और शर्मिंदगी से बचने को परमजीत सिंह भड़ाना से छीनी पुलिस कमिश्नर की पोस्ट

मुंबई पुलिस कमिश्नर ऑफिस में NIA की रेड से उठानी पड़ी शर्मिंदगी! चली गई परमबीर सिंह की कुर्सी

उद्धव सरकार ने बुधवार को परमबीर सिंह (Parambir Singh) को मुंबई पुलिस कमिश्नर (Mumbai Police Commissioner) के पद से हटा दिया। सचिन वझे की गिरफ्तारी के बाद यह तय माना जा रहा था कि कई टॉप अधिकारियों की भी कुर्सी जाएगी। इस मामले में पूरे देश में महाराष्ट्र सरकार की बहुत बदनामी हुई थी। इस वजह से भी परमबीर सिंह से राज्य सरकार बहुत खफा थी।

हाइलाइट्स:
परमबीर सिंह को मुंबई पुलिस कमिश्नर के पद से हटाकर होमगार्ड्स में भेजा गया
अंबानी मामले में सचिन वझे की गिरफ्तारी के बाद लटकी थी कार्रवाई की तलवार
मुंबई पुलिस कमिश्नर के ऑफिस पर NIA की रेड से सरकार को उठानी पड़ी शर्मिंदगी
मुंबई पुलिस मुख्यालय में किसी केंद्रीय जांच एजेंसी की रात भर छापेमारी शायद ही कभी पड़ी हो

मुंबई 18 मार्च। उद्धव सरकार ने बुधवार को परमबीर सिंह (Parambir Singh) को मुंबई पुलिस कमिश्नर (Mumbai Police Commissioner) के पद से हटा दिया। उन्हें होमगार्ड विभाग जैसी साइड पोस्टिंग पर भेज दिया गया। मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के घर के बाहर 25 फरवरी को जिलेटिन प्लांट करने में मुंबई पुलिस की साजिश सामने आने और इस केस में एपीआई सचिन वझे की गिरफ्तारी के बाद यह तय माना जा रहा था कि कई टॉप अधिकारियों की भी कुर्सी जाएगी।

‘मुंबई सीपी ऑफिस में NIA का रेड मारना शर्मनाक बात थी’

मुंबई पुलिस से जुड़े एक अधिकारी ने एनबीटी को बताया कि वझे की गिरफ्तारी के बाद एनआईए ने जब मुंबई पुलिस मुख्यालय स्थित क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (CIU) के दफ्तर पर रेड की, तो यह महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस के लिए बहुत ही शर्मनाक बात थी। मुंबई पुलिस मुख्यालय में किसी केंद्रीय जांच एजेंसी की रात भर छापेमारी शायद ही इससे पहले कभी पड़ी हो।

मुंबई पुलिस ने की लापरवाही! बदनामी से नाराज थी उद्धव सरकार

मुकेश अंबानी के घर के बाहर जिलेटिन स्कॉर्पियो कार में रखा गया था। स्कॉर्पियो कार ड्राइवर बाद में पीछे खड़ी इनोवा गाड़ी में बैठकर भाग गया। वह इनोवा कई दिन तक मुंबई पुलिस मुख्यालय में आती-जाती रही। बाद में एनआईए को पता चला कि इनोवा मुंबई क्राइम ब्रांच की थी और 25 फरवरी को उसे खुद सचिन वझे चला रहे थे। इस केस में मुंबई पुलिस के सचिन वझे के खिलाफ जांच के बजाय शुरुआत में खुद सचिन वझे को ही इस केस की जांच सौंप दी गई। इससे पूरे देश में महाराष्ट्र सरकार की बहुत बदनामी हुई। इस वजह से भी परमबीर सिंह से राज्य सरकार बहुत खफा थी।

सीपी रहते परमबीर सिंह को NIA बुलाती तो और फजीहत होती

मुकेश अंबानी के घर जिलेटिन प्लांट से जुड़े केस में एनआईए के टॉप रैंक के अधिकारी इन दिनों दिल्ली से मुंबई आए हुए हैं। संभव है आनेवाले दिनों में वह खुद परमबीर सिंह या कुछ अन्य आईपीएस अधिकारियों को पूछताछ के लिए बुला लें। अगर मुंबई सीपी रहते परमबीर सिंह को एनआईए का इस तरह समन भेजा जाता, तो शायद और भी अजीब स्थिति होती। इस केस में CIU के कुछ और अधिकारियों की गिरफ्तारी भी हो सकती है।

डीजीपी रहे हैं हेमंत नगराले, मुंबई पुलिस कमिश्नर जैसी ‘जूनियर’ पोस्ट पर भेजे गए

गुरुवार को महाराष्ट्र पुलिस इतिहास में एक और बात हुई। हेमंत नगराले महाराष्ट्र के डीजीपी थे। उन्हें मुंबई सीपी की पोस्ट दी गई। इससे पहले शायद ही कभी किसी डीजीपी को मुंबई सीपी बनाया गया हो। अगर देखा जाए, तो मुंबई सीपी की पोस्ट डीजीपी की तुलना में छोटी है, लेकिन मुंबई सीपी के पद का चार्म अलग ही है। इसलिए महाराष्ट्र कैडर के हर आईपीएस अधिकारी का सपना होता है कि वह एक दिन मुंबई सीपी के पद पर जरूर बैठे।

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