सिस्टम,चालक बेदाग,बालासोर रेल दुर्घटना की सीबीआई जांच शुरू

बालासोर ट्रेन दुर्घटना… इंटरलाकिंग सिस्टम से जान-बूझकर छेड़छाड़ से दुर्घटना होने का दावा:इसी वजह से CBI जांच हो रही; ओडिशा GRP ने FIR दर्ज की

ओडिशा के बालासोर जिले में ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना के बाद ट्रेन सेवाएं शुरू हो गई हैं। सोमवार को दुर्घटना वाली जगह का ड्रोन से लिया गया फोटो
भुवनेश्वर/ बालासोर 06 जून।सीबीआई ने सोमवार को ओडिशा के बालासोर में हुए रेल दुर्घटना की जांच शुरू कर दी है. द टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ अधिकारियों का कहना है कि इंटरलॉकिंग सिस्टम में जानबूझकर की गई छेड़छाड़ के कारण दुर्घटना हुई है.

सोमवार शाम सीबीआई की टीम घटनास्थल पर पहुंच गई थी और जांच शुरू की गई थी. सीबीआई की जांच का मुख्य बिंदू ये रहेगा कि दुर्घटना का कारण लापरवाही है या जानबूझकर की गई छेड़छाड़.

अख़बार ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि बाहानागा बाज़ार रेलवे स्टेशन पर इंटरलॉकिंग सिस्टम के ‘लॉजिक’ को मानवीय हस्तक्षेप से बदला गया था.

अधिकारियों का कहना है कि सीबीआई जांच में इस ‘छेड़छाड़’ का उद्देश्य का पता चल सकेगा.

अख़बार से बात करने वाले रेलवे अधिकारियों का कहना है कि शुरुआती जांच में ये स्पष्ट हो गया है कि इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम के साथ छेड़छाड़ हुई है.

ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना की शुरुआती जांच में पता चला है कि सिस्टम से जानबूझकर छेड़छाड़ की गई है। न्यूज एजेंसी PTI ने रेलवे के सूत्रों के हवाले से दावा किया कि एक्सीडेंट इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम में गड़बड़ी से हुआ। बिना छेड़छाड़ के यह संभव ही नहीं है कि मेन लाइन के लिए निर्धारित रूट लूप लाइन में बदल जाए।

रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CRS) पहले से ही घटना की जांच कर रहे हैं। शुरुआती जांच में कई फैक्ट और जानकारियां निकलकर सामने आई हैं। इसी के बाद CBI जांच की जरूरत महसूस हुई, इसीलिए सरकार ने CBI से जांच की सिफारिश की।

ओडिशा गवर्नमेंट रेलवे पुलिस (GRP) ने ओडिशा ट्रेन दुर्घटना के संबंध में रेलवे अधिनियम 1989 और IPC की कई धाराओं में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ FIR दर्ज की है।

दुर्घटना के बाद पहली ट्रेन निकली तो रेलमंत्री भावुक हुए

यह विजुअल रविवार रात का है, जब हादसे के बाद ट्रैक से पहली ट्रेन गुजारी गई थी। रेल मंत्री (लाल घेरे में) ट्रैक को प्रणाम करते दिख रहे हैं।
दुर्घटना वाले ट्रैक की मरम्मत का काम पूरा हो गया है। दुर्घटना के 51 घंटे बाद रविवार रात को इस ट्रैक से जब पहली ट्रेन रवाना की गई, तब रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव हाथ जोड़कर खड़े दिखे। उन्होंने कहा कि हमारी जिम्मेदारी अभी खत्म नहीं हुई। हमारा लक्ष्य लापता लोगों को खोजना है। यह कहकर वे भावुक हो गए।

रेल मंत्री दुर्घटना के बाद से ही बालासोर के बहानगा बाजार स्टेशन पर राहत-बचाव और ट्रैक रिपेयरिंग की निगरानी कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शनिवार को बालासोर का दौरा करने के बाद रेल मंत्री से लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़े अपडेट्स ले रहे थे।

रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म हो गया है, NDRF की सभी नौ टीमें घटनास्थल से वापस लौट रही हैं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रविवार रात को रेलवे ट्रैक साफ कर दिया गया था। इसके बाद 50-60 से ज्यादा ट्रेनें वहां से गुजर चुकी हैं।

विजुअल बालासोर के बहानगा बाजार स्टेशन के पास सोमवार सुबह का है, जब ट्रैक से ट्रेन गुजारी जा रही थीं।
ओडिशा के बालासोर में ट्रैक की मरम्मत के बाद सोमवार को वहां से गुजरती हुई वंदे भारत एक्सप्रेस।

फिर ओडिशा आई ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मंगलवार को ओडिशा आई। उन्होंने कटक और भुवनेश्वर जाकर दुर्घटना में जान गंवाने वाले बंगाल के लोगों के परिजन और घायलों से मुलाकात की।

ममता ने दुर्घटना में मरने वालों के परिजन को आर्थिक मदद के लिए 5 लाख रुपए के चेक और परिवार के एक सदस्य को होम गार्ड की नौकरी के लिए अपॉइंटमेंट लेटर , गंभीर घायल लोगों को 50 हजार और मामूली रूप से घायल लोगों को 25 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी।

एक्सीडेंट की वजह से जो लोग ट्रॉमा में हैं, उन्हें ममता बनर्जी इस महीने 10 हजार रुपए की मदद देंगीं। इसके बाद 4 महीने तक उन्हें 2 हजार रुपए की मदद दी जाएगी।
दक्षिण पूर्व रेलवे के CPRO आदित्य कुमार चौधरी ने कहा कि कुछ जगह गलत खबरें चल रही हैं कि रेलकर्मी भाग गए हैं। लोको पायलट के मरने की खबर भी चल रही है, जबकि वो AIIMS भुवनेश्वर में भर्ती हैं और वो खतरे से बाहर हैं। रेलवे की ओर से इससे जुड़ी सही जानकारी शेयर की जा रही है।

दुर्घटना से जुड़े अपडेट्स

रेल मंत्री वैष्णव ने रविवार शाम को बालासोर में कहा, ‘इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव की वजह से एक्सीडेंट हुआ। जिम्मेदारों की पहचान भी कर ली गई है।’
रेलवे बोर्ड की ऑपरेशन एंड बिजनेस डेवलपमेंट मेंबर जया वर्मा ने दिल्ली में कहा कि शुरुआती तौर पर लगता है कि सिग्नल में गड़बड़ी थी।
ट्रेन पैसेंजर्स का बीमा करने वाली लिबर्टी जनरल इंश्योरेंस कंपनी ने कहा है कि उसने दुर्घटना के बीमा क्लेम में मदद के लिए 24 घंटे का हेल्प सेंटर शुरू किया है। कंपनी ने इस सेंटर का फोन नंबर भी जारी किया है। +91-93249682 86 नंबर पर कॉल कर दुर्घटना वाली ट्रेन के यात्री का कोई भी परिजन बीमा क्लेम के लिए मदद ले सकता है। कई अन्य कंपनियों ने भी बीमा क्लेम प्रोसेस को जल्दी पूरा करने के लिए अलग से डेस्क बना दी हैं।
बालासोर में दुर्घटना की जगह ट्रैक को रिपेयर करने का काम पूरा हो गया है। दुर्घटना का शिकार हुए कोच ट्रैक से हटाए जा चुके हैं।

ओडिशा सरकार ने कहा- दुर्घटना में 288 नहीं, 275 जानें गईं

ओडिशा के चीफ सेक्रेटरी प्रदीप जेना ने रविवार सुबह दावा किया कि दुर्घटना में 288 नहीं, बल्कि 275 लोगों की जान गई है। उन्होंने कहा कि कुछ शव दो बार गिन लिए गए थे, इससे मृतकों की संख्या में गड़बड़ी हुई। दुर्घटना में 1,175 लोग घायल हुए, जिनमें से 793 को इलाज के बाद डिस्चार्ज किया जा चुका है।

इस पर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि हमारे पास दुर्घटना में जान गंवाने वालों की लिस्ट बढ़ रही, लेकिन उनके पास घट रही है। दुर्घटना में पश्चिम बंगाल के 162 लोगों की जान गई है।अब तक पूरी लिस्ट नहीं मिल पाई है। बहुत से ऐसे लोग भी यात्रा करते हैं जो लिस्ट में नहीं होते। 182 शवों की अब तक पहचान नहीं हुई है

रेलवे ने दुर्घटना में मारे गए लोगों की तस्वीरें जारी की हैं, ताकि लोग शवों की पहचान कर सकें।
बहानगा बाजार स्टेशन के आउटर पर टकराई थीं तीन ट्रेन
दुर्घटना 2 जून को शाम 7 बजकर 10 मिनट पर हुआ था। रेलवे अधिकारियों ने बताया था कि बहानगा बाजार स्टेशन की आउटर लाइन पर एक मालगाड़ी खड़ी थी। हावड़ा से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस यहां डीरेल होकर मालगाड़ी से टकरा गई। एक्सप्रेस का इंजन मालगाड़ी पर चढ़ गया और बोगियां तीसरे ट्रैक पर जा गिरीं। तीसरे ट्रैक पर आ रही बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ने कोरोमंडल एक्सप्रेस की बोगियों को टक्कर मार दी।

नीचे दिए यार्ड ले-आउट के जरिए दुर्घटना के समय तीनों ट्रेनों की स्थिति को समझा जा सकता है…

इस यार्ड ले-आउट में शुक्रवार को दुर्घटना के समय तीनों ट्रेन की स्थिति को बताया गया है।

इस ले-आउट को देखने पर दुर्घटना के वक्त तीनों ट्रेन की स्थिति साफ हो जाती है…

बीच वाला ट्रैक अप मेन लाइन है, जिस पर शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस आ रही थी।
अप मेन लाइन के पास कॉमन लूप लाइन थी, जिस पर मालगाड़ी खड़ी थी। कोरोमंडल एक्सप्रेस के कुछ कोच मालगाड़ी से टकराकर छिटक गए थे। कुछ डिब्बे डाउन मेन लाइन पर भी गिरे।
सबसे ऊपर डाउन मेन लाइन है। यहां से बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस गुजरी। कोरोमंडल एक्सप्रेस के कोच इस ट्रैक पर भी पड़े थे। बेंगलुरु-हावड़ा ट्रेन इन्हीं कोचेस से टकरा गई।

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