तालिबानी चाबुक और गोलियों का मुकाबला कर रहे हैं अफ़गानी पत्रकार और बहादुर महिलाएं

तालिबानी हुकूमत:तालिबानी लड़ाकों ने पत्रकारों को नंगा कर बेंत, चाबुक और बिजली के तारों से पीटा, चेहरे को जूतों से जमीन पर रगड़ दिया
नई दिल्ली/ काबुल 10 सितंबर।अफगानिस्तान में तालिबान सरकार की क्रूरता सामने आने लगी है। राजधानी काबुल के एक पुलिस स्टेशन में तालिबानियों ने दो पत्रकारों को चार घंटे तक बंधक बनाए रखा और नंगा कर बेंत, चाबुक और बिजली के तारों से उनकी बेदम पिटाई की। दोनों के शरीर पर घाव के निशान तालिबानी क्रूरता को बयां कर रहे हैं। इन पत्रकारों का सिर्फ इतना कसूर था कि इन्होंने काबुल में अपने अधिकारों और पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन कर रही महिलाओं का न्यूज कवर किया था।

फोटोग्राफर नेमातुल्लाह नकदी और रिपोर्टर तकी दरयाबी अपनी चोट दिखाते हुए।

इससे पहले काबुल समेत कई प्रांतों में महिलाओं ने सरकार में अपनी भागीदारी और पाकिस्तान की दखलअंदाजी को लेकर तालिबान के खिलाफ जगह-जगह विरोध-प्रदर्शन किया था। तालिबानियों ने प्रदर्शन कर रही महिलाओं को भी नहीं छोड़ा। उन्होंने बंदूक की बट से कुछ महिलाओं पर वार किया था, जिसमें उनके चेहरे पर गंभीर चोट आई थी। इतना ही नहीं कुछ महिलाओं को तो भीड़ में ही बीच सड़क कोड़ों से पीटा गया। राजधानी काबुल में प्रदर्शन के दूसरे दिन महिलाओं की भीड़ पर गोलियां भी बरसाईं गई थीं। इसमें दो लोगों की मौत हो गई थी।

तालिबानियों ने नेमातुल्लाह नकदी की टांगों पर चाबुक बरसाए

फोटोग्राफर नेमातुल्लाह नकदी ने एएफपी को बताया, ‘तालिबान लड़ाकों में से एक ने मेरे सिर पर पैर रखा और कंक्रीट से मेरा चेहरा कुचल दिया। उन्होंने मेरे सिर में लात मारी… मुझे लगा कि वे मुझे मारने जा रहे हैं।’ नेमातुल्लाह नकदी ने बताया कि रिपोर्टर तकी दरयाबी और मुझे काबुल में एक पुलिस थाने के सामने महिलाओं द्वारा काम और शिक्षा के अधिकार की मांग करने वाले एक छोटे से विरोध को कवर करने का काम सौंपा गया था।
नेमातुल्लाह नकदी के सिर को तालिबानियों ने जूतों से जमीन पर रगड़ दिया।

नकदी ने कहा कि जैसे ही उसने तस्वीरें लेना शुरू किया, तालिबान लड़ाके ने उन पर हमला कर दिया। उन्होंने मुझसे कहा, आप फोटो नहीं ले सकते। फिर तालिबानी लड़ाकों ने हमसे फोन छीन लिए और गिरफ्तार कर लिया। नकदी ने कहा कि तालिबान ने उनका कैमरा छीनने की कोशिश की, लेकिन वह भीड़ में किसी को सौंपने में कामयाब रहे। हालांकि, तीन तालिबान लड़ाकों ने उन्हें पकड़ लिया और थाने ले जाकर पिटाई शुरू कर दी।

नकदी ने कहा, ‘तालिबान ने मुझे लात मारी और महिलाओं के प्रदर्शन के आयोजक होने का आरोप लगाया गया। जब मैंने उनसे पूछा कि मुझे क्यों पीटा जा रहा है, इस पर उन्होंने कहा कि तुम भाग्यशाली हो जो तुम्हारा सिर नहीं काटा गया।’ हम दोनों को तालिब ने खूब पीटा। कुछ घंटों बाद हमें बिना किसी स्पष्टीकरण के रिहा कर दिया गया।

दोनों को 4 घंटे की यातना के बाद छोड़ दिया गया

महिलाएं उन सभी खेलों में हिस्सा नहीं ले सकेंगी, जिसमें उनका चेहरा या शरीर का कोई अंग दिखता हो

अफगानिस्तान में अंतरिम सरकार बनाने के बाद तालिबानियों ने शरिया कानून के तहत महिलाओं को किसी भी खेल में हिस्सा लेने पर प्रतिबंध लगा दिया है। तालिबान के संस्कृति आयोग ने गुरुवार को कहा कि महिलाएं क्रिकेट समेत उन सभी खेलों में शामिल नहीं हो सकतीं जिसमें उनका चेहरा या शरीर का कोई भाग दिखता हो।

तालिबान के सांस्कृतिक आयोग के उप प्रमुख अहमदुल्ला वासिक ने कहा, ‘महिलाओं को क्रिकेट समेत उन तमाम खेलों में शामिल नहीं होना चाहिए जिसमें उन्हें ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है जहां उनका चेहरा और शरीर ढका नहीं होगा। इस्लाम महिलाओं को इस तरह देखने की इजाजत नहीं देता है।’

तालिबान को ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट बोर्ड ने चेताया- महिलाओं को खेलने से रोका तो टेस्ट रद्द कर देंगे

अफगानी महिलाओं पर तालिबानी बंदिशों के बीच ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट बोर्ड ने तालिबान को चेतावनी दी है। उसने कहा है कि अगर तालिबान ने महिलाओं के खेलने पर रोक लगाई तो अफगानिस्तान की मेन्स टीम के साथ नवंबर में प्रस्तावित पहला टेस्ट मैच रद्द कर दिया जाएगा।

फोटो काबुल की है, जहां प्रदर्शनकारी महिलाएं बंदूकधारी तालिबानियों से डरने की बजाय उनसे भिड़ गईं।

ऑस्ट्रेलिया ने ये चेतावनी तालिबान के उस फरमान के बाद दी है, जिसमें तालिबानी कल्चर कमीशन के प्रमुख अहमदुल्लाह वासिक ने कहा था कि हमारे शासन में महिलाएं क्रिकेट या कोई और गेम नहीं खेलेंगी। वासिक ने कहा था कि क्रिकेट में महिलाओं को ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है कि उनका चेहरा और शरीर ढका नहीं रहे और इस्लाम इसकी इजाजत नहीं देता है।

तालिबान की तानाशाही, प्रदर्शनकारियों को बताना होगा कि कौन से नारे लगाएंगे

राजधानी काबुल समेत पूरे अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं। महिला प्रदर्शकारियों को रोकने के लिए तालिबानी कभी गोलियां बरसा रहे हैं तो कभी कोड़े। महिलाओं को बंदूक के बट से भी मारा जा रहा है। महिलाओं की आवाज दबाने के लिए अब तालिबान सरकार के गृह मंत्रालय ने विरोध-प्रदर्शनों को लेकर नए नियम बना दिए हैं। नए नियमों में किसी भी विरोध-प्रदर्शन की जानकारी 24 घंटे पहले देनी होगी। इसके लिए न्याय मंत्रालय से अनुमति लेगी होगी। साथ ही विरोध प्रदर्शन का मकसद, कौनसे नारे लगाएंगे, जगह, समय और प्रदर्शन से जुड़ी हर बात सुरक्षा एजेंसियों को बतानी होगी। ऐसा नहीं करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

विरोध-प्रदर्शन का कवरेज कर रहे पत्रकारों को पीट रहा तालिबान

तालिबान ने इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म प्लेटफॉर्म एतिलात रोज के कई को हिरासत में लिया है। दूसरी ओर काबुल में महिलाओं के प्रदर्शन को कवर कर रहे 20 से ज्यादा पत्रकारों को भी हिरासत में लिया था, जिनमें से कई को बुरी तरह पीटा गया है।

एतिलाजरोज के दो पत्रकार तालिबानी कोड़ों के जख्म दिखाते हुए।

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