फांसी से बचे कश्मीर के कसाई यासीन मलिक को दो मामलों में उम्र कैद, 10 लाख अर्थदंड

यासीन मलिक को आजीवन कारावास:टेरर फंडिंग के 2 मामलों में आजीवन कारावास; सभी सजाएं साथ चलेंगी, 10 लाख का जुर्माना भी

नई दिल्ली 25मई। अलगाववादी नेता यासीन मलिक को पटियाला हाउस कोर्ट में टेरर फंडिंग केस में उम्रकैद की सजा सुनाई है। यासीन को NIA कोर्ट पहले ही दोषी करार दे चुका था। एडवोकेट उमेश शर्मा ने बताया कि यासीन को दो मामलों में आजीवन कारावास,10 मामलों में 10 साल की जेल और 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। ये सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।

​​​​​​यासीन पर पाकिस्तान के समर्थन से कश्मीर में आतंकी घटनाओं के लिए फंडिंग करने और आतंकियों को तबाही का सामान मुहैया कराने के केस दर्ज थे।

दो मामलों में उम्रकैद और 10 लाख का जुर्माना भी

1-IPC की धारा 120 बी में 10 साल की सजा, 10 हजार जुर्माना
2-IPC की धारा 121 में उम्रकैद, 10 हजार जुर्माना
3-IPC की धारा 121 ए में 10 साल की सजा 10 हजार जुर्माना
4-UAPA की धारा 13 में 5 साल की सजा, 5 हजार जुर्माना
5-UAPA की धारा 15 में 10 साल की सजा, 10 हजार जुर्माना
6-UAPA की धारा 17 में उम्रकैद और 10 लाख जुर्माना
7-UAPA की धारा 18 में 10 साल की सजा और 10 हजार जुर्माना
8-UAPA की धारा 20 में 10 साल की सजा और 10 हजार जुर्माना
9-UAPA की धारा 38 और 39 में  5 साल की सजा 5 हजार जुर्माना

फांसी से बचा तो वकील को गले लगा लिया

सजा सुनने के बाद यासीन मलिक ने अपने वकील एपी सिंह को गले लगाया। सजा से पहले पटियाला हाउस कोर्ट की सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी। वहीं, श्रीनगर के कई बाजार बंद हो गए और वहां भारी फोर्स तैनात है। सुरक्षा की दृष्टि से श्रीनगर और आसपास के इलाकों में मोबाइल और इंटरनेट सर्विस बैन कर दी गई है।

अपने गुनाह कबूल कर चुका यासीन

इससे पहले, बुधवार को मलिक की सजा पर बहस हुई। NIA ने यासीन के लिए फांसी की मांग की, वहीं यासीन के वकील उसके लिए उम्रकैद चाहते थे। 19 मई की सुनवाई के दौरान यासीन अपने गुनाह कबूल कर चुका। कोर्ट में NIA के स्पेशल जज प्रवीण सिंह ने कहा कि एनालिसिस से पता चलता है कि गवाहों के बयान और सुबूतों से लगभग सभी आरोपितों का एक-दूसरे से संपर्क और पाकिस्तानी फंडिंग साबित हुई है।

अदालत में यासीन की दलील

बुधवार को फैसला आने से पहले कोर्ट पहुंचे यासीन ने कहा, ‘अगर मैं 28 साल के दौरान किसी आतंकवादी गतिविधि या हिंसा में शामिल रहा हूं और खुफिया एजेंसियां यह साबित करती हैं, तो मैं भी राजनीति से संन्यास ले लूंगा। मुझे फांसी मंजूर होगी। मैंने सात प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया है। मैं अपने लिए कुछ भी नहीं मांगूंगा। मैं अपनी किस्मत का फैसला अदालत पर छोड़ता हूं।’

लाल चौक में भारी फोर्स तैनात

रिपोर्ट्स के मुताबिक लाल चौक की कुछ दुकानों सहित मैसूमा और आसपास के इलाकों में ज्यादातर दुकानें बंद रहीं। पुराने शहर के कुछ इलाकों के बाजार भी बंद रहे, हालांकि परिवहन सामान्य रहा। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए शहर में सुरक्षा बलों को भारी संख्या में तैनात किया गया है।

मलिक ने आरोपों को चुनौती देने से कर दिया था इनकार

दोषी करार होने के बाद मलिक ने कोर्ट में कहा था कि वह UAPA की धारा 16 (आतंकवादी गतिविधि), 17 (आतंकवादी गतिविधि को धन जुटाने), 18 (आतंकवादी कृत्य की साजिश रचने), व 20 (आतंकवादी समूह या संगठन का सदस्य होने) और भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) व 124-ए (देशद्रोह) में खुद पर लगे आरोपों को चुनौती नहीं देना चाहता। मलिक 2019 से दिल्ली की तिहाड़ जेल में केद है।

 

टेरर फंडिंग में दोषी ठहराए गए यासीन मलिक पर PAK पीएम शरीफ बोले- दुनिया मोदी को रोके

जम्मू-कश्मीर के प्रतिबंधित संगठन जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के प्रमुख यासीन मलिक को NIA कोर्ट ने टेरर फंडिंग मामले में दोषी ठहराया है। मलिक ने भी अपना गुनाह कुबूल कर लिया है, लेकिन पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को यह नागवार गुजर रहा है।

दरअसल, मलिक को दोषी ठहराए जाने के बाद पाकिस्तान पूरी तरह बौखला गया। वह दुनिया के सामने यासीन को सियासी कैदी बता रहा है। इतना ही नहीं उसने मानवाधिकारों का हवाला देते हुए दुनिया के अन्य देशों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दोषी ठहराए जाने की अपील तक कर डाली ।’

शाहबाज शरीफ ने क्या कहा

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने सोशल मीडिया पर लिखा- दुनिया को जम्मू और कश्मीर में सियासी कैदियों से भारत सरकार के रवैये पर ध्यान देना चाहिए। प्रमुख कश्मीरी नेता यासीन मलिक को फर्जी आतंकवाद के आरोपों में दोषी ठहराना भारत के मानवाधिकारों के उल्लंघन की आलोचना करने वाली आवाजों को चुप कराने की कोशिश है। मोदी सरकार को इसके लिए दोषी ठहराया जाना चाहिए।’

मोदी-बाइडेन मीटिंग से पहले अलापा कश्मीर राग

शाहबाज की अपील ऐसे समय में सामने आई है, जब मोदी क्वॉड मीटिंग को जापान में हैं। यहां अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और मोदी की मीटिंग भी होनी है। जापान और ऑस्ट्रेलिया भी इस मीटिंग में शामिल हैं। शाहबाज ने अमेरिकी राष्ट्रपति और भारतीय प्रधानमंत्री की मीटिंग देखते हुए यह वक्त चुना। उन्हें लगा कि शायद कश्मीर के जरिए उनकी गुहार दुनिया का सबसे ताकतवर देश सुन ले।

पाकिस्तान ने भारतीय दूतावास से जताई आपत्ति

पाकिस्तान को जब भनक लगी कि 19 मई को NIA कोर्ट यासीन मलिक पर फैसला सुनायेगा,उसके एक दिन पहले 18 मई को पैंतरे दिखाने शुरू कर दिए थे। देर रात ही पाकिस्तान ने इस्लामाबाद में भारतीय दूतावास प्रभारी को किया। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने दूतावास अधिकारी को आपत्तियों काादस्तावेजज (डिमार्शे) सौंपा, जिसमें यासीन मलिक के खिलाफ मनगढ़ंत आरोप लगाए जाने की कड़ी निंदा की गई थी।

इमरान ने यासीन की सजा को बताया फासीवादी रणनीति

पाकिस्तान के पूर्व PM इमरान खान ने यासीन मलिक को सजा दिए जाने का विरोध किया है। इमरान ने लिखा- मैं कश्मीरी नेता यासीन मलिक के खिलाफ मोदी सरकार की उस फासीवादी रणनीति की कड़ी निंदा करता हूं, जिसमें उन्हें अवैध कारावास से लेकर फर्जी आरोपों में सजा दी जा रही है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को फासीवादी मोदी शासन के राजकीय आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।

इन नेताओं पर भी कसा शिकंजा

10 मई को पिछली सुनवाई में अदालत ने कहा था कि मलिक ने आजादी के नाम पर जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए दुनिया भर से फंडिंग के नाम पर पैसे लिए। कोर्ट ने फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, शब्बीर शाह, मसर्रत आलम, मोहम्मद यूसुफ शाह, आफताब अहमद शाह, अल्ताफ अहमद शाह, नईम खान, मोहम्मद अकबर खांडे, राजा मेहराजुद्दीन कलवाल, बशीर अहमद भट, जहूर अहमद शाह वटाली, शब्बीर अहमद शाह, अब्दुल राशिद शेख और नवल किशोर कपूर सहित अन्य कश्मीरी अलगाववादी नेताओं के खिलाफ औपचारिक रूप से आरोप तय किए थे।

यासीन ने कुबूला- वायुसेना के जवानों को मारा, कश्मीरी पंडितों की हत्या करवाई

आरोप पत्र लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के संस्थापक हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के खिलाफ भी दायर किया गया था, जिन्हें मामले में भगोड़ा घोषित किया गया है।

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