धामी ने दिया त्यागपत्र,अब कार्यवाहक, भाजपा में मुख्यमंत्री को चर्चा

Uttarakhand Election Result 2022: मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी ने राज्यपाल को सौंपा इस्तीफा, मंत्रिमंडल गठन तक रहेंगे कार्यवाहक मुख्यमंत्री

विधानसभा चुनाव में राज्य में भाजपा का चेहरा रहे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भले ही चुनाव हार गए लेकिन पार्टी दो-तिहाई बहुमत के साथ सत्तारूढ़ होने जा रही है। शुक्रवार को पुष्‍कर सिंह धामी मुख्‍यमंत्री ने पद से इस्‍तीफा दे दिया। मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी ने राज्यपाल को सौंपा इस्तीफा, मंत्रिमंडल गठन तक रहेंगे कार्यवाहक मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) को त्याग पत्र सौंपा।

देहरादून 11 मार्च। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को दोपहर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) से भेंट कर मुख्यमंत्री पद से त्याग पत्र सौंपा। पुष्कर सिंह धामी का इस्तीफ़ा स्वीकार करते हुए राज्यपाल ने उनसे राज्य में नए मुख्यमंत्री की नियुक्ति होने एवं पदभार ग्रहण करने की अवधि तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहने को कहा है।

विधायकों में से ही तय किया जाएगा मुख्यमंत्री का नाम

इसके अलावा नई सरकार के मुखिया के लिए पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय राज्यमंत्री अजय भट्ट, सतपाल महाराज के नाम भी चर्चा में हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार बदली परिस्थितियों में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर नेतृत्व मंथन में जुट गया है। हालांकि अधिक संभावना इस बात की है कि विधायकों में से ही मुख्यमंत्री का नाम तय किया जाएगा।

प्रदेश की भाजपा सरकार में पिछले वर्ष जुलाई में हुए नेतृत्व परिवर्तन के बाद भाजपा ने धामी को कमान सौंपी। इसके बाद धामी ने राजनीतिक कौशल का परिचय देकर पार्टी हाईकमान का ध्यान खींचने में सफलता पाई। इसे देखते हुए पार्टी ने यह साफ किया था कि विधानसभा चुनाव में धामी ही उसका चेहरा होंगे। अब जबकि विधानसभा चुनाव को लेकर तस्वीर साफ हो चुकी है, भाजपा स्पष्ट बहुमत से सत्ता में आ गई है, लेकिन धामी के चुनाव हार जाने से इसे लेकर चर्चा होने लगी है कि मुख्यमंत्री कौन होगा।

कैलाश गहतौड़ी की ओर से धामी के लिए सीट खाली करने की पेशकश

विधानसभा चुनाव में मिली सफलता के बाद राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि धामी को ही पार्टी फिर से मौका दे सकती है। चम्पावत से चुनाव जीते विधायक कैलाश गहतौड़ी की ओर से धामी के लिए सीट खाली करने की पेशकश को इससे जोड़कर देखा जा रहा है। यह भी तर्क दिया जा रहा कि जिस तरह से बंगाल में टीएमसी ने चुनाव हारने के बाद भी ममता बनर्जी को ही अपना नेता चुना, उसी तरह का प्रयोग भाजपा यहां भी कर सकती है।

इसके साथ ही ये चर्चा भी है कि बदली परिस्थितियों में पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के अनुभव को देखते हुए पार्टी उन्हें भी अवसर दे सकती है। इस कड़ी में प्रदेश सरकार के मंत्री सतपाल महाराज, केंद्रीय राज्यमंत्री अजय भट्ट का नाम भी चर्चा में है। पार्टी सूत्रों के अनुसार सभी विषयों पर मंथन चल रहा है। एक-दो दिन में इसे लेकर तस्वीर साफ हो जाएगी।

भाजपा को बहुमत दिलाने के बावजूद पुष्कर सिंह धामी चुनाव हार गए। मुख्यमंत्री की दौड़ में विधायकों में महाराज और धन सिंह का नाम सबसे आगे। जबकि गैर विधायकों में निशंक, बलूनी और अजय भट्ट के नामों की चर्चा है।

फोन पर वार्ता करते मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

भाजपा सत्ता की कमान किसके हाथों में सौंपेगी, इस सवाल पर पार्टी अब फंसती नजर आ रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के चेहरे पर भाजपा ने चुनाव लड़ा। भाजपा के हलकों में चर्चाएं गर्म है कि पार्टी चुनाव हारने के बावजूद धामी को ही सत्ता की बागडोर सौंप सकती है। इसके पक्ष में पश्चिम बंगाल में विस का चुनाव हारी ममता बैनर्जी का उदाहरण दिया जा रहा है, जो पार्टी को जिता गई थीं, लेकिन खुद चुनाव हार गईं।
मुख्यमंत्री के चुुनाव हार जाने के पक्ष में यह तर्क भी दिया जा रहा है कि चुनाव के दौरान उनके पास इतना समय नहीं था कि वह अपनी विधानसभा सीट पर समय देते। उन्होंने पूरे प्रदेश में चुनाव प्रचार किया। उनकी विधानसभा सीट पर प्रचार की कमान उनकी पत्नी के हाथों में रही। हालांकि आखिरी समय में उन्होंने ताकत झोंकी लेकिन चुनाव नहीं जीत पाए।

मुख्यमंत्री के सवाल पर पार्टी के प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी का कहना है कि इस बारे में केंद्रीय नेतृत्व को निर्णय करना है और सरकार गठन को लेकर एक-दो दिन में स्थिति साफ हो जाएगी। यानी विधानमंडल दल की बैठक भाजपा जल्द बुला सकती है। उन्होंने भाजपा की जीत का श्रेय प्रधानमंत्री मंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के काम को दिया।

धामी नहीं तो फिर और कौन

सियासी हलकों में यह सवाल भी तैर रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व ने यदि धामी को कमान नहीं सौंपी तो फिर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर पार्टी किसे बैठाएगी।

विधायकों में महाराज और धन सिंह के नाम

मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर विधायकों में से सतपाल महाराज और धन सिंह के नामों की चर्चा है। दोनों नाम पूर्व में भी चर्चा में रहे हैं।

बाहर से निशंक, बलूनी और भट्ट की चर्चा

विधायकों से जुदा यदि पार्टी बाहर से मुख्यमंत्री के चेहरा तलाशती है तो उसके लिए तीन प्रमुख नामों की चर्चा शुरू हो गई है। इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉक्टर रमेश पोखरियाल निशंक, राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी और केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट के नाम लिए जा रहे हैं।

भाजपा लोकतांत्रिक पार्टी है। विधायक दल अपना नेता चुनेगा और फिर संसदीय बोर्ड इस पर मुहर लगाएगा। ऐसे में अभी कोई यह कहने की स्थिति में नही है कि कौन मुख्यमंत्री होगा। जहां तक पुष्कर सिंह धामी की बात है तो वह हमारे महत्वपूर्ण नेता हैं।

-कैलाश विजयवर्गीय, राष्ट्रीय महासचिव भाजपा

 

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