केजरीवाल सोमवार तक हिरासत में, कोर्ट में दिया लंबा बयान

केजरीवाल ने अदालत में दिया लंबा बयान, एक अप्रैल तक ईडी की हिरासत में रहेंगे
नई दिल्ली 28 मार्च 2024। दिल्ली की कथित शराब नीति घोटाले के मामले में अदालत ने गुरुवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की हिरासत की अवधि पहली अप्रैल तक के लिए बढ़ा दी है.

यानी अरविंद केजरीवाल इस केस में अब सोमवार तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में बने रहेंगे. अब इस मामले की सुनवाई सोमवार को होगी.

ईडी ने मुख्यमंत्री केजरीवाल की सात दिनों की रिमांड की मांग की थी लेकिन अदालत ने कहा कि उन्हें कोर्ट के समक्ष सोमवार को साढ़े ग्यारह बजे पेश किया जाए.

केजरीवाल की मौजूदा हिरासत की अवधि गुरुवार को ख़त्म हो रही थी. उन्हें आज राउज़ एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज कावेरी बावेजा की अदालत में पेश किया गया.
ईडी ने अपनी ताज़ा रिमांड याचिका में कहा था कि कस्टडी में पूछताछ के दौरान पांच दिनों तक उनके बयान रिकॉर्ड किए गए. ईडी ने ये आरोप लगाया है कि वे सवालों के जवाब देने में टालमटोल कर रहे थे. ईडी की ओर से कहा गया है कि रिमांड अवधि के दौरान तीन अन्य लोगों के बयान भी दर्ज किए गए हैं.
अदालत में इस मौक़े पर केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल, दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी, सौरभ भारद्वाज और अन्य कई लोग मौजूद थे.

ईडी ने अदालत से केजरीवाल की हिरासत और सात दिन बढ़ाने की मांग की.

इस दौरान केजरीवाल ने अदालत से कहा कि वे रिमांड का विरोध नहीं करते हैं, बल्कि वे ईडी की ओर से लगाए गए आरोपों की सारी जांच के लिए तैयार हैं.

उन्होंने कहा, “असली घोटाला तो ईडी की जांच के बाद हुआ है. एक मकसद था आप को क्रश करना. एक माहौल बनाना कि आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचारी है.”

केजरीवाल ने आरोप लगाया, “शरद रेड्डी के केस में शरद रेड्डी को जमानत दो कारण से मिली. सबसे पहले शरद रेड्डी ने मेरे ख़िलाफ़ बयान दिया और शरद रेड्डी ने गिरफ्तार होने के बाद 55 करोड़ रुपये का चंदा भाजपा को दिया. गिरफ्तार होने के बाद 55 करोड़ रुपये के बॉन्ड शरद रेड्डी ने खरीदे और उसके बाद उसे जमानत मिल गई. इससे मनी ट्रेल साबित हो जाता है. यही पूरी जांच का मक़सद था कि एक तरफ आम आदमी पार्टी को क्रश करना. एक स्मोक स्क्रीन क्रिएट करना और पीछे से एक्सट्रैक्शन करना.”

“क्या चार अभियुक्तों के बयान एक मुख्यमंत्री को गिरफ़्तार करने के लिए काफ़ी है? अगर शराब घोटाला हुआ है, तो इसका पैसा कहां गया?”,

उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी का मक़सद आम आदमी पार्टी को दबाना है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, अदालत में पेश करने से पहले केजरीवाल से दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के उस बयान पर राय मांगी गई कि जेल से दिल्ली की सरकार नहीं चलेगी.

इस पर केजरीवाल ने कहा कि यह एक राजनीतिक साज़िश है, लोग इसका जवाब देंगे.

उन्होंने अदालत से कहा, “आरोप लगाया गया है कि 100 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा है कि मनी ट्रेल का सबूत नहीं है.”

केजरीवाल ने कहा, “यह केस दो साल से चल रहा है. 17 अगस्त, 2022 को सीबीआई का पहला केस दर्ज हुआ था और 22 अगस्त को ईडी ने मामला दर्ज किया.”

उन्होंने कहा, “मुझे गिरफ्तार किया गया है. ना तो किसी कोर्ट ने मुझे दोषी करार दिया है और ना ही मेरे ऊपर कोई मुकदमा चला है. ना ही मेरे ऊपर कोई आरोप तय हुआ है, ना ही मेरे ऊपर कोई आरोप लगे हैं.”

“अभी तक इस केस में सीबीआई 31,000 पेज कोर्ट में फाइल कर चुकी है और 294 विटनेस को एग्जामिन कर चुकी है. ईडी लगभग 162 विटनेस को एग्जामिन कर चुकी है और 25,000 पेज फाइल कर चुकी है. इन सारे विटनेस और कागजों को मिलाकर मुझे क्यों गिरफ्तार किया गया है?”

उन्होंने कहा, “उनकी गिरफ़्तारी चार अभियुक्तों के बयान के आधार पर हुई है, जो बाद में गवाह बन गए और फिर उन्हें माफ़ी दे दी गई. क्या ये चार लोगों के बयान एक सत्तारूढ़ मुख्यमंत्री को गिरफ़्तार करने के लिए काफ़ी है? अगर शराब घोटाला हुआ है, तो इसका पैसा कहां गया?”

ईडी के वकील ने क्या कहा
“हिरासत के दौरान केजरीवाल पासवर्ड नहीं बता रहे, इस कारण डिजिटल डेटा तक एक्सेस नहीं हो पा रहा है. यदि वे पासवर्ड नहीं देते, तो ईडी को इन पासवर्ड को तोड़ना होगा.”,
वहीं, ईडी की ओर से पेश वकील एएसजी एसवी राजू ने अदालत को बताया कि अरविंद केजरीवाल के बयान रिकॉर्ड किए गए, लेकिन वे गोलमोल जवाब दे रहे हैं. वे पूछताछ के दौरान ईडी से सहयोग नहीं कर रहे हैं.

उन्होंने यह भी कहा कि हिरासत के दौरान केजरीवाल पासवर्ड नहीं बता रहे हैं, इस कारण डिजिटल डेटा तक एक्सेस नहीं हो पा रहा है. यदि वे पासवर्ड नहीं देते, तो ईडी को इन पासवर्ड को तोड़ना होगा.

उनके अनुसार, कोई मुख्यमंत्री क़ानून से परे नहीं होता है.

दिल्ली के कथित शराब नीति घोटाले में गिरफ़्तार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के वकील रमेश गुप्ता का आरोप है कि चुनाव से ठीक पहले बिना किसी आधार के उनके मुवक्किल को गिरफ़्तार किया गया है.

केजरीवाल पर 100 करोड़ रुपये मांगने के ईडी के आरोप पर उनके वकील गुप्ता ने कहा कि इसका जवाब तो ईडी से पूछना चाहिए.

उन्होंने कहा कि जब अगस्त, 2022 में मामला दर्ज किया गया, तब से अब तक कभी नहीं कहा गया कि केजरीवाल पर कोई इलज़ाम है, लेकिन अब चुनाव से पहले उन पर आरोप लगाया गया है.

अरविंद केजरीवाल ने कहा, “मेरा नाम सीधे-सीधे 4 स्टेटमेंट में आता है. उसे मैं आपके सामने के रखने की इजाजत चाहता हूं. मेरा नाम चार जगह आ रहा है. इसका मतलब ईडी का मक़सद केवल और केवल मुझे फंसाना था. सेक्शन 50 के तीन स्टेटमेंट हैं. तीनों बराबर हैं. उनमें से एक-एक स्टेटमेंट को तवज्जो क्यों दी गई? क्या जांच की गई है कि इनमें से एक सही है और बाकी दो गलत हैं?

मैं केवल यह जानना चाहता हूं क्या यह चार स्टेटमेंट एक मौजूदा मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करने के लिए पर्याप्त हैं? शराब घोटाले का पैसा आखिर कहां है? आरोप लगाया जा रहा है कि 100 करोड़ रुपये किसी साउथ लॉबी ने शराब की पॉलिसी बनाने के लिए आम आदमी पार्टी को दिए.

यह जस्टिस संजीव खन्ना का ऑर्डर है, पेज 22 के पैराग्राफ 12 में कहा गया है कि 100 करोड़ रुपये रिश्वत का मामला डिबेट के लायक है. इसका मतलब ये है कि रिश्वत का मामला संदेह है. उसके सबूत ही नहीं है.

ईडी की जांच के दो मकसद थे. पहला मकसद आम आदमी पार्टी को क्रश करना. ईडी का दूसरा मकसद था उसके पीछे एक्सटेंशन एक्सटॉर्शन रैकेट चलाना जिसके जरिए वह पैसे इकट्ठा कर रहे हैं.”

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