इंदौर हाईकोर्ट का सहमति से संभोग का तर्क अस्वीकार , मुस्लिम लडकी, हिंदू लडके का था मामला

रेप के आरोपित के तर्क पर हाईकोर्ट की टिप्पणी:भारतीय समाज अभी इतना एडवांस नहीं हुआ कि लड़कियां केवल मौज-मस्ती के लिए किसी से भी संबंध बना लें

इंदौर हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई 3 अगस्त को हुई थी।

इंदौर 14अगस्त।इंदौर हाईकोर्ट ने रेप के आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने पिछले दिनों सुनवाई करते हुए कहा- ‘ऐसे मामलों में आरोपित ये कहकर नहीं बच सकते कि युवती की मर्जी से ही संबंध बनाए गए थे। भारतीय समाज इतना एडवांस नहीं हुआ है कि लड़कियां केवल मौज-मस्ती के लिए किसी से भी संबंध बना लें।’

वर्ष 2018 में उज्जैन के महाकाल थाना इलाके में रहने वाले अभिषेक चौहान ने मुस्लिम लड़की से शादी की थी। कुछ समय साथ रहने के बाद लड़की को छोड़ दिया था। पीड़ित ने युवक के खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज कराया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस द्वारा युवक पर दुष्कर्म समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज कर उसे जेल भेज दिया था।

सहमति से संबंध बनाने वाला तर्क गलत: कोर्ट

कुछ दिन पहले अभिषेक चौहान ने इंदौर हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी। मामले में 3 अगस्त 2021 को इंदौर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट में जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा, अमूमन देखा गया है कि इस तरह के मामलों में आरोपी द्वारा तर्क दिया जाता है कि युवती की सहमति से संबंध बनाए थे। इसके बाद आरोपी को जमानत मिल जाती है।

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