धामी की चंपावत उपचुनाव में रिकार्ड तोड़ जीत,बाकी सबकी जमानत जब्त

Champawat Bypoll Result : चम्पावत उपचुनाव में मुख्यमंत्री धामी ने रचा इतिहास, 55025 वोटों से मिली विजय, सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त
Champawat Bypoll Result मुख्यमंत्री घोषित होने के बाद अब तक हुए पांच उपचुनावों में जनता ने मुख्यमंत्री धामी को प्रचंड बहुमत से जिताया है। इस बार के चुनाव ने सारे रिकॉर्ड तोड़ इतिहास रच दिया है। बंपर वोटों से चुनाव जीते धामी के सामने सबकी जमानत जब्त हो गई है।

चंंपावत तीन जून : Champawat Bypoll Result : मुख्यमंत्री घोषित होने के बाद अब तक हुए पांच उपचुनावों में जनता ने मुख्यमंत्री धामी को प्रचंड बहुमत से जिताया है। इस बार के चुनाव ने सारे रिकॉर्ड तोड़ इतिहास रच दिया है। बंपर वोटों से चुनाव जीते धामी के सामने सबकी जमानत जब्त हो गई है। मुख्यमंत्री धामी ने 55025 मतों से ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। चुनाव में ईवीएम से 62898 मत और पोस्टल बैलेट से 1303 वोट पड़े थे।

चम्पावत विधानसभा उपचुनाव में मुख्यमंत्री ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने चुनाव में एकतरफा जीत हासिल की है। अन्य प्रत्याशी जमानत बचाने के लिए संघर्ष करते हुए दिखाई दिए। उपचुनाव में 61595 लोगों ने मतदान किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को 58258, कांग्रेस प्रत्याशी निर्मला गहतोड़ी को 3233 मत मिले। मुख्यमंत्री के लिए जीत कोई मायने नही रखती थी। वह अपनी जीत को ऐतिहासिक बनाना चाहते थे। उनका यह सपना जनता ने पूरा कर दिया।

चंपावत में कांग्रेस की पहली बार जमानत जब्त

उत्तराखंड में अभी तक हुए उपचुनाव में सीएम धामी की यह रिकॉर्ड जीत है। धामी की जीत के बाद भाजपा में भी जश्न का माहौल है।

चम्पावत विधानसभा की जनता को 85 दिन बाद आज दूसरा विधायक मिल गया है। खटीमा विधानसभा सीट से चुनाव हारने के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी चंपावत विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव में उतरे थे। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी निर्मला गहतोड़ी को करारी हार दी है। सीएम धामी को पोस्टल बैलेट सहित कुल 58, 258(57268+990)वोट मिले।

जीत की पुष्टि होते ही यहां भाजपा प्रदेश कार्यालय में आतिशबाजी और मिष्ठान्न वसे हर्षोल्लास मनाया गया।

भाजपा के कैलाश गहतोड़ी से धामी के लिए सीट की थी खाली

10 मार्च को विस चुनाव में चम्पावत सीट से भाजपा के कैलाश गहतोड़ी ने पांच हजार से अधिक वोटों से कांग्रेस के हेमेश खर्कवाल को हराया था। लेकिन इस चुनाव में प्रदेश के मुख्यमंत्री खटीमा से अपनी सीट नहीं बचा पाए थे। हार के बावजूद पूर्ण बहुमत मिलने पर आलाकमान ने धामी के नेतृत्व को सराहते हुए उन्हें फिर मुुुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर दिया। धामी के हारने की सूचना मिलते ही परिणाम के दिन ही गोरलचौड़ मैदान में निवर्तमान विधायक कैलाश गहतोड़ी ने उनके लिए सीट छोड़ी थी।

कैबिनेट मंत्रियों ने भी किया था प्रचार

चंपावत उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी मुुुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए कैबिनेट मंत्रियों ने भी जमकर प्रचार किया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी चंपावत पहुंचकर मुुुख्यमंत्री धामी के लिए प्रचार किया था। चुनाव की अधिसूचना के बाद से ही मंत्रियों सहित भाजपा के कई दिग्गज नेता चंपावत में डेरा डाले हुए थे।

कांग्रेस प्रत्याशी निर्मला गहतोड़ी ने संगठन को कोसा

निर्मला गहतोड़ी ने परिणाम आने के पहले ही कांग्रेस संगठन को जमकर कोसा । चंपावत उपचुनाव में मुुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से करारी हार के बाद गहतोड़ी ने कहा कि कांग्रेस संगठन की ओर से उन्हें टिकट देेन के अलावा और कोई भी सहयोग नहीं मिला । न संगठन का कोई भी कद्दवार नेता उनके प्रचार को चंपावत पहुंचा। यहां तक कि पूूूूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की सभा का इंतजाम भी उन्ही को करना पड़ा। उन्होंने इस सब की शिकायत सोनिया को करने की चेतावनी दी है।

 

23 हजार मतों से जीते थे तिवारी

उत्तराखंड अलग प्रदेश बनने के बाद पहले विधानसभा चुनाव वर्ष 2002 में हुए। चुनाव में जनता ने कांग्रेस को बहुमत के आंकड़े तक पहुंचाया। तब कांग्रेस को 36 सीटें मिली और भाजपा को 29 सीटें मिली। गुटबाजी को देखते हुए हाईकमान ने कांग्रेस के नारायण दत्त तिवारी को प्रदेश का मुख्यमंत्री घोषित कर दिया। मुख्यमंत्री बनने के बाद नारायण दत्त तिवारी ने रामनगर सीट से उपचुनाव लड़ा। उनके लिए कांग्रेस के विधायक योगम्बर सिंह ने सीट छोड़ी। नारायण दत्त तिवारी 66.88% मत पाकर विजयी रहे।उन्हें 32913 मत मिले जबकि भाजपा प्रत्याशी राम सिंह बिष्ट को 9693 मत मिले। तिवारी 23 हजार मतों से विजयी रहे।

14 हजार मतों से जीते खंडूड़ी

इसके बाद 2007 में प्रदेश में दूसरे विधानसभा चुनाव में इस विधानसभा चुनाव में जनता ने किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं दिया। भाजपा बहुमत से मात्र एक सीट पीछे रह गई। भाजपा को 35 सीट व कांग्रेस को 21 सीटें ही मिली। भाजपा ने सरकार बनाने का दावा किया। मुख्यमंत्री पर विधायकों में एकमत नहीं होने पर पार्टी ने भुवन चंद खंडूरी को मुख्यमंत्री घोषित कर दिया। इसके बाद उन्होंने धुमाकोट विधानसभा से चुनाव लड़ा। तब उनके लिए धूमाकोट विधानसभा से सीट खाली करने वाले कांग्रेस के विधायक टीपीएस रावत थे। भुवन चंद्र खंडूरी 14 हजार से भी अधिक मतों से जीतने में सफल रहे उन्हें 70. 66% मत मिले।

बहुगुणा 39 रावत 20 हजार मतों से जीते

इसके बाद 2012 में राज्य में तीसरे विधानसभा चुनाव में इस बार जनादेश पूरी तरह अस्पष्ट रहा। कांग्रेस को 32 भाजपा को एक 31 सीट मिली तब कांग्रेस ने सरकार बनाने का दावा किया। निर्दलीय, क्षेत्रीय दल, व बसपा के समर्थन से कांग्रेस ने प्रदेश में सरकार बनाई। मिलीजुली सरकार में कांग्रेस हाईकमान ने विजय बहुगुणा को मुख्यमंत्री घोषित कर दिया। उन्होंने सितारगंज विधानसभा से उप चुनाव लड़ा। उनके लिए यह सीट भाजपा के विधायक किरण मंडल ने छोड़ी थी। उपचुनाव में सीएम को सितारगंज की जनता ने विजय बहुगुणा को सिर आंखों पर बिठाया। वह 77.15 मत लाकर जीते। विजय बहुगुणा को 53766 मत मिले। जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी प्रकाश पंत को 13800 वोटों पर ही संतोष करना पड़ा। मिलीजुली सरकार के मुखिया दो साल ही गद्दी संभाल पाएं। वर्ष 2014 में कांग्रेस हाईकमान ने विजय बहुगुणा को हटाकर हरीश रावत को प्रदेश का मुख्यमंत्री घोषित कर दिया।

20 हजार से जीते हरीश रावत

मुख्यमंत्री हरीश रावत के लिए धारचूला के विधायक हरीश धामी ने अपनी सीट छोड़ी। हरीश रावत क्षेत्र में प्रचार के आए बिना ही 20 हजार सेअधिक मतों से जीतने में सफल रहे। उन्हें 72.11 प्रतिशत मत मिला।

2002- रामनगर उपचुनाव

नारायण दत्त तिवारी- 32913

राम सिंह बिष्ट 9693

कुल मतदान- 49210

धुमाकोट उप चुनाव 2007

भुवन चंद्र खंडूरी- 22807

सुरेंद्र सिंह नेगी- 8537

मनीष सुंदरियाल-848

कुल मतदान- 32277

सितारगंज-2012

विजय बहुगुणा- 53766

प्रकाश पंत- 13812

दीवान सिंह बिष्ट- उपपा- 668

अयोध्या प्रसाद- 218

परमजीत सिंह- 436

सरताज अली- 793

कुल मतदान- 69695

धारचूला 2014

हरीश रावत- 31214

विष्णु दत्त- 10610

नोटा- 1028

कुल मतदान- 42852

चम्पावत उपचुनाव

13 राउंड बाद कुल मतदान

कुल मतदान- 61595

पुष्कर सिंह धामी को मिले मत-58258

निर्मला गहतोड़ी को मिले मत-3233

सपा को… मत-409

हिमांशु गडकोटी- 399

नोटा-372

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