ज्ञानवापी सर्वे पर रोक से सुको का इंकार, शनिवार को खुलेंगे तहखाने

ज्ञानवापी के सर्वे पर रोक नहीं, शनिवार को खुल सकते हैं तहखाने…

ज्ञानवापी के सर्वे पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

नई दिल्ली 13 मई   । सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद मामले में वाराणसी कोर्ट के आदेश के खिलाफ सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की तरफ से दायर की गई याचिका में सर्वे पर फौरन रोक लगाने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि हम बिना कागजात देखे आदेश नहीं दे सकते।

शनिवार को ज्ञानवापी मस्जिद में शुरू होगा सर्वे
उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में शनिवार से ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का काम कराया जाएगा। कोर्ट के आदेश के बाद वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे की तैयारी शुरू हो गई है। वाराणसी में सर्वे से पहले शुक्रवार को तमाम नमाजियों ने ज्ञानवापी मस्जिद में नमाज अदा की। वहीं डीएम वाराणसी ने शुक्रवार को तमाम पक्षकारों से मुलाकात कर ये अपील की कि इस बार सर्वे के काम में कोई व्यवधान उत्पन्न नहीं होना चाहिए।

न्यायालय का ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर के सर्वेक्षण पर यथास्थिति संबंधी अंतरिम आदेश देने से इनकार

न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर के सर्वेक्षण पर यथास्थिति बनाए रखने संबंधी अंतरिम आदेश पारित करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया।
बहरहाल, शीर्ष अदालत ज्ञानवापी परिसर के सर्वेक्षण के खिलाफ एक मुस्लिम दल की याचिका सूचीबद्ध करने के बारे में विचार करने को लेकर राजी हो गई।

ज्ञानवापी मस्जिद मामले में मुस्लिम पक्ष की पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील हुजेफ़ा अहमदी ने प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण की अगुवाई वाली पीठ को बताया कि वाराणसी स्थित परिसर में कराए जा रहे सर्वेक्षण के खिलाफ एक याचिका दायर की गई है।

याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने को लेकर प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मुझे विचार करने दीजिए।’’

अहमदी ने कहा, ‘‘हमने उस सर्वेक्षण को लेकर याचिका दायर की है, जिसका वाराणसी स्थित संपत्ति के संबंध में किए जाने के लिए निर्देश दिया गया है। यह (ज्ञानवापी) पुरातन काल से मस्जिद है और यह (सर्वेक्षण) पूजा स्थल अधिनियम के तहत स्पष्ट रूप से प्रतिबंधित है।’’

उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण करने का निर्देश पारित किया गया है और इस समय यथास्थिति बनाए रखने का आदेश पारित किया जाए।

इस पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मुझे कोई जानकारी नहीं है। मैं ऐसा आदेश कैसे पारित कर सकता हूं? मैं पढ़ूंगा। मुझे विचार करने दीजिए।’’

इससे पहले, वाराणसी की एक अदालत ने ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वेक्षण कराने के लिए नियुक्त कोर्ट कमिश्नर को पक्षपात के आरोप में हटाने संबंधी याचिका बृहस्पतिवार को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर भी वीडियोग्राफी कराई जाएगी।

अदालत ने इसके साथ ही संपूर्ण परिसर की वीडियोग्राफी करके 17 मई तक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश भी दिए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद पर सुनवाई करने से इनकार क्यों कर दिया?

सुप्रीम कोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद मामले में वाराणसी कोर्ट के आदेश के खिलाफ जल्द सुनवाई नहीं होगी। कोर्ट ने कहा कि वह पहले इस मामले में फाइल्स को देखेंगे। वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद मामले में आदेश दिया था कि 17 मई के पहले दोबारा सर्वे होगा। साथ ही कोर्ट कमिश्नर नहीं हटाने का आदेश भी दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद मामले वाराणसी कोर्ट के आदेश के खिलाफ सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की तरफ से दायर की गई याचिका में सर्वे पर फौरन रोक लगाने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि हम बिना कागजात देखे आदेश नहीं दे सकते। इससे पहले वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद मामले में आदेश दिया था कि 17 मई के पहले दोबारा सर्वे होगा। साथ ही कोर्ट कमिश्नर नहीं हटाने का आदेश भी दिया था। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था बाधा उत्पन्न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट के इस फैसले से मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है।

कोर्ट ने ज्ञानवापी मामले में सर्वे कमिश्नर अजय मिश्र को नहीं हटाने को कहा। कोर्ट ने दो और सहायक कमिश्नर नियुक्त किए। अदालत ने फैसले में कहा था कि कमीशन की कार्रवाई जारी रहेगी। वहीं वीडियो रिकाडिंर्ग के साथ 17 मई तक रिपोर्ट भेजने का एडवोकेट कमिश्नर को आदेश दिया गया है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि 17 मई से पहले सर्वे किया जाएगा। पूरे इलाके की वीडियोग्राफी होगी। सर्वे के दौरान दोनों पक्ष के लोग मौजूद रहेंगे। सर्वे का विरोध करने वालों पर मुकदमा दर्ज होगा। कोर्ट ने कहा कि 17 मई से पहले कार्रवाई को पुख्ता करें। कमीशन की कार्रवाई में बाधा नहीं आनी चाहिए।

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