22 तक अयोध्या नहीं पहुंच पायेगी पैदल आ रही मुंबई की शबनम शेख़

सिर पर हिजाब, हाथ में भगवा झंडा, राम भक्ति में लीन अयोध्‍या जा रही शबनम का मौलानाओं के फतवे पर झन्‍नाटेदार जवाब
सिर पर हिजाब और हाथ में भगवा झंडा, ये देख हर कोई चौंक जाता है। मुंबई से पैदल अयोध्‍या जा रही शबनम राम नाम जपते अपनी मंजिल की ओर बढ़ रही है। शबनम शेख ने मौलानाओं के फतवे पर करारा जवाब दिया है।

/सागर छतरपुर 17 जनवरी 2024: सिर पर हिजाब, हाथ में भगवा झंडा, महाराष्ट्र से अयोध्या पैदल यात्रा कर रही 21 साल की शबनम शेख के खिलाफ मौलवियों ने फतवा जारी कर दिया जिसे लेकर शबनम का कहना है कि वह भारत की बेटी है यह देश संविधान से चलता है न की शरिया कानून से। मौलाना और मौलवी मुझे डराना चाहते है, ताकि मेरी यात्रा भंग हो जाये, लेकिन मैं भगवान श्री राम की भक्त हूं और अंतिम क्षण तक रहूंगी। मेरे माता-पिता मेरे पहनावे पर कोई कमेंट नहीं करते तो यह मौलवी और मौलाना कौन होते है।
मुंबई के नालासोपारा की रहने वाली शबनम शेख
मुंबई के नालासोपारा की रहने वाली 21 वर्षीय शबनम शेख ने 28 दिनों पहले अयोध्या धाम की यात्रा शुरू की थी। शबनम शेख का कहना है कि वह एवं उनका पूरा परिवार भगवान श्री राम का भक्त है। ऐसा नहीं है कि मैं यह सब सिर्फ ट्रेंड में रहने को कर रही हूं।

शबनम शेख का कहना है कि वह जहां पर रहती है वह हिंदू बाहुल्य इलाका है। मैं हमेशा से हिंदू देवी देवताओं को मानती आ रही हूं। मैंने अजान से पहले मंदिर की घंटी एवं पूजा सुनी है, मेरी आस्था भगवान राम, भगवान शिव के अलावा अन्य देवी-देवताओं में भी है, लेकिन मेरे धर्म के कुछ मौलाना एवं मौलवी मेरी इस यात्रा में बाधा डालना चाहते हैं। शबनम के परिवार में उनके माता-पिता एवं भाई- बहन हैं।

मौलाना सिर्फ सवाल उठा सकते है
फतवा को लेकर शबनम शेख ने कहा कि मौलवी- मौलाना सिर्फ सवाल खड़ा कर सकते हैं, कभी कपड़ों को लेकर तो कभी धर्म को लेकर। भारत एक सेकुलर कंट्री है, यह कोई इस्लामिक देश नहीं है। यहां मौलवी और मौलानाओं के फतवे का कोई असर नहीं होने वाला । मुझे भारतीय कानून एवं संविधान पर पूरा भरोसा है।

पुलिस सुरक्षा भी चल रही है साथ-साथ
शबनम शेख के साथ पुलिस भी सुरक्षा की दृष्टि से चल रही है जो अलग-अलग थानों के हिसाब से बदलती रहती है। शबनम शेख ने बताया कि पुलिस न केवल उनकी सुरक्षा का ध्यान रख रही है बल्कि पुलिस के जवान उनसे बेटी एवं बहन जैसे व्यवहार करते हैं जो उन्हें बहुत अच्छा लगता है । शबनम के साथ दो दोस्त भी हैं जो शबनम का सोशल अकाउंट देखते हैं और उनकी सुरक्षा से लेकर सुख-सुविधा देखते हैं। इन सभी लोगों के खाने-पीने की व्यवस्था भी पुलिस से ही हो रही है।

हिंदू संगठन जगह जगह कर रहे है स्वागत
शबनम शेख के पहुंचने की सूचना जैसे ही सामान्य जन एवं हिंदू संगठनों को लगती है तो लोग उनके स्वागत को पहुंच जाते हैं। जगह-जगह शबनम का फूल-मालाओं से स्वागत  हो रहा है, इसी से शबनम का कहना है कि वे शायद राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा 22 तारीख के बाद ही पहुंच पाएंगे, क्योंकि ठंड बहुत ज्यादा है और रुक-रुक कर पैदल यात्रा करनी पड़ रही है।

SHABNAM SHAIKH BLISTERS ON HER FEET MUMBAI TO AYODHYA YATRA REACH IN BUNDELKHAND
 सनातनी शबनम शेख के पैरों में पड़े छाले, दोस्त कर रहे सेवा

शबनम शेख बुंदेलखंड पहुंच चुकी हैं. सागर पहुंचने पर उनका जोरदार स्वागत हुआ.
मुंबईवासी शबनम शेख मुंबई से अयोध्या को पैदल निकलीं हैं. करीब साढ़े 700 किमी का सफर तय कर शबनम गुरुवार को बुंदेलखंड के सागर पहुंची.जहां उनका जोरदार स्वागत हुआ.
पैरों में छाले और चोट
लंबे पैदल सफर के चलते शबनम खान के पैरों में छाले पड़ गए हैं.पैरों में छालों से अब शबनम की गति  कम हो गई हैं.इसलिए उन्हें 22 जनवरी के बाद ही भगवान राम के दर्शन हो पाएंगे.
बुंदेलखंड पहुंचने पर शबनम शेख का जोरदार स्वागत
सागर जिले की सीमा में प्रवेश
मुंबई से अपने दोस्तों के साथ अयोध्या पैदल निकलीं शबनम शेख ने सागर जिले की सीमा में गुरूवार को प्रवेश किया.विदिशा और सागर जिले की सीमा पर स्थानीय नेताओं और लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया और भगवान राम के दर्शन का उनका संकल्प सराहा.  शानदार स्वागत से शबनम अभिभूत दिखी.
मुंबई से पैदल अयोध्या जा रहीं शबनम शेख सागर पहुंची,22 दिनों में 750 किमी सफर
मुंबई की शबनम शेख ने 21 दिसंबर से अयोध्या पैदल यात्रा की शुरूआत की थी.पिछले 22 दिनों में शबनम खान करीब 750 किलोमीटर का सफर पैदल तय कर चुकी हैं.शुरूआत से शबनम खान रोज 40 किलोमीटर सफर तय कर रही थीं. हालांकि पिछले कुछ दिनों से पैरों में तकलीफ से रोज चलने की दूरी थोड़े कम हुई है. तय कार्यक्रम में शबनम 22 जनवरी के बाद ही अयोध्या पहुंच पाएंगी.
हिंदू परिवारों में घर जैसा प्यार
शबनम शेख कहती हैं कि मैंने जब मुंबई से अयोध्या पैदल चलने का फैसला किया था तो मेरे मन में कई सवाल थे कि मेरे मुस्लिम होने से सनातनी हिंदू भाई मेरे बारे में क्या सोचेंगे और उनका कैसा व्यवहार होगा. लेकिन जैसे ही मैंने चलना शुरू किया तो 22 दिन पैदल चलते-चलते मुझे हर जगह भरपूर प्यार मिला.हिंदू भाईयों ने मेरा जगह-जगह स्वागत सत्कार किया.मुझे अपने घर ले जाकर बिना किसी भेदभाव खाना खिलाया और भरपूर प्यार दिया.

माता-पिता को लोगों ने सर आंखों पर बिठाया


शबनम शेख ने बताया कि जब उसने अपने घर वालों से पैदल अयोध्या जाकर भगवान राम के दर्शन की अनुमति मांगी, तो मेरे पिता ने बिना किसी हिचक मुझे अनुमति दे दी थी. घर पर बात करती हूं तो पिताजी बताते हैं कि मेरी वजह से उन्हें लोग सम्मानित कर रहे हैं और खूब प्यार दे रहे हैं । हर कोई उनसे मिलने आ रहा है.
हिंदू दोस्त कर रहे हैं सेवा
शबनम शेख बताती हैं कि मुंबई से उनके दो सनातनी दोस्त रमन राज शर्मा और विनीत पांडे उनके साथ हैं, जो मेरा भरपूर सहयोग कर रहे हैं. जब से मेरे पैरों में छाले पड़े और चोट लगी , तो मेरे दोनों सनातनी दोस्त मेरे पैरों की मसाज कर देते हैं क्योंकि रास्ते में एक्सीडेंट वगैरह होने कारण सड़क पर कांच बिखरा पड़ा रहता है. इससे पैरों में चोट भी लग गयी है.

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