इरॉटिक और पोर्न फिल्मों में फर्क है क्या जिसकी दुहाई राज कुंद्रा और शिल्पा शेट्टी दे रही है

इरॉटिक और पोर्न फिल्म में अंतर क्या है, जिसकी राज कुंद्रा और शिल्पा बार-बार दुहाई दे रहे हैं

बॉलीवुड में सेक्स सीन अब नॉर्मल हो चुके हैं, लेकिन जब भी कोई इरॉटिक फिल्म आई हॉट सींस को लेकर जमकर बवाल हुआ. स्ट्रिपिंग क्वींस के नाम से मशहूर पूनम पाण्डेय और शर्लिन चोपड़ा भी इरॉटिक वीडियो के जरिए तहलका मचा हुए हैं. लेकिन इस वक्त बहस इरॉटिक और पोर्न फिल्म को लेकर हो रही है.

‘मेरे पति बेकसूर हैं. वह पोर्न नहीं इरॉटिक फिल्में बनाते थे.’…ये कहना है हालही में फिल्म हंगामा 2 से फिल्म इंडस्ट्री में कमबैक करने वाली बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी का, जिनके पति मशहूर बिजनेसमैन राज कुंद्रा को पोनोग्राफी केस में मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इतना ही नहीं राज कुंद्रा के वकीलों ने भी कोर्ट में तर्क दिया कि जिन फिल्‍मों को पॉर्न बताकर मुंबई पुलिस ने कार्रवाई की है, वह असल में इरॉटिक फिल्‍में हैं पोर्न नहीं. उनका कहना है कि इन वीडियो कंटेंट को पोर्नोग्राफी के रूप में बताना सही नहीं है, क्योंकि इसमें दो लोगों के बीच इंटरकोर्स यानि संभोग को नहीं दिखाया जाता है. जब तक किसी फिल्‍म में इंटरकोर्स नहीं दिखाया जाता है, तब तक इसे पोर्न कहना सही नहीं है. राज कुंद्रा के पक्ष में इरॉटिक और पोर्न फिल्म को लेकर दिए जा रहे तर्क से एक नई बहस शुरू हो गई है.

बहस इस बात पर हो रही है कि इरॉटिक और पोर्न फिल्म में अंतर क्या है? आखिर इन दोनों को कैसे पारिभाषित किया जाए? इसे जानने के लिए हमें कुछ एक्सपर्ट्स की बातों को गौर से समझना होगा. हॉलीवुड फिल्म प्रोड्यूसर लूसी फिशर ने इरॉटिक और पोर्नोग्राफी को बेहद ही शानदार तरीके से समझाया है. उनके मुताबिक इरोटिक मध्यम वर्ग के अच्छे लोगों के लिए है जैसे हम हैं, जबकि पोर्न पूरी तरह से अकेले, बदसूरत और अनपढ़ लोगों के लिए है. जाहिर है फिशर का ये बयान उन तमाम लोगों की सोच पर वार करता है. जो दोनों में फर्क नहीं समझते हैं. कुछ लोग इस पर आश्चर्य भी व्यक्त करते हैं. बहुत कम लोगों ने कभी इरॉटिका और पोर्न के बारे में अलग-अलग संस्थाओं के रूप में सोचा होगा. दोनों हमेशा हमारे दिमाग में एक-दूसरे को ओवरलैप करते रहे हैं.

अमेरिकी क्‍ल‍िनिकल साइकोलॉजिस्‍ट एफ. सेल्‍टजर कहते हैं, ‘इरॉटिक हमें यह समझने में मदद करता है कि हमें क्‍या एक्‍साइटमेंट देता है और क्‍या नहीं. जबकि पोर्न फिल्‍में या फोटोज ऐसा कोई प्रभाव नहीं छोड़ते. वह सिर्फ तत्‍काल प्रभाव से सेक्‍स के लिए एक्‍साइटमेंट को बढ़ाते हैं. कोई भी किसी पोर्न वीडियो या फोटो को बार-बार नहीं देखता, क्‍योंकि वह कला नहीं है. उसमें सेंसुअसनेस नहीं है. पोर्नोग्राफी सीधे तौर पर पैसा कमाने का जरिया है. इसमें कोई कला नहीं है. इसके साथ ही पोर्न में औरत या मर्द की शारीरिक खूबसूरती को भी नहीं दिखाया जाता, उसका फोकस उन्‍हें एक वस्‍तु की तरह दिखाने पर होता है, जिसका मकसद सिर्फ वासना को पूरा करना है.’

वैसे इरॉटिक अंग्रेजी शब्द है, जिसका हिंदी में अर्थ है कामोत्तेजक, यानि ऐसा कंटेंट जिसे देखकर सेक्‍सुअल एक्‍साइटमेंट बढ़ जाती है. ऐसी फिल्‍मों या इस तरह के कंटेंट को इरॉटिका भी कहते हैं. सीधे शब्‍दों में कहें तो कोई भी ऐसा आर्ट जिसे देखकर सेक्‍सुअल एक्‍साइटमेंट बढ़े, उसे इरॉटिका कहते हैं. यह कोई पेंटिंग हो सकती है, कोई मूर्ति, कोई फोटोग्राफी, कोई नाटक, कोई फिल्म या फिर कोई संगीत या लिटरेचर. इसे आर्ट माना जाता है, जहां आप अपने दर्शक, पाठक की सेक्‍सुअल एक्‍साइटमेंट को अपनी कला के जरिए बढ़ाते हैं. इसमें न्‍यूडिटी शामिल है, लेकिन सेक्‍सुअल इंटरकोर्स या सेक्‍स नहीं है. सिर्फ कला से एक्‍साइटमेंट लेवल बढ़ाने का काम होता है.

दूसरी तरफ पोर्न सेक्‍स के लिए त्वरित उत्तेजना का काम करता है. एक पोर्नोग्राफर और एक आर्टिस्‍ट में फर्क यह है कि आर्टिस्‍ट अपनी कला से सेक्‍सुअल एक्‍साइटमेंट बढ़ाने के साथ-साथ मन और इंद्र‍ियों पर उसकी खूबसूरती का भी प्रभाव छोड़ता है. वहीं, पोर्नोग्राफी को मन और खूबसूरती के प्रभाव से कोई मतलब नहीं है. उसका सीधा मकसद सेक्‍स के लिए एक्‍साइटमेंट बढ़ाना होता है. पोर्नोग्राफी में सिर्फ न्‍यूडिटी नहीं है, वहां इंटरकोर्स भी दिखाया जाता है. दो इंसान के बीच सेक्‍स कैसे होता है, यह भी दिखाया जाता है. इरॉटिका में एक कला है, वहां सिर्फ सेक्‍स की इच्‍छा नहीं है, खूबसूरती भी है. इरॉटिक कंटेंट सिर्फ सेक्‍सुअल एक्‍साइटमेंट को ही नहीं बढ़ाता, बल्‍क‍ि उसकी खूबसूरती को निहारने पर भी मजबूर करता है. यह हमारी सेंसेज पर ऐसा प्रभाव छोड़ता है, जो किसी इंसान की सुंदरता की ओर भी हमारा ध्‍यान खींचता है.

ओटीटी पर ‘इरॉटिक कंटेंट’

जहां तक ‘इरॉटिक कंटेंट’ की बात है, तो इस वक्त ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर बिखरा पड़ा है. अल्ट बालाजी से लेकर एमएक्स प्लेयर तक ढ़ेरों ऐसे कंटेंट देखने को मिल जाएंगे जिसे देखकर आप सेमी पोर्न फिल्म तक कहेंगे. इस मामले में एकता कपूर तो सबसे आगे हैं, गंदी बात से लेकर बेकाबू तक, उनकी इरॉटिक वेब सीरीज देख लीजिए, जिसमें सारी हदें पार कर दी गई हैं. हॉटशॉट डिजिटल एंटरटेनमेंट्स के अलावा ऐसे कई एप्स और भी हैं जैसे फ्लिज़ मूवीज, कुकू, Primeflix, 8शॉट्स, गुपचुप जिन पर अश्लील कंटेंट की भरमार है. इन एप्लीकेशन के एंड्रॉएड एप्स पर डाउनलोड्स लाखों में हैं. इनकी कमाई करोड़ों में है.

इरॉटिक जॉनर की फिल्में


अमेरिकी लेखक टॉम क्लैंजी ने लिखा है, ‘मेरा मानना है कि सेक्स दुनिया की सबसे खूबसूरत, प्राकृतिक और मुकम्मल सुख देने वाली ऐसी चीज है जिसे पैसे से खरीदा जा सकता है.’ टॉम की इन पंक्तियों से बॉलीवुड सबक ले चुका है. टॉम ने यह बात भले किसी और संदर्भ में कही हो लेकिन बॉलीवुड का रिपोर्ट कार्ड देखें तो यह साबित हो जाता है कि भारतीय दर्शकों में भी ऐसा तबका तैयार हो गया है जो पैसा देकर सेक्स कॉमेडी या इरॉटिक थ्रिलर देख रहा है. बॉलीवुड में कई ऐसे फिल्म मेकर्स भी हैं, जो इरॉटिक जॉनर की फिल्में ही बनाना चाहते हैं. इसमें रंगीता नंदी से लेकर इरॉटिक की क्वीन कही जाने वाली एकता कपूर तक का नाम शामिल है.

जानिए क्या है मामला

मशहूर बिजनेसमैन और एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा को पोर्नोग्राफी केस में गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया है. उनके ऊपर अश्लील फिल्म बनाने और उन्हें मोबाइल ऐप्स पर दिखाने का सनसनीखेज आरोप लगा है. मुंबई पुलिस का कहना है कि राज कुंद्रा पोर्नोग्राफी रैकेट के मुख्य साजिशकर्ता हैं. पुलिस के पास उनके खिलाफ पुख्ता सबूत हैं. इससे पहले राज कुंद्रा को मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पूछताछ के लिए बुलाया था. उनके खिलाफ इसी साल फरवरी में केस दर्ज किया गया था, लेकिन पुलिस ने पूरी जांच और पुख्ता सबूत होने के बाद ही उनको गिरफ्तार करते हुए इस मामले का खुलासा किया है. इस केस में अबतक 11 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं.

 

लेखक
मुकेश कुमार गजेंद्र @mukesh.k.gajendra

 

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