डॉ. निधि का ट्रांसफर निरस्त, मनीषा पंवार को दी जांच

देहरादून एक अप्रैल।    दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय की वरिष्ठ महिला चिकित्सक डाक्टर निधि उनियाल और स्वास्थ्य सचिव प्रकरण में मुख्यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी ने तत्‍काल प्रभाव से डाक्टर निधि उनियाल के स्‍थानांतरण स्‍थगित करने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य मंत्री डाक्टर धन सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में मिलकर प्रकरण से अवगत कराया था जिसके बाद मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी ने स्‍थानांतरण स्‍थगित करने के लिए मुख्‍य सचिव को निर्देश दिए। उन्‍होंने इस प्रकरण की जांच के लिए कमेटी बनाने के लिए भी कहा है।

शिकायतकर्ता डाक्टर निधि उनियाल दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय में वरिष्ठ फिजिशियन एवं एसोसिएट प्रोफेसर हैैं। डाक्टर निधि के अनुसार वह गुरुवार को अस्पताल में ओपीडी में मरीज देख रही थीं। इसी दौरान अस्पताल प्रशासन ने उन्हें स्वास्थ्य सचिव डाक्टर पंकज पांडेय की पत्नी को देखने के लिए उनके घर जाने को कहा। मरीजों की भीड़ को देखते हुए उन्होंने इसमें असमर्थता जताई, लेकिन अधिकारियों ने इसे जरूरी बताया। डाक्टर निधि मेडिकल स्टाफ के साथ स्वास्थ्य सचिव के घर पहुंचीं। उन्होंने जांच कर उन्हें आवश्यक परामर्श दिया और सावधानी के लिए रक्तचाप नापने की बात भी कही लेकिन ब्लड प्रेशर जांचने की मशीन बाहर कार में छूटने से मशीन लेने के लिए उन्होंने स्टाफ को भेजा। आरोप है कि इस पर सचिव की पत्नी नाराज हो गई और मोबाइल पर बात करते हुए उनके बारे में अशोभनीय शब्दों का इस्तेमाल किया। इस पर दोनों के बीच काफी बहस हुई। डाक्टर निधि स्टाफ के साथ अस्पताल लौट आईं। डाक्टर निधि ने बताया कि अस्पताल प्रशासन ने उन्हें सचिव की पत्नी से माफी मांगने को कहा। उन्होंने ऐसा करने से इन्कार कर दिया।

उनका कहना था कि जब कोई गलती ही नहीं की तो माफी क्यों मांगें। इसके बाद वह कालेज में क्लास लेने चली आईं। बताया गया कि इसी बीच अस्पताल के कुछ अधिकारी सचिव के घर पर भी गए, लेकिन उनकी पत्नी ने मिलने से इन्कार कर दिया। इसके बाद दोपहर करीब तीन बजे स्वास्थ्य सचिव की ओर से जारी आदेश आया, जिसमें डाक्टर निधि को सोबन सिंह जीना राजकीय मेडिकल कालेज अल्मोड़ा से संबंद्ध करने को कहा गया।

इस पर आपत्ति जताते हुए डाक्टर निधि ने स्वास्थ्य सचिव को अपना इस्तीफा भेज दिया। उनका कहना है कि वह एक प्रशिक्षित चिकित्सक हैैं और देश के कई प्रतिष्ठित मेडिकल कालेज में काम कर चुकी हैैं। अस्पताल में मरीजों को छोड़कर किसी के घर जाकर उसे देखना उनका कार्य नहीं है। इसके बावजूद वह अस्पताल प्रशासन के कहने पर सचिव की पत्नी को देखने उनके घर गईं।

डाक्टर निधि ने आरोप लगाया कि वहां उनके साथ अभद्र व्यवहार किया गया, जिसका विरोध करने पर उनका स्थानांतरण कर दिया गया है। उधर, इस संबंध में पूछे जाने पर सचिव स्वास्थ्य डाक्टर पंकज कुमार पांडेय ने कहा कि अल्मोड़ा मेडिकल कालेज में एसोसिएट प्रोफेसर के पद खाली हैं। इस कारण चिकित्सक का तबादला किया गया है। यह एक रूटीन प्रक्रिया है।

रीढ़ मजबूत रखिए और मना करना शुरू कीजिए: पीएमएचएस

दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय की महिला चिकित्सक से अभद्रता का मामला शाम होते-होते तूल पकड़ गया। प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संघ (पीएमएचएस) ने इस मामले में तीखी प्रतिक्रिया दी है। वहीं, कुछ अन्य लोग भी सामने आने लगे हैैं जो इसी तरह की प्रताडऩा और अभद्रता का शिकार हुए हैैं। बशर्ते, वह अब भी खुलकर अपनी बात कहने से बच रहे हैैं।

प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संघ के प्रांतीय अध्यक्ष डाक्टर मनोज वर्मा का कहना है कि यह बेहद गलत परंपरा है। चिकित्सक का नेताओं और अधिकारियों के घर एक गुलाम की तरह जाना कतई सही नहीं ठहराया जा सकता। कुछ चिकित्सक स्वयं ऐसा करना चाहते हैं। यह सोचकर कि अच्छे संबंध बन जाएंगे। असल में यह गुलामी और चाटुकारिता की पराकाष्ठा है। यह परंपरा तत्काल बंद होनी चाहिए। प्रदेशभर के चिकित्सक साथ दें तो इस प्रथा को समाप्त करने के लिए हर स्तर पर आवाज उठाई जाएगी।

उन्होंने चिकित्सकों से अपील की है कि इस गुलामी के खिलाफ आवाज उठाएं और डाक्टर निधि का समर्थन करें। अपने मन की बात खुलकर कहें। अस्पताल और ड्यूटी छोड़ कर कुछ बड़े व्यक्तियों को घर जाकर देखने का पुरजोर विरोध होना चाहिए। अधिकारियों से भी अनुरोध है कि अपनी रीढ़ मजबूत रखिए और मना करना शुरू कीजिए।

यूथ कांग्रेस ने कहा- पंकज पांडे को हटायें

डॉक्टर निधि उनियाल मामले में मुख्य मंत्री की सख्ती के बाद मुख्य सचिव डॉक्टर एसएस संधू ने स्वास्थ्य सचिव पंकज पांडे से बात की है. वहीं, चिकित्सक एसोसिएशन ने हाथ पीछे खींच लिए हैं. उधर, यूथ कांग्रेस ने एश्लेहॉल चौक पर स्वास्थ्य सचिव पंकज पांडे का पुतला फूंककर उन्हें हटाने की मांग की है. कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने भी प्रकरण में कठोर टिप्पणी की है-

उत्तराखंड में डॉक्टर निधि उनियाल के निलंबन मामले पर सरकार जबरदस्त दबाव में है. राजनीतिक दलों के साथ ही चिकित्सकों और सामान्य जन का भी समर्थन मिलने के बाद सरकार ने निधि उनियाल का निलंबन वापस तो ले लिया है, लेकिन अब भी शासन में इसको लेकर खलबली मची हुई है. मामले पर आज मुख्य सचिव एसएस संधू ने स्वास्थ्य सचिव पंकज पांडे से बात की.
दून मेडिकल कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर निधि उनियाल के इस्तीफे के बाद मचे हंगामे ने शासन से लेकर सरकार तक में खलबली मचा दी. इसी से मामले के सार्वजनिक होते ही खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव डॉक्टर एसएस संधू को इस पर जरूरी आदेश दिए . खास बात यह कि इस मामले पर आज मुख्य सचिव डॉक्टर एसएस संधू ने  कार्यालय में स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर पंकज कुमार पांडे को बुलाकर उनसे बात की. इस दौरान इस मामले की पूरी जानकारी मुख्य सचिव ने ली .

 

चिकित्सक संगठन ने खींचे हाथ

मुख्य सचिव एसएस संधू ने फौरन इस मामले को संज्ञान में लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है. वहीं, दूसरी तरफ एक दिन पहले तक निधि उनियाल की लड़ाई लड़ने वाले चिकित्सक संगठन ने हाथ पीछे खींच लिए हैं. दरअसल, चिकित्सक संघ की तरफ से आज इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस कॉल की गई थी लेकिन सुबह होते-होते भारी दबाव के बाद चिकित्सकों ने अपने इस निर्णय को वापस ले लिया.

युवा कांग्रेस ने खोला मोर्चा

उधर, स्वास्थ सचिव की पत्नी से हुए विवाद के बाद दून अस्पताल की वरिष्ठ महिला डॉक्टर निधि उनियाल के समर्थन में यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आक्रोश सड़कों पर देखने को मिला है. अस्पताल की महिला डॉक्टर के समर्थन में युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आज एश्ले हॉल चौक पर स्वास्थ सचिव डॉक्टर पंकज कुमार पांडे का पुतला दहन करते हुए सरकार से उन्हें निष्कासित किए जाने की मांग की है.

युवा कांग्रेस के महामंत्री आयुष सेमवाल ने कहा कि इससे पहले भी उनका नाम NH-74 घोटाले में सामने आया था. तभी उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी. इसलिए उत्तराखंड युवा कांग्रेस यह मांग करती है कि स्वास्थ सचिव को तुरंत प्रभाव से निष्कासित किया जाए.

मुख्यमंत्री ने रोका तबादला

मुख्यमंत्री धामी ने मामले में सख्त रुख अपनाते हुए तत्काल प्रभाव से डॉक्टर निधि उनियाल के स्थानांतरण को स्थगित करने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही प्रकरण की जांच हेतु कमेटी बनाने के भी निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर मुख्य सचिव डॉक्टर संधू ने अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार को उपरोक्त प्रकरण की तथ्यात्मक जांच ( fact finding enquiry) करते हुए अपनी रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं.

यह था मामला

डॉक्टर निधि उनियाल ने माफी मांगने से किया इंकार: इस्तीफे में डॉक्टर निधि उनियाल ने कहा कि वह एक क्वालीफाइड डॉक्टर हैं. वे देश के कई प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेजों में रह चुकी हैं. पहले तो सरकारी अस्पताल में मरीजों को छोड़कर किसी के घर पर जाकर देखना उनका कार्य नहीं है. इसके बावजूद वह अस्पताल प्रशासन के कहने पर सचिव की पत्नी को देखने उनके घर गईं.

 

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