प्लांट से प्लेट: मांसाहार का वनस्पति आधारित विकल्प, पौष्टिकता-स्वाद के साथ मानवीयता भी

प्लांट से प्लेट:दून होटल उद्योग सम्मेलन में विशेषज्ञों ने बताये मांस के पौष्टिक वानस्पतिक विकल्प

एचएसआई/भारत और होटल मधुबन ने देहरादून में प्लांट बेस्ड विकल्पों को होटेल, रेस्त्रां क्षेत्र की मेजबानी की

देहरादून (6 मई, 2022) – ह्यूमेन सोसाइटी इंटरनेशनल/इंडिया ने 6 मई को होटल मधुबन में होटल, रेस्तरां और कैफे (HoReCa) उद्योग के लिए एक सम्मेलन आयोजित किया जिसमें शहर के प्रमुख होटलों के मेनू में प्लांट बेस्ड प्रोटीन को शामिल करने के विकल्पों की ओर ध्यान दिलाया।
देहरादून के होटल, रेस्त्रां और कैफे सेक्टर के प्रतिनिधियों में कार्तिक वासन (ग्रैंड बेकरी के मालिक), आनंद कांति (सनबर्न बिस्ट्रो के मालिक), और सुनील उनियाल (टैवर्न रेस्तरां के प्रबंधक) सहित अनेक अतिथि सत्कार व्यवसायिकों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।
ऐसे बैठक का विस्तार पिछले वर्षों में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रमों से किया गया, जिसमें नवीनतम – प्लांट बेस्ड रुझानों और भारत में उपलब्ध अभिनव विकल्पों की जानकारी दी। प्लांट बेस्ड स्टार्टअप के अग्रदूतों ने पिछले वर्षों में इन आयोजनों में भाग लिया।i
आंकड़ों और विज्ञान के साथ साथ भारत में लोगों के प्लांट बेस्ड जीवन शैली की और बढ़ते रुझान को देखते हुए एचएसआई/भारत लगातार प्लांट बेस्ड खाने को बढ़ावा देने हेतु तत्परता से काम कर रहा है. पशु आधारित भोजन की जगह शाकाहारी/वेगन विकल्पों बनाने वाले स्टार्टअप को होटल, रेस्टोरेंट, कैफ़े इत्यादि के माध्यम से उपभोक्ताओं तक पहुंचाने हेतु एचएसआई/भारत ने कई महत्त्वपूर्ण कदम उठाये हैं.
वेगन भोजन के पोषण और टिकाऊ आर्थिकी समेत अनेक फायदे साबित हुए हैं. भोजन जो पूरी तरह पौधों से ही तैयार हों और डेरी तथा मांस से मुक्त हों, वे पशु-पीड़ा घटाने के अलावा – मानव सेहत को भी लाभदायक साबित हुए हैं| यदि ज़्यादा से ज़्यादा मांसाहार के स्थान पर वेगन भोजन उपलब्ध तो जलवायु परिवर्तन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ना सुनिश्चित है| , संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन के अनुसार, पशु कृषि संयुक्त रूप से परिवहन के सभी रूपों के बराबर मानव – निर्मित ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के कम से कम 16.5% को जिम्मेदार है।
सम्मेलन में विषय विशेषज्ञ के रूप में ह्यूमन सोसायटी इंटरनेशनल इंडिया के फार्म एनीमल प्रोटेक्शन के अभियानकर्ता सिद्धार्थ शर्मा ने बैटरी केज मुर्गी पालन को जीवित नर्क और उत्पीड़न केंद्र बताते हुए कहा कि वहां उत्पादित अंडे सिर्फ उत्पादकों को लाभकारी हैं। ऐसे अंडे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। उन्होंने बताया कि अब कलकत्ता, दिल्ली, उप्र,मप्र, हरियाणा, पंजाब, जम्मू, तमिलनाडु, बैंगलुरू, मुंबई, गुजरात और आंध्र प्रदेश में दर्जनों केज फ्री अंडा उत्पादक मौजूद हैं । इसी प्रकार वनस्पति आधारित दूध,पनीर तथा अन्य डेरी उत्पाद देश भर में उपलब्ध हैं।
विषय विशेषज्ञ कनक श्रेया कौशिक ने बताया कि 75% भारतीय भोजन के लिए जीवों पर अत्याचार के विरुद्ध आवाज उठा चुके हैं जबकि 52% भारतीय फार्म एनीमल्स के साथ दयापूर्ण व्यवहार को कानून के पक्ष में हैं। उन्होंने बताया कि पशु क्रूरता पर 50 रूपए दंड 1960 में तय हुआ था जिसमें उसके बाद कोई वृद्धि नहीं हुई और इसी से इसका कोई प्रभाव नहीं रहा।
धर्मशाला में रेस्त्रां चला रहे शैफ वरुण ने बताया कि विश्व के टॉप के शैफ नये स्वाद और पोषण के लिए वनस्पति आधारित उत्पादों की तरफ मुड़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि मांस का वनस्पतीय विकल्प सफल और लोकप्रिय हो रहा है। कार्यशाला में उन्होंने वनस्पति से डेरी उत्पाद बनाने के तरीके भी बताये।
प्रश्नोत्तर सत्र के बाद वरूण के बनाए वनस्पति आधारित मांस और अन्य व्यंजन परोसे गए।

*”कुल मिलाकर सत्र बहुत ही ज्ञानवर्धक रहा। मेरा मानना ​​है कि भविष्य में प्लांट बेस्ड फूड इंडस्ट्री में काफी स्कोप है। जब शेफ वरुण ने एक रेस्तरां में प्लांट बेस्ड खाद्य पदार्थों की शुरूआत के माध्यम से लागत में कटौती के कई तरीके साझा किए तो मुझे खुशी हुई” – कार्यकारी शेफ सनबर्न बिस्ट्रो*
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*हम देहरादून में पशु कल्याण पर इस सम्मेलन की मेजबानी करने को लेकर उत्साहित हैं। शहर के कुछ सबसे प्रतिष्ठित खाद्य प्रतिष्ठान इस सम्मेलन के लिए एक अधिक मानवीय, स्वस्थ और संपोषणीय दुनिया बनाने के उद्देश्य से एक साथ आए हैं,” एचएसआई/भारत के कृषि पशु संरक्षण विभाग के सलाहकार श्रेया परोपकारी कहती हैं।
“इस तरह के सहयोग की दिशा में एक कदम है,” वह कहती हैं।

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