वर्ल्ड टैस्ट चैंपियनशिप: एक नहीं, चार कारणों से डूबी भारत की लुटिया

चार वजहों से डूबी टीम इंडिया की लुटिया, वरना भारत आती WTC FINAL की ट्रॉफी
Anshul Talmale |
न्यूजीलैंड ने जीता विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल। ​खिताबी मुकाबले में टीम इंडिया को आठ विकेट से हराया। इसी के साथ टूटा करोड़ों भारतीयों का दिल

हाइलाइट्स:
न्यूजीलैंड ने जीता विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल
खिताबी मुकाबले में टीम इंडिया को ** विकेट से हराया
वर्षा प्रभावित रहे फाइनल में छठे यानी रिजर्व डे पर आया नतीजा
भारत ने अंतिम दिन कीवियों को दिया था 139 रन का लक्ष्य
विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में भारतीय खिलाड़ियों ने किया निराश
साउथम्पटन23 जून।विश्व क्रिकेट को उसका पहला टेस्ट चैंपियन मिल चुका है। न्यूजीलैंड ने क्रिकेट के इस 144 साल पुराने प्रारुप का पहला विश्व कप अपने नाम किया। खिताबी मुकाबले में टीम इंडिया को मुंह की खानी पड़ी। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल गंवाते ही विराट कोहली का पहला आईसीसी टूर्नामेंट जीतने का सपना भी टूट गया। वर्षाबाधित इस खिताबी मुकाबले के छठे और रिजर्व-डे पर न्यूजीलैंड को जीत के लिए 139 रन का आसान लक्ष्य मिला था, जिसे केन एंड कंपनी ने आठ विकेट शेष रहते पा लिया।

आइए एक नजर डालते हैं उन चार फैक्टर्स पर जिसने भारत को इस जीत से दूर कर दिया।

ओपनर्स ने नहीं दी अच्छी शुरुआत

इस खिताबी मुकाबले में भारतीय टीम ने टॉस गंवाकर पहले बल्लेबाजी की। दोनों ओपनर्स ने ओवरकास्ट कंडिशन में शुरुआती नाजुक वक्त भी निकाल लिया था, लेकिन रोहित शर्मा 68 गेंद खेलने के बाद 34 रन और शुभमन गिल 28 रन बनाकर चलते बने। दूसरी पारी में भी यही हाल रहा। 82 गेंद खेलकर सेट हो चुके रोहित ने 30 रन पर अपना विकेट फेंका तो शुभमन गिल 33 गेंदों का सामना करने के बाद सस्ते (8 रन) में निपट गए। इसका दबाव मध्यक्रम पर ऐसा पड़ा कि वह झेल नहीं पाया

दूसरी पारी में बेरंग कप्तान कोहली

कप्तान कोहली बड़े मंच पर अक्सर फेल होने के लिए बदनाम हैं। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल उनके लिए किसी सुनहरे मौके से कम नहीं था। बतौर कप्तान उनके पास आईसीसी की पहली ट्रॉफी जीतने का अवसर भी था, लेकिन वह पूरी तरह फेल साबित हुए। हालांकि पहली पारी में जरूर अच्छी लय में नजर आ रहे थे, लेकिन खेल के तीसरे दिन ओवरनाइट स्कोर 44 रन पर आउट हुए। अंतिम यानी रिजर्व-डे उनसे पूरे देश को उम्मीद थी, लेकिन एकबार फिर वह सस्ते में जैमीसन का ही शिकार हुए, जिसके बाद पूरा मध्यक्रम बुरी तरह ढह गया।

पुछल्ले बल्लेबाजों को रोकने से फ्लॉप

न्यूजीलैंड ने अपनी पहली पारी में 249 रन बनाकर 32 रन की बढ़त हासिल की थी। 162 रन पर छह विकेट गिराने के बावजूद भारतीय बोलर्स न्यूजीलैंड को जल्द ऑलआउट नहीं कर पाया। पेसर काइल जैमीसन ने आक्रामक तेवर दिखाते हुए 21 रन पीट दिए, उन्होंने साउदी के साथ उपयोगी रन जोड़े। साउदी ने विलियमसन के आउट होने के बाद इशांत के अगले ओवर में लांग ऑन पर छक्का लगाया। जडेजा को भी छक्का मारा। भारत कम से कम 50 रन पहले कीवी पारी समेट सकता था।

पेसर्स का प्रभावी न होना

जिस पिच पर न्यूजीलैंड के पेसर्स ने बवाल मचा दिया। दो बार भारतीय टीम को ऑलआउट कर दिया। वहीं टीम इंडिया के पेसर्स उस तरह से प्रभावी नहीं हो पाए। जबकि मौसम, पिच सब तेज गेंदबाजी के अनुकूल थी। ईशांत शर्मा को छोड़कर किसी भी खिलाड़ी की गेंद स्विंग होते नजर नहीं आई। शमी ने पहली पारी में जरूर चार विकेट चटकाए, लेकिन दोनों पारियों में जसप्रीत बुमराह का आत्मविश्वास खोया रहा। बेहद शॉर्ट पिच और ऑफ स्टंप के बहुत अधिक बाहर गेंदबाजी करने के लिए उनकी आलोचना भी हो रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *