नापाक लीला: सियालकोट में श्रीलंकाई मैनेजर के हाथ-पांव तोड़ जिंदा जलाया

ईशनिंदा पर जिंदा जलाया:पाकिस्तान में मजदूरों ने श्रीलंकाई के हाथ-पैर तोड़े, फिर जिंदा जलाया, ईशनिंदा का आरोप
सियालकोट/इस्लामाबाद 03 दिसंबर। पाकिस्तान के सियालकोट में शुक्रवार को एक फैक्ट्री के मजदूरों ने अपने ही मैनेजर को बीच सड़क पर जिंदा जला दिया। मैनेजर श्रीलंकाई नागरिक था। उसका नाम प्रियांथा कुमारा बताया गया है। बाल्टिस्तान टाइम्स के मुताबिक, प्रियांथा पर पैगंबर मोहम्मद की निंदा करने का आरोप था। घटना के बाद पूरे इलाके को सील कर दिया गया है।

पाकिस्तान में 2010 में भी इसी तरह की घटना हो चुकी है। प्रियांथा ने हाल ही में बतौर एक्सपोर्ट मैनेजर सियालकोट की यह फैक्ट्री जॉइन की थी। जिस फैक्ट्री में प्रियांथा काम करता था, वहां पाकिस्तान की टी-20 टीम का साजोसामान बनाया जाता था।

पहले फैक्ट्री से निकालकर पीटा, फिर आग लगाई

‘द डॉन न्यूज’ के मुताबिक, घटना शुक्रवार दोपहर की है। सियालकोट के वजीराबाद रोड इलाके में एक मल्टीनेशनल फैक्ट्री है। यहां अचानक हंगामा हो गया। यहां मजदूरों की भीड़ ने फैक्ट्री के एक्सपोर्ट मैनेजर को पहले बाहर निकालकर पीटा। जब उसकी मौत हो गई तो उसे सड़क पर ही जला दिया। सियालकोट के पुलिस ऑफिसर उमर सईद मलिक ने बताया कि मारे गए व्यक्ति का नाम प्रियांथा कुमारा है। वो श्रीलंकाई नागरिक था।

घटना का एक वीडियो सामने आया है। इसमें देखा जा सकता है कि कुछ लोग एक शख्स को पहले पीटते हैं, बाद में उसे जला देते हैं।

मंत्री ने कहा- जिम्मेदार लोग बख्शे नहीं जाएंगें

इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें देखा जा सकता है कि कुछ लोग एक शख्स को पहले पीटते हैं, बाद में उसे जला देते हैं। इस दौरान नारेबाजी भी सुनाई देती है। घटना के बाद पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार ने कहा- यह दिल दहला देने वाली घटना है। मैंने इसकी रिपोर्ट तलब की है। मामले की हाई लेवल जांच कराई जाएगी। जो लोग भी इसके लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। राज्य के आला अफसर जांच करेंगे।

ईशनिंदा के आरोप की आशंका

सियालकोट में 2010 में भी इसी तरह की घटना हुई थी। तब भीड़ ने दो भाइयों को लुटेरे बताकर उन्हें जिंदा जला दिया था। इसके भी वीडियोज सामने आए थे। आशंका है कि प्रियांथा पर ईशनिंदा जैसा कोई आरोप लगाया गया होगा। पाकिस्तान में कई मामलों में इसी तरह के आरोप सामने आए हैं।

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियोज में अगर नारेबाजी को ध्यान से सुनें तो लगता है कि इस घटना को ईशनिंदा के आरोप में ही अंजाम दिया गया है। नारेबाजी उसी तरह की हो रही है जो अमूमन पाकिस्तान तहरीक-ए-लब्बैक (TLP) के समर्थक करते हैं। इसने पिछले दिनों फ्रांस के राजदूत को देश से निकालने की मांग करते हुए मार्च निकाला था। इस दौरान 12 पुलिसवाले मारे गए थे।

सियालकोट के जिला पुलिस अधिकारी उमर सईद मलिक ने संवाददाताओं को बताया कि श्रीलंकाई नागरिक की पीट-पीट कर हत्या किए जाने के बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया ।

कट्टरपंथी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने की हत्या

घटना की अधिक जानकारी देते हुए पंजाब पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि श्रीलंकाई नागरिक प्रियंता कुमारा यहां से करीब 100 किलोमीटर दूर सियालकोट जिले में एक कारखाने में महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत थे।

कुमारा ने कथित तौर पर कट्टरपंथी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) का एक पोस्टर फाड़ दिया, जिसमें कुरान की आयतें लिखी हुई थीं। पोस्टर को फाड़ने के बाद उसे कूड़ेदान में फेंक दिया। इस्लामिक पार्टी का पोस्टर कुमारा के कार्यालय से सटी दीवार पर चिपकाया गया था। फैक्ट्री के कुछ कर्मचारियों ने उसे पोस्टर हटाते हुए देखा और यह बात फैक्ट्री में फैला दी।

ईशनिंदा की घटना से आक्रोशित सैकड़ों लोग फैक्ट्री के बाहर आसपास के इलाकों से जमा होने लगे। उनमें से ज्यादातर टीएलपी के कार्यकर्ता और समर्थक थे।

शरीर में अनगिनत घावों ऐ श्रीलंकाई नागरिक ने तोड़ा दम

अधिकारी ने आगे कहा कि भीड़ ने संदिग्ध (श्रीलंकाई नागरिक) को कारखाने से खींच लिया और उसे लाठी डंडों से पीट-पीट कर अधमरा कर दिया। शरीर में कई घावों के कारण बाद में उसने दम तोड़ दिया। इससे पहले की वहां पुलिस पहुंचती भीड़ ने उसके शरीर को जला दिया

इस घटना को लेकर इंटरनेट मीडिया पर कई वीडियो वायरल हुए, जिसमें दिखाया गया कि श्रीलंकाई नागरिक के शव के आसपास सैकड़ों लोग जमा हुए थे और ये सभी लोग टीएलपी के नारे लगा रहे थे।

घटना के बाद इलाके में भारी पुलिस बल तैनात

सियालकोट के जिला पुलिस अधिकारी उमर सईद मलिक ने संवाददाताओं को बताया कि श्रीलंकाई नागरिक की पीट-पीट कर हत्या किए जाने के बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा, घटना के हर पहलू की जांच की जानी चाहिए

पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार ने इसे बेहद दुखद घटना करार दिया और पुलिस महानिरीक्षक को मामले की जांच कर 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा, ‘घटना के हर पहलू की जांच की जानी चाहिए और एक रिपोर्ट पेश की जानी चाहिए। कानून को अपने हाथ में लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
बता दें कि इस घटना के बाद से इलाके में स्थिति तनावपूर्ण है जबकि सभी फैक्ट्रियां बंद हैं। पुलिस ने कहा कि इस मामले में अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

इसी कंपनी ने पाक क्रिकेट टीम के लिए बनाई थी जर्सी

पाकिस्तान अल्पसंख्यकों विशेष रूप से हिंदुओं, सिखों और ईसाइयों के लिए आतंक का अड्डा बन गया है, जिनकी ‘ईशनिंदा’ के आरोप में हत्या तक कर दी जाती है। एक और मामला अब पाकिस्तान के सियालकोट से सामने आया है, जहाँ एक श्रीलंकाई शख्स प्रियांथा कुमारा को ईशनिंदा के आरोप में उग्र इस्लामी भीड़ द्वारा प्रताड़ित किया गया और जलाकर मार डाला गया। इस भयानक और दर्दनाक घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

बाल्टिस्तान टाइम्स के एक ट्वीट में कहा गया है, “सियालकोट में राजको इंडस्ट्रीज के GM, जो एक श्रीलंकाई थे, को फैक्ट्री के लोगों ने मार डाला और फिर जला डाला। GM ने कथित तौर पर पैगंबर (PBUH) के पोस्टर को फाड़ दिया और कूड़ेदान में फेंक दिया।” बता दें कि राजको कंपनी ने ही पाकिस्तान टी-20 वर्ल्ड कप टीम के लिए क्रिकेट जर्सी और गियर बनाया था।

यह घटना सियालकोट के वजीराबाद रोड पर हुई, जहाँ कथित तौर पर निजी कारखानों के श्रमिकों ने एक कारखाने के निर्यात प्रबंधक पर हमला किया और उसकी हत्या कर उसके शरीर को जला दिया।

वीडियो में, गुस्साई भीड़ को ‘नारा ए तकबीर’ और ‘लब्बैक या रसूल अल्लाह’ के नारे लगाते हुए सुना जा सकता है। लब्बैक या रसूल अल्लाह का मतलब है, ”यहाँ मैं आपकी सेवा में हूँ, हे अल्लाह के रसूल।” प्रियांथा कुमारा को जला कर मार डालने के दौरान कट्टरपंथी अन्य कई नारे भी लगा रहे थे, जिसमें से एक नारा था, “गुस्ताख-ए-नबी की एक ही सज़ा, सर तन से जुदा, सर तन से जुदा।”

दिलचस्प बात यह है कि रिपोर्टों में कहा गया है कि उसने ‘पैगंबर का पोस्टर’ फाड़ दिया था। अब सवाल यह है कि वह इस्लाम के पैगंबर के पोस्टर को कैसे फाड़ सकता है, जबकि इस्लाम लोगों को किसी भी रूप में पैगंबर को प्रकट करने से मना करता है, क्योंकि इस्लाम मूर्तिपूजा के खिलाफ है। हो सकता है कि उस पोस्टर में पैगंबर मोहम्मद का नाम लिखा हो। फ्लिपकार्ट पर बेचा जा रहा यह पोस्टर इसी का एक उदाहरण है।

फ्लिपकार्ट पर बेचा जा रहा पोस्टर
सियालकोट के एक निवासी ने फेसबुक पर बताया कि पीड़ित ने गलती से डस्टबिन में एक कागज फेंक दिया था। उसने इस मामले में जानबूझकर कोई ईशनिंदा नहीं की थी।

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