माफिया डॉन मुख्तार अंसारी व्हील चेयर से पहुंचा कोर्ट,अगली तारीख 12 अप्रैल

मुख्तार अंसारी की पत्नी ने राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी, योगी सरकार ने कहा- कानून करेगा अपना काम
पंजाब की जेल में बंद माफिया नेता मऊ से बहुजन समाज पार्टी के विधायक मुख्तार अंसारी की पत्नी ने बुधवार को अपने पति की हिफाजत के लिए राष्ट्रपति को पत्र लिखकर गुहार लगाई है।
लखनऊ 31 मार्च।मोहाली के एक बिल्डर से फिरौती मांगने के मामले में मुख्तार अंसारी की बुधवार को मोहाली कोर्ट में पेशी थी. इसके लिए वो रोपड़ जेल से मोहाली कोर्ट पहुंचा था. रोपड़ जेल से मोहाली कोर्ट तक मुख्तार को यूपी नंबर की एक निजी एंबुलेंस से लाया गया।
पंजाब की रोपड़ जेल में बंद उत्तर प्रदेश के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी बुधवार को मोहाली की कोर्ट में पेश हुआ. पता चला है कि इस दौरान जिस यूपी नंबर की एंबुलेंस से मुख्तार मोहाली कोर्ट गया था, वो एंबुलेंस एक निजी एंबुलेंस थी, जिसका रजिस्ट्रेशन बाराबंकी में एक निजी अस्पताल के नाम से है.

मोहाली के एक बिल्डर से फिरौती मांगने के मामले में मुख्तार अंसारी की बुधवार को मोहाली कोर्ट में पेशी थी. इसके लिए वो रोपड़ जेल से मोहाली कोर्ट पहुंचा था. रोपड़ जेल से मोहाली कोर्ट तक मुख्तार को यूपी नंबर की एक निजी एंबुलेंस से लाया गया. छानबीन करने पर पता चला कि वो एंबुलेंस यूपी में बाराबंकी के एक निजी अस्पताल के नाम पर रजिस्टर्ड है.

एंबुलेंस का नंबर यूपी 41 एटी 7171 है. यूपी में एंबुलेंस सेवा प्रदान करने वाली कंपनी का बयान है कि मुख्तार अंसारी को मोहाली कोर्ट ले जाने वाली एंबुलेंस उत्तर प्रदेश के किसी भी सरकारी अस्पताल से नहीं जुड़ी है. अब इस मामले को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है. गाजीपुर की मुहम्मदाबाद विधानसभा से बीजेपी विधायक अलका राय ने सवाल उठाते हुए ट्वीट कर डाला.

@RahulGandhi और @priyankagandhi जी की सरकार के माफ़िया डॉन मुख़्तार को बचाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। आज जिस तथाकथित एंबुलेंस में मुख़्तार अंसारी को कोर्ट में पेश किया गया वह तथाकथित एम्बुलेंस मुख़्तार अंसारी को किसने मुहैया करायी इसकी जाँच होनी चाहिए। pic.twitter.com/R9Rww1itDC

उधर, बसपा सांसद अतुल राय ने बसपा विधायक मुख्तार अंसारी से खुद को जान का खतरा बताया है. बसपा सांसद ने मुख्यमंत्री से लेकर प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी तक को इस संबंध में एक पत्र लिखा है. जिसमें अतुल राय ने कहा है कि नैनी जेल में मुख्तार के आने से उनकी जान को खतरा होगा.

सांसद ने अपने पत्र में वाराणसी, सोनभद्र से लेकर मऊ तक के कई मामलों का उल्लेख किया है. उन्होंने पत्र लिखकर मुख्तार को नैनी जेल में शिफ़्ट ना करने की मांग की है. दरअसल, बसपा सांसद अतुल राय भी प्रयागराज की नैनी जेल में ही बंद हैं. उनके खिलाफ रेप का मामला चल रहा है।

पंजाब की जेल में बंद माफिया नेता मऊ से बहुजन समाज पार्टी के विधायक मुख्तार अंसारी की पत्नी ने बुधवार को अपने पति की हिफाजत के लिए राष्ट्रपति को पत्र लिखकर गुहार लगाई है। वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार ने कांग्रेस पर अंसारी को बचाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि अंसारी के खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। मुख्तार की पत्नी अफशां अंसारी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लिखे पत्र में कहा है कि इस वक्त पंजाब की रोपड़ जेल में बंद उनके पति मुख्तार अंसारी एक मुकदमे में चश्मदीद गवाह हैं,जिसमें बीजेपी के विधान परिषद सदस्य माफिया बृजेश सिंह और उनके साथी त्रिभुवन सिंह अभियुक्त हैं।

‘फर्जी मुठभेड़ की आड़ में मेरे पति की हत्या हो सकती है’

अफशां ने लिखा है कि बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह की सत्ता प्रतिष्ठान से नजदीकी को देखते हुए इसका खतरा महसूस हो रहा है कि पंजाब की जेल से बांदा लाए जाते वक्त रास्ते में फर्जी मुठभेड़ की आड़ में उनके पति की हत्या हो सकती है। अफशां ने पत्र में कहा,‘प्रार्थी को मिल रही पुख्ता सूचना और दी जा रही धमकी के कारण अब ऐसा लगता है कि अगर मेरे पति के जीवन की सुरक्षा के लिए जिम्मेदारी तय किए बगैर उन्हें उत्तर प्रदेश भेजा गया तो निश्चित रूप से कोई झूठी कहानी रच कर मेरे पति की हत्या करा दी जाएगी। इसलिए राष्ट्रपति से गुजारिश है कि सरकार को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के दस्ते के साथ जेल से अदालत और अदालत से वापस जेल तक मेरे पति को सुरक्षित भेजने के प्रबंध का आदेश दें।’

‘नंबर एक माफिया को उत्तर प्रदेश लाया जा रहा है’

इस बीच, उत्तर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर मुख्तार अंसारी का बचाव करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि योगी आदित्यनाथ सरकार किसी भी अपराधी को नहीं बख्शेगी। राज्य की पिछली समाजवादी पार्टी सरकार ने ऐसे तत्वों को बढ़ावा दिया और उन्हें पैठ बनाने दी,जिससे हमारा सिर दर्द बढ़ गया है। उन्होंने कहा, ‘अंसारी को वापस उत्तर प्रदेश लाने के प्रयास किए जा रहे हैं और यहां उनके खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। नंबर एक माफिया को उत्तर प्रदेश लाया जा रहा है और इसके लिए सभी इंतजाम किए जा रहे हैं।’

अंसारी ने उत्तर प्रदेश में अपनी जान को बताया था खतरा

हालांकि, अंसारी को कब उत्तर प्रदेश लाया जाएगा, इस बारे में शासन का कोई भी अधिकारी कुछ भी बताने को तैयार नहीं है। इतना जरूर बताया जा रहा है कि बांदा जेल में अंसारी को रखने की तैयारियां पूरी की जा रही हैं। दरअसल, योगी सरकार ने शिकायत की थी कि दो साल पहले एक पेशी को पंजाब ले जाए गए मुख्तार अंसारी को पंजाब सरकार वापस नहीं भेज रही है। इससे राज्य में लंबित संगीन अपराध के मुकदमे प्रभावित हो रहे हैं। वहीं, अंसारी ने उत्तर प्रदेश में अपनी जान को खतरा बताते हुए गुहार लगाई थी कि उन्हें वहां न भेजा जाए। इस बीच, मुख्तार अंसारी को बुधवार को रंगदारी से संबंधित एक मामले में पंजाब के मोहाली स्थित एक अदालत में पेश किया गया। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 12 अप्रैल नियत की है।

‘25 अक्टूबर 2005 से जेल में है मुख्तार अंसारी’

गौरतलब है कि मऊ से बहुजन समाज पार्टी के विधायक मुख्तार अंसारी कई विचाराधीन आपराधिक मामलों में 25 अक्टूबर 2005 से न्यायिक अभिरक्षा में जेल में है। इस वक्त वह पंजाब की रोपड़ जेल में बंद है। वर्ष 2005 में कथित रूप से मुख्तार अंसारी गिरोह के हाथों मारे गए बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की विधायक पत्नी अलका राय, अंसारी को उत्तर प्रदेश की जेल में लाए जाने की मांग करते हुए कई बार पत्र लिख चुकी हैं। इस बीच, वर्ष 2004 में मुख्तार अंसारी पर आतंकवाद रोधी कानून ‘पोटा’ के तहत कार्रवाई करने वाले पूर्व पुलिस उपाधीक्षक शैलेंद्र सिंह पर दर्ज तोड़फोड़ तथा बलवा करने के एक मुकदमे की वापसी के राज्य सरकार के फैसले पर वाराणसी की एक अदालत ने मुहर लगा दी है।

शैलेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया पर योगी को कहा धन्यवाद

शैलेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘2004 में जब मैंने माफिया मुख्तार अंसारी पर एलएमजी मामले में पोटा लगा दिया था, तो मुख्तार को बचाने को तत्कालीन सरकार ने मेरे ऊपर केस खत्म करने का दबाव बनाया, जिसे न मानने के फलस्वरूप मुझे पुलिस उपाधीक्षक पद से त्यागपत्र देना पड़ा था। इस घटना के कुछ महीने बाद ही तत्कालीन सरकार के इशारे पर, राजनीति से प्रेरित होकर मेरे ऊपर वाराणसी में आपराधिक मुकदमा लिखा गया और मुझे जेल में डाल दिया गया। लेकिन जब योगी सरकार बनी तो,उक्त मुकदमे को प्राथमिकता के साथ वापस लेने का आदेश पारित किया गया, जिसे मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय ने पिछली 6 मार्च को स्वीकृति प्रदान की। न्यायालय के आदेश की नकल आज ही प्राप्त हुई मैं और मेरा परिवार योगी जी की इस सहृदयता का आजीवन ऋणी रहेगा।’

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