अमित शाह की कासगंज सभा में चंदन गुप्ता को न्याय के नारे,शाह ने कहा-रोको मत

अमित शाह की रैली में लगे ‘चंदन गुप्ता को न्याय दो’.. के नारे, कार्यकर्ताओं ने रोका तो गृहमंत्री बोले- रोको मत, उन्हें कहने दो अपनी बात

कासगंज स्थित एक चुनावी सभा में जब गृहमंत्री अमित शाह मंच से भाषण दे रहे थे, उसी दौरान भीड़ के बीच से कुछ युवा चन्दन गुप्ता को न्याय दो के बैनर हाथ में लेकर जोर जोर से नारेबाजी करने लगे। पास खड़े लोगों ने उन्हें रोकने कि कोशिश की तो अमित शाह ने कहा कि उन्हें अपनी बात कहने दो… कोई दिक्कत नहीं है।
अमित तिवारी, कासगंंज26 दिसंबर। उत्तर प्रदेश के कासगंज में 26 दिसंबर दिन रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भाजपा की जनविश्वास यात्रा रैली और जनसभा को संबोधित करने पहुंचे। इस जनसभा में अमित शाह को सुनने के लिए 50 हज़ार से अधिक लोग मौजूद थे। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह मंच से जब धारा 370, आतंकवाद, काशी विश्वनाथ, राम मंदिर और राष्ट्रवाद के मुद्दों पर बोलते हुए सियासी ध्रुवीकरण की धार पैनी कर रहे थे, उसी दौरान वहां मौजूद कुछ युवा ‘चन्दन गुप्ता को न्याय दो’.. लिखे हुए बैनर हाथ में लेकर जोर-जोर से नारेबाजी करने लगे।

अमित शाह की रैली में नारेबाजी

इस दौरान सभा में उपस्थित हजारों की भीड़ का ध्यान गृहमंत्री के भाषणों को सुनने के बजाय उन युवाओं की ओर आकर्षित हो गया, जो चन्दन गुप्ता को न्याय दो.. लिखे हुए बैनर हाथ में लेकर जोर जोर से नारेबाजी कर रहे थे। नारेबाजी कर रहे इन युवाओं की संख्या कुछ एक दर्जन के आसपास थी। गृहमंत्री के भाषणों में व्यवधान पड़ता देख वहां मौके पर मौजूद भाजपा समर्थकों ने बैनर छीनते हुए उन युवको को नारेबाजी करने से रोकने का काफी प्रयास किया, लेकिन वह बिना रुके जोर जोर से नारेबाजी करते ही जा रहे थे।

विवाद बढ़ता देख गृहमंत्री अमित शाह ने अपना भाषण रोकते हुए भाजपा समर्थकों से कहा कि इन लोगों को अपनी बात कहने दो, इन्हें मत रोको। गृहमंत्री के इतना कहने के बाद भी काफी देर तक चन्दन गुप्ता को न्याय दो… की नारेबाजी होती रही। हैरत की बात यह है कि गृह मंत्री के भाषणों के बीच नारेबाजी कर व्यवधान उत्पन्न करने वाले इन युवाओं को रोकने के लिए स्थानीय पुलिस ने कोई कोशिश नहीं की। गृहमंत्री अमित शाह का भाषण समाप्त होने के पश्चात उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने मंच से इस बात की घोषणा की कि चन्दन गुप्ता के दोषियों को सज़ा जरुर मिलेगी, उन्हें किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा।

तीन वर्ष पूर्व 26 जनवरी 2018 को गणतंत्र दिवस के दिन कासगंज में एक चन्दन गुप्ता नाम के युवक की उस वक्त गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वह हाथ में तिरंगा लेकर भारत माता की जय के नारे लगाता हुआ कासगंज की सड़कों पर तिरंगा यात्रा निकाल रहा था। इसके बाद ही कासगंज में सांप्रदायिक दंगों की शुरुआत हो गई थी। कई दिनों तक कासगंज शहर में कर्फ्यू लगा रहा, हालात नियंत्रित करने के लिए पडोसी जनपदों से पुलिस के साथ पैरामिलिट्री फ़ोर्स की तैनाती की गई, तब जाकर हालत सामान्य हो सके।

तिरंगा यात्रा के दौरान मारे गए चन्दन गुप्ता के भाई विवेक गुप्ता का कहना है कि उस दौरान योगी सरकार ने 50 लाख रुपया आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी, लेकिन उन्हें आर्थिक सहायता के रूप में सिर्फ 20 लाख रूपये ही दिए गए। वहीँ सरकार ने परिवार में 1 सरकारी नौकरी देने का भी वादा किया था, लेकिन कोई सरकारी नौकरी नहीं दी गई। इसके अलावा कासगंज शहर में एक चन्दन चौक बनाने की बात पर भी सहमति बनी थी, यह वादा भी आज तक पूरा नहीं हुआ। सबसे बड़ी हैरत की बात यह है कि हाथ में तिरंगा लेकर अपनी जान कुर्बान करने वाले चन्दन गुप्ता के हत्यारे जेल से बाहर कैसे घूम रहे हैं। इन्हीं मांगों को लेकर वह और उनके कुछ सहयोगी गृहमंत्री के सामने बैनर लेकर नारेबाजी कर रहे थे।

मुख्य आरोपित सलीम

26 जनवरी 2018 को तिरंगा यात्रा को लेकर कासगंज में हुई हिंसा में मारे गए चंदन गुप्ता की हत्या में तीन भाई- सलीम, वासिम और नसीम मुख्य आरोपित हैं.

इस मामले में जाहिद जग्गा, आसिफ हिटलर, असलम, असीम, नसरुद्दीन, आकरम, तौफीक, खिल्लन, शबाब, राहत, सलमान, मोहसिन, साकिब, बब्लू, नीशू और वासिफ को भी आरोपित बनाया गया जिनमें से गिरफ्तार मुख्य आरोपित सलीम जावेद से पिस्टल मिली .

यूपी सरकार की कासगंज हिंसा मामले में  केंद्र को भेजी  रिपोर्ट में कानून व्यवस्था को लेकर पैदा स्थिति, मौजूदा स्थिति और कार्रवाई के बारे में बताया गया. कासगंज हिंसा मामले में  पुलिस ने 8 मुकदमे दर्ज कर 40 आरोपितों की गिरफ्तारी की . कुल 121 लोगों को गिरफ्तार किया गया .

पुलिस ने कार्यवाही में  डीबीबीएल बंदूक, दो कारतूस,  एसबीबीएल देशी, 4 कारतूस और 8 खोखा कारतूस बरामद बरामद किए .  चिन्हित व्यक्तियों की गिरफ्तारी को टीमें गठित कर दबिशें दी गई.  आरोपियों की संपत्ति कुर्की  के आदेश जारी हुए.

चंदन के पिता सुशील गुप्ता ने 18 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी. इनमें सलीम, वसीम, नसीम, जाहिद उर्फ जग्गा, आसिफ कुरैली उर्फ हिटलर, असलम कुरैशी, असीम कुरैशी, नसरुद्दीन, अकरम, तौफिक, खिल्लन, शबाव, राहत, सलमान, मोहसिन, आसिफ जिम वाला, सादिक और बबलू का नाम शामिल हैं.

इन आरोपितों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 147, 148, 149, 341, 336, 307, 302, 504, 506, 124A में मामले दर्ज किए गए . 2018 के  गणतंत्र दिवस पर VHP और ABVP के कार्यकर्ताओं ने तिरंगा यात्रा निकाली. तिरंगा यात्रा जब बिलमार गेट के पास अल्पसंख्यक समुदाय के मोहल्ले से गुजरने लगी तो क्षेत्रवासियों ने आपत्ति की। तिरंगा यात्रा निकाल रहे युवकों ने  नारेबाजी की, जिससे दोनों गुटों में झड़प ने हिंसा का रूप ले लिया. दोनों पक्षों के बीच जमकर पत्थरबाजी हुई और गोलियां भी चलीं. फायरिंग में हिंदू समुदाय के एक युवक चंदन गुप्ता की मौत हो गई. युवक की मौत के बाद हिंसा ने उग्र रूप ले लिया.

उग्र उपद्रवियों ने जमकर दुकानों में तोड़फोड़, लूटपाट और आगजनी की. रात होते-होते इलाके में भारी पुलिस और सुरक्षा बल तैनात करना पड़ा और कर्फ्यू लगा दिया गया. रात भर माहौल शांत, लेकिन तनावपूर्ण बना रहा. शनिवार को कर्फ्यू के बावजूद फिर से हिंसा भड़क उठी और उपद्रवियों ने दर्जनों बसों और वाहनों में आग लगा दी थी.

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