लखीमपुर-खीरी कांड: योगी के अफसरों की टीम खरी उतरी भरोसे पर

योगी के उन अफसरों के बारे में जानिए जिन्होंने 24 घंटे के भीतर बदल दी लखीमपुर खीरी कांड की कहानी
By Vidya Shanker

लखनऊ, 06 अक्टूबर: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुए बवाल में आठ लोगों की मौत हो गई। किसानों के आंदोलन के बीच हुई इस घटना के बाद लखीमपुर खीरी समेत पूरे पश्चिमी यूपी में किसानों के बीच आक्रोश फैलने की आशंका थी लेकिन योगी सरकार ने समय रहते ही सारी चीजों को मैनेज कर लिया और मामले को बढ़ने से पहले ही दबा दिया गया। दरअसल इस पूरे मामले में कुछ अधिाकरियों ने पर्दे के पीछे से अहम भूमिका निभाई तो कुछ ने सामने से अपने रोल को अदा किया। आइए जानते हैं कि योगी के उन खास अफसरों के बारे में जिन्होंने इस पूरे मामले में सरकार की किरकिरी होने से बचा लिया।

एडीजी प्रशांत कुमार ने जीता मुख्यमंत्री योगी का भरोसा

पूरा देश लखीमपुर हिंसा की बढ़ती लपटों को देख रहा था लेकिन 24 घंटे से भी कम समय में सब कुछ शांत हो गया। यह सब कैसे हुआ? इसके पीछे कौन लोग थे? किसानों के गुस्से को भांपते हुए किसने मनाया राकेश टिकैत को?। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रशांत कुमार पर भरोसा जताया और उन्हें खुली छूट देकर लखीमपुर भेज दिया। प्रशांत ने रणनीतिक रूप से केवल राकेश टिकैत को लखीमपुर आने की अनुमति दी।

प्रशांत कुमार ने टिकैत को सरकार की मंशा के बारे में बताया
टिकैत के आते ही प्रशांत ने उन्हें विश्वास में ले लिया और सरकार की मंशा को बताया और उनकी सभी मांगों को एक झटके में स्वीकार कर लिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके साथ टिकैत बैठे थे। आईपीएस होने के बावजूद उन्होंने कार्रवाई का आश्वासन दिया और कहा कि मंत्री के बेटे के खिलाफ एफआईआर होगी और कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मृतकों के लिए मुआवजे से लेकर नौकरी तक का आश्वासन दिया।

एस एन साबत ने नेताओं को लखीमपुर से बाहर ही रोका

लखीमपुर खीरी में जैसे ही मामला बिगड़ने लगा वैसे ही सरकार ने एडीजी जोन एस एन साबत को वापस बुलाने का फैसला किया। एस साबत अवकाश पर थे लेकिन उन्हें तुरंत ड्यूटी ज्वाइन करने को कहा गया। एस एन साबत ने वापस लौटते ही अधिकारियों की बैठक बुलाई और लखीमपुर खीरी में पल पल की अपडेट लेनी शुरू की। साबत ने ही यह सुनिश्चित किया कि कोई भी राजनीतिक दल लखीमपुर खीरी तक नहीं पहुंच पाए। इसके लिए उन्होंने लखनऊ समेत लखीमपुरखीरी के आसपास के जिलों के अधिकारियों एवं एलआइयू को अलर्ट किया। इसका फायदा यह हुआ कि देर रात तक सभी नेताओं की लोकेशन पुलिस को मिल चुकी थी और उनको घरों में ही नजरबंद कर दिया गया। एस एन साबत को जिम्मेदारी सौंपी गई थी कि राजनीतिक दल का कोई भी नेता लखीमपुर तक नहीं पहुंचने पाए

लखीमपुर में हालात संभालने की जिम्मेदारी अजय पाल शर्मा को मिली

आईपीएस अफसर अजयपाल शर्मा को उत्तर प्रदेश सरकार ने तत्काल प्रभाव से लखीमपुर खीरी जाकर हालात संभालने का आदेश दिया है। अजयपाल शर्मा अभी यूपी-112 में बतौर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तैनात थे। जब तराई में किसान आंदोलन चरम पर था, तब भी शासन ने अजयपाल शर्मा की ड्यूटी लखीमपुर खीरी में लगाई थी। अजय पाल शर्मा मूल रूप से पंजाब के रहने वाले हैं। अब सरकार ने हालात संभालने के लिए सरकार ने अजयपाल शर्मा को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। बताया जा रहा है कि आईजी लॉ एंड ऑर्डर राजेश मोदक ने रविवार की देर रात आईपीएस अजय पाल शर्मा को लखीमपुर खीरी जाने का आदेश दिया था।

IAS नवनीत सहगल के कांटेक्ट्स का सरकार को मिला फायदा

लखीमपुर खीरी में आठ लोगों की मौत की सूचना आने के बाद से ही चैनलों पर खबरें आनी शुरू हो गईं थीं। शासन से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार को डर था कि कहीं लखीमपुर खीरी मामले को मीडिया ज्यादा तूल न दे दे। एक बार इस लखीमपुर मामले में मीडिया ट्रायल शुरू हो गया तो फिर सरकार को संभालने में काफी मुश्किल आएगी। इसको देखते हुए तेजतर्रार अफसर और वर्तमान अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने अपने संबंधों और कांटेक्ट्स का पूरा इस्तेमाल कर लखनऊ से लेकर दिल्ली तक मीडिया मैनेज करते रहे। इसका फायदा भी सरकार को मिला और ज्यादातर चैनलों से हंगामे की खबर गायब ही रही। सहगल की सक्रियता की वजह से ही मीडिया ने इस मामले को उतना तूल नहीं दिया जितना सरकार को डर लग रहा था।

अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने समय रहते उठाए कई कारगर कदम


विभिन्न स्तरों से अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी ने भी पृष्ठभूमि से कमान संभाली हुईं थीं।

घटना के बाद से इस मामले पर राजनीति तेज होते देख प्रशासन की ओर से हर संभव प्रयास किया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए आसपास के इलाके में मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया गया जबकि मौके पर धारा 144 लगा दी गई। इसके पीछे सरकार की मंशा यह थी कि असामाजिक तत्व इसका लाभ न उठा पाएं और किसी तरह की अफवाह न फैला पाएं। घटना के बाद से तनाव के चलते लखनऊ के आसपास की सीमाओं को भी लखीमपुर की ओर जाने वाले सभी रास्तों पर सील कर दिया गया। लखीमपुर खीरी क्षेत्र में अतिरिक्त बलों को तैनात किया गया, जिसमें अर्धसैनिक बल के जवान भी शामिल हैं और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए सभी जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया।

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