PFI की कोटा में हिजाब रैली, कांग्रेस का हाथ?

PFI Kota Rally: कांग्रेस का हाथ, कई राज्यों में बैन हो चुकी संस्था PFI उसके साथ?  मचा बवाल

जयपुर/कोटा 17 फरवरी। कर्नाटक में हिजाब (Karnataka Hijab Row) को लेकर चल रहा विवाद अब राजस्थान पहुंच गया है. विवादास्पद और कट्टरवादी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) ने गुरुवार को कोटा में हिजाब के समर्थन में मार्च निकाला.उसे इसके लिए प्रशासन ने दी थी इजाजत।तो क्या कांग्रेस का हाथ,PFI के साथ?

PFI और भाजपा आमने – सामने

कर्नाटक में हिजाब (Karnataka Hijab Row) को लेकर चल रहा विवाद अब राजस्थान पहुंच गया है. विवादास्पद और कट्टरवादी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) ने गुरुवार को कोटा में हिजाब के समर्थन में मार्च (PFI Kota Rally) निकाला. भाजपा ने इस पर आपत्ति जताते हुए कांग्रेस पर तुष्टिकरण के आरोप लगाए. भाजपा ने कहा कि वोट बैंक की राजनीति के लिए कई राज्यों में बैन हो चुकी संस्था को कोटा में रैली की इजाजत दी गई.

जिला प्रशासन ने दी थी अनुमति

दरअसल PFI ने कहा कि उसके संगठन के 75 साल पूरे हो गए हैं. इसलिए वो अलग अलग जगहों पर रैली (PFI Kota Rally) निकालना चाहते हैं. कोटा में जो रैली निकाली गई, उसकी अनुुमति जिला प्रशासन ने दी है. भाजपा का कहना है कि PFI कई राज्यों में बैन है. इसलिए उसे रैली की इजाजत देना तुष्टिकरण के अलावा और कुछ नहीं है।

Hijab Row: कोटा में पीएफआइ ने निकाली रैली, भाजपा ने गहलोत सरकार पर लगाया तुष्टीकरण का आरोप

सतीश पूनिया ने कहा कि पीएफआइ की नियत गणतंत्र में अस्थिरता व अराजकता फैलाने की रही है। हिजाब के अलावा भी बहुत सी चीजें चर्चा के लायक हैं। कांग्रेस को लगता होगा कि उनकी तुष्टीकरण की राजनीति पर संकट आएगा इसलिए रैली की इजाजत दी।कोटा में पीएफआइ ने निकाली रैली, भाजपा ने गहलोत सरकार पर लगाया तुष्टीकरण का आरोप

सतीश पूनिया और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत।

पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) ने अपने स्थापना दिवस के अवसर पर राजस्थान के कोटा में वीरवार को रैली निकाली। जिला प्रशासन ने अपने आदेश की प्रति में ‘रैली’ आयोजित करने की अनुमति से इन्कार कर दिया था, लेकिन प्रशासन ने उन्हें एक स्टेडियम में एक सार्वजनिक रैली आयोजित करने की अनुमति दी थी। इस बीच, राजस्थान के भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि पीएफआइ की नियत गणतंत्र बचाने की नहीं है, गणतंत्र में अस्थिरता और अराजकता फैलाने की जरूर रही है। हिजाब के अलावा भी बहुत सी चीजें चर्चा के लायक हैं। कांग्रेस को लगता होगा कि उनकी तुष्टीकरण की राजनीति पर संकट आएगा, इसलिए पीएफआइ को रैली की इजाजत दी है।

पीएफआइ के जयपुर कार्यालय पर ईडी ने मारा था छापा

दिसंबर, 2020 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने पीएफआइ के जयपुर के मोतीडूंगरी रोड स्थित कार्यालय पर छापा मारा था। इस दौरान ईडी की टीम ने पीएफआइ के कार्यालय में दस्तावेजों की जांच की। कुछ दस्तावेज टीम अपने साथ लेकर गई है। ईडी की कार्रवाई के बाद पीएफआइ के कार्यकर्ताओं ने यहां नारेबाजी की। ईडी की कार्रवाई का उद्देश्य कई मनी लांड्रिंग मामलों के संबंध में साक्ष्य एकत्रित करना था। सीएए के विरोध में प्रदर्शनों में नाम सामने आने के बाद पीएफआइ का नाम हाथरस मामले में भी सामने आया था। पहले भी इस संगठन पर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगते रहे हैं। पिछले दिनों सुफी इस्लामिक बोर्ड ने इस संगठन को आतंकी समर्थित संस्था बताया है। बोर्ड के राष्ट्रीय महासचिव सैय्यद हसनैन बकाई के मुताबिक पीएफआइ के लोग अपनी राजनीतिक शाखा एसडीपीआइ के जरिए युवाओं को गुमराह कर रहे हैं।

क्या है पीएफआइ?

पीएफआइ एक इस्लामिक संगठन है। ये संगठन अपने को पिछड़ों व अल्पसंख्यकों के हक में आवाज उठाने वाला बताता है। संगठन की स्थापना 2006 में नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (एनडीएफ) के उत्तराधिकारी के रूप में हुई। संगठन की जड़े केरल के कालीकट में गहरी हैं। फिलहाल, इसका मुख्यालय दिल्ली के शाहीन बाग में बताया जा रहा है। शाहीन बाग वो ही इलाका जहां पर सीएए और एनआरसी के विरोध में पूरे देश में 100 दिन तक सबसे लंबा आंदोलन चला था। एक मुस्लिम संगठन होने के कारण इस संगठन की ज्यादातर गतिविधियां मुस्लिमों के इर्द-गिर्द ही घूमती हैं। कई ऐसे मौके ऐसे भी आए हैं, जब इस संगठन से जुड़े लोग मुस्लिम आरक्षण के लिए सड़कों पर आए हैं। संगठन 2006 में उस समय सुर्खियों में आया था, जब दिल्ली के रामलीला मैदान में इनकी तरफ से नेशनल पालिटिकल कांफ्रेंस का आयोजन किया गया था। तब लोगों की एक बड़ी संख्या ने इस कांफ्रेंस में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी।

कांग्रेस का हाथ,PFI के साथ?

– राजस्थान के कोटा में ‘यूनिटी मार्च’
– PFI के 75 वर्ष पूरे होने पर रैली
– जिला प्रशासन से PFI रैली को इजाजत
– PFI पर कई गंभीर आरोप- बीजेपी
– कई राज्यों में PFI बैन – बीजेपी

PFI के जिलाध्यक्ष साजिद खान ने कहा कि हिजाब हमारे लिए कोई मामला या मुद्दा नहीं है. यह हमारा संवैधानिक हक है और इसे हम हर्गिज नहीं छोड़ेंगे.

PFI और बीजेपी आमने सामने

राजस्थान में PFI के मार्च को लेकर PFI और भाजपा आमने सामने है. राजस्थान भाजपा नेता सतीश पुनिया ने कहा,’ मुझे नहीं लगता है कि PFI की मंशा गणतंत्र बचाने की है. इस पर कई जगह पर बैन है और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगे हैं. हिजाब के मामले के अलावा भी देश में कई मुद्दे हैं, जिन पर बात होनी चाहिए. मुझे नहीं पता कि पीएफआई जैसे संगठन को इस तरह के कार्यक्रम करने की अनुमति देनी चाहिए. इस तरह के कार्यक्रम से समाज को खतरा है.’ वहीं PFI का कहना है कि उन पर लगे आरोप अभी साबित नहीं हुए हैं.

PFI पर क्या हैं आरोप?

– 2010 में केरल में एक प्रोफेसर का हाथ काटा
– सऊदी अरब जैसे मुस्लिम देशों से फंडिंग
– आतंकवादी संगठन ISIS से भी संबंध
– जबरदस्ती धर्मांतरण और लव जिहाद

क्या है PFI?

– 1993 में केरल में नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट का गठन हुआ
– 2006 में NDF का नाम Popular Front of India हुआ
– PFI के संबंध प्रतिबंधित संगठन SIMI से भी हैं
– PFI पर झारखंड सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया
– आतंकवादी संगठन ISIS से भी संबंध होने का आरोप

क्या उठते रहे हैं PFI पर सवाल?

– आतंकी फंडिंग से दंगा भड़काने का आरोप
– देशविरोधी गतिविधियां चलाने का आरोप
– CAA विरोधी प्रदर्शनकारियों को भड़काने का आरोप
– लव जेहाद फैलाने का आरोप
– कट्टरवाद को बढ़ावा देने का आरोप

दिल्ली में दंगे भड़काने का भी आरोप

– देशभर में नागरिकता क़ानून विरोधी प्रदर्शन किए
– नागरिकता क़ानून विरोधी प्रदर्शनों के लिए पैसा दिया
– धरने-प्रदर्शनों में भड़काऊ भाषण से प्रदर्शन हिंसक हुए
– CAA-NPR के लिए दस्तावेज नहीं दिखाने के लिए उकसाया
– प्रदर्शनकारियों को पहचान छिपाने के लिए भड़काया गया

PFI पर कहां- कहां बैन?

– पूरी तरह बैन- झारखंड
– बैन की तैयारी- उत्तर प्रदेश, असम, कर्नाटक और केरल

 

देश तोड़ने का षड्यंत्र ?

Q- पीएफआई क्या है?
A-पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया

Q- कब बना PFI ?
A- 2006 में PFI का गठन हुआ

Q- PFI की चर्चा क्यों?
A- देशविरोधी गतिविधियों में PFI का नाम आया

Q- देशभर में PFI कितना सक्रिय है?
A- 16 राज्यों में है असर, 15 से ज्यादा संगठन इससे जुड़े हैं

Q- PFI का ISIS कनेक्शन क्या है?
A- 2017 में 6 PFI कार्यकर्ता ISIS में शामिल हुए

Q- PFI का अलकायदा कनेक्शन?
A- PFI को फंडिंग करता है अलकायदा का इस्लामिक बैंक

 

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