एंडोस्कोपी कैमरा देख सुरंग में फंसे श्रमिकों में आई जान, परिजनों से बात कर जताया भरोसा

Uttarakhand Tunnel Collapse: सुरंग में फंसे 41 मजदूरों का पहला वीडियो आया सामने, चेहरे पर मुस्कान ने दी राहत
उत्तरकाशी सुरंग दुर्घटना में आज दसवें दिन रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। आज इस रेस्क्यू ऑपरेशन में बड़ी सफलता मिली है। पिछले दस दिन से फंसे मजदूरों को आज पहली बार एंडोस्कोपी प्लेकसी कैमरे के जरिए देखा जा सका है। मजदूरों को न सिर्फ देखा जा सका है बल्कि उनसे बात भी की गई। सामने आए वीडियो में सभी मजदूर सुरक्षित नजर आए।

सुरंग में फंसे 41 मजदूरों का पहला वीडियो आया सामने, चेहरे पर मुस्कान ने दी राहत

उत्तरकाशी21 नवंबर। उत्तरकाशी सुरंग दुर्घटना में आज दसवें दिन बचाव अभियान जारी है। मंगलवार को अधिकारियों और बचाव दल को बड़ी सफलता हाथ लगी हैं। पिछले नौ दिन से सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों की पहली तस्वीर आज सामने आई है।

आज बचाव दल ने सुरंग में फंसे मजदूरों तक एंडोस्कोपी प्लेकसी कैमरा भेजकर उनकी बात परिजनों से कराई है। इस कैमरे से टनल के अंदर फंसे मजदूर दस दिन बाद पहली बार नजर आए। अंदर सभी मजदूर सुरक्षित हैं और बातचीत करने में सक्षम हैं।

वीडियो में दिखे 41 मजदूर

आज इस बचाव अभियान में बड़ी सफलता मिली है। पिछले दस दिन से फंसे मजदूरों को आज पहली बार एंडोस्कोपी प्लेकसी कैमरे के जरिए देखा जा सका है। मजदूरों को न सिर्फ देखा जा सका है, बल्कि उनसे बात भी की गई।

एक लोहे की पाइप ने डाली श्रमिकों में जान

बता दें कि मलबे के बीच से डाले गए 57 मीटर लंबे और छह इंच मोटे स्टील के पाइप ने इन श्रमिकों की जिंदगी बचा दी है। इस पाइप के जरिए मजदूरों तक खाना पहुंचाया जा रहा है। सोमवार को इसी पाइप के जरिए सोया बड़ी व मटर युक्त मूंग दाल की खिचड़ी और केला खाने को दिया गया और मंगलवार को इसी पाइप से उन्हें नाश्ता भी पहुंचाया गया है।
Uttarkashi Tunnel Collapse Rescue: Success Is Expected Only Through Auger Machine Drilling
सकारात्मक परिणामों से बाकी प्लान पर काम धीमा, ऑगर मशीन से ही सफलता मिलने की उम्मीद

12 नवंबर को यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन होने के बाद से 41 मजदूर अंदर ही फंसे हुए हैं। उन्हें निकालने के लिए पहले मलबा हटाने का प्रयास किया गया।

सिलक्यारा सुरंग के अंदर खाने की सप्लाई के लिए छह इंच का पाइप आरपार होने के जो सकारात्मक नतीजे आएं हैं उससे बचाव अभियान से जुड़ी सभी एजेंसियां व जिला प्रशासन उत्साहित हैं। अब सभी को ऑगर मशीन से ही बचाव में सफलता मिलने की उम्मीद है, ऐसे में अन्य प्लान पर काम धीमा हो गया है।
दरअसल 12 नवंबर को यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन होने के बाद से 41 मजदूर अंदर ही फंसे हुए हैं। उन्हें निकालने के लिए पहले मलबा हटाने का प्रयास किया गया। जिसमें सफलता नहीं मिल पाई। इसके बाद देशी ऑगर मशीन से ड्रिल शुरू हुई, लेकिन मात्र 7 मीटर ड्रिल के बाद ही मशीन की क्षमता कम लगने पर इसे हटाना पड़ा। इसके बाद दिल्ली से वायुसेना के हरक्यूलिस विमानों की मदद से अमेरिकी जेक एंड पुश अर्थ ऑगर मशीन मंगवाई गई।

इससे ड्रिल शुरू हुई और 22 मीटर तक 900 एमएम व्यास के पाइप डाल दिए गए, लेकिन बीच में कठोर वस्तु आने से मशीन को रोकना पड़ा। इस बीच मजदूरों तक खाने की सप्लाई के लिए छह इंच की एक अलग पाइपलाइन डालने का काम शुरू हुआ। जो शुरुआती अड़चनों के बाद सोमवार शाम आरपार हो गया। इस सकारात्मक खबर से रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी आई है।
मंगलवार को अमेरिकी ऑगर मशीन से यहां दोबारा ड्रिलिंग का काम शुरू किया गया। जिससे 820 एमएम व्यास के पाइप मलबे में डाले जा रहे हैं। इन पाइपों को पूर्व में डाले गए 900 एमएम के पाइपों के अंदर से ही भेजा रहा है।

सुरंग के अंदर काम करने वाले मजदूरों का कहना है कि पुरानी व नई मिलाकर अब तक कुल 35 मीटर तक ड्रिल हो चुकी है। जिससे सभी लोगों में सुरंग के अंदर ऑगर मशीन से ही खुशखबरी मिलने का इंतजार कर रहे हैं। इसके चलते बाकी प्लान पर काम धीमी गति से हो रहे हैं।

सुरंग के ऊपरी हिस्से में कम दिखी गतिविधियां

मंगलवार को सुरंग के ऊपरी हिस्से में ड्रिलिंग के लिए गतिविधियां तेज होने की उम्मीद थी, लेकिन यहां कम गतिविधियां ही नजर आईं। गत सोमवार सुबह सर्वे व देर शाम तक यहां सड़क बनाने का काम पूरा कर लिया गया था। लेकिन मंगलवार को यहां ड्रिलिंग व बोरिंग की कोई कार्रवाई शुरू नहीं हो सकी। हालांकि एक बोरिंग मशीन सुरंग के ऊपर जाने वाली सड़क पर जाती हुई जरूर नजर आई थी।

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