मतदाताओं की खामोशी से नेतागण की हवा खुश्क, भाजपा-कांग्रेस जुटे जुड़ाव-घटाव में

Uttarakhand Election 2022 : वोटरों की खामोशी से गड़बड़ाया जीत का अनुमान, राजनीतिक पंडित भी मतदान के बाद आंकलन से चकराए

देहरादून 16 फरवरी। भितरघात और वोटरों की खामोशी से दिग्गजों के चेहरों पर शिकन नजर आ रही है। ऐसे में कोई भी प्रत्याशी खुलकर अपनी जीत के दावे से परहेज कर रहा है।
मतदान संपन्न होने के बाद प्रत्याशियों का पूरा समय वोटों के गुणा-भाग में बीता। देहरादून की दस विधानसभा सीटों पर कुछ सीटें ऐसी हैं, जहां भितरघात की आशंका से दिग्गजों के चेहरे पर शिकन देखने को मिली। यहीं नहीं वोटरों की खामोशी भी इस बार प्रत्याशियों के जीत-हार के गुणा-भाग को गड़बड़ा रही है। राजनीतिक पंडित भी मतदाताओं के इस खामोशी से जीत-हार का सही आंकलन नहीं कर पा रहे हैं। भाजपा को यह भी फ़ीड बैक है  कि इस चुनाव में सरकारी तंत्र भी उसके खिलाफ काम कर रहा था। धरातल पर प्रशासन और पुलिस दोनों ही उसके प्रति होस्टाईल रहे हैं।

पार्टी स्तर पर भी किया जा रहा प्रत्याशियों की जीत-हार का आंकलन

सोमवार को विधानसभा की सभी दस सीटों पर मतदान संपन्न हो गया। दून की दस विधानसभा सीटों पर 62.40 प्रतिशत मतदाताओं ने अपना मत का प्रयोग किया। मतदान संपन्न होने के बाद सभी प्रत्याशी अपनी जीत-हार का गुणा भाग करने में जुट गए हैं। पार्टी स्तर पर भी प्रत्याशियों की जीत-हार का आंकलन किया जा रहा है।

राजनीतिक पंडितों की माने तो दून जिले की 10 विधानसभा सीटों की बात करें तो सभी सीटों पर मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही सिमटता नजर आ रहा है। पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें तो 10 सीटों में से नौ सीटों पर भाजपा ने कब्जा किया था। चकराता सीट से कांग्रेस के प्रीतम सिंह ही ऐसे थे जो विधानसभा पहुंचे थे लेकिन जीत का अंतर मात्र 1543 ही रहा।

हालांकि विकासनगर, सहसपुर, धर्मपुर, रायपुर, राजपुर रोड, कैंट मसूरी डोईवाला व ऋषिकेश सीट पर भाजपा प्रत्याशी काफी अंतर से जीते थे। अधिकतर सीटों पर जीत का अंतर पांच हजार से दस हजार तक रहा। इस बार भाजपा को कई सीटों पर बगावत और कार्यकर्ताओं की नाराजगी भी झेलनी पड़ी। इसमें प्रमुख रूप से कैंट, रायपुर, धर्मपुर, डोईवाला सीट शामिल है। ऋषिकेश सीट पर भी अंदरखाने भीतरघात हुआ है। पार्टी का आंतरिक आकलन है कि पिछली बार जीती नौ विधानसभा सीटों में से इस बार दो सीटें तो उसके हाथ से जा ही रही हैं।

कई कार्यकर्ता खुले मन से पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में नजर नहीं आए

हरबंश कपूर के निधन के बाद कई नेता ऐसे थे जो इस सीट पर अपनी दावेदारी पेश कर रहे थे लेकिन पार्टी ने परिवार पर ही विश्वास जताते हुए उनकी पत्नी सविता को मैदान में उतारा। ऐसे में यहां पार्टी से बगावत कर दिनेश रावत मैदान में उतरे। चर्चा तो यहां तक है कि कई कार्यकर्ता भी खुले मन से पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में नहीं नजर आए। इस सीट पर भी भीतरघात की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।

कांग्रेस में हालांकि सीधे तौर पर बगावत नहीं दिखी लेकिन बताया जा रहा है कि टिकट के दावेदार भीतरखाने पार्टी को कहीं न कहीं नुकसान पहुंचा सकते हैं। रायपुर सीट पर भाजपा में तनातनी चुनाव से पहले भी कहीं बार सड़क पर दिखी। यहां विधायक उमेश शर्मा काऊ के खिलाफ पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मोर्चा खोला हुआ था।

चुनाव में यह तनातनी भाजपा को कितनी नुकसान पहुंचाती है, यह तो परिणाम ही बताएगा। उधर, हीरा सिंह बिष्ट के पक्ष में यहां कांग्रेसी एकजुट नजर आए। धर्मपुर सीट पर भी बगावत के कारण पार्टी में उपापोह की स्थिति है। यहां भी पार्टी से बगावत कर बीर सिंह पंवार मैदान में हैं। यही स्थिति सहसपुर, डोईवाला और ऋषिकेश में दिख रही है लेकिन जीत को लेकर किसी भी सीट पर दोनों पार्टियां पूरी तरह से आश्वस्त नजर नहीं आ रही हैं।

इसका बड़ा कारण भीतरघात की आशंका है। मतदाताओं की खामोशी ने भी नेताओं की नींद उड़ा रखी है। मतदाताओं की इस खामोशी से राजनीतिक पंडित भी चकराए हुए हैं। लिहाजा, प्रत्याशियों, पार्टियों की तरह वह भी किसी की जीत से आश्वस्त नजर आ रहे हैं। वह भी हर सीट पर कांटे का मुकाबला बता रहे हैं।

प्रत्याशियों ने उतारी चुनाव की थकान, फिर मतों के गुणा-भाग में जुटे, तस्वीरों में देखें कैसे बिता नेताओं का दिन

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद नेताओं के साथ कार्यकर्ताओं ने भी चुनाव की खुमारी उतारी। एक दिन पहले तक कार्यकर्ताओं की भीड़ से घिरे नेता अगले दिन अकेले घूमते रहे। पहले आराम किया और फिर रुझानों को लेकर मंथन किया। तस्वीरों में देखिए किसने कैसे बिताया दिन…
चुनाव के दौरान दिन रात एक करने वाले और एक-एक वोट पर नजर रखने वाले प्रत्याशियों ने मतदान के अगले दिन पहले तो चुनाव की थकान उतारी और फिर कार्यकर्ताओं के साथ अलग-अलग क्षेत्र में मिले। मतों के आधार पर जीत के गुणा-भाग में जुट गए। किस बूथ पर मैनेजमेंट कमजोर रहा और कहां के मतदाताओं का रुझान उनके पक्ष में रहा।

इस बारे में कार्यकर्ताओं से देर शाम तक प्रत्याशी चर्चा करते रहे। इसके अलावा प्रत्याशियों ने अलग-अलग क्षेत्रों में फोन करके सियासी पंडितों और पत्रकारों से भी फीडबैक लिया। एक दिन पहले तक कार्यकर्ताओं की भीड़ से घिरे रहने वाले ज्यादातर विधायक और प्रत्याशी मंगलवार को अकेले घूमते रहे।

सुबह ज्यादातर प्रत्याशी और कार्यकर्ता देर से घर से निकले। उन्होंने आराम करके चुनाव की थकान और खुमारी उतारी। परिवार के साथ समय भी बिताया। हालांकि दोपहर बाद प्रत्याशियों से मिलने के लिए कार्यकर्ता उनके घर, कार्यालय पर पहुंचे और मतों का गुणा-भाग करते नजर आए। देर शाम तक प्रत्याशियों के आवास और चुनाव कार्यालय में कार्यकर्ता जुटे रहे।

कैंट क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी सविता कपूर

कैंट क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी सविता कपूर ने अपने नाती-पोतों के साथ वक्त बिताया। उन्होंने परिजनों के साथ चुनावों को लेकर चर्चा की। इसके बाद उन्होंने कई जगह जाकर लोगों का आभार जताया। वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के घर – घर जाकर उन्होंने मुलाकात की और उनका हालचाल पूछा। फिर शास्त्रीनगर बस्ती जाकर वोटरों से मुलाकात की और उनका धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि लोगों ने कपूर साहब के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए वोट डाले हैं, वह सभी का धन्यवाद करती हैं।

कैबिनेट मंत्री और मसूरी विधायक गणेश जोशी

कैबिनेट मंत्री और मसूरी विधायक गणेश जोशी ने पहल घर में समय बिताया और फिर काम में जुटे गए। डोभालवाला में अधिकारियों के साथ सीवर लाइन का काम करवाया। सरकारी आवास में उन्होंने कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। कुछ देर बाद वह बीमार कार्यकर्ता को देखने और उसकी मदद करने के लिए पहुंचे। यहां से वह नेशविला रोड स्थित अपने आवास पर पहुंचे और खाना खाना। इस दौरान घर के बाहर बड़ी संख्या में कार्यकर्ता जुट गए, जिनसे मुलाकात कर उन्होंने वोटिंग को लेकर चर्चा की।

रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ

रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ ने आधे दिन तक सोकर चुनाव की थकान उतारी। हालांकि इस दौरान उनके आवास पर कार्यकर्ताओं के जुटने का सिलसिला शुरू हो गया। बाद में वह काफी देर तक कार्यकर्ताओं के साथ बैठे रहे और वोटों को लेकर चर्चा की। उन्होंने कहा कि कुल करीब एक लाख 10 हजार वोट पड़े हैं। कई बूथ ऐसे हैं, जहां भाजपा को 80 फीसदी तक वोट पड़ा है। कहा कि इस वर्ष पिछले चुनाव से भी ज्यादा वोटों से जीत का नया रिकॉर्ड बनाएंगे। सरकार हमारी ही बनेगी।

कांग्रेस के कैंट क्षेत्र प्रत्याशी सूर्यकांत धस्मानाा

कांग्रेस के कैंट क्षेत्र प्रत्याशी सूर्यकांत धस्माना ने सुबह परिवार के साथ समय बिताया। इसके बाद कार्यकर्ताओं के साथ बैठे और चुनावों को लेकर चर्चा की। इससे पहले सुबह उन्होंने पत्नी के साथ योगाभ्यास किया। कुछ वक्त परिवार के साथ बिताने के बाद उन्होंने पत्रकारों से मुलाकात की। लंच करने के बाद वह चुनाव कार्यालय पहुंचे और कार्यकर्ताओं से मंत्रणा की। उन्होंने विधानसभा क्षेत्र के अलग-अलग स्थानों से आए कार्यकर्ताओं से वोटिंग को लेकर फीडबैक लिया। कहा कि कार्यकर्ताओं ने बताया कि वोटिंग के दौरान कांग्रेस के बस्तों पर कार्यकर्ताओं का उत्साह देखने लायक था।

राजपुर रोड क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी राजकुमार

राजपुर रोड क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी राजकुमार मंगलवार को फिर सामाजिक कार्यों में जुट गए। सुबह उन्होंने घर पर आए कार्यकर्ताओं के साथ मुलाकात की। इसके बाद वह रविदास जयंती पर आयोजित शोभायात्रा में शामिल हुए। यहां से वह महिलाओं की बैठक में शामिल हुए और वोटों की समीक्षा की। यूथ कांग्रेस पदाधिकारी के जन्मदिन कार्यक्रम में शामिल होने के बाद वह अपने कैंप कार्यालय में पहुंचे। यहां उन्होंने काफी देर तक लोगों से मुलाकात की और उनका फीडबैक लिया। उन्होंने कहा कि विधानसभा क्षेत्र के लोगों ने सकारात्मक बदलाव के लिए वोट डाला है।

आम आदमी पार्टी के सीएम उम्मीदवार कर्नल अजय कोठियाल

आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार कर्नल अजय कोठियाल गंगोत्री विधानसभा के कामर गांव में छह किलोमीटर पैदल चलकर पहुंचे। कोठियाल ने कहा कि उन्होंने कामर गांव की जनता से इस गांव में आने का वादा किया था लेकिन अधिक व्यस्तता होने के कारण वह आ नहीं पाए थे जिस कारण चुनाव खत्म होते ही सबसे पहले उन्होंने अपना वादा पूरा करते हुए कामर गांव का भ्रमण किया। इस दौरान कर्नल कोठियाल ने कहा कि जिस गांव में चुनाव के दौरान भ्रमण नहीं कर पाया, उन सभी गांव में जाकर लोगों से मिल रहा हूं।

कैबिनेट मंत्री व चौबट्टाखाल सीट से भाजपा प्रत्याशी सतपाल महाराज

चौबट्टाखाल से भाजपा प्रत्याशी व कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज अपने पैतृक गांव सेडियाखाल से सतपुली पहुंचे। महाराज ने अमर उजाला अखबार में मतदान को लेकर चौबट्टाखाल सीट, जिले व प्रदेश का अपडेट लिया। इसके बाद उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ मतदान की बूथवार परिचर्चा की। कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं ने विधान सभा चुनाव के दौरान कड़ी मेहनत की है, जिसका बेहतर परिणाम आगामी 10 मार्च को आएगा।

 

 भाजपा में भी चुनौती कुछ कम नहीं,भितरघात के आरोपों से घिरी BJP;लक्सर प्रत्याशी संजय गुप्ता ने लगाए यह आरोप

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक पर पार्टी विधायक व लक्सर से प्रत्याशी संजय गुप्ता के भितरघात के आरोप के बाद भाजपा असहज है। इससे पार्टी पर प्रदेश नेतृत्व को लेकर दबाव बढ़ सकता है। मामला सीधे प्रदेश अध्यक्ष से जुड़ा होने के कारण इस मामले पर हाईकमान ही कोई फैसला लेगा। भाजपा के प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार का कहना है कि पार्टी ने वीडियो प्रकरण का संज्ञान लिया है।

हाईकमान प्रकरण को देख रहा है। लक्सर से भाजपा प्रत्याशी संजय गुप्ता ने प्रदेश अध्यक्ष कौशिक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इस संबंध में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में वे कौशिक पर सीधे-सीधे लक्सर व हरिद्वार की कई विधानसभा सीटों पर भितरघात करने का आरोप लगा रहे हैं। मंगलवार को भी उन्होंने कौशिक पर हमला जारी रखा। संजय के तेवरों से पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में खलबली मची है।

बताया जा रहा है कि इस मसले पर हाईकमान भी खासा सतर्क हो गया है। दरअसल, भाजपा में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी विधायक ने प्रदेश अध्यक्ष पर सीधे इस तरह के गंभीर आरोप लगाए हैं। माना जा रहा है कि इस मामले में पार्टी हाईकमान प्रदेश अध्यक्ष कौशिक और संजय गुप्ता को दिल्ली तलब कर सकता है। विदित है कि कौशिक व हरिद्वार के अन्य कुछ विधायकों के बीच पहले से छत्तीस का आंकड़ा बताया जाता है।

कौशिक ने चुप्पी साधी

विधायक संजय गुप्ता के भितरघात के आरोप के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने चुप्पी साध ली है। भितरघात के आरोपों का विधायक गुप्ता का वीडियो सोमवार रात जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तभी से मीडिया की तरफ से कौशिक से संपर्क साधने की कोशिश की गई, लेकिन वे मीडिया के फोन रिसीव नहीं कर रहे। मंगलवार सुबह हरिद्वार में उनके आवास पर भी मीडिया कर्मचारी उनका पक्ष लेने पहुंचे, लेकिन वे सामने नहीं आए। चर्चा थी कि वे पार्टी के प्रांतीय मुख्यालय आएंगे, लेकिन मीडिया से बचने के लिए कौशिक दफ्तर तक नहीं पहुंचे। यहां तक कि कौशिक व्हाटसएप पर भेजे गए संदेशों का भी जवाब नहीं दे रहे हैं।

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