग्निपथ स्कीम को लेकर पटना के पालीगंज में तीन दिन पहले हुए हिंसक विरोध में उपद्रवियों ने जमकर बवाल काटा था।हिंसा पर उतारू उपद्रवियों ने न केवल बसों में तोड़फोड़ की बल्कि पुलिस की दो गाड़ियों सहित ट्रांसपोर्ट की बस भी आग के हवाले कर दी थी। उपद्रवियों की इन हरकतों के बाद पालीगंज एसडीपीओ अवधेश दीक्षित ने 40 हिंसक प्रदर्शनकारियों का पोस्टर जारी कर लोगों से इन्हे पहचानने की अपील की है। साथ ही पहचानकर्ता की जानकारी छिपाने का भी वादा एसडीपीओ ने किया है।

पुलिस ने जारी किए फोटोज

नगर थाने में भी मचाया था उत्‍पात, अब खोज रही पुलिस

एसडीपीओ ने पोस्टर जारी कर कहा कि इन लोगों ने नगर बाजार में तीन दिन पहले जमकर उत्पात मचाया था। नगर थाने में घुसकर न केवल परिसर में खड़े वाहन क्षतिग्रस्त किये थे बल्कि इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को भी काफी नुकसान पहुंचाया था। यही नहीं, पुलिस की गाड़ियां भी फूंक दी थी। पुलिस इसे युवाओं का प्रदर्शन मान रही थी, लेकिन जिस तरह से इन उपद्रवियों ने थाने से लेकर सार्वजनिक संपत्ति तक को नुकसान पहुंचाया उनके छात्र होने पर शक है।

सोशल मी‍डिया और सीसीटीवी फुटेज में खंगाल के तलाशे उपद्रवी

एसडीपीओ अवधेश दीक्षित ने बताया कि उपद्रवी प्रदर्शनकारियों की तस्वीरें सोशल मीडिया और सीसीटीवी फुटेज से जुटाई गई है और जो लोग इन उपद्रवियों की पहचान करेंगे उनकी पहचान गुप्त रखी जाएगी। एसडीपीओ ने चेतावनी दी कि किसी भी सूरत में उपद्रवी बख्शा नहीं जाएगें। उन्हें पुलिस हर हाल सलाखों के पीछे धकेलेगी। उन्होंने कहा कि सरकारी संपत्ति का नुकसान पहुंचाना एक गंभीर अपराध है। प्रदर्शन में शामिल और चिह्नित लोगों को जेल की हवा खानी ही पड़ेगी।

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