ज्ञान:’चंद्रयान तीन’ ए टू जेड

Chandrayaan-3 Launch Date To Chandrayaan 3 Landing Date Isro Scientists All You Need To Know About Moon Mission
चांद पर आज यूं ही नहीं तिरंगा, इसरो के साइंटिस्टों के छुपी मेहनत का एक-एक पन्ना पढ़िए
इसरो के चंद्रयान-3 ने इतिहास रच दिया। लैंडर विक्रम के चंद्रमा के साउथ पोल पर सफल लैंडिंग होते ही इसरो चीफ के साथ ही देश खुशियों से झूम उठा। इसरो की इस सफलता के पीछे वैज्ञानिकों के टीम की मेहनत छुपी है। इसरो की इस सफलता ने चांद के राज खोलने के दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया दिया है।
मुख्य बिंदु
इसरो ने 14 जुलाई को चंद्रयान-3 का 2.35 पर सफल प्रक्षेपण किया था
मिशन शुरू होने के 35 दिन बाद लैंडर और प्रोपल्शन मॉड्यूल अलग हुए थे
चंद्रयान-3 ने पिछली गलतियों को पीछे छोड़ कर दुनिया में जमाई धाक

नई दिल्ली 23 अगस्त : चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर सफल लैंडिंग से भारत ने अंतरिक्ष की दुनिया में इतिहास रच दिया। भारत के लैंडर विक्रम ने अपने निर्धारित समय पर चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंड किया। इसरो की इस सफलता को लेकर चीफ एस. सोमनाथ ने पूरी टीम का शुक्रिया अदा किया। इससे पहले लॉन्चिंग के बाद चंद्रयान-3 ने 14 जुलाई को प्रक्षेपण के बाद 5 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था। इसरो चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल और प्रणोदन मॉड्यूल 14 जुलाई को मिशन की शुरुआत होने के 35 दिन बाद सफलतापूर्वक अलग हो गए थे। भारत ने 14 जुलाई को ‘लॉन्च व्हीकल मार्क-3’ (एलवीएम3) रॉकेट के जरिए दोपहर 2.35 मिनट पर अपने तीसरे चंद्र मिशन-‘चंद्रयान-3’ का प्रक्षेपण किया था। चंद्रयान 3 की लागत लगभग 600 करोड़ रुपये है। पिछली बार चंद्रयान-2 मिशन विफल हो गया थी। इसकी वजह थी कि ‘विक्रम’ लैंडर का चंद्रमा की सतह पर उतरते समय अचानक संपर्क टूट गया था। विक्रम की क्रैश लैंडिंग हो गई थी। इस बार चंद्रयान-3 ने पिछली गलतियों को पीछे छोड़ कर दुनिया में अपनी धाक जमा दी। वैज्ञानिकों की इस मेहनत पर नजर डालते हैं…
23 अगस्त 2023 : चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम की चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग।
20 अगस्त 2023 : लैंडर मॉड्यूल 25 किमी x 134 किमी कक्षा में है। पावर्ड डिसेंट 23 अगस्त, 2023 को लगभग 1745 बजे शुरू हुआ।
19 अगस्त 2023: लैंडर मॉड्यूल चंद्रमा के चारों ओर 113 किमी x 157 किमी की कक्षा में पहुंचा। 20 अगस्त, 2023 को दूसरी डी-बूस्टिंग की योजना बनाई गई।
17 अगस्त 2023: लैंडर मॉड्यूल को प्रोपल्शन मॉड्यूल से सफलतापूर्वक अलग कर दिया गया।18 अगस्त, 2023 को डिबूस्टिंग की योजना बनाई गई।
16 अगस्त 2023 : चंद्रयान-3 में फायरिंग के जरिये अंतरिक्ष यान 153 किमी x 163 किमी की कक्षा में पहुंचा।
14 अगस्त 2023 : मिशन ऑर्बिट सर्कुलेशन फेज में पहुंचा। अंतरिक्ष यान 151 किमी x 179 किमी कक्षा में पहुंचा।
isro chief speech
9 अगस्त 2023: चंद्रयान -3 का मैनूवर किया गया। इसके जरिये चंद्रयान की कक्षा घटकर 174 किमी x 1437 किमी हो गई है।
6 अगस्त 2023: एलबीएन दो को सफलतापूर्वक पूरा किया गया। अंतरिक्ष यान चंद्रमा के चारों ओर 170 किमी x 4313 किमी की कक्षा में पहुंचा।
5 अगस्त 2023 : चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में स्थापित हो गया। इससे 164 किमी x 18074 किमी ऑर्बिट हासिल की गई।
1 अगस्त 2023: अंतरिक्ष यान को ट्रांसलूनर कक्षा में स्थापित किया गया। इसमें चंद्रयान 288 किमी x 369328 किमी की कक्षा में पहुंचा है। चंद्र-कक्षा सम्मिलन (एलओआई) के लिए 5 अगस्त की प्लानिंग की गई।
25 जुलाई 2023 : ऑर्बिट रेजिंग मैनूवर किया गया। अगला ट्रांसलूनर इंजेक्शन 1 अगस्त के लिए प्लान किया गया।
22 जुलाई 2023 : चौथा ऑर्बिट रेजिंग मैनूवर (पृथ्वी-बाउंड पेरिगी फायरिंग) पूरा किया गया। अंतरिक्ष यान 71351 किमी x 233 किमी की कक्षा में पहुंचा।

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17 जुलाई 2023: दूसरा ऑर्बिट रेजिंग मैनूवर पूरा किया गया। अंतरिक्ष यान 41603 किमी x 226 किमी कक्षा में पहुंचा।
15 जुलाई 2023: पहला ऑर्बिट रेजिंग मैनूवर (अर्थबाउंड फायरिंग-1) ISTRAC/ISRO, बेंगलुरु में सफलतापूर्वक किया गया। अंतरिक्ष यान अब 41762 किमी x 173 किमी कक्षा में पहुंचा।
14 जुलाई 2023 : LVM3 M4 वाहन ने चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक कक्षा में प्रक्षेपित किया। चंद्रयान-3 ने अपनी सटीक कक्षा में चंद्रमा की यात्रा शुरू कर दी। अंतरिक्ष यान का स्थिति सामान्य।
11 जुलाई 2023 : संपूर्ण लॉन्च तैयारी हुई। 24 घंटे तक चलने वाली प्रक्रिया का अनुकरण करने वाला ‘लॉन्च रिहर्सल’ पूरा हुआ।
7 जुलाई 2023 : व्हीकल के इलेक्ट्रिकल टेस्ट पूरे हुए। नागरिकों को SDSC-SHAR, श्रीहरिकोटा में लॉन्च व्यू गैलरी से लॉन्च देखने के लिए आमंत्रित किया गया।
6 जुलाई 2023: प्रक्षेपण 14 जुलाई, 2023 को 14:35 बजे के लिए शेड्यूल किया गया। यह लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा में सतीश धवन स्पेस सेंटर के दूसरे लॉन्च पैंड से होना तय हुआ।

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