राज्यपाल बेबी रानी मौर्य का त्यागपत्र,लौटेंगी उप्र की राजनीति में?

Uttarakhand Governor: उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने दिया पद से त्यागपत्र, हो सकती हैं उत्तर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय
उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने आज बुधवार को पद से त्यागपत्र दे दिया है। राज्यपाल के सचिव बीके संत ने इसकी पुष्टि की है। बता दें कि दो दिन पहले बेबी रानी मौर्य ने नई दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात की थी।

देहरादून 08 सितंबर। Uttarakhand Governor उत्तराखण्ड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है। वह तीन साल 12 दिन इस पद पर कार्यरत रहीं। समझा जाता है कि वे वापस उत्तर प्रदेश में तीन दिन पहले नई दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से उनकी मुलाकात के बाद से यह अनुमान लगाया जा रहा था। इस त्यागपत्र के साथ ही राज्य का आठवें राज्यपाल को लेकर प्रतीक्षा शुरू हो गई है। उन्होंने नई दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अपना त्यागपत्र सौंपा है।

राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के त्यागपत्र की अटकलें कल से ही राजनीतिक क्षेत्र में तैर रही थी। बेबी रानी मौर्य ने 26 अगस्त, 2018 को उत्तराखंड के सातवें राज्यपाल का पदभार संभाला था। वह राज्य की दूसरी महिला गवर्नर थीं। उनसे पहले कांग्रेस नेत्री मार्ग्रेट अल्वा भी यह पद संभाल चुकी हैं। उत्तर प्रदेश में आगरा की मेयर रह चुकीं बेबी रानी मौर्य के बारे में माना जा रहा है कि केंद्र सरकार और भाजपा उन्हें कोई नई जिम्मेदारी दे सकते हैं अथवा वे उत्तर प्रदेश की अनुसूचित जाति राजनीति में जोर आजमाइश कर सकती हैं।

नई भूमिका में उतारने की चर्चा

उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं। अनुमान है कि उत्तरप्रदेश की राजनीति में वह सक्रिय भूमिका निभा सकती हैं। भाजपा चुनाव के दृष्टिगत उन्हें नई जिम्मेदारी सौंप सकती है। केंद्र सरकार के स्तर से भी उन्हें राज्यपाल से इतर संवैधानिक पद सौंपा जा सकता है। गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद इस तरह की चर्चाओं को बल मिला है।

राज्य सरकार के साथ बना रहा खिंचाव

इन सबके बीच राज्यपाल के पद से उनकी विदाई के पीछे राज्य की भाजपा सरकार और राजभवन के बीच खिंचाव को भी निर्णायक कारण माना जा रहा है। दोनों के बीच समन्वय की कमी की शिकायतें केंद्र सरकार और पार्टी हाईकमान तक भी पहुंचीं। विधानसभा से पारित विधेयकों के राजभवन में लंबे समय तक रुके रहने से भाजपा सरकार को कई मौकों पर असहज होना पड़ा। सदन में पारित कुछ विधेयकों को लंबे समय बाद भी राजभवन की मंजूरी नहीं मिल पाई है। इसके लिए सरकार की ओर से प्रयासों को कामयाबी नहीं मिल पाई।

पत्रकारों और बुद्धिजीवियों से भी रहा दुराव

यह ठीक है कि राजनीतिक विवादों से बचने को राज्यपाल पत्रकारों से बातचीत करने से बचते हैं लेकिन श्रीमती बेबी रानी मौर्य अब तक की अकेली ऐसी राज्यपाल रही है जो पत्रकारों और बुद्धिजीवियों से सायास दूरी बना कर रखती थी। वह प्रकरण हमेशा चर्चा में रहा जिसमें देहरादून की एक वरिष्ठ एक महिला पत्रकार और एक पुरुष पत्रकार ने अपनी पुस्तकें भेंट करने को उनसे समय मांगा तो उन्होंने साफ इंकार कर दिया था।

दो दिन पहले नई दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात के बाद से ही उनके इस्तीफा देने की चर्चाएं तेज होने लगी थीं। उन्हें उत्तर प्रदेश बीजेपी में बड़ी जिम्मेदारी देने की चर्चाएं हैं। वहीं, अब प्रदेश के नए राज्यपाल की जिम्मेदारी किसे मिलेगी इसको लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है।

महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने पर दिया जोर
हाल ही में बेबीरानी मौर्य राज्यपाल पद पर तीन साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद मीडिया से प्रदेश में महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के मुद्दों पर जोर दिया था। उनका कहना था कि प्रदेश की महिलाएं मेहनती और जुझारू हैं। महिलाओं को राजभवन से जो बेहतर सहयोग किया जा सकता है उसके लिए आगे भी ठोस प्रयास किए जाने चाहिए।

ये है उनका सार्वजनिक-राजनीतिक जीवन

– वर्ष 1995 से वर्ष 2000 तक आगरा की महापौर।
– वर्ष 1997 में वर्तमान राष्ट्रपति और तत्कालीन अध्यक्ष राष्ट्रीय अनुसूचित मोर्चा राम नाथ कोविंद जी के साथ कोषाध्यक्ष बतौर कार्य।
– वर्ष 2001 में प्रदेश, सामाजिक कल्याण बोर्ड की सदस्य।
– वर्ष 2002 में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य

उत्तराखंड में अब तक रहे राज्यपाल और कार्यकाल

सुरजीत सिंह बरनाला- 09 नवंबर 2000- 07 जनवरी 2003
सुदर्शन अग्रवाल- 08 जनवरी 2003- 28 अक्तूबर 2007
बनवारी लाल जोशी- 29 अक्तूबर 2007- 05 अगस्त 2009
मार्गरेट अल्वा- 06 अगस्त 2009 – 14 मई 2012
अज़ीज़ कुरैशी- 15 मई 2012 – 08 जनवरी 2015
कृष्ण कांत पॉल- 08 जनवरी 2015- 25 अगस्त 2018
बेबी रानी मौर्य- 26 अगस्त 2018- 08 सितंबर 2021

बेबी रानी मौर्य का संक्षिप्त जीवन परिचय

जन्म तिथि: 15 अगस्त 1956। शैक्षणिक योग्यता: एमए, बीएड। पति का नाम: प्रदीप कुमार (पूर्व डायरेक्टर एवं सीनियर मैनेजर पंजाब नेशनल बैंक) पता-4/ए, करियप्पा रोड आगरा। 1995 से 2000 तक आगरा की महापौर। वर्ष 1997 में वर्तमान राष्ट्रपति और तत्कालीन भाजपा राष्ट्रीय अनुसूचित मोर्चा अध्यक्ष रामनाथ कोविंद के साथ कोषाध्यक्ष रहीं। वर्ष 2002 में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य। 18 वर्षों से नव चेतना जागृति संस्था के माध्यम से दलित व पिछड़ी महिलाओं को जागरूकता करने व न्याय दिलाने का कार्य। वर्ष 1996 में समाज रत्‍‌न, 1997 में उत्तर प्रदेश रत्‍‌न और 1998 में नारी रत्‍‌न से सम्मानित।। 27 अगस्‍त 2018 को उत्‍तराखंड के राज्‍यपाल पद की शपथ ली। आठ सितंबर 2021 को पद से त्यागपत्र दिया।

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